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Install NowClass 9 Hindi – A Yamraj Ki Disha Extra Questions. myCBSEguide has just released Chapter Wise Question Answers for class 09 Hindi – A. There chapter wise Practice Questions with complete solutions are available for download in myCBSEguide website and mobile app. These test papers with solution are prepared by our team of expert teachers who are teaching grade in CBSE schools for years. There are around 4-5 set of solved Hindi Extra questions from each and every chapter. The students will not miss any concept in these Chapter wise question that are specially designed to tackle Exam. We have taken care of every single concept given in CBSE Class 09 Hindi – A syllabus and questions are framed as per the latest marking scheme and blue print issued by CBSE for class 09.
CBSE Class 9 Hindi Ch – 16 Test Paper
Important Questions of Class 9 Hindi – A
यमराज की दिशा (चंद्रकांत देवताले)
निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
माँ की ईश्वर से मुलाकात हुई या नहीं
कहना मुश्किल है
पर वह जताती थी जैसे
ईश्वर से उसकी बातचीत होती रहती है
और उससे प्राप्त सलाहों के अनुसार
जिंदगी जीने और दुख बरदाश्त करने के
रास्ते खोज लेती है।- कवि की माँ क्या जलाया करती थी?
- माँ के कार्यों से क्या अनुमान लगता है?
- उक्त पंक्तियों से हमें समाज के बारे में क्या पता चलता है?
कवि ने हर दिशा को मृत्यु की दिशा कहकर आम आदमी को क्या संदेश दिया है? यमराज की दिशा काव्य के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई? यमराज की दिशा काव्य के आधार पर बताइए।
भाव स्पष्ट कीजिए-
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं।कवि की माँ ने उसे जो सीख दी थी उसकी परिधि आज किस तरह विस्तृत हो गई है? यमराज की दिशा कविता के आधार पर लिखिए।
कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था? यमराज की दिशा के संदर्भ में बताइए।
यमराज की दिशा (चंद्रकांत देवताले)
Answer
- कवि की माँ यह जताया करती थी कि वह ईश्वर को अच्छी तरह से जानती हैं और उनसे मिलकर ही वह सुख-दुःख में समान व्यवहार करने के तरीके जानती रहती हैं। वह ईश्वर से बातचीत करती रहती हैं इसलिए वह हर कठिनाइयों से बचने के रास्ते तलाश लेती है।
- माँ के कार्यों एवं व्यवहार से ऐसा लगता है जैसे वह ईश्वर की राय मानकर ही सारे कार्य करती है और उसी की राय-सलाह से जीवन में दुख सहने के तरीके खोज लेती है।
- उक्त पंक्तियों से हमें पता चलता है कि हमारे समाज में नाना प्रकार की भ्रांतियाँ फैली हुई हैं।
- कवि का कहना है कि जब वह छोटा था तब उसकी माँ ने जीवन के खतरों के प्रति सचेत करते हुए कहा था कि दक्षिण दिशा यमराज अर्थात् मृत्यु की दिशा है। बड़े होने के साथ ही कवि की समझ बढ़ी और उसे महसूस हुआ कि दक्षिण दिशा के खतरे आज दिशा विशेष तक सीमित नहीं रहे। आज चारों ओर आम आदमी खतरों से घिरा है।
कवि आम आदमी को यह कहना चाहता है कि एकजुट होकर संघर्ष करने से ही इन खतरों पर विजय पाई जा सकती है, और सभी को इन खतरों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। - कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में इसलिए कभी मुश्किल नहीं हुई क्योंकि उनकी माँ ने बचपन में ही उसे समझा दिया था कि दक्षिण दिशा में पैर करके मत सोना क्योंकि उस दिशा में यमराज का घर है। अर्थात् दक्षिण दिशा, मौत की दिशा है। माँ के आज्ञाकारी पुत्र कवि ने इसे भली-भाँति अपने जीवन में अपना लिया और कभी दक्षिण दिशा में पैर करके सोने का प्रयास नहीं किया |
- भाव- प्राचीन परंपरानुसार लोगों का मानना था कि यमराज दक्षिण दिशा में रहते हैं। उस समय लोगों में न इतनी धनलोलुपता थी और न मानवीय मूल्यों का इतना ह्रास हुआ था। वे अपने साथ-साथ दूसरों का भी ख्याल रखते थे। वर्तमान समय में स्वार्थ तथा शोषण की प्रवृत्ति बढ़ी है। ये शोषण करने वाली शक्तियाँ किसी एक दिशा तक सीमित न रहकर आज चारों ओर फैली हुई हैं और कब कहाँ से व्यक्ति की जान पर बन आए इसका भी कुछ निश्चित पता नहीं है।
- कवि की माँ ने कवि को सीख दी थी कि दक्षिण की ओर पैर करके मत सोना। दक्षिण दिशा में यमराज रहता है। वह मृत्यु का देवता है। उसे क्रुद्ध करना बुद्धिमानी की बात नहीं क्योंकि इससे जान का खतरा हो सकता है। तब कवि बच्चा था। उसने माँ की सीख मानकर दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोया।
माँ ने कवि को बताया था कि यमराज रूपी शोषणकारी शक्तियाँ दक्षिण में रहती हैं परंतु कवि ने बाद में देखा कि अब तो यमराज का घर केवल दक्षिण में ही नहीं, बल्कि हर दिशा में है। उनके आलीशान महल कहीं भी देखे जा सकते हैं। वे क्रूरता से लोगों का शोषण करने को तैयार हैं। इस प्रकार माँ द्वारा दी गई सीख की परिधि विस्तृत हो गई। - कवि ने दक्षिण दिशा को लाँघ सकना असंभव बताया क्योंकि दक्षिण दिशा में कोई ऐसा निश्चित बिंदु नहीं है जहाँ जाकर यह दिशा समाप्त हो जाती हो। कवि दक्षिण दिशा में दूर-दूर तक गया और वह जहाँ रुकता वहाँ से आगे फिर दक्षिण दिशा शुरू हो जाती। उसका कहीं छोर ही नहीं था । इस प्रकार दक्षिण को लाँघ पाना संभव नहीं था।
Class 9 Hindi – A Chapter Wise Important Question
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