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CBSE Question Paper 2013 Class 12 Hindi Core

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CBSE Question Paper 2013 Class 12 Hindi Core conducted by Central Board of Secondary Education, New Delhi in the month of March 2013. CBSE previous year question papers with the solution are available in myCBSEguide mobile app and website. The Best CBSE App for students and teachers is myCBSEguide which provides complete study material and practice papers to CBSE schools in India and abroad.

CBSE Question Paper 2013 Class 12 Hindi Core

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CBSE Question Paper 2013 Class 12 Hindi CoreCBSE Question Paper 2013 Class 12 Hindi Core


निर्देश:

  • कृपया जाँच कर लें कि इस प्रश्न-पत्र में मुद्रित पृष्ठ 8 हैं।
  • कृपया जाँच कर लें कि इस प्रश्न-पत्र में 14 प्रश्न हैं।
  • कृपया प्रश्न का उत्तर लिखना शुरू करने से पहले, प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।

खण्ड-‘क’

1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए (1×5=5)

खुल कर चलते डर लगता है

बातें करते डर लगता है

क्योंकि शहर बेहद छोटा है।

ऊँचे हैं, लेकिन खजूर से

मुँह है इसीलिए कहते हैं,

जहाँ बुराई फूले-पनपे-

वहाँ तटस्थ बने रहते हैं,

नियम और सिद्धान्त बहुत

दंगों से परिभाषित होते हैं-

जो कहने की बात नहीं है,

वही यहाँ दुहराई जाती,

जिनके उजले हाथ नहीं हैं,

उनकी महिमा गाई जाती

यहाँ ज्ञान पर, प्रतिभा पर,

अवसर का अंकुश बहुत कड़ा है-

सब अपने धन्धे में रत हैं

यहाँ न्याय की बात गलत है-

क्योंकि शहर बेहद छोटा है।

बुद्धि यहाँ पानी भरती है,

सीधापन भूखों मरता है-

उसकी बड़ी प्रतिष्ठा है,

जो सारे काम गलत करता है।

यहाँ मान के नाप-तौल की,

इकाई कंचन है, धन है-

कोई सच के नहीं साथ है

यहाँ भलाई बुरी बात है

क्योंकि शहर बेहद छोटा है।

(क) कवि शहर को छोटा कहकर किस ‘छोटेपन’ को अभिव्यक्त करना चाहता है?

(ख) इस शहर के लोगों की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

(ग) आशय समझाइए:

बुद्धि यहाँ पानी भरती है,

सीधापन भूखों मरता है-

(घ) इस शहर में असामाजिक तत्व और धनिक क्या-क्या प्राप्त करते हैं?

(ङ) ‘जिनके उजले हाथ नहीं हैं’ – कथन में हाथ उजले न होना से कवि का क्या आशय है?

2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

मृत्युंजय और संघमित्र की मित्रता पाटलिपुत्र के जन-जन की जानी बात थी। मृत्युंजय जन-जन द्वारा ‘धन्वन्तरि’ की उपाधि से विभूषित वैद्य थे और संघमित्र समस्त उपाधियों से विमुक्त ‘भिक्षु’। मृत्युंजय चरक और सुश्रुत को समर्पित थे तो संघमित्र बुद्ध के संघ और धर्म को। प्रथम का जीवन की सम्पन्नता और दीर्घायुष्य में विश्वास था तो द्वितीय का जीवन के निराकरण और निर्वाण में। दोनों ही दो विपरीत तटों के समान थे, फिर भी उनके मध्य बहने वाली स्नेह-सरिता उन्हें अभिन्न बनाए रखती थी। यह आश्चर्य है. जीवन के उपासक वैद्यराज को उस निर्वाण के लोभी के बिना चैन ही नहीं था, पर यह परम आश्चर्य था कि समस्त रोगों को मलों की तरह त्यागने में विश्वास रखने वाला भिक्षु भी वैद्यराज के मोह में फँस अपने निर्वाण को कठिन से कठिनतर बना रहा था।

वैद्यराज अपनी वार्ता में संघमित्र से कहते – निर्वाण (मोक्ष) का अर्थ है आत्मा की मृत्यु पर विजय। संघमित्र हँसकर कहते – देह द्वारा मृत्यु पर विजय मोक्ष नहीं है। देह तो अपने आप में व्याधि है। तुम देह की व्याधियों को दूर करके कष्टों से छुटकारा नहीं दिलाते, बल्कि कष्टों के लिए अधिक सुयोग जुटाते हो। देह व्याधि से मुक्ति तो भगवान की शरण में है। वैद्यराज ने कहा -मैं तो देह को भगवान के समीप जीते जी बने रहने का माध्यम मानता हूँ। पर दृष्टियों का यह विरोध उनकी मित्रता के मार्ग में कभी बाधक नहीं हुआ। दोनों अपने कोमल हास और मोहक स्वर से अपने-अपने विचारों को प्रस्तुत करते रहते।

(क) मृत्युंजय कौन थे? उनकी विचारधारा क्या थी? (2)

(ख) जीवन के प्रति संघमित्र की दृष्टि को समझाइए। (2)

(ग) लक्ष्य-भिन्नता होते हुए भी दोनों की गहन निकटता का क्या कारण था? (1)

(घ) दोनों को दो विपरीत तट क्यों कहा है? (2)

(ङ) देह के विषय में संघमित्र ने किस बात पर बल दिया है? (1)

(च) देह-व्याधि के निराकरण के बारे में संघमित्र की अवधारणा के विषय में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए। (2)

(छ) विचारों की भिन्नता विपरीतता के होते हुए भी दोनों के संबन्धों की मोहकता और मधुरता क्या संदेश देती है? (2)

(ज) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक सुझाइए। (1)

(झ) उपसर्ग और प्रत्यय अलग कीजिए-

समर्पित अथवा विभूषित (1)

(ञ) रचना की दृष्टि से वाक्य का प्रकार बताइए: (1)

‘प्रथम का जीवन की सम्पन्नता और दीर्घायुष्य में विश्वास था तो द्वितीय का जीवन के निराकरण और निर्वाण में।‘

खण्ड-‘ख’

3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए: (5)

(क) मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

(ख) भारत में लोकतंत्र का स्वरूप

(ग) मोबाइल की अपरिहार्यता

(घ) आतंकवाद के बढ़ते चरण

4. दूरदर्शन पर ‘वयस्क फिल्में’ दिखाने के पक्ष या विपक्ष में अपने विचार प्रकट करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए। (5)

अथवा

सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध नियम के उल्लंघन को लेकर अपने राज्य के पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखिए।

5. (क) निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दीजिए: (1×5=5)

(i) खोजपरक पत्रकारिता किसे कहा जाता है?

(ii) प्रमुख जनसंचार माध्यम कौन से हैं?

(iii) एंकर-बाइट किसे कहते हैं?

(iv) समाचार लेखन के छह ककारों के नाम लिखिए।

(v) विशेष लेखन क्या है?

(ख) ‘प्रान्तीयता का फैलता हुआ विष’ अथवा ‘बड़े शहरों में जीवन की चुनौतियाँ’ विषय पर एक आलेख लिखिए। (5)

6. ‘भ्रष्टाचार की बढ़ती हुई घटनाएँ’ अथवा ‘कन्या-भ्रूण हत्या की समस्या’ विषय पर एक फ़ीचर का आलेख लिखिए। (5)

7. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (2×4=8)

मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,

मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ,

जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते,

मैं अपने मन का गान किया करता हूँ।

मैं निज उर के उद्गार लिए फिरता हूँ,

मैं निज उर के उपहार लिए फिरता हूँ,

है यह अपूर्ण संसार न मुझको भाता

मैं स्वप्नों का संसार लिए फिरता हूँ।

(क) कवि ने स्नेह को सुरा क्यों कहा है? संसार के प्रति उसके नकारात्मक दृष्टिकोण का क्या कारण है?

(ख) संसार किनकी महत्व देता है? कवि को वह महत्व क्यों नहीं दिया जाता?

(ग) ‘उद्गार और ‘उपहार कवि को क्यों प्रिय हैं?

(घ) आशय स्पष्ट कीजिए:

है यह अपूर्ण संसार न मुझको भाता

मैं स्वप्नों का संसार लिए फिरता हूँ।

अथवा

आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी

हाथों में झुलाती है उसे गोद-भरी

रह-रह के हवा में जो लोका देती है

गूँज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हँसी

नहला के छलके-छलके निर्मल जल से

उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके

किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को

जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती कपड़े।

(क) ‘चाँद का टुकड़ा’ कौन है? इस बिम्ब के प्रयोगगत भावों में क्या विशेषता है?

(ख) बच्चे को लेकर माँ के किन क्रियाकलापों का चित्रण किया गया है? उनसे उसके किस भाव की अभिव्यक्ति हो रही है?

(ग) ‘किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को’ में अभिव्यक्त बच्चे के चेष्टाजन्य सौन्दर्य की विशेषता को स्पष्ट कीजिए।

(घ) माँ और बच्चे के स्नेह संबंधों पर टिप्पणी कीजिए।

8. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (2×3=6)

भरत बाहु बल सील गुन प्रभु पद प्रीति अपार।

मन महुँ जात सराहत पुनि-पुनि पवनकुमार।।

(क) अनुप्रास अलंकार के दो उदाहरण चुनकर लिखिए।

(ख) कविता के भाषिक सौन्दर्य पर टिप्पणी कीजिए।

(ग) काव्यांश के भाव-वैशिष्ट्य को स्पष्ट कीजिए।

अथवा

सबसे तेज बौछारें गई भादों गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए
घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए
पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुण्ड को

(क) शरत्कालीन सुबह की उपमा किससे दी गई है? क्यों?

(ख) मानवीकरण अलंकार किस पंक्ति में प्रयुक्त हुआ है? उसका सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

(ग) शरद ऋतु के आगमन वाले बिम्ब का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

9. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (3+3=6)

(क) ‘कविता के बहाने’ के आधार पर कविता के असीमित अस्तित्व को स्पष्ट कीजिए।

(ख) ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता के प्रतिपाद्य के विषय में अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत कीजिए।

(ग) ‘धृत कहौ _________’ छंद के आधार पर तुलसीदास के भक्त हृदय की विशेषता पर टिप्पणी कीजिए।

10. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (2×4=8)

सेवक-धर्म में हनुमान जी से स्पद्ध करने वाली भक्तिन किसी अंजना की पुत्री न होकर एक अनामधन्या गोपालिका की कन्या है – नाम है लछिमन अर्थात लक्ष्मी। पर जैसे मेरे नाम की विशालता मेरे लिए दुर्वह है, वैसे ही लक्ष्मी की समृद्धि भक्तिन के कपाल की कुंचित रेखाओं में नहीं बैंध सकी। वैसे तो जीवन में प्रायः सभी को अपने-अपने नाम का विरोधाभास लेकर जीना पड़ता है पर भक्तिन बहुत समझदार है, क्योंकि वह अपना समृद्धिसूचक नाम किसी को बताती नहीं।

(क) भक्तिन के संदर्भ में हनुमान जी का उल्लेख क्यों हुआ है?

(ख) भक्तिन के नाम और उसके जीवन में क्या विरोधाभास था?

(ग) ‘जीवन में प्रायः सभी को अपने-अपने नाम का विरोधाभास लेकर जीना पड़ता है’- अपने आस-पास के जगत से उदाहरण देकर प्रस्तुत कथन की पुष्टि कीजिए।

(घ) लेखिका ने भक्तिन को समझदार क्यों माना है?

अथवा

उस बल को नाम जो दो, पर वह निश्चय उस तल की वस्तु नहीं है जहाँ पर संसारी वैभव फलता-फूलता है। वह कुछ अपर जाति का तत्व है। लोग स्पिरिचुअल कहते हैं; आत्मिक धार्मिक, नैतिक कहते हैं। मुझे योग्यता नहीं कि मैं उन शब्दों में अंतर देखें और प्रतिपादन करूँ। मुझे शब्द से सरोकार नहीं। मैं विद्वान नहीं कि शब्दों पर अटकूँ। लेकिन इतना तो है कि जहाँ तृष्णा है, बटोर रखने की स्पृहा है, वहाँ उस बल का बीज नहीं है। बल्कि यदि उस बल को सच्चा बल मानकर बात की जाए तो कहना होगा कि संचय की तृष्णा और वैभव की चाह में व्यक्ति की निर्बलता ही प्रभावित होती है। निर्बल ही धन की ओर झुकता है। वह अबलता है।

(क) लेखक किस बल की बात कर रहा है? वह बल कहाँ फलता-फूलता है?

(ख) क्या उस बल को आप नैतिक बल कह सकते हैं? तर्क के आधार पर अपने मत की पुष्टि कीजिए।

(ग) ‘बटोर रखने की स्पृहा’ से आप क्या समझते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।

(घ) ‘निर्बल ही धन की ओर झुकता है’ – आशय समझाइए।

11. निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (3×4=12)

(क) ‘काले मेघा पानी दे’ संस्मरण विज्ञान के सत्य पर सहज प्रेम की विजय का चित्र प्रस्तुत करता है – स्पष्ट कीजिए।

(ख) पहलवान की ढोलक की उठती-गिरती आवाज़ बीमारी से दम तोड़ रहे ग्रामवासियों में संजीवनी का संचार कैसे करती है? उत्तर दीजिए।

(ग) ‘चार्ली की फिल्में भावनाओं पर टिकी हुई हैं, बुद्धि पर नहीं’ – ‘चार्ली चैप्लिन यानी हम सब’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

(घ) भीमराव आंबेडकर के मत में दासता की व्यापक परिभाषा क्या है? समझाइए।

(ङ) नमक की पुड़िया को लेकर सफिया के मन में क्या द्वन्द्व था? सफिया के भाई ने नमक ले जाने के लिए मना क्यों कर दिया था?

12. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

(क) यशोधर बाबू ऐसा क्यों सोचते हैं कि वे भी किशनदा की तरह घर-गृहस्थी का बवाल न पालते तो अच्छा था? (2)

(ख) कैसे कहा जा सकता है कि मुअनजो-दड़ो शहर ताम्रकाल के शहरों में सबसे बड़ा और उत्कृष्ट है? (3)

13. ‘मैं जिस चीज़ की भत्सना करती हूँ वह है हमारे मूल्यों की प्रथा और ऐसे व्यक्तियों की मैं भत्सना करती हूँ जो यह मानने को तैयार ही नहीं होते कि समाज में औरतों का योगदान कितना महान है।‘ ऐन फ्रेंक के उक्त कथन के आलोक में उत्तर दीजिए:

(क) भारतीय नारी-जीवन के संदर्भ में उन जीवन-मूल्यों का उल्लेख कीजिए जो हमें सहज ही प्राप्त होते हैं। (3)

(ख) पुरुष समाज नारी के योगदान को महत्व क्यों नहीं देता? अपने विचार लिखिए। (2)

14. सिन्धु घटी के लोगों में कला या सुरुचि का महत्व अधिक था-उदहारण देकर स्पष्ट कीजिए। (5)

अथवा

‘जूझ’ के कथानायक का मुन पाठशाला जाने के लिए क्यों तड़पता था? उसे खेती का कम अच्छा क्यों नहीं लगता था? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।

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