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CBSE Sample Papers Class 11 Hindi Core 2025

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CBSE Sample Papers Class 11 Hindi Core 2025

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Class 11 Hindi Core Sample Paper

Class 11 – हिंदी कोर प्रतिदर्श प्रश्न पत्र (2024-25)


Class 11 – हिंदी कोर
आदर्श प्रश्नपत्र – 01 (2024-25)


अधिकतम अंक: 80
निर्धारित समय : 3 hours


सामान्य निर्देश:

निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए :-

  • इस प्रश्न -पत्र तीन खण्ड – खंड- क, ख और ग हैं।
  • खंड- क में अपठित बोध पर आधारित प्रश्न पूछे गये हैं। सभी प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है।
  • खंड- ख में अभिव्यक्ति और माध्यम पाठ्यपुस्तक के आधार पर प्रश्न पूछे गये हैं| कुछ प्रश्नों में आंतरिक विकल्प दिए गये हैं।
  • खंड- ग में आरोह भाग – 2 एवं वितान भाग – 2 पाठ्यपुस्तकों के आधार पर प्रश्न पूछे गये हैं। कुछ प्रश्नों में आंतरिक भी विकल्प दिए गये हैं।

खंड क (अपठित बोध)

  1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (10)
    लोकतंत्र के तीनो पायों-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का अपना-अपना महत्त्व है, किंतु जब प्रथम दो अपने मार्ग या उद्देश्य के प्रति शिथिल होती है या संविधान के दिशा-निर्देशों की अवहेलना होती है, तो न्यायपालिका का विशेष महत्त्व हो जाता है। न्यायपालिका ही है, जो हमें आईना दिखाती है, कितु आईना तभी उपयोगी होता है जब उसमें दिखाई देने वाले चेहरे की विद्रूपता को सुधारने का प्रयास हो। सर्वोच्च न्यायालय के अनेक जनहितकारी निर्णयों को कुछ लोगो ने न्यायपालिका की अतिसक्रियता माना, पर जनता को लगा कि न्यायालय सही है। राजनीतिक चश्मे से देखने पर भ्रम की स्थिति हो सकती है।
    प्रश्न यह है कि जब संविधान की सत्ता सर्वोपरि है, तो उसके अनुपालन में शिथिलता क्यों होती है? राजनीतिक दलगत स्वार्थ या निजी हित आड़े आ जाता है और यही भ्रष्टाचार को जन्म देता है। हम कसमें खाते हैं और जनकल्याण की ओर कदम उठाते हैं, आत्मकल्याण के ऐसे तत्त्वो से देश को, समाज को सदा खतरा रहेगा। अतः जब कभी कोई न्यायालय ऐसे फैसले देता है, जो समाज कल्याण के हों और राजनीतिक ठेकेदारों को उनकी औकात बताते हों, तो जनता को उसमें आशा की किरण दिखाई देती है। अन्यथा तो वह अंधकार मे जीने को विवश है ही।
    (i) न्यायपालिका का विशेष महत्व कब हो जाता है? (1)
    क) जब विधायिका और कार्यपालिका अपने मार्ग से भटक जाती है
    ख) जब न्यायपालिका निष्क्रिय हो जाती है
    ग) जब संविधान बदल जाता है
    घ) जब जनता के पास न्याय नहीं होता
    (ii) सर्वोच्च न्यायालय के जनहितकारी निर्णयों को किसने न्यायपालिका की अतिसक्रियता माना? (1)
    क) जनता ने
    ख) न्यायपालिका ने
    ग) कुछ लोगों ने
    घ) विधायिका ने
    (iii) भ्रष्टाचार को जन्म देने वाला मुख्य कारण क्या है? (1)
    क) न्यायपालिका की निष्क्रियता
    ख) संविधान का अनुपालन
    ग) राजनीतिक दलगत स्वार्थ या निजी हित
    घ) न्यायपालिका की अतिसक्रियता(iv) सर्वोच्च न्यायालय के जनहितकारी निर्णयों को जनता ने कैसे माना? (1)
    (v) जब संविधान की सत्ता सर्वोपरि है, तो उसके अनुपालन में शिथिलता क्यों होती है? (2)
    (vi) न्यायालय के ऐसे फैसलों का महत्व क्या है जो समाज कल्याण के हों? (2)
    (vii) न्यायपालिका का आईना दिखाने का क्या महत्व है? (2)
  2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (8)
    जाग रहे हम वीर जवान,
    जियो, जियो ऐ हिंदुस्तान।
    हम प्रभात की नई किरण हैं, हम दिन के आलोक नवल,
    हम नवीन भारत के सैनिक, धीर, वीर, गंभीर, अचल।
    हम प्रहरी ऊँचे हिमाद्रि के, सुरभि स्वर्ग की लेते हैं,
    हम हैं शांति-दूत धरणी के, छाँह सभी को देते हैं।
    वीरप्रसू माँ की आँखों के, हम नवीन उजियाले हैं,
    गंगा, यमुना, हिंद महासागर के हम ही रखवाले हैं।
    तन, मन, धन, तुम पर कुरबान
    जियो, जियो ऐ हिंदुस्तान।
    हम सपूत उनके, जो नर थे, अनल और मधु के मिश्रण,
    जिनमें नर का तेज प्रखर था, भीतर था नारी का मन।
    एक नयन संजीवन जिनका, एक नयन था हलाहल
    जितना कठिन खड्ग था कर में उतना ही अंतर कोमल।
    थर-थर तीनों लोक काँपते थे जिनकी ललकारों पर,
    स्वर्ग नाचता था रण में जिनकी पवित्र तलवारों पर।
    हम उन वीरों की संतान, जियो, जियो ऐ हिंदुस्तान।
    (i) ‘हम नवीन भारत के सैनिक’ पंक्ति में कवि ने किस प्रकार के सैनिकों का वर्णन किया है? (1)
    क) केवल युद्ध करने वाले
    ख) नए और आधुनिक विचारों वाले
    ग) पुराने समय के सैनिक
    घ) विदेशी सैनिक
    (ii) ‘हम प्रहरी ऊँचे हिमाद्रि के’ पंक्ति में ‘हिमाद्रि’ का क्या तात्पर्य है? (1)
    क) पर्वतों की रक्षा करने वाले
    ख) समुद्र के रक्षक
    ग) नदी के रक्षक
    घ) मैदानों के रक्षक
    (iii) ‘जिनमें नर का तेज प्रखर था, भीतर था नारी का मन’ का क्या अर्थ है? (1)
    क) व्यक्ति के भीतर साहस और कोमलता दोनों का होना
    ख) केवल महिलाओं की कोमलता का वर्णन
    ग) केवल पुरुषों की शक्ति का वर्णन
    घ) व्यक्ति की मूर्खता का वर्णन
    (iv) ‘थर-थर तीनों लोक काँपते थे जिनकी ललकारों पर’ का क्या अर्थ है? (1)
    (v) कविता में ‘हम नवीन उजियाले हैं’ पंक्ति से कवि का क्या तात्पर्य है? (2)
    (vi) ‘हम उन वीरों की संतान’ पंक्ति में कवि किस पर गर्व कर रहे हैं? (2)

खंड- ख (अभिव्यक्ति और माध्यम पाठ्यपुस्तक के आधार पर )

  1. दिए गए तीन विषयों में से किसी एक विषय पर आधारित लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेखन लिखिए।
    1. प्राकृतिक सुंदरता का वातावरण विषय पर रचनात्मक लेख लिखिए।
    2. अपना अनुशासन स्वयं विषय पर रचनात्मक लेख लिखिए।
    3. कामकाजी महिला और परिवार विषय पर रचनात्मक लेख लिखिए।
  2. सड़क पर अत्यधिक वाहनों के कारण जाम लग जाता है, जिससे आप समय पर विद्यालय नहीं पहुँच पाते हैं। सड़क जाम की स्थिति का वर्णन करते हुए अपने शहर के प्रमुख यातायात अधिकारी के नाम लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए।अथवा आपका नाम देव/देविका है। आपके शहर में चोरी और झपटमारी की घटनाएँ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। बढ़ते हुए अपराधों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए किसी हिंदी दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
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  3. अभिव्यक्ति और माध्यम पाठ्यपुस्तक के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिये: (2 X 4 = 8)
      1. पेज थ्री पत्रकारिता क्या है?
      2. आवेदन पत्र के साथ स्ववृत्त संलग्र करना क्यों आवश्यक है?
      3. कोष कितने प्रकार के होते हैं? चरित्र कोष को स्पष्ट कीजिए।
      4. फ़्लैश फॉरवर्ड किसे कहते हैं?
      5. आप डीएवी विद्यालय में पढ़ते हैं। विद्यालय में वार्षिक खेल महोत्सव होने जा रहा है उसकी पाँचवी बैठक के लिए एक कार्यसूची तैयार कीजिए।
      1. पटकथा के लिए सर्वप्रथम आवश्यक तत्त्व क्या होता है?
    2. अथवा
      1. डायरी-लेखन क्या है? कुछ प्रसिद्ध डायरियों और डायरी लेखकों के नाम भी बताइए।

खंड- ग (आरोह भाग – 1 एवं वितान भाग-1 पाठ्यपुस्तकों के आधार पर)

  1. अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    और माँ बिन-पढ़ी मेरी,
    दु:ख में वह गढ़ी मेरी
    माँ कि जिसकी गोद में सिर,
    रख लिया तो दुख नहीं फिर,
    माँ कि जिसकी स्नेह-धारा,
    का यहाँ तक भी पसारा,
    उसे लिखना नहीं आता,
    जो कि उसका पत्र पाता।
    पिता जी जिनको बुढ़ापा,
    एक क्षण भी नहीं व्यापा,
    जो अभी भी दौड़ जाएँ
    जो अभी भी खिलखिलाएँ,
    मौत के आगे न हिचकें,
    शर के आगे न बिचकें,
    बोल में बादल गरजता,
    काम में झझ लरजता,

    1. काव्यांश में अपने बच्चों के प्रति माँ की कौनसी स्वभावगत विशेषता प्रकट हुई है?
      क) बच्चों से बहुत स्नेह करना
      ख) निरक्षर होना
      ग) दुखों से रचना
      घ) बुढ़ापा आना
    2. उपरोक्त काव्यांश कवि ने कब लिखा?
      क) अपने शहर प्रवास के दौरान
      ख) अपने छात्रावास प्रवास के दौरान
      ग) अपने परदेश प्रवास के दौरान
      घ) अपने जेल प्रवास के दौरान
    3. कवि के पिता पर बुढ़ापे का कोई प्रभाव नहीं है- आशय स्पष्ट करने वाली पंक्ति है-
      क) जो अभी भी खिलखिलाए
      ख) जो अभी भी दौड़ जाए
      ग) पिताजी जिनको बुढ़ापा एक क्षण भी नहीं व्यापा
      घ) शेर के आगे न बिचके
    4. कवि की माँ अपने बेटे को पत्र क्यों नहीं लिख पाती?
      क) क्योंकि वह पत्र लिखना नहीं चाहती
      ख) क्योंकि वह निरक्षर है
      ग) क्योंकि कवि पत्र पढ़ना नहीं चाहता
      घ) क्योंकि उसे जेल का पता नहीं पता
    5. जेल में बंद कवि को घर की याद कब आती है?
      क) सावन की बरसात में
      ख) दुखी होने पर
      ग) कविता लिखने पर
      घ) काम करने पर
  2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (3 X 2 = 6 अंक)
    1. ईश्वर के स्वरूप के विषय में कबीर क्या कहते हैं?
    2. चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती कविता में गाँधी जी का प्रसंग किस संदर्भ में आया तथा क्यों?
    3. आओ, मिलकर बचाएँ कविता में दिल के भोलेपन के साथ-साथ अक्खड़पन और जुझारूपन को भी बचाने की आवश्यकता पर क्यों बल दिया गया है?
  3. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (2 X 2 = 4 अंक)
    1. सबसे खतरनाक कविता का प्रतिपाद्य बताइए।
    2. भाव व शिल्प सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
      अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम-बेलि बोयी
      अब त बेलि फैलि गई, आणंद-फल होयी
    3. अक्क महादेवी के अनुसार सभी विकारों की शांति क्यों आवश्यक है?
  4. अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    पंडित अलोपीदीन स्तंभित हो गए। गाड़ीवानों में हलचल मच गयी। पंडितजी के जीवन में कदाचित यह पहला ही अवसर था कि पंडित जी को ऐसी कठोर बातें सुननी पड़ी। बदलू सिंह आगे बढ़ा किन्तु रोब के मारे साहस न हुआ कि उनका हाथ पकड़ सके। पंडितजी ने धर्म को धन का ऐसा निरादर करते कभी न देखा था। विचार किया यह अभी उद्दंड लड़का है। माया-मोह के जाल में अभी नहीं पड़ा।

    1. पंडित अलोपीदीन क्यों स्तंभित हो गए थे?
      क) रिश्वत की बात सुन कर
      ख) अचानक बुलाये जाने पर
      ग) अपनी हिरासत की बात सुन कर
      घ) दारोगा जी को देख कर
    2. पंडितजी के जीवन में कौन-सी परिस्थिति पहली बार उत्पन्न हुई थी?
      क) उनका निरादर होना
      ख) रिश्वत देना
      ग) उनकी बात न मानना
      घ) किसी की कठोर बातें सुनना
    3. बदलू सिंह कौन था?
      क) सैनिक
      ख) गाड़ीवाला
      ग) नौकर
      घ) जमादार
    4. यह अभी उद्दंड लड़का है यह कथन किसके विषय में है?
      क) वंशीधर के बारे में
      ख) पुलिसवाले के बारे में
      ग) बदलू सिंह के बारे में
      घ) गाड़ीवाले के बारे में
    5. निरादर का विलोम होगा-
      क) प्रशंसा
      ख) सम्मान
      ग) आदर
      घ) बड़ाई
  5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (3 X 2 = 6 अंक)
    1. अपू के साथ ढाई साल पाठ में भूलो की जगह दूसरा कुत्ता क्यों लाया गया? उसने फिल्म के किस दृश्य को पूरा किया?
    2. लोगों की आँखों में कब चमक आ जाती थी? भारत माता पाठ के आधार पर बताइए।
    3. रजनी संपादक से क्या सहायता माँगती है?
  6. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (2 X 2 = 4 अंक)
    1. मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा क्यों कहा गया है?
    2. विदाई-संभाषण पाठ में आपके और यहाँ के निवासियों के बीच में कोई तीसरी शक्ति और भी है– यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है?
    3. गलता लोहा शीर्षक की सार्थकता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  7. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (5 X 2 = 10 अंक)
    1. लता मंगेशकर को बेजोड़ गायिका क्यों माना गया है?
    2. राजस्थान में कुंई केवल जल आपूर्ति ही नहीं करतीं, सामाजिक संबंध भी बनाती हैं, कैसे?
    3. आलो-आँधारि पाठ में बेबी की जिंदगी में तातुश का परिवार न आया होता तो उसका जीवन कैसा होता? कल्पना करें और लिखें |

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Class 11 – हिंदी कोर
आदर्श प्रश्नपत्र – 01 (2024-25)


उत्तर

खंड क (अपठित बोध)

  1. (i) क) जब विधायिका और कार्यपालिका अपने मार्ग से भटक जाती है
    (ii) ग) कुछ लोगों ने
    (iii) ग) राजनीतिक दलगत स्वार्थ या निजी हित
    (iv) जनता ने सर्वोच्च न्यायालय के जनहितकारी निर्णयों को सही माना।
    (v) संविधान के अनुपालन में शिथिलता इसलिए होती है क्योंकि राजनीतिक दलगत स्वार्थ या निजी हित आड़े आ जाते हैं, जो भ्रष्टाचार को जन्म देते हैं।
    (vi) न्यायालय के ऐसे फैसलों का महत्व यह है कि वे समाज कल्याण के हों और राजनीतिक ठेकेदारों को उनकी औकात बताते हों, जिससे जनता को आशा की किरण दिखाई देती है।
    (vii) न्यायपालिका का आईना दिखाने का महत्व यह है कि वह समाज को उसकी विद्रूपता को सुधारने का अवसर प्रदान करता है।
  2. (i) ख) नए और आधुनिक विचारों वाले
    (ii) क) पर्वतों की रक्षा करने वाले
    (iii) क) व्यक्ति के भीतर साहस और कोमलता दोनों का होना
    (iv) ‘थर-थर तीनों लोक काँपते थे जिनकी ललकारों पर’ का अर्थ है कि जिन वीरों की गर्जना और साहस से तीनों लोक (पृथ्वी, स्वर्ग, और पाताल) कांप उठते थे। यह वीरों की अद्भुत शक्ति और पराक्रम को दर्शाता है।
    (v) ‘हम नवीन उजियाले हैं’ पंक्ति से कवि का तात्पर्य है कि वे नए युग की नई पीढ़ी हैं, जो अपने ज्ञान, साहस और दृढ़ संकल्प से देश को प्रगति और उजाले की ओर ले जाएंगी।
    (vi) ‘हम उन वीरों की संतान’ पंक्ति में कवि उन वीर पूर्वजों पर गर्व कर रहे हैं, जिन्होंने अपने साहस, बलिदान और शौर्य से देश की रक्षा की और उसे महान बनाया।

खंड- ख (अभिव्यक्ति और माध्यम पाठ्यपुस्तक के आधार पर )

  1. दिए गए तीन विषयों में से किसी एक विषय पर आधारित लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेखन लिखिए।
    1. ‘प्राकृतिक सुंदरता का वातारण’प्रकृति से हमारी मित्रता अनंतकाल से चलती आ रही है। हम जिस प्राकृतिक परिवेश में रहते हैं, वह अद्भुत सौंदर्य से भरा पड़ा है। प्रकृति से ही हमें पीने को पानी, शुद्ध-हवा, जीव-जंतु, पेड़-पौधे, भोजन, रहने को घर आदि मिलता है, जिससे मनुष्य एक बेहतर और अच्छा जीवन व्यतीत कर पाता है। वाकई, प्रकृति में वह शक्ति निहित होती है, जो शरीर से कई बीमारियों को दूर कर देती है। आस-पास की हरियाली से मन का तनाव कम होता है और दिमाग़ को शांति मिलती है। वास्तव में देखा जाए तो प्रकृति और मनुष्य दोनों हमेशा से एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। प्रकृति जितनी सुंदर होगी, उतने ही हमारे जीवन में सुखदायक पल होंगे।
      वर्तमान में प्रकृति का जिस प्रकार से दोहन हो रहा है, वह एक चिंता का विषय है। जैसे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, रासायनिक खाद का उपयोग, कीटनाशक दवाईयों का बड़े पैमाने पर छिड़काव, कारखानों से उत्सर्जित कचरों के प्रबंधन में लापरवाही इत्यादि। अतः हमें अपने प्राकृतिक वातावरण को हरा-भरा रखने का प्रयास करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करना चाहिए। जब हमारी पृथ्वी की सतह पेड़ पौधों से हरी-भरी रहेगी तो हमारी वायु भी स्वच्छ रहेगी तथा लोगों के लिए शुद्ध हवा उपलब्ध हो सकेगी। पेड़ पौधे कार्बन-डाई-ऑक्साइड का उपभोग कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। निःसंदेह, इसी प्राणवायु पर हमारा जीवन टिका है। इसलिए प्राकृतिक सुंदरता का वातावरण निर्मित होना अत्यंत आवश्यक है।
    2. जिस प्रकार जीवन में अनुशासन आवश्यक होता है ठीक उसी प्रकार, स्व अनुशासन भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हर व्यक्ति को इसे जरूर अपनाना चाहिए और अपना एवं अपने समाज के विकास में अपना योगदान जरूर देना चाहिए। क्योंकि एक-एक व्यक्ति को मिला कर ही एक समाज बनता है। यह एक ऐसी आदत है जो मनुष्य को सदैव जीवन में आगे बढ़ने में मददगार साबित होती है। इतिहास गवाह है की जिन-जिन महापुरुषों नें अपने जीवन में स्वअनुशासन को महत्त्व दिया उन्हें आज सब जानते हैं और उनके नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज भी हैं। इसका सबसे जीता जगता उदहारण है गांधी जी, जिनके जीवन में स्वअनुशासन बहुत ही अहम था। वे सदैव अपने नियमों का पालन किया करते थे, और अपना कमरा भी स्वयं साफ़ किया करते थे। जब व्यक्ति खुद में अनुशासित होता है तो उसे किसी भी प्रकार के अनुशासन का पालन में न तो कोई दिक्कत होती है न तो वो उन्हें भारी लगता है। हम यह कह सकते हैं कि स्व अनुशासित रहना अपने आप में बहुत बड़ा गुण है, जो हर व्यक्ति के भीतर होना चाहिए। इससे हमे किसी भी प्रकार ही हानि नहीं होती अपितु जीवन को सही ढंग से जीना आजाता है। खुद भी अनुशासित रहें एवं अपने आस पास के लोगों को भी इसका महत्त्व जरूर समझाएं। सत्य बोलना, स्व अनुशासन का ही भाग है और हमारे देश के बापू, गांधीजी ने भी हमे सत्य, अहिंसा और स्व अनुशासन का पाठ पढाया था।
    3. कामकाजी महिला और परिवार आधुनिक युग में, महिलाओं की भूमिका में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। आज, महिलाएँ सिर्फ घर के कार्यों से ही सीमित नहीं रहती हैं, वे पेशेवरीकरण के क्षेत्र में अग्रसर हो रही हैं। इससे महिलाओं को न केवल स्वावलंबी बनने का मौका मिलता है, बल्कि उन्हें परिवार के लिए भी सहायक बनने का अवसर प्राप्त होता है।
      कामकाजी महिलाओं को अपने परिवार के लिए समय निकालने की क्षमता होती है। वे समानता के साथ अपने परिवार की ज़रूरतों का ध्यान रखती हैं और घरेलू कार्यों में सहयोग प्रदान करती हैं। इससे परिवार की वृद्धि होती है और सद्भावना का माहौल बना रहता है। साथ ही, यह परिवार के सदस्यों के बीच गहरी बंधन बनाता है और परिवार को समृद्ध बनाने में मदद करता है।
      कामकाजी महिला और परिवार के बीच संतुलन की एक मिसाल हैं। वे अपने पेशेवरी में प्रगति करती हैं, बल्कि अपने परिवार के साथ एक संतुष्ट और खुशहाल जीवन का आनंद भी लेती हैं।
  2. 23, अजमेरी गेट
    जोधपुर
    दिनांकः 2/XX/20XX
    सेवा में,
    अधिकारी महोदय,
    यातायात विभाग,
    जोधपुर
    विषय : सड़क पर लगने वाले जाम की सूचना देने हेतु पत्र।
    महोदय
    निवेदन है कि इस पत्र के माध्यम से मैं शहर की मुख्य सड़क पर लगने वाले जाम से आपको अवगत कराना चाहता हूँ। हमारे शहर की मुख्य सड़क चौड़ी तो है पर यहाँ यातायात के साधनों के निकलने की उचित व्यवस्था नहीं है। मुख्य सड़क होने के कारण यहाँ चारों ओर से वाहन आते-जाते रहते हैं जिसकी वजह से सड़क पर लंबा जाम लग जाता है। हमारे विद्यालय का मुख्य रास्ता यहाँ से होने के कारण हमें जाम का खामियाजा भुगतना पड़ता है। चाहे हम अपने घर से कितना भी जल्दी निकले पर हमें विद्यालय पहुँचने में देर हो जाती है और वहाँ इसका दंड भुगतना पड़ता है।
    अतः आपसे निवेदन है कि आप हमारी इस समस्या को दूर करने के लिए अवश्य ही कोई उचित कदम उठाएँगे।
    धन्यवाद
    भवदीय
    क.ख.ग.अथवा परीक्षा भवन,
    नई दिल्ली।
    दिनांकः 12/01/20XX
    सेवा में,
    सम्पादक महोदय,
    दैनिक जागरण,
    नई दिल्ली
    विषय- शहर में चोरी और झपटमारी की घटनाओं के संबंध में
    महोदय,
    मैं, देव, आपके समाचार पत्र का एक नियमित पाठक हूँ। मैं आज आपको अपने शहर में बढ़ती हुई चोरी और झपटमारी की घटनाओं के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए यह पत्र लिख रहा हूँ। पिछले कुछ महीनों में, शहर में अपराधों की संख्या में कई गुणा वृद्धि हुई है। लगभग हर दिन, हम चोरी, झपटमारी, और यहाँ तक कि हत्या की घटनाओं के बारे में सुनते हैं। इस प्रकार की स्थिति न केवल आम नागरिकों के लिए खतरनाक है, बल्कि शहर की छवि को भी नुकसान पहुँचा रही है। मुझे लगता है कि पुलिस प्रशासन को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। पुलिस को अपराधियों को पकड़ने और उन्हें सजा देने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, शहर में गश्त बढ़ाने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप इस मुद्दे को अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करें ताकि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा सके और पुलिस प्रशासन पर दबाव डाला जा सके।
    सधन्यवाद
    भवदीय
    देव
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  3. अभिव्यक्ति और माध्यम पाठ्यपुस्तक के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिये: (2 X 4 = 8)
      1. इसका तात्पर्य ऐसी पत्रकारिता से है जिसमें फैशन, अमीरों की पार्टियों, महफ़िलों और जाने-माने लोगों के निजी जीवन के बारे में बताया जाता है। यह आमतौर पर समाचार-पत्रों के पृष्ठ तीन पर प्रकाशित होती है। इसलिए इसे पेज थ्री पत्रकारिता कहते हैं।
        1. एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धारणा उत्पत्र करता है।
        2. नौकरी में सफ़लता के लिए योग्यता और व्यक्ति के साथ-साथ स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुणता भी आवश्यक है।
        3. स्ववृत्त में किसी विशेष प्रयोजन को धयान में रखकर सिलसिलेवार ढंग से सूचनाएँ संकलित की जाती है।
      2. कोष तीन प्रकार के होते हैं- विश्वज्ञान कोष, चरित्र कोष, साहित्य कोष।
        चरित्र कोष: चरित्र कोष को व्यक्तिकोष भी कहते हैं। इसमें हमें विचारकों, साहित्यकारों, वैज्ञानिकों आदि के संक्षिप्त परिचय और उपलब्धियों की जानकारी मिलती है। इसमें जानकारियों का क्रमबद्ध प्रस्तुतीकरण होता है।
      3. फ़्लैश फॉरवर्ड में हम भविष्य में होने वाली घटना को वर्तमान में ही (हादसा होने से पहले ही) दिखा देते हैं और फिर वर्तमान में लौट आते हैं।
      4. कार्यसूची
        डी.ए.वी. स्कूल के वार्षिक खेल महोत्सव हेतु पाँचवी बैठक की कार्यसूची 23 सितम्बर, 2020

        1. चौथी बैठक के कार्यवृत्त की संपुष्टि
        2. पिछली बैठकों के लिए किए गर निर्णयों के अनुपालन की समीक्षा
        3. महोत्सव में अधिक छात्रों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहन करने पर चर्चा
        4. खेल महोत्सव की गुणवत्ता बढ़ाने पर चर्चा
        5. महोत्सव के इस्तेमाल में आने वाली धन राशि को बढ़ाने पर चर्चा
        6. प्रधानाचार्य की अनुमति से किसी भी अन्य विषय पर विमर्श

        श्री राधेश्याम मिश्र
        (श्री राधेश्याम मिश्र)
        प्रधानाचार्य
        निम्नलिखित सदस्य कार्यसूची के अवलोकन उपरान्त हस्ताक्षर करें-

        क्र. सं.सदस्य का नामपदनामहस्ताक्षर
        1श्री त्रिभुवन शर्मास्कूल निदेशक
        2श्रीमती जानकी वर्माउप प्रधानाचार्य
        3श्री रामविलासहिंदी अध्यापक
      1. शीर्षक, घटना, कथा और संवाद। कहानी को दृश्यात्मक रूप में परिवर्तित करने के लिए उसमें संवाद डालने पड़ते हैं। उसमें घटनाओं को एक व्यवस्थित क्रम देना पड़ता है। अन्य तीनों तत्त्व शीर्षक, घटना, संवाद भी पटकथा के लिए आवश्यक हैं लेकिन पटकथा के लिए सबसे आवश्यक तत्त्व कथा ही होती है। बिना कथा के कोई पटकथा नहीं बनाई जा सकती है।
    2. अथवा
      1. अत्यंत निजी स्तर पर घटित घटनाओं और उससे संबंधित बौद्धिक तथा भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का लेखा-जोखा डायरी कहलाता है। हमारे जीवन में प्रतिदिन अनेक घटनाएँ घटती हैं। हम अनेक गतिविधियों और विचारों से भी गुज़रते हैं। दैनिक जीवन में हम जिन घटनाओं, विचारों और गतिविधियों से निरंतर गुज़रते हैं, उन्हें डायरी के पृष्ठों पर शब्दबद्ध कर लेना ही डायरी-लेखन है। प्रसिद्ध डायरियों और उनके लेखकों के नाम निम्नलिखित हैं:
        1. एक साहित्यिक की डायरी-गजानन माधव मुक्तिबोध।
        2. पैरों में पंख बाँध कर-रामवृक्ष बेनीपुरी
        3. रूस में पच्चीस मास-राहुल सांकृत्यायन।
        4. सुदूर दक्षिणपूर्व-सेठ गोविंददास।
        5. द डायरी ऑफ अ यंग गर्ल-ऐनी फ्रैंक।
        6. हरी घाटी-डॉ० रघुवंश।

खंड- ग (आरोह भाग – 1 एवं वितान भाग-1 पाठ्यपुस्तकों के आधार पर)

    1. (क) बच्चों से बहुत स्नेह करना
      व्याख्या: बच्चों से बहुत स्नेह करना
    2. (घ) अपने जेल प्रवास के दौरान
      व्याख्या: अपने जेल प्रवास के दौरान
    3. (ग) पिताजी जिनको बुढ़ापा एक क्षण भी नहीं व्यापा
      व्याख्या: पिताजी जिनको बुढ़ापा एक क्षण भी नहीं व्यापा
    4. (ख) क्योंकि वह निरक्षर है
      व्याख्या: क्योंकि वह निरक्षर है
    5. (क) सावन की बरसात में
      व्याख्या: सावन की बरसात में
  1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (3 X 2 = 6 अंक)
    1. कबीरदास कहते हैं कि ईश्वर एक है और उसका कोई निश्चित रूप या आकार नहीं है। वह सर्वव्यापी है। अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए उन्होंने कई तर्क दिए हैं; जैसे-संसार में एक जैसी हवा बहती है, एक जैसा पानी है तथा एक ही प्रकार का प्रकाश सबके अंदर समाया हुआ है। यहाँ तक कि एक ही प्रकार की मिट्टी से कुम्हार अलग-अलग प्रकार के बर्तन बनाता है। कबीरदास आगे कहते हैं  कि बढ़ई लकड़ी को काटकर अलग कर सकता है परंतु आग को नहीं। यानी मूलभूत तत्वों (धरती, आसमान, जल, आग, और हवा) को छोड़कर शेष सबको काट कर आप अलग कर सकते हो। इसी तरह से शरीर नष्ट हो जाता है किंतु आत्मा सदैव बनी रहती। आत्मा परमात्मा का ही अंश है जो अलग-अलग रूपों में सबमें समाया हुआ है। अतः ईश्वर एक है उसके रूप अनेक हो सकते हैं।
    2. गाँधी जी का प्रसंग साक्षरता के सिलसिले में आया है। गाँधी जी की इच्छा थी कि सभी लोग पढ़ना-लिखना सीखें। गाँवों में गाँधी जी का अच्छा प्रभाव है। कवि इसी प्रभाव के जरिए चंपा को पढ़ने के लिए तैयार करना चाहता था। इस कारण गाँधी जी का प्रसंग आया।
    3. दिल का भोलापन सच्चाई और ईमानदारी के लिए जरूरी है, परंतु हर समय भोलापन ठीक नहीं होता। भोलेपन का फायदा उठाने वालों के साथ अक्खड़पन दिखाना भी जरूरी है। अपनी बात को मनवाने के लिए अकड़ भी होनी चाहिए। साथ ही कर्म करने की प्रवृत्ति भी आवश्यक है। अतः कवयित्री भोलेपन, अक्खड़पन व जुझारूपन-तीनों गुणों को बचाने की आवश्यकता पर बल देती है।
  2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (2 X 2 = 4 अंक)
    1. यह कविता पंजाबी भाषा से अनूदित है। इस कविता में कवि समाज में बढ़ती जा रही उस खौफनाक स्थिति की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करना चाहता है,जिसमें नृशंसता और  क्रूरता बढ़ती चली जा रही है। जहाँ प्रतिकूलता से जूझने के संकल्प क्षीण पड़ते जा रहे हैं। पथरायी आँखों-सी तटस्थता से कवि की असहमति है। कवि इस प्रतिकूलता की तरफ विशेष संकेत करता है जहाँ आत्मा के सवाल बेमानी हो जाते हैं। जड़ स्थितियों को बदलने की प्यास के मर जाने और बेहतर भविष्य के सपनों के गुम हो जाने को कवि सबसे खतरनाक स्थिति मानता है।
      • भाव सौंदर्य- इस पद में मीरा की भक्ति अपनी चरम सीमा पर है। मीरा ने अपने आँसुओं के जल से सींचकर- सींचकर कृष्ण रूपी प्रेम की बेल बोई है और अब उस प्रेमरूपी बेल में फल आने शुरू हो गए हैं अर्थात् मीरा को अब आनंदाभूति होने लगी है।
        शिल्प सौंदर्य- राजस्थानी मिश्रित व्रजभाषा में सुंदर अभिव्यक्ति है।

        • प्रेमबेलि, आणंद फल, अंसुवन जल में साँगरूपक अलंकार का प्रयोग हैं।
        • ‘सींचि- सींचि’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
        • बेलि बोयी- गेयता है, अनुप्रास अलंकार है।
        • संगीतात्मकता है।
    2. मानव जीवन अत्यंत दुर्लभ है इसमें लोभ ,मोह ,काम ,क्रोध ,मद ,ईष्या नींद आदि अनेकों विकार होते है। जिससे हम ईश्वर प्राप्ति की ओर नहीं बढ़ पाते। इसलिए इन्हें शांत करना आवश्यक है।
    1. (ग) अपनी हिरासत की बात सुन कर
      व्याख्या: अपनी हिरासत की बात सुन कर
    2. (घ) किसी की कठोर बातें सुनना
      व्याख्या: किसी की कठोर बातें सुनना
    3. (घ) जमादार
      व्याख्या: जमादार
    4. (क) वंशीधर के बारे में
      व्याख्या: वंशीधर के बारे में
    5. (ग) आदर
      व्याख्या: आदर
  3. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (3 X 2 = 6 अंक)
    1. पैसों के अभाव में  शूटिंग छः महीने बाद की गयी। जब तक ‘भूलो’ कुत्ते की मृत्यु हो गई थी। अतः उसके स्थान पर उसके जैसे दिखने वाले कुत्ते को लाया गया। उसके द्वारा शूटिंग पूरी हुई। इस कुत्ते द्वारा गमले में फैंका गया भात खाने का दृश्य था। यह दृश्य दूसरे कुत्ते से करवाया गया था।
    2. नेहरू जी लोगों को बताते थे कि तुम ही भारत माता के अंश हो। एक तरह से तुम ही भारत माता हो। तुम्हारी भी जय हो। यह बात जब उनकी समझ में आ जाती थी तो उनकी आँखों में चमक आ जाती थी। उन्हें लगता था मानो उन्होंने कोई खोज कर ली हो।
    3. रजनी संपादक को ट्यूशन की समस्या बताती है तथा उसे अखबार में छापने का आग्रह करती है। वह उनसे कहती है कि 25 तारीख की पेरेंट्स मीटिंग की खबर भी प्रकाशित करने के लिए भी कहती है। इससे सब लोगों तक खबर पहुँच जाएगी क्योंकि व्यक्तिगत तौर पर वह कम लोगों से संपर्क कर पाई थी।
  4. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (2 X 2 = 4 अंक)
    1. मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा इसलिए कहा गया है क्योंकि वे मसीही अंदाज में रोटी पकाने की कला का बखान करते हैं। वे छप्पन तरह की रोटियाँ बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। वे खानदानी नानबाई हैं। उनका खानदान वर्षों से इस काम में लगा हुआ है। वे रोटी बनाने को कला मानते हैं तथा स्वयं को उस्ताद कहते हैं। उनका बातचीत करने का ढंग भी महान कलाकारों जैसा है। अन्य नानबाई सिर्फ रोटी पकाते हैं। वे नया कुछ नहीं कर पाते।
    2. लॉर्ड कर्जन स्वयं को निरंकुश, सर्वशक्ति संपन्न मान बैठा था। भारतीय जनता उसकी मनमानी सह रही थी। अचानक गुस्साए लार्ड का इस्तीफा मंजूर हो गया और उसे जाना पड़ा। यहाँ लेखक कहना चाहते हैं कि लॉर्ड कर्जन और भारतीय जनता के बीच एक तीसरी शक्ति अर्थात् ब्रिटिश सरकार है जिस पर न तो लॉर्ड कर्जन का नियंत्रण है और न ही भारत के निवासियों का ही नियंत्रण है। इंग्लैंड की महारानी का शासन न तो कर्जन की बात सुनता है और न ही कर्जन के खिलाफ भारतीय जनता की गुहार सुनता है। उस पर इस निरंकुश का अंकुश भी नहीं चलता।
    3. गलता लोहा पाठ समाज की दशा हमारे सामने लाता है, किस  प्रकार एक मेधावी छात्र की जिंदगी लोगों के उसके प्रति हीन भावना के कारण बरबाद हो जाती है , पढने के लिए शहर गया छात्र घरेलू नौकर बनके रह जाता है। जीवन में इतना कुछ सहने के बाद उसके अंदर की कला निखर कर आती है। जैसे लोहा तपने के बाद आकार लेता है, मोहन भी जीवन में कठिनाईयाँ सहकर निखर कर सामने आता है।
  5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (5 X 2 = 10 अंक)
    1. लता मंगेशकर को बेजोड़ गायिका कहने के कारण निम्नलिखित है-
      1. उनकी सुरीली आवाज़ जो ईश्वर की देन तो है ही, पर स्वयं लता जी ने उसे बहुत त्याग करके निखारा है।
      2. उनके गायन में जो ‘गानपन’ है वैसा किसी अन्य में नहीं मिलता। लता जी जैसा गायक शताब्दियों में कोई ही पैदा होता है।
      3. उच्चारण में शुद्धता और नाद का जैसा संगम है, जैसी भावों में निर्मलता है, उसने लता जी को सभी अन्य गायिकाओं से अलग बना दिया है।
    2. कुंई जनसंपर्क स्थापित करने का काम करती हैं। कुंई की खुदाई करनेवाला चेलवांजी (चेजारो) तो जिस परिवार के लिए कुंई बनाता है। उसका माननीय सदस्य बन जाता है, क्योंकि रेतीले मरुस्थल में जल सबसे कीमती अमृत माना जाता है। अतः चेजारो जलदाता है। उसका मान अन्नदाता से भी ऊपर है। केवल कुंई बनाने तक ही नहीं, उसे सदा के लिए तीजत्योहार, शादी-ब्याह में बुलाया जाता है। और आदर के साथ भेंट दी जाती है। फ़सल के समय खलिहानों में भी उनके नाम का ढेर अलग से लगाया जाता है। चेजारो के अतिरिक्त कुंई सामान्य जनों को भी एक समान धरातल पर लाती है। निजी होने पर भी कुंई एक सार्वजनिक स्थान पर बनाई जाती है।
      वहाँ अनेक कुंई होती हैं और पानी लेने का समय एक ही होता है। उसी समय गाँव में मेला-सा लगता है। सभी घिरनियाँ एक साथ घूमती हैं। लोग एक-दूसरे से मिलते हैं। जल लेने के साथ-साथ सामाजिक जुड़ाव भी होता है। निजी होकर भी सार्वजनिक स्थान पर बनी कुइयाँ समाज को जल के नाम पर ही सही, समानता के धरातल पर ले आती हैं। अतः कुंई को सामाजिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, कलात्मक एवं पारंपरिक जल संसाधन कहा जा सकता है। ये सामाजिक संबंधों की सूत्रधारिणी हैं।
    3. बेबी के जीवन में तातुश  का आना एक सौभाग्य की बात हैं। तातुश जैसे लोग सबको नहीं मिलते। यदि वे बेबी के जीवन में न आते तो बेबी  को सही दिशा निर्देश नहीं मिलता और वह स्वयं कभी अपनी क्षमता को पहचान न पाती। उसी गलीच माहौल में बेबी नरक भोगती रहती, घर-घर झाड़-बरतन करती घूमती रहती। जो लोग उसे बुरी नजर से देखते थे उनका शिकार हो जाती। उसके बच्चे कभी स्कूल का मुँह न देख पाते और शायद उससे सदा के लिए बिछुड़ जाते। उसका बड़ा बेटा कहाँ काम कर रहा है, यह तातुश ही तो खोज लाए थे। वह भी घृणास्पद अज्ञात कुचक्र के-से जीवन में कहीं खोकर रह जाती। हमें आत्मकथा पढ़ने का अवसर न मिल पाता।

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