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Install NowExtra Questions of Class 9 Hindi Tum Kab Jaoge Atithi. myCBSEguide has just released Chapter Wise Question Answers for class 09 Hindi – B. There chapter wise Practice Questions with complete solutions are available for download in myCBSEguide website and mobile app. These test papers with solution are prepared by our team of expert teachers who are teaching grade in CBSE schools for years. There are around 4-5 set of solved Hindi Extra questions from each and every chapter. The students will not miss any concept in these Chapter wise question that are specially designed to tackle Exam. We have taken care of every single concept given in CBSE Class 09 Hindi – B syllabus and questions are framed as per the latest marking scheme and blue print issued by CBSE for class 09.
CBSE Class 9 Hindi Ch – 3
Practice Questions for Class 9 Hindi – B
Ch-3 तुम कब जाओगे अतिथि
तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा?
अतिथि को आया देख लेखक की क्या दशा हुई और क्यों?
कैलेण्डर की तारीख फड़फड़ाने का क्या आशय है? तुम कब जाओगे अतिथि पाठ के आधार पर लिखिए।
लेखक अपने अतिथि को दिखाकर दो दिनों से कौन-सा कार्य कर रहा था और क्यों?
अतिथि सदैव देवता नहीं होता’ वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है। तुम कब जाओगे, अतिथि? पाठ के आधार पर कथन की व्याख्या कीजिए।
अतिथि के दूसरे दिन भी ठहर जाने के उपरान्त लेखक ने किस आशा के साथ अतिथि का सत्कार किया? और, किस रूप में?
जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक के व्यवहार में क्या-क्या परिवर्तन आए? क्या यह परिवर्तन सही थे?
बातचीत की उछलती गेंद चर्चा के क्षेत्र के सभी कोनों से टप्पे खाकर फिर सेंटर में आकर चुपचाप पड़ी हैं – तुम कब जाओगे अतिथि पाठ के आधार पर कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
Ch-3 तुम कब जाओगे अतिथि
Answer
- तीसरे दिन सुबह अतिथि ने लॉण्ड्री में कपड़े देने को कहा क्योंकि वह उससे कपड़े धुलवाना चाहता था।
- अतिथि को असमय आया देख लेखक ने सोचा कि यह अतिथि अब पता नहीं कितने दिन रुकेगा और इसके रुकने पर उसका आर्थिक बजट भी खराब हो जाएगा। इसका अनुमान लगाते ही लेखक का दृश्य किसी अज्ञात आशंका से धड़क उठा।
- अतिथि के जाने के इन्तजार में लेखक के दिन बहुत बेचैनी से बीत रहे थें।
- लेखक अपने अतिथि को दिखाकर दो दिनों से तारीखें बदल रहा था। ऐसा करके वह अतिथि को यह बताना चाह रहा था कि उसे यहाँ रहते हुए चौथा दिन शुरू हो गया है। तारीखें देखकर शायद उसे अपने घर जाने की याद आ जाए।
- यदि अतिथि थोड़ी देर तक टिकता है तो वह देवता रूप बनाए रखता है, पर फिर वह मनुष्य रूप में आ जाता है। उसका मान-सम्मान होता है, और ज्यादा दिन तक टिकने पर वह राक्षस का रूप ले लेता है। तब वह राक्षस जैसा बुरा प्रतीत होता है।
- अतिथि के दूसरे दिन भी ठहर जाने के उपरान्त लेखक ने दोपहर के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की और रात्रि में सिनेमा दिखाया। लेखक ने सोचा कि इसके बाद तुरंत भावभीनी विदाई होगी। वह अतिथि को विदा करने स्टेशन तक जाएँगे। इसी आशा के साथ लेखक ने दूसरे दिन भी अतिथि का सत्कार किया।
- जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो उसकी आवभगत में कमी आई। लेखक के व्यवहार में परिवर्तन आ गया। सौहार्द धीरे-धीरे बोरियत में बदल गया। शब्दों का लेन-देन मिट गया और चर्चा विषय खत्म हो गए। बढ़िया लंच और डिनर ने खिचड़ी का स्थान ले लिया। लेखक को अतिथि थोड़ा-थोड़ा राक्षस प्रतीत होने लगा। यहाँ तक कि लेखक का मन उसे गेट आउट कहने को करने लगा। अतिथि के कई दिन तक रुकने पर घर का बजट बिगड़ जाता है। महँगाई के जमाने में जब अपना परिवार पालना कठिन होता है तब अतिथि का खर्च उठाते-उठाते मेहमान के प्रति व्यवहार में परिवर्तन आना स्वाभाविक है।
- लेखक ने अतिथि से घर-परिवार, दोस्तों, नौकरी, राजनीति, फिल्म, साहित्य, परिवार नियोजन, महँगाई और पुरानी प्रेमिकाओं तक के विषय में काफी बातें कर ली थीं। अब उनके सारे विषय खत्म हो चुके थे। बातचीत रूपी गेंद विषय रूपी कमरे के सारे कोनों को छू आई थी और अब वह शांत पड़ी थी। इस सबका कारण अतिथि का लेखक के घर लंबे समय तक रुकना था। लेखक को लगने लगा था कि यदि अतिथि का मन बातों में ज्यादा ही रम गया तो वह और जम जाएगा और फिर एक ही बात करते-करते उसे बोरियत भी होने लगी थी। इसलिए उनकी बातचीत पर विराम लगा हुआ था। यदि अतिथि समय से खुशी-खुशी चला जाता, तो यह स्थिति कभी उत्पन्न नहीं होती।
Class 9 Hindi – B Chapter Wise Important Question
Sprash
- Dukh ka Adhikar ( दुःख का अधिकार)
- Everest Meri Shikhar Yatra (एवेरेस्ट मेरी शिखर यात्रा)
- Tum Kab Jaoge Atithi (तुम कब जाओगे अतिथि)
- Kichad ka Kavya (कीचड़ का काव्य)
- Dharm ki Aad (धर्म की आड़)
- Shukra Tare Ke Saman (शुक्र तारे के समान)
- Raidas (रैदास)
- Rahim (रहीम)
- Aadmi Nama (आदमी नामा)
- Ek Phool ki Chah (एक फूल की चाह)
- Agnipath (अग्निपथ)
- Arun Kamal (अरुण कमल)
Sanchayan
- Gillu (गिल्लू)
- Smriti (स्मृति)
- kallu kumhar ki unakoti (Deleted)
- Mera Chota sa Niji Pustakalaya (Deleted)
- Hamid kha (हामिद खां)
- Diye jal uthe (दिए जल उठे)
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