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CBSE Question Paper 2011 Class 10 Hindi B

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Question Paper 2011 Class 10 Hindi B

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CBSE Question Paper 2011 Class 10 Hindi B

CBSE Question Paper 2011 Class 10 Hindi B

निधारित समय : 3 घटे अधिकतम अंक : 100

निर्देश :

(i) इस प्रश्नपत्र के चार खण्ड हैं – ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ और ‘घ’।

(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।

(iii) यथासंभव प्रश्नों के उपभागों के उत्तर क्रमशः लिखिए।


खंड ‘क’

1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों से सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए : 1×5=5

भिक्षाटन की समस्या का निदान यद्यपि सरलता से प्राप्त नहीं होगा तथापि उसका निवारण अनिवार्य है। इसके लिए कानूनी रोक के साथ-साथ दूसरे उपाय भी करने पड़ेंगे। इस दिशा में सरकार और समाज दोनों को समान रूप में सचेष्ट होना पड़ेगा। कानून बना देना आसान है किन्तु इससे समस्या हल नहीं होगी। निराश्रित असहाय भिक्षुकों की आजीविका का प्रबंध भी करना होगा। देशभर में, विशेषतः महानगरों और तीर्थस्थलों में, भिक्षुकों के लिए ऐसे आवासगृह बनाने होंगे जहाँ वे रोटी और कपड़ा हासिल कर सकेंगे। स्वस्थ शारीरिक एवं मानसिक क्षमताशील लोगों के लिए औद्योगिक शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी पड़ेगी ताकि प्रशिक्षितों को यथाशीघ्र जीविकोपार्जन का सुयोग प्राप्त हो सके। प्रशिक्षितों के लिए आवास-निवास और आजीविका का प्रबंध करना पड़ेगा। देश की बेकारी दूर करने के लिए वृहद् योजना के आधार पर कार्य करना होगा ताकि बेकारी का यह सामाजिक-आर्थिक रोग सदा के लिए समाप्त हो जाय। कानून द्वारा रोक लगा देने पर छदम्वेशी तत्वों का अंत आसानी से हो जाएगा तथा इन्हें भी ईमानदारी और परिश्रम की जिंदगी बितानी पड़ेगी।

(क) भिक्षाटन की समस्या को रोकने के लिए किसे प्रयास करना होगा?

(i) सरकार और समाज को

(ii) उद्योगपतियों को

(iii) भीख देने वालों को

(iv) भीख माँगने वालों को

(ख) भिक्षाटन रोकने के साथ-साथ क्या करना अपेक्षित है?

(i) भिक्षाटन करने वालों को सज़ा

(ii) भिक्षुकों की आजीविका का प्रबंध

(iii) भिक्षा देने वालों पर रोक

(iv) भिक्षुकों को निःशुल्क भोजन

(ग) स्वस्थ भिक्षुकों के लिए क्या व्यवस्था चाहिए?

(i) समाज सेवा का प्रशिक्षण

(ii) रहने के लिए घरों का निर्माण

(iii) नौकरी की व्यवस्था

(iv) औद्योगिक प्रशिक्षण की व्यवस्था

(घ) भिक्षावृत्ति में लगे लोग देश की किस समस्या का परिणाम हैं?

(i) गरीबी

(ii) बेरोज़गारी

(iii) अशिक्षा

(iv) सामाजिक भेदभाव

(ङ) भिक्षावृत्ति पर रोक का कानून बना देने से ही समस्या हल क्यों नहीं होगी :

(i) लोग कानून की परवाह नहीं करेंगे

(ii) उनकी बेरोज़गारी बनी रहेगी

(iii) वे छिपकर भीख माँगेंगे

(iv) कानून लागू करना असंभव होगा

2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों से सही उत्तरों वाले विकल्प चुनकर लिखिए :(5)
नेहरू जी ने न केवल भारत, वरन् किन्हीं अर्थों में विश्व के राष्ट्रों को भी नेतृत्व प्रदान किया और युद्ध के भय से आतंकित विश्व को शांति का संदेश दिया। विश्व के बड़े से बड़े राष्ट्र उनके असाधारण व्यक्तित्व से प्रभावित थे। उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री की हैसियत से अनेक राष्ट्रों की यात्राएँ कीं। विदेशों में उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ। विश्व के राजनीतिक दलदल से जिस कौशल के साथ भारत को बचाया उसे देखकर उनकी गणना विश्व के महान् राजनीतिज्ञों में होने लगी। अनेक कमज़ोर राष्ट्रों के लिए वे मसीहा बन गए।

विश्वशांति के गंभीर प्रयासों के कारण उन्हें शांतिदूत कहा जाने लगा। बांडुग सम्मेलन में पंचशील के माध्यम से शांति और मानवता का जो आदर्श नेहरूजी ने प्रतिष्ठित किया वह आज भी विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। समस्त विकासशील देशों के लिए वह संजीवनी शाक्ति बन गया। भारत-सोवियत मैत्री जवाहरलाल जी की देन है जो भारत के नव-निर्माण और विश्वशांति की आधारशिला बनी।
नेहरू के जीवनकाल में भारत को कश्मीर समस्या तथा चीनी आक्रमण के संकट झेलने पड़े, जिनका समाधान आज भी पूर्णतः नहीं हो पाया है। लोकतांत्रिक भारत में नेहरू के बाद अनेक सरकारें आई और गई, पर नेहरू के द्वारा अपनाई गई विदेश नीति ही सामान्यतः हमारी मार्गदर्शक रही।

(क) नेहरू की गणना विश्व के महान् राजनीतिज्ञों में होने लगी, क्योंकि

(i) वे भारत के प्रधान मंत्री थे

(ii) उन्होंने भारत को राजनीतिक दलदल में नहीं पड़ने दिया

(iii) उन्होंने शांति का संदेश दिया

(iv) उन्होंने अनेक देशों की यात्राएँ कीं

(ख) नेहरू को शांतिदूत क्यों कहा जाता था?

(i) उन्होंने ही शांति का प्रचार किया

(ii) वे महात्मा गांधी के अनुयायी थे

(iii) उन्होंने विश्वशांति के गंभीर प्रयास किए

(iv) वे कमज़ोर राष्ट्रों के मसीहा माने जाते थे

(ग) नेहरू किस समस्या का समाधान नहीं ढूँढ़ पाए?

(i) विश्वशांति की समस्या

(ii) राजनीतिक दलदल से भारत को बचाने की समस्या

(iii) भारत-सोवियत मैत्री निभाने की समस्या

(iv) कश्मीर की समस्या

(घ) ‘लोकतांत्रिक भारत’ का अर्थ है :

(i) भारत में प्रत्येक पाँच वर्षों में चुनाव होते हैं

(ii) भारतीय अपने प्रतिनिधि चुनकर सरकार बनाते हैं

(iii) भारत में तांत्रिक लोग अंधविश्वास फैला रहे हैं

(iv) जनता ने नेहरू जैसे व्यक्ति को प्रधान मंत्री चुना

(ङ) नेहरू ने शांति का संदेश किसे दिया?

(i) भारतीयों को

(ii) विदेशियों को

(iii) पाक और चीन को

(iv) संपूर्ण विश्व को

उत्तर-    (क) (ii)

(ख) (iii)

(ग) (iv)

(घ) (ii)

(ङ) (iv)

3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों से सही उत्तरों वाले विकल्प चुनकर लिखिए : 1×5=5

जय-जय प्यारा, जग से न्यारा
शोभित सारा, देश हमारा,

जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा –
जग सौभाग्य सुदेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
स्वर्गिक शीश-फूल पृथ्वी का,
प्रेम-मूल, प्रिय सकल विश्व का,

सुललित प्रकृति नटी का टीका –
ज्यों निशि का राकेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
कलरव-निरत कलोलिनि गंगा,
विविध वेश, भाषा हैं संगा,

इंद्रधनुष-सा रंग-बिरंगा –
तेज-पुंज तपवेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
जागृत कोटि-कोटि जुग जीवे,
जीवन सुलभ अमी रस पीवे,

सुखद वितान सुकृत का सीवे-
रहे स्वतंत्र हमेश! जय-जय प्यारा भारत देश!

(क) काव्यांश में ‘जगदीश दुलारा’ का क्या भाव है?

(i) ईश्वर की रचना

(ii) ईश्वर के रहने का स्थान

(iii) ईश्वर का बेटा

(iv) ईश्वर को प्रिय

(ख) भारत को इंद्र धनुष-सा रंग-बिरंगा कहा है, क्योंकि :

(i) यहाँ की धरती हरी-भरी रहती है

(ii) यहाँ इंद्र धनुष दिखाई पड़ते हैं

(iii) यहाँ अनेक रंगों के रत्न और खनिज मिलते हैं

(iv) यहाँ अनेक प्रकार की वेश-भूषाएँ और भाषाएँ हैं

(ग) किस पंक्ति में भारत को पृथ्वी का चंद्रमा कहा गया है?

(i) स्वर्गिक शीश फूल पृथ्वी का

(ii) सुललित प्रकृति-नटी का टीका

(iii) ज्यों निशि का राकेश

(iv) प्रेम-मूल प्रिय लोकत्रयी का

(घ) कवि ने ‘कलरव निरत’ विशेषण का प्रयोग किसके लिए किया है?

(i) गंगा के लिए

(ii) पक्षियों के लिए

(iii) नदियों के लिए

(iv) हिमालय की चोटियों के लिए

(ङ) कवि ने भारत के लिए कामना की है कि वह सदा-

(i) सुखी रहे

(ii) स्वतंत्र रहे

(iii) धनी रहे

(iv) बना रहे

4. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों से सही उत्तरों वाले विकल्प चुनकर लिखिए : 1×5=5

हमें चाहिए सुख न तनिक भी, दुख ही दुख ये प्राण सहें,
व्यथित हृदय में बस करुणा के, भाव-स्रोत ही सदा बहें।

घृणा नहीं हो हमें किसी से, सभी जनों से प्यार रहे,

कोलाहल-विहीन नित अपना सूना ही संसार रहे।

यदि जग हमसे रहे रुष्ट भी तो भी हमें न रोष रहे,

हो न महत्व-मनोरथ मन में, लघुता में संतोष रहे।

परम तृषाकुल इन नयनों में, पावन प्रेम-प्रवाह रहे,

केवल यही चाह है उर में, कभी न कोई चाह रहे।

कोई भी विपत्ति आ जाए, हृदय कभी भयभीत न हो,

कोई भी जीवन का संकट, संकट हमें प्रतीत न हो।

चाहे इस संसार-समर में, कभी हमारी जीत न हो,

किन्तु हृदय से दूर हमारे, यह जीवन-संगीत न हो।

(क) काव्यांश में दुख की चाह क्यों की गई है?

(i) दुख के बाद सुख मिलेगा

(ii) कोई उसे सुख नहीं देना चाहता

(iii) दूसरों के दुःख बाँटे जा सकेंगे

(iv) उसके व्यथित हृदय में करुणा की धारा बहेगी

(ख) ‘कोलाहल-विहीन’ का क्या तात्पर्य है?

(i) शोर नहीं हो

(ii) झगड़ा-झंझट न हो

(iii) शांति बनी रहे

(iv) सूनापन रहे

(ग) मन में महत्व पाने की इच्छा क्यों नहीं है?

(i) उसके पास बहुत अधिक धन है

(ii) वह बहुत विद्वान है

(iii) उसे लघुता में ही संतोष है

(iv) वह किसी की बराबरी नहीं करना चाहता

(घ) काव्यांश में ‘संकट हमें प्रतीत न हो’ क्यों कहा गया है?

(i) हममें संकट सहने की क्षमता है

(ii) हमारे हृदय में कोई भय नहीं है

(iii) हम बहुत संतोषी और उत्साही हैं

(iv) हम संकटों से घिरे हैं

(ङ) काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा :

(i) दुःख की कामना

(ii) प्यार की कामना

(iii) संकट की कामना

(iv) हमारी कामना

खंड ख

5. (i) “वे इस मास के अंत तक गाँव से वापस आएँगे।“ उक्त वाक्य में रेखांकित पदबंध है : (1)

(क) संज्ञा

(ख) विशेषण

(ग) क्रियाविशेषण

(घ) क्रिया

(ii) ‘तुम रोज टहलने जाते हो – में रेखांकित का पद-परिचय है : (1)

(क) सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्य पुरुष, एकवचन, स्त्रीलिंग

(ख) सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तमपुरुष, एकवचन, पुल्लिंग

(ग) सर्वनाम, पुरुषवाचक, प्रथमपुरुष, बहुवचन, पुल्लिंग

(घ) सर्वनाम, पुरुषवाचक, मध्यमपुरुष, एकवचन, पुल्लिंग

(iii) “इस विद्यालय का सर्वाधिक बुद्धिमान विद्यार्थी आज नहीं आया।” उक्त वाक्य में संज्ञा पदबंध है : (1)

(क) इस विद्यालय का

(ख) सर्वाधिक बुद्धिमान

(ग) सर्वाधिक बुद्धिमान विद्यार्थी

(घ) इस विद्यालय का सर्वाधिक बुद्धिमान विद्यार्थी

(iv) ‘मोहन ने आज एक कविता पढ़ी’ वाक्य में रेखांकित का पद-परिचय है : (1)

(क) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन

(ख) संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन

(ग) संज्ञा, भाववाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन

(घ) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन

6. (i) “बादल घिरे हैं और बिजली चमक रही है।” रचना की दृष्टि से वाक्य का भेद है: (1)

(क) मिश्र वाक्य

(ख) संयुक्त वाक्य

(ग) जटिल वाक्य

(घ) सरल वाक्य

(ii) निम्नलिखित में संयुक्त वाक्य है : (1)

(क) परिश्रमी व्यक्ति सफलता प्राप्त करते हैं।

(ख) जो परिश्रम करते हैं वे सफलता प्राप्त करते हैं।

(ग) व्यक्ति परिश्रम करते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं।

(घ) परिश्रम से सफलता प्राप्त करते हैं।

(iii) निम्नलिखित में मिश्र वाक्य है : (1)

(क) अयोध्या के राजा बड़े प्रतापी थे।

(ख) जो अयोध्या के राजा थे, वे बड़े प्रतापी थे।

(ग) वे अयोध्या के राजा थे और बड़े प्रतापी थे

(घ) वे अयोध्या के राजा थे, इसलिए बड़े प्रतापी थे।

(iv) “मैं पुस्तकालय जाता हूँ। विज्ञान की किताबें पढ़ता हूँ।” इन वाक्यों से बना मिश्र वाक्य है : (1)

(क) जब मैं पुस्तकालय जाता हूँ तो विज्ञान की किताबें पढ़ता हूँ।

(ख) मैं पुस्तकालय जाता हूँ, विज्ञान की किताबें पढ़ता हूँ।

(ग) मैं पुस्तकालय जाता हूँ और विज्ञान की किताबें पढ़ता हूँ।

(घ) मैं पुस्तकालय जाकर विज्ञान की किताबें पढ़ता हूँ।

7. (i) ‘अल्पाहार’ का संधि-विच्छेद है : (1)

(क) अल्पा + हार

(ख) अल्प + आहार

(ग) अल्पा + अहार

(घ) अल् + पाहार

(ii) ‘अभि + उदय’ की संधि है : (1)

(क) अभूदय

(ख) अभ्यूदय

(ग) अभ्युदय

(घ) अभी उदय

(iii) ‘कन्यादान’ समस्त पद का विग्रह है : (1)

(क) कन्या के लिए दान

(ख) कन्या को दान

(घ) कन्या का दान

(iv) ‘घन के समान श्याम’ का समस्त पद है : (1)

(क) घनाश्याम

(ख) घनश्याम

(ग) शयामघन

(घ) घने श्याम

8. (i) ‘विपत्ति में उसकी अक्ल …………….., उपयुक्त मुहावरे से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए : (1)

(क) खो जाना

(ख) ठनक जाना

(ग) चकरा जाना

(घ) आगबबूला हो जाना

(ii) ‘उसकी बात पर भरोसा करो। वह तो ……….. को मानता है।‘ उपयुक्त लोकोक्ति से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए : (1)

(क) हाथ कंगन को आरसी क्या

(ख) मन चंगा तो कठौती में गंगा

(ग) अधजल गगरी छलकत जाए

(घ) प्राण जाहिं पर वञ्चन न जाई

(iii) ‘अपना उल्लू सीधा करना’ मुहावरे का अर्थ है – (1)

(क) अपनी तारीफ करना

(ख) अपना काम बनाना

(ग) अपनों को गैर समझना

(घ) अपना नुकसान करना

(iv) ‘आग लगने पर कुआँ खोदना’ मुहावरे का अर्थ है : (1)

(क) सारा काम बिगाड़ देना

(ख) अपनी गलती महसूस करना

(ग) संकट आने पर बचने का प्रयत्न करना

(घ) दूसरों पर दोष मढ़ना

9. (i) निम्नलिखित में शुद्ध वाक्य है : (1)

(क) क्या आप खाना खाए हैं?

(ख) क्या आपने खाना खा लिया है?

(ग) क्या आप खाए हैं?

(घ) क्या आपने खा चुके हैं?

(ii) निम्नलिखित में अशुद्ध वाक्य है : (1)

(क) मेरे बड़े भाई विदेश में रहते हैं।

(ख) मैं वहाँ मीठा फल खाया हूँ

(ग) आप मेरे साथ चलिए।

(घ) मेरी दूकान बाज़ार में है।

(iii) निम्नलिखित में शुद्ध वाक्य है : (1)

(क) चाय का एक गरम प्याला ले आओ।

(ख) चाय का गरम प्याला ले आओ।

(ग) गरम चाय का एक प्याला ले आओ।

(घ) चाय का गरम एक प्याला ले आओ।

(iv) निम्नलिखित में शुद्ध वाक्य है : (1)

(क) हमने यह काम करा।

(ख) तुम उस दिन कहाँ गया?

(ग) शिक्षक ने मुझे शाबाशी दिया।

(घ) वह गला फाड़कर रोती रही।

खंड ग

10. किसी एक काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए : 1×5=5

मेरा भार अगर लघु करके न दो सांत्वना नहीं सही।

केवल इतना रखना अनुनय-

वहन कर सकूं इसको निर्भय,

नत शिर होकर सुख के दिन में

तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में,

दुख रात्रि में करे वंचना मेरी जिस दिन निखिल मही

उस दिन ऐसा हो करुणामय

तुम पर करूं नहीं कुछ संशय।।

(i) कवि क्या चाहता है?

(क) भार हलका करना

(ख) सांत्वना

(ग) निर्भीकता

(घ) भार वहन करने की शक्ति

(ii) ‘नत शिर’ का आशय है :

(क) झुककर

(ख) सिर ऊँचा करके

(ग) अहंकार से

(घ) विनम्रता से

(iii) दुखों से घिर जाने पर भी कवि क्या चाहता है?

(क) ईश्वर के प्रति अविश्वास

(ख) ईश्वर के प्रति संदेह

(ग) ईश्वर के प्रति कृतज्ञता

(घ) ईश्वर के प्रति शिकायत

(iv) “तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में” से कवि का क्या भाव है?

(क) दुख के दिनों में पल-पल ईश्वर को याद करता रहूँ।

(ख) विपत्ति आने पर पल-पल ईश्वर का मुँह ताकूँ।

(ग) सुख के दिनों में भी सदा ईश्वर को याद करता रहूँ।

(घ) सुख के दिनों में ईश्वर को भूल जाया करूं।

(v) “करुणामय” का आशय है:

(क) करुणापूर्ण

(ख) करुणासहित

(ग) करुणारहित

(घ) करुणाकारी

अथवा

उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती,

उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।

उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती,

तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।

अखंड आत्म भाव जो असीम विश्व में भरे,

वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।

(i) कवि ने उदार किसे माना है?

(क) जो बिना किसी स्वार्थ के परोपकार करता है

(ख) जो दोनों हाथों से दान करता है

(ग) जो सारे विश्व में अपनापन भर देता है

(घ) जो किसी पर क्रोध नहीं करता

(ii) उदार व्यक्ति के प्रति पृथ्वी का क्या भाव रहता है?

(क) घृणा और निंदा का

(ख) कृतघ्नता और निन्दा का

(ग) कृतज्ञता और आभार का

(घ) सहनशीलता और क्षमा का

(iii) ‘सजीव कीर्ति कूजती’ का आशय है:

(क) यश फैलता है

(ख) सम्मान होता है

(ग) कीर्ति चहचहाती है

(घ) कीर्ति सजीव हो जाती है

(iv) ‘सरस्वती बखानती’ से तात्पर्य है :

(क) उदार व्यक्ति पूजा जाता है

(ख) वह यश और प्रसिद्धि पाता है

(ग) सरस्वती की पूजा करता है

(घ) उसकी कहानी बन जाती है

(v) सच्चा मनुष्य किसे कहा गया है?

(क) जो मरने-मारने को उतारू हो जाता है

(ख) जो मनुष्य होकर भी मरने से नहीं डरता

(ग) जो मनुष्य के लिए बड़े से बड़ा त्याग करता है

(घ) जो मनुष्य-मनुष्य में भेद नहीं करता

11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर दीजिए : 2½ 2½=5

(क) ‘गिरगिट’ कहानी में लेखक ने समाज की किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया है? आप अपने अनुभव के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

(ख) समुद्र को गुस्सा क्यों आया? उसने अपना गुस्सा कैसे उतारा? ‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले’ पाठ के आधार पर लिखिए।

(ग) ‘पतझर में टूटी पत्तियाँ’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए की जापानी लोगों को मानसिक बीमारियाँ अधिक क्यों होती हैं?

(घ) वर्तमान समय में शाश्वत मूल्यों की क्या उपयोगिता है? ‘गिन्नी का सोना’ पाठ के आधार पर प्रकाश डालिए।

 

12. ‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से लेखक ने शासन के किस स्वरूप को उजागर किया है? अपने शब्दों में लिखिए। (5)

 

अथवा

वज़ीर अली ने अंग्रेजों की गुलामी क्यों नहीं स्वीकार की? उसकी किन्हीं तीन चारित्रिक विशेषताओं पर ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर प्रकाश डालिए।

13. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

अकसर हम या तो गुज़रे हुए दिनों की खट्ठी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्य काल में। असल में दोनों काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए। चाय पीते-पीते उस दिन मेरे दिमाग से भूत और भविष्य दोनों काल उड़ गए थे। केवल वर्तमान क्षण सामने था। और वह अनंतकाल जितना विस्तृत था।

(क) ‘दोनों काल’ से क्या तात्पर्य है? दोनों को मिथ्या क्यों कहा गया है? (2)

(ख) ‘वर्तमान क्षण सामने था और वह अनंतकाल जितना विस्तृत था।’ कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। (2)

(ग) हमारे सामने सत्य क्या है? (1)

अथवा

किस्सा क्या हुआ था, उसको उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचा दिया और तीन लाख रुपया सालाना वजीफ़ा मुकर्रर कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता (कोलकाता) तलब किया। वज़ीर अली कपनी के वकील के पास गया जो बनारत में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है। वकील ने शिकायत की परवाह नहीं की उलटा उसे बुरा-भला सुना दिया। वज़ीर अली के तो दिल में यूँ भी अंग्रेज़ों के खिलाफ़ नफरत कूट-कूट कर भरी है। उसने खंजर से वकील का काम तमाम कर दिया।

(क) अंग्रेज़ों ने किसको पद से हटाया और क्यों? (1)

(ख) वज़ीर अली ने वकील का काम तमाम क्यों कर दिया। (2)

(ग) वज़ीर अली की दो चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए। (2)

14. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में लिखिए :

(क) बिहारी ने एक दोहे में जगत को तपोवन-सा क्यों कहा है? (2)

(ख) ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल’ कविता में कवयित्री दीपक को ‘विहँस-विहँस’ जलने के लिए क्यों कहती है? (2)

(ग) ‘कर चले हम फिदा’ – कविता में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है? (1)

15. ‘सपनों के से दिन’ कहानी के आधार पर लिखिए कि स्काउट परेड करते समय लेखक स्वयं को ‘महत्वपूर्ण आदमी’ फौजी जवान क्यों समझता था? (3)

अथवा

टोपी शुक्ला इफ़्फन के परिवार से क्यों अधिक हिला-मिला था?

16. फारसी की घंटी बजते ही बच्चे डर से क्यों काँप उठते थे? ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर लिखिए। (2)

 

खंड घ

17. दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए : (5)
(क) हमारा राष्ट्रीय झंडा

· स्वरूप

· राष्ट्रीय जीवन में महत्व

· फहराने की मर्यादा

(ख) हमारे त्योहार

· हर्ष और उल्लास के प्रतीक

· उपयोगिता

· लाभ और हानि

(ग) पुस्तक मेला

· स्थान और व्यवस्था

· मेले का स्वरूप

· लाभ और महत्व

18. विदेश में पढ़ रहे अपने मित्र को पत्र लिखकर उसे जन्मदिन की बधाइयाँ दीजिए। (5)

 

अथवा

बस में यात्रा करते समय आपका मोबाइल फोन गुम हो गया। अपने क्षेत्र के पुलिस अधिकारी को इसकी सूचना देते हुए पत्र लिखिए।

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