Class 6 Hindi Model Paper (80 Marks)

CBSE Class 6 Hindi Model Paper for 80 marks is here. It is based on the NCERT textbook Malhar (मल्हार). The model question papers include all types of questions such as multiple choice questions, subjective questions, case study questions and extract-based questions.

Download as PDF

Class 6 Hindi Model Paper

अधिकतम अंक: 80
निर्धारित समय: 3 hours


सामान्य निर्देश:

  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • कुछ प्रश्नों में आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
  • प्रश्नों के उत्तर यथासंभव क्रम से लिखें।

  1. खंड – क अपठित बोध

  2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
    कोयल काली है पर
    मीठी है इसकी बोली
    इसने ही तो कूक-कूक कर
    आमों में मिश्री घोली
    कोयल-कोयल सच बतलाना
    क्या संदेसा लाई हो
    बहुत दिनों के बाद आज फिर
    इस डाली पर आई हो
    क्या गाती हो किसे बुलाती
    बतला दो कोयल रानी
    प्यासी धरती देख माँगती
    हो क्या मेघों से पानी?
    कोयल यह मिठास क्या तुमने
    अपनी माँ से पाई है?
    माँ ने ही क्या तुमको मीठी
    बोली यह सिखलायी है?
    डाल-डाल पर उड़ना गाना
    जिसने तुम्हें सिखाया है।
    सबसे मीठे-मीठे बोलो
    यह भी तुम्हें बताया है
    बहुत भली हो तुमने माँ की
    बात सदा ही है मानी
    इसीलिए तो तुम कहलाती हो
    सब चिड़ियों की रानी

    1. इस कविता में कोयल का वर्णन किस रूप में किया गया है?
    (क) रंगीन और तेज
    (ख) काली और मीठी बोली वाली
    (ग) बड़ी और शोर मचाने वाली
    (घ) छोटी और चंचल

    2. कोयल की कूक-कूक कर आमों में क्या करने की क्षमता का वर्णन किया गया है?
    (क) मिश्री घोलना
    (ख) आम तोड़ना
    (ग) पेड़ काटना
    (घ) गीत सुनाना

    3. कविता में कोयल की मीठी बोली सीखने का श्रेय किसे दिया गया है?
    (क) अपने गुरु को
    (ख) अपनी माँ को
    (ग) अन्य चिड़ियों को
    (घ) प्रकृति को

    4. कोयल की बोली और उसके व्यवहार से हमें क्या सीख मिलती है?

    5. कविता में कोयल को “सब चिड़ियों की रानी” क्यों कहा गया है?

  3. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए: 
    समाज की सेवा अपनी सेवा है। हम समाज से अलग नहीं हैं। समाज को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है। संगति का प्रभाव मनुष्य पर बहुत ज्यादा पड़ता है। बुरे आदमी की संगति में हम अच्छे नहीं रह सकते। जब परिवार के सदस्य दुःख से कराहते हों तब हम हँस नहीं सकते। अगर हमें अपने आपको सुखी रखना है तो अपने परिवार और पड़ोस को भी सुखी रखना पड़ेगा। परिवार और पड़ोस भी उसी समाज के अंग हैं जिसके हम सदस्य हैं। कुछ लोगों को यह शिकायत रहती है कि समय की कमी के कारण वे समाज की सेवा करने में असमर्थ हैं। यह शिकायत निराधार है । आपका पड़ोसी बुखार से तप रहा है और आप फिल्मी गानों का आनन्द ले रहे हों यह कदापि उचित नहीं है। आपका कर्त्तव्य है कि उस पड़ोसी के कष्ट को दूर करने के लिए आपसे जो भी बन सके, अवश्य करें।

    1. समाज की सेवा क्यों महत्वपूर्ण है?
      (क) क्योंकि यह हमें प्रसिद्धि दिलाती है
      (ख) क्योंकि समाज से अलग रहकर अच्छा जीवन नहीं जी सकते
      (ग) क्योंकि यह केवल नेताओं का कर्तव्य है
      (घ) क्योंकि यह मनोरंजन का साधन है
    2. संगति का मनुष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
      (क) कोई प्रभाव नहीं
      (ख) बुरे आदमी की संगति में अच्छे नहीं रह सकते
      (ग) सभी संगति समान होती है
      (घ) केवल परिवार पर प्रभाव पड़ता है
    3. समाज की सेवा करने में समय न होने की शिकायत क्यों निराधार है?
      (क) क्योंकि समाज सेवा केवल पैसे से होती है
      (ख) क्योंकि पड़ोसी की सहायता तुरंत की जा सकती है
      (ग) क्योंकि फिल्में समय बर्बाद करती हैं
      (घ) क्योंकि परिवार में ही सुख मिल जाता है
    4. समाज और परिवार में सुख बनाए रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
    5. इस गद्यांश से हमें समाज सेवा और कर्तव्य के संबंध में क्या शिक्षा मिलती है?
  4. खंड – ख व्यावहारिक व्याकरण

  5. व्याकरण आधारित निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं 16 के उत्तर दीजिए।
    1. तलवे चाटना – मुहावरे का उचित अर्थ चुनो।

      क) भेद खुलना

      ख) खुशी में रोना

      ग) चापलूसी करना

      घ) नष्ट भ्रष्ट करना

    2. अभिनेता का स्त्रीलिंग है-

      क) अभनैती

      ख) अभिनेती

      ग) अभिनीत

      घ) अभिनेत्री

    3. सार्वजानिक विशेषण का दूसरा नाम इनमें से कौन-सा हैं?

      क) संकेतवाचक विशेषण

      ख) गुणवाचक विशेषण

      ग) परिमाणवाचक विशेषण

      घ) संख्यावाचक विशेषण

    4. निम्नलिखित में से शुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए-
      कवित्री, कवियत्री, कवयित्री, कवियित्री

      क) कवियत्री

      ख) कवित्री

      ग) कवयित्री

      घ) कवियित्री

    5. किन वर्णों के उच्चारण में दीर्घ स्वर से अधिक समय लगता है?

      क) ह्रस्व स्वर

      ख) दीर्घ स्वर

      ग) संयुक्त स्वर

      घ) प्लुत स्वर

    6. दिए गए वाक्यांश के लिए एक शब्द चुनिए- जो बहुत बोलता हो

      क) वाचाल

      ख) मितभाषी

      ग) मधुरभाषी

      घ) अल्पभाषी

    7. वर्ण के कितने प्रकार होते है?

      क) दो

      ख) पाँच

      ग) चार

      घ) तीन

    8. पूर्ण विराम (।) का प्रयोग इनमे से कहाँ नहीं होता है?

      क) विधिवाक्य वाक्य

      ख) आज्ञावाचक वाक्य

      ग) प्रश्नवाचक वाक्य

      घ) संकेतवाचक वाक्य

    9. चराचर का संधि-विच्छेद होगा

      क) चर + आचर

      ख) चरा + अचर

      ग) चर + अचर

      घ) चार + अचर

    10. चिरायु शब्द में किस उपसर्ग का प्रयोग हुआ है?

      क) चिरा

      ख) चि

      ग) चिर्

      घ) चर

    11. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
      1. भाग्य
      2. महान
    12. निम्नलिखित शब्दों के लिए दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-
      1. तलवार
      2. सेना
    13. अक्ल का दुश्मन मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
    14. निम्नलिखित रेखांकित शब्दों के लिंग बदलकर वाक्य दोबारा लिखिए-
      1. अनेक अभिनेत्री कार्यक्रम में शामिल हुईं।
      2. आज गिरीश लड़के के साथ घूमने गया है।
    15. गुणवाचक विशेषण किसे कहते है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
    16. भेद खुलना मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
    17. भारत में सर्वाधिक लोगों द्वारा कौन सी भाषा बोली जाती है?
    18. निम्नलिखित वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखिए-
      1. अच्छे चरित्र वाला
      2. व्याकरण का ज्ञाता
    19. निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए-
      1. प्रतीक्षा
      2. वसंत
    20. निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए-
      1. हस्ताक्षर
      2. त्रिकोण
  6. खंड – ग पाठ्य पुस्तक
  7. पठित बोध पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    1. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
      रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।
      जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि।।
      तरुवर फल नहिं खात हैं सरवर पियहिं न पान।
      कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान।।
      रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय।
      टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।

      प्रश्न:

      1. रहीम ने किस वस्तु को छोटे कार्यों के महत्व से जोड़ा है? (1)
        क) तलवार
        ख) सुई
        ग) धन
        घ) पानी
      2. तरुवर अपने ________ स्वयं नहीं खाते। (1)
      3. प्रेम के धागे को लेकर रहीम क्या शिक्षा देते हैं? (1)
      4. रहीम ने बड़े और छोटे के महत्व पर क्या विचार व्यक्त किए हैं? (2)
    2. “मॉरिशस द्वीप भूमध्य रेखा से कोई बीस डिग्री दक्खिन और देशांतर रेखा 60 के बिल्कुल पास, किंतु उससे पच्छिम की ओर बसा हुआ है। मॉरिशस की लंबाई 29 मील और चौड़ाई कोई 30 मील है। वैसे पूरे मॉरिशस द्वीप का रकबा 720 वर्गमील आँका जाता है। यह द्वीप हिंद महासागर का मोती है, भारत-समुद्र का सबसे खूबसूरत सितारा है। मॉरिशस वह देश है, जिसका कोई भी हिस्सा समुद्र से पंद्रह मील से ज्यादा दूर नहीं है। मॉरिशस वह देश है, जहाँ की जनसंख्या के 67 प्रतिशत लोग भारतीय खानदान के हैं तथा जहाँ 53 प्रतिशत लोग हिंदू हैं। मॉरिशस वह देश है, जिसकी राजधानी पोर्टलुई की गलियों के नाम कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद और बम्बई हैं तथा जिसके एक पूरे मोहल्ले का नाम काशी है। मॉरिशस वह देश है, जहाँ बनारस भी है, गोकुल भी है और ब्रह्मस्थान भी। मॉरिशस वह देश है, जहाँ माध्यमिक स्कूलों को कॉलेज कहने का रिवाज़ है।”

      प्रश्न:

      1. मॉरिशस का कुल क्षेत्रफल कितना है? (1)
        क. 320 वर्ग मील
        ख. 520 वर्ग मील
        ग. 720 वर्ग मील
        घ. 920 वर्ग मील
      2. मॉरिशस की राजधानी ________ है। (1)
      3. मॉरिशस में भारतीयता के किन प्रतीकों का उल्लेख मिलता है? (1)
      4. मॉरिशस को ‘छोटा-सा हिंदुस्तान’ कहे जाने के पीछे कौन-कौन से कारण हैं? (2)
  8. पाठ्य पुस्तक मल्हार पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं पाँच के उत्तर 30-40 शब्दों में दीजिए।
    1. गंगा यमुना त्रिवेणी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है?
    2. कविता में हवा का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया है?
    3. श्रीकृष्ण भोर होते ही कहाँ भेजे गए और वहाँ उनका क्या कार्य था?
    4. किसान की गाड़ी कीचड़ में क्यों फँस गई थी, और युवक ने कैसे मदद की?
    5. लेखक ने पेड़ की जड़ और तने की दिशा को आश्चर्यजनक क्यों कहा है?
    6. मेजर ध्यानचंद का खेल के प्रति दृष्टिकोण कैसा था?
  9. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर 50-60 शब्दों में दीजिये:
    1. धरती के नवजीवन की प्रक्रिया को कविता में कैसे वर्णित किया गया है?
    2. कविता ‘जलाते चलो’ में कवि ने दीप जलाने को किस प्रकार जीवन की प्रेरणा से जोड़ा है?
    3. एंजेला के लिए असम यात्रा एक शैक्षिक अनुभव कैसे साबित हुई?
    4. लेखक ने मॉरिशस में मंदिरों और शिवालयों की स्वच्छता और सुरम्यता का वर्णन किया। इस अनुभव से भारतीय संस्कृति के संरक्षण का क्या संदेश मिलता है?
  10. खंड – घ रचनात्मक लेखन

  11. बढ़ती हुई महँगाई के विषय में पूनम और कुसुम के बीच होने वाले संवाद को लिखिए।

    अथवा

    लाइब्रेरी की पुस्तकों को लेकर दो अध्यापिकाओं के बीच होने वाले संवाद को लिखिए।

  12. विज्ञान-वरदान या अभिशाप विषय पर अनुच्छेद लिखिए।

    अथवा

    लालच बुरी बला विषय पर अनुच्छेद लिखिए।

  13. जैसी करनी वैसी भरनी विषय पर एक लघुकथा लिखिए।

    अथवा

    घमण्डी खरगोश विषय पर एक लघु कथा लिखिए।

  14. अपने भाई की शादी का निमंत्रण देने हेतु मित्र को पत्र लिखिए।

    अथवा

    अपने विद्यालय की प्रधानाचार्या को छात्रवृत्ति के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।

Class 6 हिंदी (मल्हार) Model Paper Solution

Solution to the model question paper of class 6 Hindi Malhar is available here. If you want to download it as a PDF, visit https://mycbseguide.com or the myCBSEguide app. We have many such model question papers there for download as PDF. Here, you are getting the Class 6 Hindi Model Paper with the solution. We also have model papers for English, Maths, Science and Social Science. You can access them on the myCBSEguide app.


खंड – क अपठित बोध

    1. (ख) काली और मीठी बोली वाली
    2. (क) मिश्री घोलना
    3. (ख) अपनी माँ को
    4. कोयल की मीठी बोली और मधुर व्यवहार हमें सिखाते हैं कि हमें भी दूसरों के साथ प्रेम और नम्रता से व्यवहार करना चाहिए। मीठा बोलना और दूसरों को प्रसन्न करना जीवन में सद्गुणों का परिचायक है।
    5. कोयल अपनी मीठी बोली और मधुर गीतों के कारण सभी चिड़ियों में लोकप्रिय है। यही कारण है कि उसे “सब चिड़ियों की रानी” कहा गया है।
    6. (ख) क्योंकि समाज से अलग रहकर अच्छा जीवन नहीं जी सकते
    7. (ख) बुरे आदमी की संगति में अच्छे नहीं रह सकते
    8. (ख) क्योंकि पड़ोसी की सहायता तुरंत की जा सकती है
    9. समाज और परिवार में सुख बनाए रखने के लिए हमें अपने परिवार और पड़ोस के सुख-दुःख का ध्यान रखना चाहिए। जब हम दूसरों के कष्ट कम करने का प्रयास करते हैं, तभी हमारा और समाज का जीवन सुखी बनता है।
    10. इस गद्यांश से शिक्षा मिलती है कि समाज सेवा केवल कर्तव्य है और इसे समय या सुविधा पर निर्भर नहीं होना चाहिए। हम जितना दूसरों की भलाई के लिए प्रयास करेंगे, समाज उतना ही बेहतर और संतुलित बनेगा।
  1. खंड – ख व्यावहारिक व्याकरण

  2. व्याकरण आधारित निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं 16 के उत्तर दीजिए।
    1. (ग) चापलूसी करना

      व्याख्या: वाक्य- सफल लोगों के आस-पास तलवे चाटने वालों की भीड़ लगी रहती है।

    2. (घ) अभिनेत्री

      व्याख्या: अभिनेत्री

    3. (क) संकेतवाचक विशेषण

      व्याख्या: संकेतवाचक विशेषण

    4. (ग) कवयित्री

      व्याख्या: कवयित्री

    5. (क) ह्रस्व स्वर

      व्याख्या: ह्रस्व स्वर

    6. (क) वाचाल

      व्याख्या: बहुत बोलनेवाले को वाचाल कहते हैं।

    7. (क) दो

      व्याख्या: दो

    8. (ग) प्रश्नवाचक वाक्य

      व्याख्या: प्रश्नवाचक वाक्य

    9. (ग) चर + अचर

      व्याख्या: चर + अचर

    10. (ग) चिर्

      व्याख्या: चिर् (उपसर्ग शब्द) + आयु (मूल शब्द) = चिरायु

      1. अभाग्य
      2. तुच्छ
      3. कृपाण, खड्ग
      4. कटक, दल
    11. अक्ल का दुश्मन – (एकदम मूर्ख) अक्ल के दुश्मन व्यक्ति कभी अपना भला नहीं कर सकते।
      1. अनेक अभिनेता कार्यक्रम में शामिल हुए।
      2. आज गिरीश लड़की के साथ घूमने गया है।
    12. जो विशेषण शब्द अपने विशेष्य के गुण, दोष, आकार, दशा, स्वाद, काल, आकार, गंध,अवस्था आदि को बताते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं। उदाहरण- टोकरी में ताजे फल रखे हैं।
    13. भेद खुलना – (रहस्य मालूम होना) दीपक तस्करी का काम करता है, यह भेद खुलते ही उसकी गर्दन झुक गई।
    14. हिन्दी (देवनागरी लिपि)
      1. सच्चरित्र
      2. वैयाकरण
      3. प् + र् + अ + त् + ई + क् + ष् + आ
      4. व् + अ + स् + न् + अ + त् + अ
      5. ह् + अ + स् + त् + आ + क् + ष् + अ + र् + अ
      6. त् + र् + इ + क् + ओ + ण् + अ
  3. खंड – ग पाठ्य पुस्तक

  4. पठित बोध पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
      1. ख) सुई
      2. फल
      3. रहीम कहते हैं कि प्रेम का धागा कभी तोड़ना नहीं चाहिए। यदि यह टूट जाए तो जोड़ने पर उसमें गाँठ पड़ जाती है और वह पहले जैसा सहज नहीं रहता।
      4. रहीम का कहना है कि हमें बड़े का आदर करना चाहिए, पर छोटे को तुच्छ नहीं समझना चाहिए। छोटे कार्यों का भी विशेष महत्व होता है। जैसे सिलाई में सुई काम आती है, तलवार नहीं। इस प्रकार हर व्यक्ति और कार्य की अपनी उपयोगिता है।
      5. ग. 720 वर्ग मील
      6. पोर्टलुई
      7. वहाँ की गलियों और मोहल्लों के नाम भारतीय शहरों जैसे कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद, बम्बई और काशी पर रखे गए हैं। साथ ही बनारस, गोकुल और ब्रह्मस्थान जैसे नाम भी भारतीयता को प्रकट करते हैं।
      8. मॉरिशस की 67% आबादी भारतीय मूल की है और 53% हिंदू हैं। राजधानी की गलियों और मोहल्लों के नाम भारतीय स्थलों से जुड़े हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों ने मॉरिशस को ‘छोटा-सा हिंदुस्तान’ बना दिया है।
  5. पाठ्य पुस्तक मल्हार पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं पाँच के उत्तर 30-40 शब्दों में दीजिए।
    1. गंगा यमुना त्रिवेणी का धार्मिक महत्व अत्यंत है, क्योंकि यह तीन नदियों का संगम स्थल है। यहाँ लोग स्नान करके पवित्रता प्राप्त करते हैं और यह हिन्दू धर्म में विशेष स्थान रखता है।
    2. हवा का प्रयोग चेतक की गति को दर्शाने के लिए किया गया है। उसकी चाल हवा से भी तेज़ थी, जिससे उसकी शक्ति और गति का अभूतपूर्व रूप प्रकट होता है।
    3. श्रीकृष्ण को भोर होते ही गाय चराने के लिए मधुबन भेजा गया। वहाँ वे दिनभर ग्वाल-बालों के साथ बंसीवट में घूमते और खेलते रहे। संध्या होते ही वे घर लौटे।
    4. गाड़ी का बोझ अधिक था और बैल कमजोर थे, जिससे गाड़ी कीचड़ में फँस गई। युवक ने अपनी शक्ति और साहस से गाड़ी को बाहर निकाला।
    5. चाहे पौधे को जिस भी स्थिति में रखा जाए, जड़ हमेशा नीचे की ओर जाती है और तना ऊपर की ओर। यहाँ तक कि गमला उल्टा कर देने पर भी जड़ और तना अपनी-अपनी दिशा बदल लेते हैं। यह तथ्य पौधों की प्राकृतिक प्रवृत्ति और जीवन शक्ति को दर्शाता है।
    6. मेजर ध्यानचंद का खेल के प्रति दृष्टिकोण अत्यंत सकारात्मक और खेल भावना से भरपूर था। वे अपने साथी खिलाड़ियों को गोल करने का मौका देते थे और मानते थे कि हार या जीत पूरे देश की होती है, न कि केवल एक व्यक्ति की।
  6. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर 50-60 शब्दों में दीजिये:
    1. कविता में धरती के नवजीवन की प्रक्रिया को बहुत ही सुंदरता से वर्णित किया गया है। पहली बूँद के गिरते ही धरती के सूखे अधरों पर अमृत-सी आकर गिरी और हरी दूब पुलकित होकर मुसकाई। बादल नगाड़े बजाकर धरती की तरुणाई को जगा रहे थे और जलधर करुणा-विगलित अश्रु बहाकर धरती की चिर-प्यास बुझा रहे थे। इससे धरती नवजीवन से भर जाती है और शस्य-श्यामला बनकर पुनः हरियाली से लहलहा उठती है। इस प्रकार, पहली बूँद के गिरते ही धरती पर नवजीवन और ताजगी लौट आती है और उसकी हरियाली फिर से जीवित हो उठती है।
    2. कविता जलाते चलो में कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी ने दीप को केवल रोशनी का साधन नहीं माना, बल्कि उसे आशा, प्रेम और निरंतर प्रयास का प्रतीक बताया है। कवि कहते हैं कि अंधकार जीवन की कठिनाइयों और निराशा का प्रतीक है, जबकि दीप उम्मीद और सकारात्मक सोच का प्रतीक है। जब हम स्नेह और प्रेम से दीप जलाते हैं, तो वह न केवल हमें मार्ग दिखाता है, बल्कि समाज को भी उजाला देता है। कवि का संदेश है कि चाहे कितनी भी बाधाएँ आएँ, हमें लगातार दीप जलाते रहना चाहिए। यही निरंतरता एक दिन अंधकार को समाप्त कर देती है। कविता हमें यह प्रेरणा देती है कि छोटे-छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।
    3. एंजेला के लिए असम यात्रा एक अत्यधिक शैक्षिक अनुभव साबित हुई। इस यात्रा के दौरान उसने न केवल असम की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को देखा और समझा, बल्कि विभिन्न नृत्य रूपों, विशेषकर बिहू और सत्रिया नृत्य, के बारे में भी सीखा। उसने असमिया भाषा के कुछ शब्द सीखे और स्थानीय लोगों के जीवन और परंपराओं को नजदीक से देखा। अनु के साथ उसकी दोस्ती ने उसे भारतीय ग्रामीण जीवन के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया। इस यात्रा ने एंजेला की सांस्कृतिक समझ को गहरा किया और उसे वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान किया। उसने लंदन लौटकर अपने सहपाठियों और शिक्षकों के साथ इस अनुभव को साझा किया, जिससे उसकी ज्ञानवृद्धि हुई और उसे एक नया दृष्टिकोण मिला।
    4. लेखक ने मॉरिशस में देखा कि मंदिर और शिवालय अत्यंत स्वच्छ, सुंदर और सुरम्य थे। वहाँ लोग पूजा-पाठ बड़े अनुशासन और श्रद्धा के साथ करते हैं। इससे यह संदेश मिलता है कि धार्मिक स्थान केवल आस्था का केंद्र नहीं होते, बल्कि समाज के अनुशासन, संस्कृति और जीवन मूल्यों के प्रतीक भी होते हैं। मॉरिशस के भारतीय मूल के लोग अपने छोटे-से देश में भी भारतीय संस्कृति की परंपरा को बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। स्वच्छता, संगठन और भक्ति ने यह सिद्ध कर दिया कि संस्कृति केवल धार्मिक कर्मकांड से नहीं चलती, बल्कि अनुशासन और जीवनशैली से जीवंत रहती है। लेखक को यह देखकर प्रेरणा मिली कि यदि विदेश में बसे भारतीय अपने मंदिरों को इतना स्वच्छ और अनुशासित रख सकते हैं, तो भारत में भी यह आदर्श अपनाया जा सकता है।
  7. खंड – घ रचनात्मक लेखन

  8. पूनम -अरे कुसुम! क्या तुमने आज का अखबार पढ़ा?
    कुसुम – हाँ, बढ़ती महँगाई ने तो आम आदमी का जीना हराम कर दिया है। रोज़ कमाकर खाने वाले लोगों का तो बहुत ही बुरा हाल है।
    पूनम – अरे! तुमने पढ़ा, दूध की कीमत में और ऑटोरिक्शा के किराए में कितनी बढ़ोतरी हो गई।
    कुसुम – हाँ , पढ़ा , सरकार आम जनता को मूर्ख समझती है। पेट्रोल के दाम घटाकर रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ा दिए।
    पूनम – सही बात है। बेचारे गरीब बच्चों का क्या होगा। जो थोड़ा-बहुत दूध उन्हें नसीब होता था, अब तो वह भी मिलने से रहा।
    कुसुम – जब भी महँगाई बढ़ती है उसका दुष्प्रभाव  निम्नवर्ग व मध्यमवर्ग पर पड़ता है। अमीर लोगों पर तो वैसे भी इसका असर नहीं होता। उनकी बला से महँगाई बढ़े चाहे घटे।
    पूनम – नहीं, ऐसी बात नहीं है। असर उन पर भी होता है पर आय अधिक होने से उन पर महँगाई की मार का असर उतना नहीं होता जितना गरीबों पर होता है।
    कुसुम – ऑटोवाले पहले भी मनमानी करते थे, अब भी करेंगे। सरकार को तो कुछ सोचना चाहिए। रोजमर्रा की चीजों के दाम ज्यादा नहीं बढ़ाने चाहिए।
    पूनम – हाँ, मैं तुम्हारी बात से बिलकुल सहमत हूँ। एक ओर तो  सरकार गरीबी हटाओ के नारे लगाती है और दूसरी ओर महँगाई बढ़ाती है, ऐसे में आम जनता करे भी तो क्या।
    कुसुम – हालत यही रही तो आम आदमी का रहना ही मुश्किल हो जाएगा। बेचारा कैसे अपना घर चला पायेगा।
    पूनम – हाँ, बिलकुल सही कह रही हो। सरकार को इस ओर कोई कदम उठाना चाहिए। अब चलती हूँ । बच्चों की बस का समय हो गया है।
    कुसुम – ठीक है। मैं भी चलती हूँ। मेरे बच्चे भी स्कूल से आने ही वाले हैं।


    अथवा

    प्रियंका – अरे चंचल! तुम,  क्या बात है आज  बहुत दिनों बाद लाइब्रेरी में आना हुआ।
    चंचल – क्या करूँ। प्रथम इकाई परीक्षा प्रश्न पत्र बनाने में इतनी व्यस्त थी कि यहाँ आने का समय ही नहीं मिला।
    प्रियंका – तुम्हारे पास हिंदी की कक्षा नौवीं व दसवीं की दो किताबें थीं। यदि तुम्हारा काम हो गया हो तो उन्हें वापिस कर देना।
    चंचल – हाँ, मैंने नौवीं की पुस्तकें में से जो नोट करना था सो कर लिया, बस एक-दो दिन में लौटा दूँगी।
    प्रियंका – अच्छा ठीक है। पर कोशिश करना, थोड़ा जल्दी लौटा देना।
    चंचल – नौवीं वाली पुस्तक तो मैं सोमवार तक ही दे पाऊँगी।
    प्रियंका – चंचल! ठीक है, अच्छा, लाइब्रेरी में हिंदी व्याकरण की नई पुस्तकें आई हैं। जब भी तुम्हारे पास समय हो तो देख लेना। पुस्तकें अच्छी हैं और उनमें बड़ी ही सरलता से सब कुछ समझाया गया है।
    चंचल – प्रियंका, बहुत अच्छा किया, मुझे व्याकरण की एक किताब चाहिए थी। क्या मैं यह वाली किताब दो-तीन दिन के लिए ले जा सकती हूँ।
    प्रियंका – मैं पहले इन पुस्तकों की जानकारी रजिस्टर में दर्ज कर लूँ  फिर तुम ले लेना।
    चंचल – ठीक है! मेरा सातवाँ कालांश किसी भी कक्षा में नहीं है। क्या उस समय तुम इस पुस्तक को मुझे दे दोगी ?
    प्रियंका – हाँ, तुम उस समय आकर वह किताब ले जाना।
    चंचल- ठीक है, अभी चलती हूँ , मुझे कक्षा दस में जाना है। मैं सातवें कालांश में आकर तुमसे मिलती हूँ।
    प्रियंका- ठीक है, तब तक मैं तुम्हारी पुस्तक को रजिस्टर में दर्ज करती हूँ।

  9. विज्ञानं-वरदान या अभिशाप

    विज्ञान-वरदान या अभिशाप आज का युग विज्ञान का युग है। ‘विज्ञान’ का अर्थ है-विशेष ज्ञान। विज्ञान के इस युग में अनेक क्रांतिकारी परिवर्तन और अनेक नए-नए आविष्कार हुए हैं। भाप से चलने वाले इंजन के स्थान पर विद्युत परिचालित रेल तथा मेट्रो आज देश की शान हैं।कंप्यूटर की शिक्षा अब मानो अनिवार्य शिक्षा हो गई है। बिना कंप्यूटर-ज्ञान के आज के मानव का जीवन पंगु हो गया है। बैंकों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों के अतिरिक्त वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, इंजीनियरों, शिक्षाविदों, व्यापारी वर्ग द्वारा भी कंप्यूटर का अधिकाधिक उपयोग किया जाता है। इलेक्टॉनिक मीडिया से आशय रेडियो, टेलीविजन, वीडियो आदि माध्यमों से है। इसके अतिरिक्त अस्त्र-शस्त्र बनाने में भी विज्ञानं उपयोग होता है।
    अत: आज की आवश्यकता इन समस्त वैज्ञानिक उपकरणों के समुचित एवं संतुलित प्रयोग की है, तभी हमारा समाज संदर बन सकेगा एवं मानव-जीवन सफल होगा।


    अथवा

    लालच बुरी बला

    लालच को मनुष्य की उन दुष्प्रवृत्तियों में गिना गया है जिसके कारण मनुष्य का सामाजिक और नैतिक अद्यः पतन होता है। दूसरे की वस्तुओं के प्रति आकर्षण और उन वस्तुओं को प्राप्त करने की इच्छा ही लालच है। लालच में फँसकर व्यक्ति एक के बाद एक अपराध करता जाता है और अपने सुखमय जीवन को संकटमय बना डालता है। अपनी लालची आदतों के कारण मनुष्य लगातार गलतियाँ करता जाता है। हमारे समाज में आज जितने अपराध देखने को मिलते हैं, उनकी जड़ में लालच का भाव ही है। लालच असंतोष का कारण है। प्रत्येक व्यक्ति को यह प्रयास करना चाहिए कि वह लालच से बचा रहे। चाहे वह लालच बड़ी वस्तु के लिए हो या छोटी वस्तु के लिए। लोभ पाप का मूल है और पाप मनुष्य को पतन की ओर ले जाता है। लालची को अपनी करनी पर पछताना पड़ता है। जिस प्रकार एक कुत्ता पानी में अपनी ही छाया को दूसरा कुत्ता समझकर उसके मुँह से रोटी छीनने के प्रयास में वह अपनी ही रोटी गँवा बैठा था, उसी प्रकार कभी-कभी लोभ में व्यक्ति अपना सब कुछ गँवा बैठता है। अतः मनुष्य को लोभ से बचना चाहिए।

  10. जैसी करनी वैसी भरनी

    ये उस समय की बात है जब मैं आठवीं कक्षा में पढ़ता था। मैं औसत वाला लड़का था। मेरी कक्षा में एक और लड़का था, जो पूरे स्कूल में अव्वल आता था। सारे शिक्षक भी उसकी तारीफ करते रहते थे। उसके प्रति मेरे मन में ईर्ष्या की भावना रहती थी। मैं ऐसे मौके की तलाश में रहता था, जब मैं उसे नीचा दिखा सकूँ। बहुत जल्द ही वो मौका मेरे सामने आ गया। हमारे स्कूल में एक परीक्षा का आयोजन हुआ, इसमें उत्तीर्ण होने वालों को सम्मानित किया जाता और आगे की पढ़ाई के लिए छात्रवृति मिलने वाली थी। मेरी चालाकी से उसके पास से नकल करने का कुछ सामान हमारे शिक्षक को मिल गया और उसे परीक्षा से बर्खास्त कर दिया गया। वहाँ पर तो मैं उत्तीर्ण हो गया, लेकिन बहुत जल्द ही मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ। जब आगे की परीक्षा में मैं उत्तीर्ण नहीं हो पाया और मुझे उससे बाहर कर दिया गया। तब मुझे ये समझ में आ गया कि हम दूसरों के साथ जैसा करते हैं, हमारे साथ भी वैसा ही होता है।


    अथवा

    किसी नदी में मंदबुद्धि नामक एक कछुआ रहता था। एक दिन वह तट पर लेट कर धूप का आनन्द ले रहा था कि तभी एक खरगोश उसके पास आया। दोनों आपस में बातचीत करने लगे। बातों-बातों में दौड़ की बाजी लग गई। दौड़ लगाने के लिए अगले दिन सूर्योदय का समय निर्धारित किया गया। उन्हें दौड़ लगाकर गाँव के बाहर बने एक कुएँ तक पहुँचना था। अगले दिन निश्चित समय पर दौड़ आरम्भ हुई। खरगोश छलांगें लगाता हुआ तेज गति से आगे बढ़ गया और कछुआ अपनी धीमी गति से चलता चला गया। कुछ ही देर के बाद खरगोश ने पीछे मुड़कर देखा तो उसे कछुआ कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। उसने सोचा कि वह धीमी चाल से चलने वाला कछुआ उसका क्या मुकाबला करेगा, क्यों न वह थोड़ी देर घने पेड़ की छाया में विश्राम कर ले। यह सोचकर वह लेट गया और जल्दी ही गहरी नींद में चला गया।
    मंदबुद्धि कछुआ निरन्तर चलता-चलता जब वहाँ पहुँचा तो उसने खरगोश को गहरी नींद में सोते हुए पाया। कछुआ उसे उसी स्थिति में छोड़कर आगे बढ़ गया। दोपहर बीतने पर खरगोश की आँख खुली तो वह घबराकर सरपट कुएँ की ओर दौड़ा। जब वह गाँव के बाहर निश्चित स्थान पर पहुँचा, तो उसने वहाँ कछुए को विश्राम करते हुए पाया। वह दौड़ हार चुका था। उससे थोड़ी दूरी पर एक लोमड़ी बैठी थी। खरगोश ने पूछा, “लोमड़ी मौसी! मैं कछुए से तेज दौड़ा फिर भी हार गया।” लोमड़ी ने उत्तर देते हुए कहा-हाँ, खरगोश भाँजे! तुम्हारा घमण्ड तुम्हें ले डूबा। तुमने पहले आराम किया और बाद में काम के बारे में सोचा; जबकि मंदबुद्धि कछुआ निरंतर अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ता गया। इसलिए वह दौड़ जीत गया।
    सीख- हमें कभी घमण्ड नहीं करना चाहिए क्योंकि घमण्डी का सिर नीचा होता ही है।

  11. मकान नं. 108
    सैक्टर-13, रघुवीर नगर
    पानीपत।
    दिनांक- 01 अक्टूबर, 2019
    प्रिय मित्र विनोद सप्रेम।
    मैं आशा करता हूँ कि तुम और तुम्हारा परिवार सकुशल होंगे। मैं इस पत्र में तुम्हें यह बताना चाहता हूँ कि मेरे अग्रज की शादी 01 नवम्बर, 2019 की तय हुई है। सभी कार्यक्रम 31 अक्टूबर, 2016 से आरंभ हो जाएंगे। निमंत्रण पत्र तुम्हें दो-चार दिन में डाक द्वारा मिल जाएगा। मैं और मेरे माता-पिता चाहते हैं कि तुम और तुम्हारा पूरा परिवार इस सुअवसर पर हमारे घर पधारे। मैं आशा करता हूँ कि तुम लोग 30 अक्टूबर, 2016 तक अवश्य पहुँच जाओगे। तुम्हारे आने पर मेरी खुशी दुगुनी हो जाएगी और हम मिलकर खूब मस्ती भी करेंगे। अपने माता-पिता को मेरी ओर से प्रणाम कहना और दीपिका को प्यार देना।
    तुम्हारा अभिन्न मित्र
    सचिन


    अथवा

    सेवा में,
    प्रधानाचार्या जी
    डीप परमार्थ स्कूल
    गुडगाँव , हरयाणा।
    महोदया, आपने प्रार्थना सभा में घोषणा की थी कि परीक्षाओं में अस्सी प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाएंगी।
    मैंने इस बार कक्षा 5 की परीक्षा में 85 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। अध्ययन के साथ-साथ मैंने कई प्रतियोगिताओं में भी पुरस्कार प्राप्त किये हैं। मैं विद्यालय की हॉकी टीम का कप्तान भी हूँ। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण छात्रवृत्ति मेरे लिए गई है। यदि आर्थिक संकट की समस्या हल न हुई तो मुझे विवश होकर पढ़ाई बंद करनी पड़ेगी।
    आशा है आप मेरी योग्यता व विवशता को ध्यान में रखते हुए छात्रवृत्ति प्रदान करेंगी।
    सधन्यवाद!
    आपका आज्ञाकारी शिष्य
    गिरीश कुमार
    कक्षा-6 (अ)
    दिनांक-……..

Class 6 Hindi Model Paper as PDF

We are providing Class 6 Hindi Model Papers in PDF format on the myCBSEguide app and website to help students prepare effectively for their exams. These model papers are designed according to the latest CBSE syllabus and exam pattern, giving students the right guidance for both half-yearly and annual exams. By downloading the Class 6 Hindi Model Paper PDF from myCBSEguide, students can easily practice important questions anytime and anywhere. These papers help improve writing skills, boost confidence, and ensure thorough preparation, making them an essential study resource for every Class 6 student.

myCBSEguide App

Test Generator

Create question paper PDF and online tests with your own name & logo in minutes.

Create Now
myCBSEguide App

Learn8 App

Practice unlimited questions for Entrance tests & government job exams at ₹99 only

Install Now