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Install NowClass 9 Hindi B Sample Papers 2025
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Key Features of Class 9 Hindi B Sample Papers 2025:
- Based on CBSE 2024-25 Curriculum: The sample papers follow the exact structure and guidelines outlined by the CBSE for the 2024-25 academic session.
- Aligned with the Marking Scheme: The questions in these sample papers are designed to reflect the weightage of different sections, as per the official CBSE marking scheme.
- Two Sections: The Hindi B sample papers are divided into two sections, covering both theory and language components.
Why Practice with These Hindi B Model Papers?
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CBSE Sample Papers Class 9 Hindi Course-B
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Why Choose myCBSEguide for Class 9 Hindi B Sample Papers?
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Class 9 Hindi B Sample Paper (2024-25)
Class 09 – हिंदी ब
आदर्श प्रश्नपत्र – 01 (2024-25)
अधिकतम अंक: 80
निर्धारित समय : 3 hours
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्नपत्र में चार खंड हैं।
- खंड ‘क’ में 14 अंकों के लिये दो अपठित गद्यांश दिये गये हैं।
- खंड ‘ख’ में 16 अंकों के लिये व्यावहारिक व्याकरण से संबंधित कुल 20 प्रश्न पूछे गये हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड ‘ग’ में 30 अंकों के लिये विकल्प सहित पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से विभिन्न प्रश्न पूछे गये हैं। सभी प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘घ’ में 20 अंकों के लिये विकल्प सहित रचनात्मक लेखन से संबंधित प्रश्न पूछे गये हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए। यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
- खंड क – अपठित बोध
- निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
प्रजातंत्र के तीन मुख्य अंग हैं-कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका। प्रजातंत्र की सार्थकता एवं दृढ़ता को ध्यान में रखते हुए और जनता के प्रहरी होने की भूमिका को देखते हुए मीडिया (दृश्य, श्रव्य और मुद्रित) को प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में देखा जाता है। समाचार-माध्यम या मीडिया को पिछले वर्षों में पत्रकारों और समाचार-पत्रों ने एक विश्वसनीयता प्रदान की है और इसी कारण विश्व में मीडिया एक अलग शक्ति के रूप में उभरा है।
कार्यपालिका और विधायिका की समस्याओं, कार्य-प्रणाली और विसंगतियों की चर्चा प्राय: होती रहती है और सर्वसाधारण में वे विशेष चर्चा के विषय रहते ही हैं। इसमें समाचार-पत्र, रेडियो और टी०वी० समाचार अपनी टिप्पणी के कारण चर्चा को आगे बढ़ाने में योगदान करते हैं, पर न्यायपालिका अत्यंत महत्वपूर्ण होने के बावजूद उसके बारे में चर्चा कम ही होती है। ऐसा केवल अपने देश में ही नहीं, अन्य देशों में भी कमोबेश यही स्थिति है।
स्वराज-प्राप्ति के बाद और एक लिखित संविधान के देश में लागू होने के उपरांत लोकतंत्र के तीनों अंगों के कर्तव्यों, अधिकारों और दायित्वों के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ी है। संविधान-निर्माताओं का उद्देश्य रहा है कि तीनो अंग परस्पर ताल-मेल से कार्य करेंगे। तीनों के पारस्परिक संबंध भी संविधान द्वारा निर्धारित, फिर भी समय के साथ-साथ कुछ समस्याएँ उठ खड़ी होती हैं। आज लोकतंत्र यह महसूस करता है कि न्यायपालिका में भी अधिक पारदर्शिता हो, जिससे उसकी प्रतिष्ठा और सम्मान बढ़े।
‘जिस देश में पंचों को परमेश्वर मानने की परंपरा, वहाँ न्यायमूर्तियों पर आक्षेप दुर्भाग्यपूर्ण है।’- लोकतंत्र का चौथा अंग किसे माना जाता है? (1)
(क) मीडिया
(ख) कार्यपालिका
(ग) विधायिका
(घ) न्यायपालिका - ‘पारदर्शिता’ से क्या तात्पर्य है? (1)
(क) दूर तक देखना
(ख) पार देखने की क्षमता
(ग) आर-पार दिखाई देना या संदेह में न रखना
(घ) जो पार देख सकता हो - मीडिया के कोई दो उदाहरण दीजिए। (1)
(क) रेडियो और टेलिस्कोप
(ख) समाचार-पत्र और रेडियो
(ग) टेलीविज़न और पुस्तक
(घ) धार्मिक ग्रंथ - लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका स्पष्ट कीजिए। (2)
- अत्यंत महत्वपूर्ण अंग होने के बावजूद न्यायपालिका के बारे में मीडिया में कम चर्चा क्यों होती है? (2)
- लोकतंत्र का चौथा अंग किसे माना जाता है? (1)
- निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
एक किसान के बगीचे में फलों के अनेक पेड़ लगे हुए थे। उनमें रसीले मीठे-मीठे फल लगते थे। किसान बड़ा सीधा सादा था। उसने सोचा कि यह बगीचा तो मेरे श्रम की देन है किन्तु जिस भूमि पर मेरा बगीचा है वह तो ज़मींदार की है। इस तरह इन फलों पर उसका भी हक बनता है। एक दिन वह रसीले फलों की टोकरी भरकर जमींदार को दे आया। ज़मींदार ने जब किसान के बगीचों के फल चखे तो वह दंग रह गया। इतने मीठे व स्वादिष्ट फलों का सेवन उसने आज तक नहीं किया था। उसने सोचा ऐसे मीठे फलों के पेड़ तो मेरे यहाँ होने चाहिए। उसने सेवकों को आदेश दिया कि किसान के यहाँ से पेड़ों की जड़े उखाड़ लाएँ। सभी ने ज़मींदार को समझाने का प्रयास किया किन्तु उस पर लोभ का नशा चढ़ चुका था। उसके सेवक भी कड़े मन से बेचारे किसान के यहाँ से जड़े उखाड़ लाए और ज़मींदार के बगीचे में रोप दीं। ज़मींदार ने माली को सख्त आदेश दिया कि उनका रखरखाव ध्यान से करे। अगली बार वह खुद इन फलों को तोड़कर इनका रसास्वादन करेगा। एक दिन उसने देखा कि जड़े लाख प्रयत्नों के बावजूद मुरझाती जा रही थीं। माली से इसका कारण पूछा तो वह डरते-डरते बोला, ‘मालिक क्षमा कीजिएगा, किन्तु यह लोभ का फल है। आपने लोभवश किसान के मीठे फलों की जड़ों को यहाँ लगवा तो लिया है, किन्तु जो जड़े प्रेम, सद्भावना व निःस्वार्थ भावना से वहाँ पनप रही थीं वे अब स्वार्थ के वशीभूत सड़ चुकी हैं।’ माली की बात सुनकर ज़मींदार को अपनी गलती का अहसास हो गया।- जमींदार ने अपने सेवकों को क्या आदेश दिया? (1)
(क) किसान के यहाँ से पेड़ों को ही उखाड़ लाएँ
(ख) किसान के यहाँ से पेड़ों की जड़े उखाड़ लाएँ
(ग) बगीचे में फलों को तोड़ लायें
(घ) किसान को बंदी बनाकर ले आयें - जमींदार के खेत में जड़े क्यों मुरझा गईं? (1)
(क) लोभ और स्वार्थ के कारण
(ख) कम पानी के कारण
(ग) ग़लत रखरखाव के कारण
(घ) फल तोड़ने के कारण - किसकी बात सुनकर ज़मींदार को अपनी गलती का अहसास हुआ ? (1)
(क) माली की बात सुनकर
(ख) किसान की बात सुनकर
(ग) पेड़ की बात सुनकर
(घ) लोगों की बात सुनकर - किसान के बगीचे के फलों पर जमींदार का हक कैसे बनता था? (2)
- जमींदार फल खाकर चकित क्यों रह गया? (2)
- जमींदार ने अपने सेवकों को क्या आदेश दिया? (1)
- खंड ख – व्यावहारिक व्याकरण
- निम्नलिखित प्रश्नों में से निर्देशानुसार किन्हीं दो प्रश्नों का उत्तर दीजिए
- एक शब्द से अन्य शब्दों का निर्माण कैसे होता है?
- मेरी, बड़ा, लड़की इन शब्दों को को पद के रूप में प्रयोग करें –
- शब्द और पद का आपस में क्या संबंध है?
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो शब्दों में उचित स्थान पर अनुस्वार या अनुनासिक का प्रयोग कर उन्हें मानक रूप में लिखिए –
- पन्थ
- पक्ति
- चान्द
- निर्देशानुसार उत्तर लिखिए-
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग एवं मूल शब्द अलग करके लिखिए- (किन्ही दो) (2)- संभावना
- अज्ञात
- आशंका
निम्नलिखित मूल शब्दों में प्रत्यय जोड़कर बनने वाले शब्द लिखिए- (किन्ही दो) (2)
- शब्द + ओं
- ग्राम + ईन
- साँप + ओला
- निर्देशानुसार किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- महा + उत्सव (संधि कीजिए)
- सु + आगत (संधि कीजिए)
- प्रत्येक (संधि-विच्छेद कीजिए)
- अत्यधिक (संधि-विच्छेद कीजिए)
- निम्नलिखित वाक्यों में से किन्ही दो में उचित विराम-चिह्न लगाकर लिखिए-
- उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए
- क्या तुम भयभीत थीं
- तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री
- निर्देशानुसार किन्हीं तीन प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
- बल्ले! हम जीत गये। (अर्थ के आधार पर वाक्य भेद)
- आपकी यात्रा मंगलमय हो। (अर्थ के आधार पर वाक्य भेद)
- प्रियंका आज बाहर जाएगी। (निषेधवाचक वाक्य)
- सीमा तुम भी चलो। (संकेतवाचक वाक्य)
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- खंड ग – गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
- अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
एवरेस्ट की तरफ गौर से देखते हुए, मैंने एक भारी बर्फ का बड़ा फूल (प्लूम) देखा, जो पर्वत-शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था। मुझे बताया गया कि यह दृश्य शिखर की ऊपरी सतह के आसपास 150 किमी अथवा इससे भी अधिक की गति से हवा चलने के कारण बनता था, क्योंकि तेज हवा से सूखा बर्फ पर्वत पर उड़ता रहता था। बर्फ का यह ध्वज 10 किमी या इससे भी लंबा हो सकता था। शिखर पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी पर इन तूफानों को झेलना पड़ता था, विशेषकर खराब मौसम में। यह मुझे डराने के लिए काफी था, फिर भी मैं एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित थी और इसकी कठिनतम चुनौतियों का सामना करना चाहती थी।- पर्वत शिखर पर फूल (प्लूम) कैसे बनता था?क) वर्षा के द्वाराख) अत्यधिक गति से बर्फीली हवाओं के चलने सेग) प्रकृति के द्वाराघ) पर्वतारोहियों के द्वारा
- अधिक गति से हवा चलने पर पर्वत पर क्या प्रतिक्रिया होती है?क) सूखा बर्फ पर्वत पर उड़ता रहता हैख) तूफान आने की संभावना बनी रहती हैग) पर्वत टूटकर गिरने लगता हैघ) पर्वत छोटे-छोटे खंडों में बँट जाता है
- शिखर पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कहाँ से आने वाले तूफानों को झेलना पड़ता है?क) पूर्वी-दक्षिणी पहाड़ी सेख) दक्षिणी-पश्चिमी पहाड़ी सेग) उत्तर-पूर्वी पहाड़ी सेघ) दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी से
- लेखिका कठिनतम चुनौतियों का सामना क्यों करना चाहती थी?क) एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित होने के कारणख) स्वयं की योग्यता जाँचने के कारणग) स्वयं को श्रेष्ठ सिद्ध करने के कारणघ) अपने पिता के सपने को पूरा करने के कारण
- गद्यांश के अनुसार, एवरेस्ट की खराब मासम म कसा स्थिति होती है?क) काफी विषम परिस्थितियाँ होती हैंख) इनमें से कोई नहींग) वहाँ हल्की-हल्की हवाएँ चलती हैंघ) वहाँ का मौसम समान रहता है
- पर्वत शिखर पर फूल (प्लूम) कैसे बनता था?
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
- दुःख का अधिकार पाठ के आधार पर बताइए लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाजा कैसे लगाया?
- कौन-सा आघात अप्रत्याशित था? इसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा? तुम कब जाओगे, अतिथि? पाठ के आधार पर लिखिए।
- कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा क्या थी?
- शुक्र तारे के समान पाठ के आधार पर इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए- इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।
- खंड ग – काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
- अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
“रहिमन धाग प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।”- रहीम ने प्रेम के बंधन की किससे तुलना की है।क) धागे सेख) सूत सेग) डोरी सेघ) तार से
- एक बार प्रेम संबंध टूटने पर क्या होता है?क) रिश्ते पहले जैसे हो जाते हैंख) रिश्ते मधुर हो जाते हैंग) फिर पहले जैसे रिश्ते नहीं रहतेघ) रिश्ते कटु हो जाते हैं
- गाँठ पड़ना मुहावरे का क्या अर्थ है?क) मन का स्वार्थी होनाख) मन में प्रेम बढ़नाग) मन में भेद आ जानाघ) मन का मजबूत होना
- प्रेम के संबंधों को किस प्रकार निभाना चाहिए?क) तटस्थता के साथख) बहुत सावधानी के साथग) झूठ बोलकरघ) सच बोलकर
- कवि रहीम के अनुसार प्रेम का धागा क्यों नहीं तोड़ना चाहिए?क) क्योंकि वह धागा बहुत मजबूत होता हैख) क्योंकि उसमें गाँठ लगाने से संबंध मजबूत होते हैंग) क्योंकि उसमें गाँठ लगाना आसान होता हैघ) क्योंकि एक बार धागा टूट जाने पर उसे जोड़ना कठिन होता है
- रहीम ने प्रेम के बंधन की किससे तुलना की है।
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
- कवि रैदास ने ईश्वर की किस गरीब निवाज की अनोखी आदत का उल्लेख किया है?
- गीत अगीत कविता के आधार पर शुकी के गीत उमड़कर क्यों रह जाते हैं?
- जीवन पथ पर चलते मनुष्य के कदम यदि रुक जाते है तो उसे क्या हानि उठानी पड़ती है? अग्निपथ कविता के आधार पर बताइए।
- खुशबू रचते हैं हाथ कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है?
- खंड ग – संचयन (पूरक पाठ्यपुस्तक)
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए:
- गिल्लू को लेखिका का साथ अत्यधिक पसंद था– इस कथन की पुष्टि कीजिए।
- लेखक धर्मवीर भारती की माँ किस बात के लिए चिंतित थीं? उनकी यह चिंता कैसे दूर हुई?
- कल्लू कुम्हार की उनाकोटी पाठ के लेखक ने त्रिपुरा में कहाँ-कहाँ शूटिंग की?
- खंड घ – रचनात्मक लेखन
- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखिये:
- मोबाइल फ़ोन विषय पर लगभग 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए:
- लोकप्रियता
- सूचना क्रांति
- लाभ-हानि
- आज़ादी का अमृत महोत्सव विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।
- शुरुआत कब और कहाँ
- विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम
- नए संकल्प
- भारत की पहचान
- बढ़ते उद्योग कटते वन विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 80 से 100 शब्दो में अनुच्छेद लिखिए।
- भूमिका
- वृक्षों से लाभ
- वृक्षों की कटाई और उसके दुष्परिणाम
- वृक्षारोपण
- उपसंहार
- मोबाइल फ़ोन विषय पर लगभग 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए:
- आप छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। कमरे में साथ रहने वाले मित्र की विशेषताएँ बताते हुए अपनी माताजी को पत्र लिखकर बताइए कि उसकी संगति का आप पर क्या असर हुआ है?अथवा आपके विद्यालय में सफाई अभियान चलाया गया जिसमें आपने भी श्रमदान किया। आस-पास के क्षेत्रों की खूब सफाई की गई तथा लोगों को सफाई के महत्त्व के बारे में बताया गया। इन सभी गतिविधियों का वर्णन करते हुए अपनी बड़ी बहन को पत्र लिखिए।
- दिए गए चित्र को देखकर लगभग 100 शब्दों में वर्णन कीजिए।
- समाचार-पत्र का महत्त्व बताते हुए पिता-पुत्र के बीच हुए संवाद को 50 शब्दों में लिखिए।अथवा अपने विद्यालय के नाट्य उत्सव के उद्धाटन सत्र की अध्यक्षता करने के लिए एक प्रतिष्ठित नाटककार को आमंत्रित करने आप उनसे मिलते हैं। आप दोनों के बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
Class 09 – हिंदी ब
आदर्श प्रश्नपत्र – 01 (2024-25)
उत्तर
- खंड क – अपठित बोध
- (क) लोकतंत्र के तीन मुख्य अंग हैं-कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका। चौथा अंग मीडिया को माना जाता है। इसमें दृश्य, श्रव्य व मुद्रित मीडिया होते हैं।
- (ग) ‘पारदर्शिता’ का अर्थ है-आर-पार दिखाई देना या संदेह में न रखना। न्यायपालिका लोकतंत्र की रक्षिका है, परंतु न्यायाधीशों पर आक्षेप लगने लगे हैं। अत: लोकतंत्र न्यायपालिका में पारदर्शिता चाहता है।
- (ख) समाचार-पत्र, रेडियो और टी०वी०
- लोकतंत्र में मीडिया की अहं भूमिका है। यह कार्यपालिका व विधायिका की समस्याओं, कार्य-प्रणाली तथा विसंगतियों की चर्चा करती है, पर न्यायपालिका पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से बचती है।
- न्यायपालिका प्रजातंत्र का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, परंतु इसकी चर्चा मीडिया में कम होती है, क्योंकि उसमें पारदर्शिता अधिक होती है। दूसरे, न्यायपालिका अपने विशेषाधिकारों के प्रयोग से मीडिया को दबा देती है।
- (ख) ज़मींदार ने अपने सेवकों को यह आदेश दिया कि किसान के यहाँ से पेड़ों की जड़े उखाड़ लाएँ।
- (क) जड़े लोभ और स्वार्थ की अधिकता के कारण मुरझा गईं।
- (क) माली की बात सुनकर ज़मींदार को अपनी गलती का अहसास हुआ।
- बगीचा किसान का था परंतु ज़मीन ज़मींदार की थी इसलिए बगीचे के फलों पर ज़मींदार का हक बनता था।
- ज़मींदार ने अपने जीवन में इतने मीठे व स्वादिष्ट फलों का सेवन कभी नहीं किया था इसलिए फल खाकर चकित रह गया।
- खंड ख – व्यावहारिक व्याकरण
- निम्नलिखित प्रश्नों में से निर्देशानुसार किन्हीं दो प्रश्नों का उत्तर दीजिए
- एक शब्द से अन्य शब्दों का निर्माण उपसर्ग, प्रत्यय और समास से होता है। जैसे- लोक इस पद में यदि आ उपसर्ग जोड़ा जाए तब नवीन पद बनेगा -आलोक।
आलोक इस शब्द में यदि इक प्रत्यय जोड़ा जाए तब नवीन शब्द बनेगा- अलौकिक
इसी प्रकार से उपसर्ग,प्रत्यय और समास के द्वारा नवीन पदों की संरचना होती है। - मेरी लड़की बड़ा मकान बनवा रही है । उपर्युक्त वाक्य में प्रत्येक पद का पद का अलग अर्थ है, यहाँ लड़की कर्ता है और मकान बनवाना कर्म है।
- शब्द और पदों का आपस में व्याकरणिक संबंध है। बिना एक के दूसरे की कल्पना नहीं की जा सकती और न ही वाक्य निर्माण किया जा सकता है। बालक जब वाक्य के अन्य पदों से जुड़ता है तभी उसकी सार्थक पूर्ति होती है।
- पंथ
- पंक्ति
- चाँद
- एक शब्द से अन्य शब्दों का निर्माण उपसर्ग, प्रत्यय और समास से होता है। जैसे- लोक इस पद में यदि आ उपसर्ग जोड़ा जाए तब नवीन पद बनेगा -आलोक।
- उपसर्ग
- संभावना = ‘सम्’ उपसर्ग और ‘भावना’ मूल शब्द है |
- अज्ञात = ‘अ’ उपसर्ग और ‘ज्ञात’ मूल शब्द है |
- आशंका = ‘आ’ उपसर्ग और ‘शंका’ मूल शब्द है |
प्रत्यय
- शब्द + ओं = शब्दों
- ग्राम + ईन = ग्रामीण
- साँप + ओला = सँपोला
- महोत्सव
- स्वागत
- प्रति + एक
- अति + अधिक
- उन्होंने कहा, “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।”
- क्या तुम भयभीत थीं?
- तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली, बचेंद्री?
- विस्मयादिवाचक वाक्य
- इच्छावाचक वाक्य
- प्रियंका आज बाहर नहीं जाएगी।
- यदि सीमा चलती तो अच्छा होता।
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- खंड ग – गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
- (ख) अत्यधिक गति से बर्फीली हवाओं के चलने से
व्याख्या: अत्यधिक गति से बर्फीली हवाओं के चलने से - (ख) तूफान आने की संभावना बनी रहती है
व्याख्या: तूफान आने की संभावना बनी रहती है - (घ) दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी से
व्याख्या: दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी से - (क) एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित होने के कारण
व्याख्या: एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित होने के कारण - (क) काफी विषम परिस्थितियाँ होती हैं
व्याख्या: काफी विषम परिस्थितियाँ होती हैं
- (ख) अत्यधिक गति से बर्फीली हवाओं के चलने से
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
- लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाजा अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दुःखी एक संभ्रांत महिला की बात सोचकर लगाया।
- तीसरे दिन अतिथि ने कहा कि वह धोबी को अपने कपड़े धोने के लिए देना चाहता है। यह एक अप्रत्याशित आघात था। इसमें मेहमान के कई दिन और रुकने की संभावना हो गई थी। इसके बाद लेखक अतिथि को देवता न मानकर मानव तथा राक्षस मानने लगा था। उसका अतिथि राक्षस का रूप लेता जा रहा था।
- रामन् को बचपन से ही प्रत्येक वस्तु के पीछे छिपे वैज्ञानिक रहस्य को जानने की एक भूख सी रहती थी। अपने कॉलेज के दिनों से ही उन्होंने वैज्ञानिक शोधकार्यों में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया। रामन् की दिली इच्छा थी कि वे नए-नए प्रयोग करें एवं अपना पूरा जीवन शोधकार्यों में लगा दें। इसे कैरियर रूप में अपनाने के लिए उसके पास कोई व्यवस्था नहीं थी और इसी कारण उन्हें सरकारी नौकरी करनी पडी जोकि बाद में शोध कार्य के लिए छोड़ भी दी।
- महादेव भाई, गांधीजी से मिलने से पहले वकालत का काम किया करते थे। वकालत के पेशे में गलत काम को सही और सही काम को गलत करार दे दिया जाता है। ये भी कह सकते हैं कि किसी अपराधी को बेगुनाह और बेगुनाह को अपराधी बताकर उसे जेल भिजवाना वकीलों के पेशे का हिस्सा है। इसमें कोई सच्चाई नहीं होती है। इस वजह से महादेव भाई ने ये काम छोड़ दिया था।
- खंड ग – काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
- (क) धागे से
व्याख्या: धागे से - (ग) फिर पहले जैसे रिश्ते नहीं रहते
व्याख्या: फिर पहले जैसे रिश्ते नहीं रहते - (ग) मन में भेद आ जाना
व्याख्या: मन में भेद आ जाना - (ख) बहुत सावधानी के साथ
व्याख्या: बहुत सावधानी के साथ - (घ) क्योंकि एक बार धागा टूट जाने पर उसे जोड़ना कठिन होता है
व्याख्या: क्योंकि एक बार धागा टूट जाने पर उसे जोड़ना कठिन होता है
- (क) धागे से
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
- कवि रैदास ने अपने प्रभु को ‘गरीब निवाजु’ कहा है। इसका अर्थ है-दीन-दुखियों, गरीबों पर दया करने वाला। प्रभु ने रैदास जैसे अछूत को संत की पदवी प्रदान कर उसे आदर, सम्मान का पात्र बना दिया। प्रभु गरीब को अमीर और राजा बना देता है।
- गीत अगीत कविता के आधार पर शुकी के गीत उमड़कर इसलिए रह जाते हैं, क्योंकि शुकी भी गाना चाहती है, किंतु उसके मन में उठने वाले गीत प्रेम और वात्सल्य में ही डूबकर रह जाते हैं। वह अपने बच्चों के स्नेह में डूबी-डूबी ही उन गीतों का आनंद लेती है।
- जीवन पथ पर चलता मनुष्य यदि राह की कठिनाइयों के सामने समर्पण कर देता है या थोड़ी-सी छाया देखकर आराम करने लगता है और लक्ष्य के प्रति उदासीन हो जाता है तो मनुष्य सफलता से वंचित हो जाता है। ऐसे व्यक्ति की जीवन यात्रा अधूरी रह जाती है।
- अगरबत्ती का व्यापार करने वाले लोग आर्थिक रूप से बहुत कमजोर होते हैं। वे कम पैसों में खुशबूदार अगरबत्तियों का निर्माण करते हैं। अगरबत्ती बनाने वालों के हाथ तरह-तरह के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे होते हैं। कुछ बच्चे भी ये काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नए पत्ते समान होते हैं। किसी के हाथ जख्म से फटे होते हैं। कुछ कारीगरों के जख्म के कारण हाथ फटे भी होते हैं।
- खंड ग – संचयन (पूरक पाठ्यपुस्तक)
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए:
- गिल्लू वास्तव में एक अत्यधिक संवेदनशील प्राणी था और उसे लेखिका महादेवी वर्मा से गहरा लगाव था। पाठ के अंतर्गत इसके कई प्रमाण विद्यमान हैं-
- जब भी लेखिका अपना कमरा खोलकर अंदर घुसती थीं, तो गिल्लू उनके शरीर पर ऊपर से नीचे दौड़ने लगता था, पर किसी अन्य व्यक्ति अंदर आने पर वह ऐसा नहीं करता था।
- गर्मियों के दिनों में वह लेखिका के पास रहने के लालच में उनके पास रखी सुराही के साथ चिपका रहता था।
- गिल्लू ने लेखिका के अस्वस्थ रहने के दौरान अपनी ओर से एक परिचारिका की तरह यथासंभव भूमिका निभाई।
- लेखिका के अस्वस्थ होने पर अस्पताल में रहने के दौरान गिल्लू ने अपना मनपसंद भोजन काजू तक खाना कम कर दिया।
- अपने अंतिम समय में गिल्लू ने लेखिका की उँगली पकड़ ली।
- लेखक की माँ चाहती थीं कि उनका पुत्र कक्षा की किताबें पढ़े क्योकि वे इस बात से चिंतित थीं कि यदि वह अपनी कक्षा की किताबें नहीं पढ़ेगा तो कैसे उत्तीर्ण होगा, क्योंकि लेखक अन्य किताबें रुचि से पढ़ता था, पर कक्षा की किताबें नहीं। लेखक को जब तीसरी कक्षा में विद्यालय में भरती कराया गया तो उसने मन लगाकर पढ़ना शुरू किया। तीसरी और चौथी कक्षा में उसे अच्छे अंक प्राप्त हुए और पाँचवी में फर्स्ट आया। इस तरह उसने माँ की चिंता को दूर किया।
- लेखक ने पहले तीन दिन तो त्रिपुरा की राजधानी अगरतला और उसके आसपास के क्षेत्रों में शूटिंग की। उसने उज्जयंत महल एवं बौद्ध मंदिरों की शूटिंग की। उसने लोकगायक हेमंत कुमार जमातिया एवं गायिका मंजु ऋषिदास की गाते हुए शूटिंग की। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 की भी लेखक ने शूटिंग की। सी.आर.पी.एफ. के सहयोग से लेखक ने पूरे राजमार्ग पर शूटिंग की, जिसमें हिंसाग्रस्त क्षेत्र भी शामिल था। त्रिपुरा की प्रमुख नदी मनु के पुल को भी लेखक ने अपने कैमरे में कैद किया। उत्तरी त्रिपुरा जिले के जिलाधिकारी के सहयोग से लेखक ने उनाकोटी के शिव की मूर्तियों की शूटिंग की। उसने शिव की सबसे बड़ी मूर्ति तथा शिव द्वारा गंगा की धारा को पृथ्वी पर छोड़ने संबंधी मूर्तियों को भी अपने कैमरे में समेटा। लेखक ने पूरे त्रिपुरा के लगभग सभी प्रमुख एवं उल्लेखनीय स्थानों की शूटिंग की।
- गिल्लू वास्तव में एक अत्यधिक संवेदनशील प्राणी था और उसे लेखिका महादेवी वर्मा से गहरा लगाव था। पाठ के अंतर्गत इसके कई प्रमाण विद्यमान हैं-
- खंड घ – रचनात्मक लेखन
- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखिये:
- मोबाइल आज विश्व में क्रांति का वाहक बन गया है। बिना तारों वाला मोबाइल फोन जगह-जगह लगे ऊँचे टॉवरों से तरंगों को ग्रहण करते हुए मनुष्य को दुनिया के प्रत्येक कोने से जोड़े रहता है।
मोबाइल फोन सेवा प्रदान करने के लिए विभिन्न टेलीफोन कंपनियाँ अपनी-अपनी सेवाएँ देती हैं। मोबाइल फोन बात करने, एसएमएस की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के खेल, कैलकुलेटर, फोनबुक की सुविधा, समाचार, चुटकुले, इंटरनेट सेवा आदि भी उपलब्ध कराता है। अनेक मोबाइल फोनों में इंटरनेट की सुविधा भी होती है, जिससे ई-मेल भी किया जा सकता है। मोबाइल फोन सुविधाजनक होने के साथ ही नुकसानदायक भी है।
मोबाइल फोन का सबसे बड़ा दोष यह है कि यह समय-असमय बजता ही रहता है। लोग सुरक्षा और शिष्टाचार भूल जाते हैं। अकसर लोग गाड़ी चलाते समय भी फोन पर बात करते हैं, जो असुरक्षित ही नहीं, बल्कि कानूनन अपराध भी है। अपराधी एवं असामाजिक तत्त्व मोबाइल का गलत प्रयोग अनेक प्रकार के अवांछित कार्यों में करते हैं। इसके अधिक प्रयोग से कानों व हृदय पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः इन खतरों से सावधान होना आवश्यक है। - आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत सरकार ने भारतीय संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए यह कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में आज़ादी के अमृत महोत्सव का उद्घाटन किया, क्योंकि इसी दिन गाँधी जी ने ‘नमक सत्याग्रह’ आंदोलन की शुरुआत की थी। आज़ादी का अमृत महोत्सव भारतीय इतिहास का एक खास उत्सव है, जो 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। यह उत्सव भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया है। इस अवसर पर देश भर में विभित्र कार्यक्रम, आयोजन और उपलब्धियाँ हो रही हैं जो भारतीय संस्कृति, विरासत, गरिमा और विकास को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती हैं।
आज़ादी का अमृत महोत्सव देशवासियों को एक साथ मिलकर उन्नति, सामूहिकता और राष्ट्रभक्ति की भावना को समर्पित करने का एक अवसर है। इस उत्सव में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीदों और महानायकों को याद किया जाता है और उनके बलिदान को सम्मानित किया जाता है। यह एक ऐसा अवसर है जिसमें देशवासियों को एकजुट होकर एक नए भारत के निर्माण का संकल्प लेने का मौका मिलता है। आज़ादी का अमृत महोत्सव देशभर में विभिन्न कार्यक्रम, सेमिनार, प्रदर्शनी, कला और संस्कृति के उत्सव, विशेष दर्शनीय स्थलों का दौरा आदि के आयोजन के माध्यम से समर्थन मिल रहा है। इससे न केवल भारतीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि नए भारत के सपने और लक्ष्य को साकार करने के लिए देशवासियों की भागीदारी को भी बढ़ावा मिलता है।
आज, भारत वास्तव में एक परमाणु शक्ति होने के साथ ही बड़ी सैन्य शक्ति भी है। विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में प्रगति के कारण, भारत ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, भारत विश्व की पाँच देशों में से एक है, जो मंगल ग्रह पर मानव भेजने की क्षमता रखता है। भारत के उत्पादन के मामले में भी वह सशक्त होकर उभरा है। यह देश विभिन्न क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता और वैशिष्ट्यवादी उत्पादों का निर्माण करता है। इससे देश की आर्थिक उत्रति और समृद्धि में मदद मिलती है और भारत को आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती है। इस तरीके से, भारत विभित्र क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर रहा है और वैशिष्ट्यवादी उत्पादन, विज्ञान, और तकनीक में अपनी गुणवत्ता को साबित कर रहा है। - भूमिका- ईश्वरीय सृष्टि की अद्भुत, अलौकिक रचना प्रकृति है। मनुष्य ने प्रकृति की गोद में आँखें खोली हैं एवं प्रकृति ने ही मनुष्य का पालन-पोषण किया है, दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। उद्योगों के बढ़ने से वनों की कटाई बढ़ती जा रही है।
वृक्षों से लाभ- मनुष्य का सम्पूर्ण जीवन पेड़-पौधों पर आश्रित रहता है। पेड़-पौधों की लकड़ी विभिन्न रूपों में मनुष्य के काम आती है। वृक्षों से हमें फल-फूल, जड़ी-बूटियाँ आदि प्राप्त होती हैं। शुद्ध वायु एवं तपती दोपहर में छाया वृक्षों से ही प्राप्त होती है। वृक्ष वर्षा में सहायक होते हैं एवं भूमि को उर्वरक बनाते हैं।
वृक्षों की कटाई और उसके दुष्परिणाम- जनसंख्या के दबाव, शहरों का विस्तार, फैक्ट्रयों के लिए भूमि की कमी को दूर करने के लिए वृक्षों की व्यापक पैमाने पर कटाई मनुष्य के द्वारा की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण का बढ़ना एवं प्राकृतिक आपदाओं से विनाश का खतरा बढ़ता जा रहा है।
वृक्षारोपण- देर से सही, मनुष्य ने वृक्षों के महत्व को स्वीकारा तो है। वन विभाग द्वारा नये वृक्षों का रोपण किया जा रहा है एवं पुराने वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए वन महोत्सव प्रारम्भ किया गया है जो जुलाई मास में मनाया जाता है जिसमें व्यापक रूप से वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाता है।
उपसंहार- आज आवश्यकता इस बात की है कि मनुष्य प्रकृति से जुड़े। यह समझे कि कुल्हाड़ी वृक्षों पर नहीं वरन् उसी पर चल रही है। हमारी संस्कृति में वृक्षों पर देवताओं का वास बताया गया है एवं वृक्ष काटना भयंकर पाप बताया है। वृक्षारोपण करने को महान् पुण्य बताया है।
- मोबाइल आज विश्व में क्रांति का वाहक बन गया है। बिना तारों वाला मोबाइल फोन जगह-जगह लगे ऊँचे टॉवरों से तरंगों को ग्रहण करते हुए मनुष्य को दुनिया के प्रत्येक कोने से जोड़े रहता है।
- गोविन्द छात्रावास,
नोएडा, उत्तर प्रदेश।
27 फरवरी, 2019
पूज्या माता जी,
सादर चरणस्पर्श।
आपका पत्र मिला। पढ़कर सब हाल जाना। घर पर आप सभी सकुशल हैं, यह जानकर खुशी हुई। आपने अपने पत्र में जानना चाहा था कि छात्रावास के कमरे में साथ रहने वाला मित्र कैसा है, वह मैं पत्र के माध्यम से बता रहा हूँ।
मैं छात्रावास में हरीश नामक छात्र के साथ रहता हूँ। वही मेरा घनिष्ठ मित्र और सहपाठी भी है। हरीश हँसमुख, उदार तथा विनम्र स्वभाव वाला लड़का है। वह शाकाहारी, परिश्रमी तथा आस्तिक है। वह प्रातःकाल बिस्तर त्यागकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होता है और उद्यान में भ्रमण के लिए जाता है। वहाँ व्यायाम और कुछ योग कर स्नान करता है। नाश्ता करके पढ़ने बैठ जाता है। माँ, तुम्हें आश्चर्य होगा कि घर पर आठ बजे तक सोया रहने वाला मैं उसकी संगति के कारण प्रातः पाँच बजे बिस्तर त्याग देता हूँ। उसकी दिनचर्या के अनुसार पढ़ने बैठ जाता हूँ। इससे मुझे पढ़ने का पर्याप्त समय मिल जाता है। दिनभर स्फूर्ति बनी रहती है तथा पढ़ाई में मन लगने लगा है।
पूज्य पिता जी को चरणस्पर्श तथा हर्षिता को स्नेह कहना।
आपका प्रिय पुत्र,
गौतम कश्यपअथवा 276-P,
पालम, दिल्ली-77
दिनांक 05.03.2019
पूज्य दीदी,
चरण स्पर्श।
यहाँ सब ठीक प्रकार से हैं। आशा है आप भी परिवार सहित कुशलपूर्वक होंगी। पता है दीदी, हमारे विद्यालय में आजकल सफाई अभियान चल रहा है। सभी कक्षाओं में नया पेंट किया गया है जिससे दीवारें काफ़ी साफ सुथरी एवं अच्छी लग रही हैं, मैंने व मेरी कक्षा के बच्चों के द्वारा पेंट के समय अपनी कक्षा की मेज कुर्सियों आदि को बाहर निकाला उनकी भी सफाई की गयी एवं उन्हें दुबारा कक्षा में रखकर अच्छी तरह व्यवस्थित कर दिया है। अब सफाई से कक्षाएँ काफी साफ व अच्छी लग रही हैं तथा अब कक्षा में मच्छर आदि भी नहीं हैं। इससे हम सभी बच्चों को सफाई के महत्त्व के बारे में पता चला है तथा अब हम लोग अपने कक्षाध्यापक के साथ थोड़ा-थोड़ा समय निकालकर विद्यालय के बाहर आस-पास की भी सफाई करते हैं तथा श्रमदान करते समय आस-पास की गन्दगी व कूड़े के ढेरों की सफाई करते हैं तथा वहाँ घास व खुशबूदार पौधे लगा देते हैं। जिससे विद्यालय के बाहर आस-पास भी काफ़ी साफ-सफाई रहती है व देखने में काफी अच्छी हरियाली नज़र आती है। अब कीटाणु समाप्त हो गए हैं तथा लोगों के स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ रहा है और दीदी पता है हमारे विद्यालय का चयन जिले के आदर्श विद्यालय के रूप में भी हो गया है व हमारे विद्यालय का निरीक्षण करने आने वाले हमारे विद्यालय व आस-पास की गयी सफाई व हरियाली की प्रशंसा करते हैं।
अच्छा दीदी मेरा सभी को यथा योग्य अभिवादन कहिएगा।
आपका प्रिय भाई,
रोहित - यह दृश्य एक नदी का है। नाव नदी किनारे खड़ी है। नदी को पार करने के लिए नाव की आवश्यकता होती है तथा नदी का जल तीव्र गति से बह रहा है। कुछ लोग नाव पर सवार है तथा कुछ नीचे। जो लोग खड़े हैं पार जाने के लिए नाव पर सवार होना चाहते हैं। वे मल्लाह से पूछ रहे हैं कि नदी पार कराने के लिए कितने रुपए लेते हो। मल्लाह से मोल-तोल चल रहा है। वह नाव के द्वारा अपना जरूरी वस्तुएँ एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा रहे है। नदी को तैरकर पार करना खतनाक हो सकता है। एक नाव से कुछ ही लोग उस पार जा पा रहे हैं।
- पिता – बेटा पवन, यह समाचार पत्र मैं तुम्हारे लिए मँगाता हूँ, किन्तु तुम तो इसे एक-दो मिनट देखकर रख देते हो।
पवन – और क्या करूँ पिता जी, मुझे तो उसमें यही देखना होता है कि कौन-सी पिक्चर चल रही है और हैलो दिल्ली में क्या-क्या दिखाया गया है। ये बातें पढ़ लीं और हो गया काम।
पिता – नहीं बेटा। समाचार पत्र हमारे लिए बड़े उपयोगी हैं। इनमें हमें और भी अनेक बातों की जानकारी मिलती है।
पवन – वे कौन-सी बातें हैं जिन्हें हम समाचार पत्रों में रोजाना पढ़ा करें?
पिता – हाँ, मैं बताता हूँ, सुनो! समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विद्वानों के लेख छपते हैं। हमें उनको पढ़ना चाहिए। कभी-कभी कहानियाँ और चुटकले भी छपते हैं, उन्हें भी पढ़ा करो।अथवा मैं : नमस्कार सर, क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
रविनारायण : हाँ बेटे, अंदर आओ।
मैं : धन्यवाद सर।
रविनारायण : बैठो बेटा, बताओ कैसे आना हुआ?
मैं : श्रीमान, हमारे विद्यालय में अगले सप्ताह शनिवार को नाट्य उत्सव समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुझे आपकी सहायता की आवश्यकता है।
रविनारायण : बोलो बेटे, मैं किस प्रकार तुम्हारी सहायता कर सकता हूँ?
मैं : श्रीमान, हमारे प्रधानाचार्य महोदय और हम सभी विद्यार्थी चाहते हैं कि इस अवसर पर उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता हेतु आप विद्यालय में पधारें।
रविनारायण : ठीक है बेटा, मैं अवश्य आऊँगा। यह बताओ कि तुम सब विद्यार्थी इस अवसर पर विद्यालय में कौन से नाटक का मंचन कर रहे हो?
मैं : श्रीमान, हमारे विद्यालय में महाकवि कालिदास द्वारा रचित नाटक अभिज्ञान शाकुंतलम का मंचन किया जा रहा है।
रविनारायण : अरे वाह ! ये तो बहुत सुंदर नाटक है।
मैं : जी श्रीमान, तो आप इस अवसर पर पधार रहे हैं?
रविनारायण : जी बेटा, मैं जरुर आऊँगा।
मैं : ठीक है श्रीमान, अब मुझे आज्ञा दीजिए, नमस्कार श्रीमान।
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- खंड क – अपठित बोध
Marking Scheme for the Class 9 exam
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Subject | Annual Exam | Internal Assessment | Total Marks |
English | 80 Marks | 20 Marks | 100 Marks |
Hindi | 80 Marks | 20 Marks | 100 Marks |
Hindi Course-B | 80 Marks | 20 Marks | 100 Marks |
Science | 80 Marks | 20 Marks | 100 Marks |
Social Science | 80 Marks | 20 Marks | 100 Marks |
Sanskrit | 80 Marks | 20 Marks | 100 Marks |
Foundation of IT | 50 Marks | 50 Marks | 100 Marks |
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