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Install NowClass 9 Hindi – B Chapter 2 Smriti Important Questions. myCBSEguide has just released Chapter Wise Question Answers for class 09 Hindi – B. There chapter wise Practice Questions with complete solutions are available for download in myCBSEguide website and mobile app. These test papers with solution are prepared by our team of expert teachers who are teaching grade in CBSE schools for years. There are around 4-5 set of solved Hindi Extra questions from each and every chapter. The students will not miss any concept in these Chapter wise question that are specially designed to tackle Exam. We have taken care of every single concept given in CBSE Class 09 Hindi – B syllabus and questions are framed as per the latest marking scheme and blue print issued by CBSE for class 09.
CBSE Class 9 Hindi Ch – 2
Extra Questions for Class 9 Hindi – B Chapter 2
Ch-2 स्मृति
लेखक कुएँ से चिट्ठी निकालने का काम टाल सकता था, परन्तु उसने ऐसा नहीं किया। ‘स्मृति’ कहानी से उसके चरित्र की कौन-सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?
‘स्मृति’ पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है? अपने विचार प्रकट कीजिए।
कभी-कभी दृढ़ संकल्प के साथ तैयार की गई योजना भी प्रभावी नहीं हो पाती है। कुएँ से चिट्ठी निकालने के लिए लेखक द्वारा बनाई गई पूर्व-योजना क्यों सफल नहीं हुई? ‘स्मृति’ पाठ के आधार पर बताइए।
‘स्मृति’ कहानी बाल मनोविज्ञान को किस प्रकार प्रकट करती है? बच्चों के स्वभाव उनके विचारों के विषय में हमें इससे क्या जानकारी मिलती है?
लेखक ने भय, निराशा और उद्वेग के मन में आने तथा माँ की गोद याद आने का वर्णन किस प्रसंग में किया है? ‘स्मृति’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
लेखक ने ‘स्मृति’ पाठ में भ्रातृ स्नेह के ताने-बाने को चोट लगने की बात कही है। भाई-से-भाई के स्नेह का कोई अन्य उदाहरण प्रस्तुत करते हुए लेखक के इस कथन का अभिप्राय स्पष्ट करें।
“अपनी शक्ति के अनुसार योजना बनाने वाला ही सफल होता है”–स्मृति पाठ के अनुसार इस कथन की विवेचना कीजिए।
दोनों भाइयों ने मिलकर कुएँ में नीचे उतरने की क्या युक्ति अपनाई? स्मृति पाठ के आधार पर बताइए।
Ch-2 स्मृति
Answer
- लेखक के द्वारा कुएँ से चिट्ठी निकालने का काम टल सकता था। लेकिन बड़े भाई की डाँट के डर से उसने ऐसा नहीं किया। इसके साथ ही लेखक बहुत ईमानदार भी था वह अपने भाई से झूठ बोलना अथवा बहाना लगाना नहीं चाहता था। चिट्ठियों को पहुँचाने की जिम्मेदारी, कर्तव्यनिष्ठा की भावना उसे कुएँ के पास से जाने नहीं दे रही थी । लेखक ने पूरे साहस व सूझ-बूझ के साथ कुएँ में नीचे उतरकर एकाग्रचित हो साँप की गतिविधियों को ध्यान में रखकर चिट्ठियाँ बाहर निकाल लीं। इस तरह हमें लेखक की ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के साथ उसके साहस, दृढ़ निश्चय, एकाग्रचित्ता व सूझ-बूझ की जानकारी भी मिलती है।
- बच्चे बाल्यावस्था में पेड़ों पर चढ़ते हैं और उस पेड़ के फल तोड़कर खाते हैं, कुछ फल फेंक देते हैं तथा बच्चों को पेड़ों से बेर आदि फल तोड़कर खाने में मजा आता है। बच्चे स्कूल जाते समय रास्ते में शरारतें करते हुए तथा शोर करते हुए जाते। हैं। तथा बच्चे जीव-जन्तुओं को तंग करके खुश होते हैं। रास्ते में कुत्ते, बिल्ली या किसी कीड़े को पत्थर मारकर सताते हैं। क्योंकि वे नासमझ होते हैं। उन्हें उनके दर्द व पीड़ा के बारे में पता नहीं चलता। वे नासमझी व बाल शरारतों के कारण ऐसा करते हैं।
- चिट्ठियाँ कुएँ में गिर जाने पर लेखक बहुत भारी मुसीबत में फँस गया। पिटने का डर और जिम्मेदारी का अहसास उसे। चिट्ठियाँ निकालने के लिए विवश कर रहा था। लेखक ने धोतियों में गाँठ बाँध कर रस्सी बनाकर कुएँ में उतरने की योजना बना ली। लेखक को स्वयं पर भरोसा था कि वह नीचे जाते ही डंडे से दबाकर साँप को मार देगा और चिट्ठियाँ लेकर ऊपर आ जाएगा क्योंकि वह पहले भी कई साँप मार चुका था। उसे अपनी योजना में कमी नहीं दिखाई दे रही थी, परन्तु लेखक द्वारा बनाई गई यह पूर्व योजना सफल नहीं हुई, क्योंकि योजना की सफलता परिस्थिति पर निर्भर करती है। कुएँ में स्थान की कमी थी और साँप भी व्याकुलता से उसको काटने के लिए तत्पर था। ऐसे में डंडे का प्रयोग करना संभव नहीं था।
- बाल मस्तिष्क हर समय सूझ-बूझ से कार्य करने में सक्षम नहीं होता। बच्चे शरारतों का ध्यान आते ही अपने चंचल मन को रोक नहीं पाते। खतरे उठाने, जोखिम लेने, साहस का प्रदर्शन करने में उन्हें आनन्द आता है वे अपनी जान को खतरे में डालने से भी नहीं चूकते। लेकिन बच्चों का हृदय बहुत कोमल होता है। बच्चे मार व डाँट से बहुत डरते हैं। जिस तरह लेखक बड़े भाई की डाँट व मार के डर से तथा चिट्ठियों को समय पर पहुँचाने की जिम्मेदारी की भावना के कारण जहरीले साँप तक से भिड़ गयी। बच्चे अधिकतर ईमानदार होते हैं वे बड़ों की भाँति न होकर छल व कपट से दूर होते हैं। मुसीबत के समय बच्चों को सबसे अधिक अपनी माँ की याद आती है। माँ के आँचल में वे स्वयं को सबसे अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।
- लेखक अपने वर्णन में बताता है कि बच्चों की टोली स्कूल के रास्ते में पड़ने वाले सूखे कुएँ में पड़े एक साँप को ढेले मारकर उसकी फुसकार सुनने की अभ्यस्त हो गई थी। वास्तव में लेखक जब अपने बड़े भाई द्वारा दी गई चिट्ठियों को मक्खनपुर के डाकखाने में डालने के लिए अपने छोटे भाई के साथ जा रहा था, तब रास्ते में कुएँ वाले साँप को ढेले मारकर उसकी हुँफकार सुनने का विचार पुनः उसके मन में आया। लेखक के इसी प्रयास के दौरान उसकी टोपी में रखी चिट्ठियाँ कुएँ में जा गिरी। लेखक का उपर्युक्त कथन इसी घटना के संदर्भ में है क्योंकि कुएँ के बहुत अधिक गहरा होने, अपनी उम्र कम होने और सबसे ज्यादा कुएँ में पड़े विषैले साँप के डर से वह चिट्ठियों को निकालने का कोई उपाय नहीं समझ पा रहा था। चिट्ठियाँ न मिलने का परिणाम बड़े भाई द्वारा दिया जाने वाला दंड था। इसलिए लेखक निराशा, भय और उद्वेग अर्थात् घबराहट के मनोभावों के बीच फंस गया था। स्वाभाविक रूप से बचपन में कोई कार्य गलत हो जाता है तो बच्चे अपने अपराध- निवारण या उससे संबंधित दंड से बचने हेतु माँ के लाड़-प्यार और उसकी गोद का आश्रय लेना स्वभावतः पसंद करते हैं। माँ की ममता बच्चों के लिए एक सुरक्षात्मक आवरण की भाँति कार्य करती है इसी कारण लेखक ने ऐसा कहा है।
- लेखक के वर्णन के अनुसार जब कुएँ में साँप से उसका सामना हुआ तो साँप और लेखक के आपसी द्वंद्व में होने वाली क्रियाओं के फलस्वरूप लेखक के छोटे भाई को, जो कुएँ के ऊपर खड़ा था, ऐसा प्रतीत हुआ कि उसके बड़े भाई को साँप ने काट लिया। छोटा भाई यह सोचकर चीख पड़ा। लेखक उसकी चीख को उसके मन में अपने प्रति उपस्थित स्नेह-भाव के कारण उठी चीख मानता है। वास्तव में स्नेह या प्रेम ऐसा ही सकारात्मक मनोविकार है। इसमें अपने स्नेह-पात्र के अमंगल की आशंका से उसे स्नेह करने वाले का मन व्यथित हो उठता है। लेखक के छोटे भाई का चीखना इसी का उदाहरण है। ऐसा उदाहरण हम राम और लक्ष्मण के इतिहास प्रसिद्ध ‘भ्रातृ-स्नेह’ में देख सकते हैं, जब ‘युद्ध-भूमि’ में लक्ष्मण के मूर्छित हो जाने पर उनके वियोग की आशंका से राम जैसा मर्यादित और वीर पुरुष भी विलाप करने लगा। वस्तुतः भ्रातृ-प्रेम का ऐसा उदाहरण अन्यत्र दुर्लभ है। लेखक ने इसी कारण भ्रातृ-स्नेह के ताने-बाने को चोट लगने की बात कहते हुए भाई-भाई के पास्परिक प्रेम को सामान्य लोकानुभव से जोड़कर देखा है।
- लेखक ने कुएँ में चिट्ठियाँ गिर जाने के बाद बहुत ही बुद्धिमानी, चतुरता एवं साहस का परिचय दिया। कठिन परिस्थिति में भी उसने हिम्मत नहीं हारी। कुएँ में जहरीला साँप होने के बावजूद वह साहसपूर्ण युक्ति से अपने पास मौजूद सभी धोतियों को आपस में बाँध आता है, ताकि वे नीचे तक चली जाएँ। सर्प के डसे जाने से बचने के लिए उसने पहले कुएँ की बगल की मिट्टी गिराई। फिर डंडे से चिट्ठियों को सरकाया। डंडा छूट जाने पर उसने साँप का ध्यान दूसरी ओर बँटाया, फिर डंडे को उठा लिया। साँप का आसन बदला तो उसने चिट्ठियाँ भी उठा लीं और उन्हें धोतियों में बाँध दिया। इस प्रकार लेखक ने अपनी बुद्धि का पूरा सदुपयोग करके तथा युक्तियों का सहारा लेकर कुएँ में गिरी हुई चिट्ठियों को निकाला। यह उसकी साहसिकता का स्पष्ट परिचय देता है।
- कुएँ में चिट्ठियाँ गिर जाने पर दोनों भाई सहम गए और डरकर रोने लगे। छोटा भाई जोर-जोर से और लेखक आँख डबडबा कर रो रहा था। तभी उन्हें एक युक्ति सूझी। उनके पास एक धोती में चने बँधे थे, दो धोतियाँ उन्होंने कानों पर बाँध रखी थीं और दो धोतियाँ वह पहने हुए थे। उन्होंने पाँचों धोतियाँ मिलाकर कसकर गाँठ बाँध कर रस्सी बनाई। धोती के एक सिरे पर डंडा बाँधा, तो दूसरा सिरा चरस के डेंग पर कसकर बाँध दिया और उसके चारों ओर चक्कर लगाकर एक और गाँठ लगाकर छोटे भाई को पकड़ा दिया। लेखक धोती के सहारे कुएँ के बीचों-बीच उतरने लगा। छोटा भाई रो रहा था पर लेखक ने उसे विश्वास दिलाया कि वह साँप को मारकर चिट्ठियाँ ले आएगा। नीचे साँप फन फैलाए बैठा था। लेखक ने बुद्धिमतापूर्वक साँप से लड़ने या मारने की बात त्याग कर डंडे से चिट्ठियाँ सरका ली और साँप को चकमा देने में कामयाब हो गया।
Class 9 Hindi – B Chapter Wise Extra Questions
Sprash
- Dukh ka Adhikar ( दुःख का अधिकार)
- Everest Meri Shikhar Yatra (एवेरेस्ट मेरी शिखर यात्रा)
- Tum Kab Jaoge Atithi (तुम कब जाओगे अतिथि)
- Kichad ka Kavya (कीचड़ का काव्य)
- Dharm ki Aad (धर्म की आड़)
- Shukra Tare Ke Saman (शुक्र तारे के समान)
- Raidas (रैदास)
- Rahim (रहीम)
- Aadmi Nama (आदमी नामा)
- Ek Phool ki Chah (एक फूल की चाह)
- Agnipath (अग्निपथ)
- Arun Kamal (अरुण कमल)
Sanchayan
- Gillu (गिल्लू)
- Smriti (स्मृति)
- kallu kumhar ki unakoti (Deleted)
- Mera Chota sa Niji Pustakalaya (Deleted)
- Hamid kha (हामिद खां)
- Diye jal uthe (दिए जल उठे)
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thank u for the answers bro but I want more questions +the
certificate question which is important. THANKS
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