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Key Features of Class 9 Hindi A Sample Papers 2025:
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How to Access:
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CBSE Sample Question Paper for class 9 Hindi – in PDF
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Key Features of Class 9 Hindi A Sample Papers 2024-25:
- Aligned with Latest CBSE Syllabus: These Hindi A sample papers are based on the 2024-25 CBSE syllabus and follow the official marking scheme and blueprint issued by CBSE.
- Two-Part Structure: The sample papers consist of two sections:
- Part 1: Objective-type questions, including Multiple Choice Questions (MCQs), Assertion and Reasoning, Statement-based questions, and One-word answer questions.
- Part 2: Subjective questions to help you practice detailed answers and improve your writing skills. Practicing Class 9 Hindi A Sample Papers 2025 will help you get familiar with the types of questions asked and improve your time management skills during the exam.
- Comprehensive Solutions: Each sample paper includes complete solutions that provide step-by-step explanations to help you understand the approach to answering each question.
Why Choose These Sample Papers?
- Latest Exam Pattern: The sample papers are designed to reflect the latest changes in the CBSE exam pattern for Hindi Course-A, including the introduction of new types of objective questions like assertion-reason and statement-based questions.
- Free Download: All sample papers can be downloaded for free from the myCBSEguide app or the myCBSEguide website, making it easy for students to access quality study material anytime, anywhere.
- Improve Exam Readiness: Regular practice with these sample papers will help you become familiar with the format of the exam and enhance your time management skills.
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Class 09 – Hindi A Sample Paper (2024-25)
Class 09 – हिंदी ए
आदर्श प्रश्नपत्र – 01 (2024-25)अधिकतम अंक: 80
निर्धारित समय : 3 hoursसामान्य निर्देश:
- इस प्रश्नपत्र में चार खंड हैं।
- खंड ‘क’ में 14 अंकों के लिये दो अपठित गद्यांश दिये गये हैं।
- खंड ‘ख’ में 16 अंकों के लिये व्यावहारिक व्याकरण से संबंधित कुल 20 प्रश्न पूछे गये हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड ‘ग’ में 30 अंकों के लिये विकल्प सहित पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से विभिन्न प्रश्न पूछे गये हैं। सभी प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘घ’ में 20 अंकों के लिये विकल्प सहित रचनात्मक लेखन से संबंधित प्रश्न पूछे गये हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए। यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
- निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
सवेरे हम अपनी मंजिल काठमांडू की ओर बढ़े। पहाड़ी खेतों में मक्के और अरहर की फसलें लहरा रही थीं। छोटे-छोटे गाँव और परकोटे वाले घर बहुत सुंदर लग रहे थे। शाम होते-होते हम काठमांडू पहुँच गए। आज काठमांडू पर लिखते हुए अंगुलियाँ काँप रही हैं। वैसे ही जैसे पच्चीस अप्रैल को काठमांडू की धरती काँप उठी थी। न्यूज चैनल जब धरहरा स्तंभ को भरभराकर गिरते दिखा रहे थे, मेरा मन बैठा जा रहा था। क्या हुआ होगा धरहरा के इर्दगिर्द फेरी लगाकर सामान बेचने वालों का? और उस बाँसुरी वादक का जिसके सुरों ने मन मोह लिया था और वे पर्यटक जो धरहरा के सौंदर्य में बिंधे उसका सौंदर्य निहारते। सब कुछ जानते हुए भी मन यही कह रहा है कि सब ठीक हो।
रात को हम बाज़ार गए। बाज़ार इलेक्ट्रॉनिक सामानों से अटा पड़ा था और दुकानों की मालकिने मुस्तैदी से सामान बेच रही थीं। हमारे हिमालयी क्षेत्रों की तरह यहाँ भी अर्थव्यवस्था का आधार औरतें हैं। क्योंकि पहाड़ों पर पर्याप्त जमीन नहीं होती और रोजगार के साधन भी बहुत नहीं होते, सो घर के पुरुष नीचे मैदानी इलाकों में कमाने जाते हैं और घर-परिवार की सारी जिम्मेदारी महिलाएँ उठाती हैं। यहाँ गाँव की महिलाएँ खेती और शहर की महिलाएँ व्यवसाय सँभालती हैं। मैंने देखा वे बड़ी कुशलता से व्यावसायिक दाँव-पेंच अपना रही थीं। हम पोखरा होते हुए लौट रहे थे। रास्ते भर हिमाच्छादित चोटियाँ आँखमिचौली खेलती रहीं। राह में अनेक छोटे-बड़े नगर-गाँव और कस्बे आते रहे। नेपाली औरतें घरों में काम करती नजर आ रही थीं। मक्का कटकर घर आ चुकी थी। उसके गुच्छे घर के बाहर ख़ुटियों के सहारे लटके नजर आ रहे थे। अब हम काली नदी के साथ-साथ चल रहे थे।- लेखक की अंगुलियाँ क्यों काँप रहीं थीं? (1)
(क) नेपाल में अपने बुरे अनुभव याद आने के कारण
(ख) नेपाल में आए भूकंप की याद हो आने के कारण
(ग) नेपाल में पड़ने वाली सर्दी के कारण
(घ) नेपाल की डरावनी सड़कों के कारण - लेखक दुःखी और हताश क्यों था? (1)
(क) धरहरा के लोगों की सुरक्षा की चिंता में
(ख) नेपाल यात्रा में अधिक धन खर्च हो गया था
(ग) लेखक को नेपाल यात्रा अच्छी नहीं लगी
(घ) नेपालियों के बुरे बर्ताव के कारण - नेपाल में बहने वाली एक नदी जो भारत और नेपाल की सीमा पर है _______ (1)
(क) काली नदी
(ख) गंगा नदी
(ग) यमुना नदी
(घ) व्यास नदी - काठमांडू के बाजार की क्या विशेषता थी? (2)
- नेपाली अर्थव्यवस्था का आधार औरतें क्यों हैं? (2)
- लेखक की अंगुलियाँ क्यों काँप रहीं थीं? (1)
- निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
कोलाहल हो,
या सन्नाटा, कविता सदा सृजन करती है,
जब भी आँसू
कविता सदा जंग लड़ती है।
यात्राएँ जब मौन हो गईं
कविता ने जीना सिखलाया
जब भी तम का
जुल्म चढ़ा है, कविता नया सूर्य गढ़ती है,
जब गीतों की फ़सलें लुटती
शीलहरण होता कलियों का,
शब्दहीन जब हुई चेतना हुआ पराजित,
तब-तब चैन लुटा गलियों का जब भी कर्ता हुआ अकर्ता,
जब कुरसी का
कंस गरजता, कविता स्वयं कृष्ण बनती है।
अपने भी हो गए पराए कविता ने चलना सिखलाया।
यूँ झूठे अनुबंध हो गए
घर में ही वनवास हो रहा
यूँ गूंगे संबंध हो गए।- जब निराशा और अंधकार पाँव पसारते हैं तब प्रेरणा कहाँ से मिलती है? (1)
- स्वयं से
- समस्याओं से
- लोगों से
- कविता से
- ‘परस्पर संबंधों में दूरियां बढ़ने लगीं’ – यह भाव किस पंक्ति में आया है? (1)
- यूँ गूँगे संबंध हो गए
- शब्दहीन हुई अब चेतना
- यात्राएं जब मौन हो गई
- जब गीतों की फसलें लुटती
- कविता की प्रवृत्ति किस तरह की बताई गई है? (1)
- सदा सृजन करने वाली
- सदा विनाश करने वाली
- सदा सुनने वाली
- सदा सुनाने वाली
- ‘कविता सदा जंग लडती है’ – पंक्ति का भाव क्या है? (2)
- कविता जीना कब सिखाती है? (2)
- जब निराशा और अंधकार पाँव पसारते हैं तब प्रेरणा कहाँ से मिलती है? (1)
- खंड ख – व्यावहारिक व्याकरण
- निर्देशानुसार उत्तर लिखिए-
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग एवं मूल शब्द अलग करके लिखिए- (किन्ही दो) (2)- सुपुत्री
- परिचय
- प्रत्येक
निम्नलिखित मूल शब्दों में प्रत्यय जोड़कर बनने वाले शब्द लिखिए- (किन्ही दो) (2)
- उदार + ता
- सफल + ता
- इच्छ् + उक
- निर्देशानुसार किन्हीं चार प्रश्नों का उत्तर दीजिए और उपयुक्त समास का नाम भी लिखिए।
- चरणकमल (विग्रह कीजिए)
- चिड़ीमार ((विग्रह कीजिए)
- आत्मा पर विश्वास (समस्त पद लिखिए)
- चक्र को धारण करने वाला (समस्त पद लिखिए)
- नीला है जो गगन (समस्त पद लिखिए)
- निर्देशानुसार किन्हीं चार प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
- शायद उसने काम कर लिया। (अर्थ के आधार पर वाक्य भेद)
- क्या आप कल पाठशाला जायेंगे? (अर्थ के आधार पर वाक्य भेद)
- आज माताजी भी आएँगी। (संदेहवाचक वाक्य)
- काश! बारिश होने पर फ़सल भी होती है। (आज्ञावाचक वाक्य)
- हम यहाँ पर नहीं बैठ सकते हैं। (आज्ञावाचक वाक्य)
- निम्नलिखित काव्यांशों में से किन्हीं चार के अलंकार भेद पहचान कर लिखिए-
- मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला
- बंदऊँ गुरुपद पदुम परागा। सुरुचि सुवास सरस अनुरागा।
- सजना है मुझे सजना के लिये
- मूरति मधुर मनोहर देखी। भयेउ विदेह विदेह विसेखी।
- रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।
और अधिक प्रश्नों का अभ्यास करने और परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करने के लिए, myCBSEguide.com ऐप डाउनलोड करें। यह UP बोर्ड, NCERT, JEE (MAIN), NEET (UG) और NDA परीक्षाओं के लिए संपूर्ण अध्ययन सामग्री प्रदान करता है। Class 9 Hindi A Sample Papers 2025 include a mix of objective and subjective questions, helping students sharpen both their writing and analytical abilities.
- खंड ग – गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
- अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
रात को जब बालिका रोटियाँ खिलाकर चली गई, दोनों रस्सियाँ चबाने लगे, पर मोटी रस्सी मुँह में न आती थी। बेचारे बार-बार ज़ोर लगाकर रह जाते थे।
सहसा घर का द्वार खुला और वही लड़की निकली। दोनों सिर झुकाकर उसका हाथ चाटने लगे। दोनों की पूँछें खड़ी हो गईं। उसने उनके माथे सहलाए और बोला-खोले देती हूँ। चुपके से भाग जाओ, नहीं तो यहाँ लोग मार डालेंगे। आज घर में सलाह हो रही है कि इनकी नाकों में नाथ डाल दी जाए। उसने गराँव खोल दिया, पर दोनों चुपचाप खड़े रहे। मोती ने अपनी भाषा में पूछा-अब चलते क्यों नहीं? हीरा ने कहा-चलें तो, लेकिन कल इस अनाथ पर आफत आएगी। सब इसी पर संदेह करेंगे। सहसा बालिका चिल्लाई- दोनों फूफावाले बैल भागे जा रहे हैं। ओ दादा! दादा ! दोनों बैल भागे जा रहे हैं, जल्दी दौड़ो।- छोटी लड़की बैलों को क्या खिलाने आती थी?क) खल-चोकरख) हरा-हरा चाराग) चावलघ) रोटियाँ
- छोटी लड़की को देखकर हीरा-मोती ने कैसा व्यवहार किया?क) उसके सामने सिर झुकाकर खड़े रहेख) दोनों प्रेमपूर्वक उसका हाथ चाटने लगेग) दोनों बैल पूँछें खड़ी करके खड़े हो गएघ) सभी
- छोटी लड़की ने घर में क्या सुन लिया था?क) दोनों बैलों की नाक में नाथ डालने की बात हो रही थीख) दोनों बैलों को आज से दाना-चारा नहीं दिया जाएगाग) दोनों बैलों को कसाई को बेच दिया जाएगाघ) दोनों बैलों को प्रतिदिन पीटा जाएगा
- छोटी लड़की द्वारा बैलों को खोलने का क्या कारण था?क) वह बैलों को बेचना चाहती थीख) इनमें से कोई नहींग) वह बैलों को भगाकर घरवालों से बदला लेना चाहती थीघ) बैलों के प्रति उसमें दयालुता व प्रेम भाव था
- छोटी लड़की द्वारा बैलों को खोलने पर भी वे क्यों नहीं भागे?क) सभीख) उन्हें डर था कि परिवार वाले लड़की के साथ मारपीट करेंगेग) छोटी लड़की ने बैलों के प्रति स्नेह प्रकट किया थाघ) उन्हें डर था कि सब लड़की पर संदेह करेंगे
- छोटी लड़की बैलों को क्या खिलाने आती थी?
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
- ल्हासा की ओर पाठ में लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?
- आशय स्पष्ट कीजिए-सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
- महादेवी वर्मा ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का वर्णन किया है?
- ‘गंदे-से-गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है’ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
- खंड ग – काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
- अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
मोको कहाँ ढूँढे बंदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौने क्रिया-कर्म में, नहीं योग बैराग में।
खोजी होय तो तुरते मिलिहौं, पल भर की तालास में।- पद्यांश में किसे ढूँढने की बात हो रही है?क) मस्जिद कोख) देवता कोग) कबीर कोघ) ईश्वर को
- लोग ईश्वर को प्राय: कहाँ ढूँढते हैं?क) अपने अंतर्मन मेंख) इनमें से कोई नहींग) मंदिर, मस्जिद, काबा और कैलाश मेंघ) अपने आसपास
- ईश्वर को बाहर खोजना क्यों व्यर्थ है?क) क्योंकि वह कैलाश पर निवास करता हैख) क्योंकि वह मस्जिद में हैग) क्योंकि वह मंदिर में निवास करता हैघ) क्योंकि ईश्वर सर्वव्यापी है
- सच्चा साधक ईश्वर को कैसे खोज सकता है?क) इनमें से कोई नहींख) बाह्य आडंबरों के बिनाग) बाह्य आडंबरों के बिना और सच्चाई का मार्ग अपनाते हुए दोनोंघ) सच्चाई का मार्ग अपनाते हुए
- सब स्वाँसों की स्वाँस में पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?क) श्लेषख) उपमाग) अनुप्रासघ) रूपक
- पद्यांश में किसे ढूँढने की बात हो रही है?
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
- बालश्रम अपराध है फिर भी बच्चों को काम करते हुए देखा जा सकता है। इसके क्या कारण हो सकते हैं, लिखिए।
- मिलन के अश्रु ढरके के माध्यम से कवि ने क्या कहना चाहा है? मेघ आए कविता के आधार पर बताइए।
- माँझी और उतराई का प्रतीकार्थ समझाइए? यह माँझी कवयित्री को कहाँ पहुँचाता है?
- कवि सुमित्रानंदन पंत ने गाँव के लिए कौन-सा सर्वाधिक महत्तपूर्ण विशेषण प्रयुक्त किया है?
- खंड ग – कृतिका (पूरक पाठ्यपुस्तक)
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए:
- इस जल प्रलय में पाठ के अनुसार 1967 में पटना में आई बाढ़ से निपटने के लिए लेखक ने क्या इंतजाम किया?
- मेरे संग की औरतें पाठ के आधार पर बताएँ कि क्या पहले की औरतों को अपने ढंग से जीने की आज़ादी थी?
- रीढ़ की हड्डी शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
- खंड घ – रचनात्मक लेखन
- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखिये:
- मोबाइल : शिक्षा जगत में क्रांति का आधार विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।
- वर्तमान में शिक्षा जगत में इसकी अनिवार्यता
- सकारात्मक प्रभाव
- दुष्प्रभाव
- सुझाव
- पुस्तक की आत्मकथा विषय पर संकेत बिन्दुओं के आधार पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए :
- मै हूँ
- मेरी विशेष बातें
- क्या सोचते हैं लोग मेरे बारे में
- लड़का-लड़की एकसमान विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।
संकेत बिंदु: इस सोच की आवश्यकता क्यों? लड़कियों को बढ़ावा कैसे? देश-समाज पर प्रभाव, सुझाव
- मोबाइल : शिक्षा जगत में क्रांति का आधार विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।
- आपके स्कूल के पुस्तकालय में अंग्रेज़ी के अनुपात में हिन्दी की पुस्तकें और पत्रिकाएँ बहुत कम हैं। हिन्दी पुस्तकों और पत्रिकाओं की आवश्यकता बताते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य को लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए।अथवा नित्य प्रातःकाल उठकर खुली हवा में घूमने और व्यायाम करने की सलाह देते हुए अपने छोटे भाई/बहन को एक पत्र लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए।
- मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश की चेतावनी जारी किए जाने के कारण जिला प्रशासन ने दो दिन के लिए शिक्षण-संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया है। स्कूल प्रधानाचार्य की ओर से लगभग 100 शब्दों में, अभिभावकों तक इस जानकारी को पहुँचाने के लिए विद्यालय की वेबसाइट पर डालने हेतु एक ई-मेल तैयार कीजिए।
अथवा
ईमानदारी का फल विषय पर एक लघुकथा लिखिए।
- स्वच्छता-अभियान पर माँ-बेटी के बीच संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
अथवा
आप क.ख.ग. आवास परिसर के आवास कल्याण समिति के सचिव हैं। आपकी समिति होली के अवसर पर एक हास्य-कवि-सम्मेलन का आयोजन कर रही है, जिसमें शैल चतुर्वेदी, सुरेंद्र शर्मा जैसे प्रसिद्ध हास्य कवियों के साथ-साथ परिसर के नवोदित कवियों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए लगभग 80 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए।
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Class 09 – हिंदी ए
आदर्श प्रश्नपत्र – 01 (2024-25)उत्तर
- खंड क – अपठित बोध
- (ख) नेपाल में आए भूकंप की याद हो आने के कारण काठमांडू पर लिखने के लिए लेखक की अंगुलियाँ काँप रहीं थीं क्योंकि इस घटना ने उन्हें भावनात्मक स्तर पर हिला कर रख दिया था।
- (क) न्यूज चैनलों में जब काठमांडू के धरहरा स्तंभ को भरभराकर गिरते दिखाए जाने लगा तो लेखक धरहरा में मिले फेरी लगाकर सामान बेचनेवालों, मधुर बाँसुरी वादक और पर्यटकों के बारे में चिंता कर दुःखी और हताश हो गया। वह मन ही मन उनकी कुशलता के विषय में विचारने लगा।
- (क) काली नदी नेपाल में बहने वाली एक नदी है जो भारत और नेपाल की सीमा पर है।
- नेपाल एक पहाड़ी इलाका है तथा वहाँ पहाड़ों पर पर्याप्त समतल ज़मीन नहीं होने से कृषि व अन्य रोजगार के साधन भी सीमित होते हैं जिसके कारण पुरुष नीचे मैदानी इलाकों में कमाने के लिए जाते हैं और घर परिवार की सारी ज़िम्मेदारी महिलाओं पर आ जाती हैं। गाँव की महिलाएँ खेती व शहरी महिलाएँ व्यवसाय सँभालती है।इस तरह हम कह सकते हैं कि औरतें ही नेपाली अर्थवयवस्था का आधार है।
- काठमांडू से लौटते समय लेखक ने रास्ते में बर्फ से ढँकी चोटियाँ, छोटे-बड़े नगर-गाँव और कस्बे देखे। घरों के बाहर कटी हुई मक्का की फसल के गुच्छे खूँटियों पर लटके देखे तथा राह में काली नदी बहती दिखाई दी।
- (iv) कविता से।
- (i) यूँ गूँगे संबंध हो गए।
- (i) सदा सृजन करने वाली।
- कविता सदा जंग लड़ती है – पंक्ति का भाव है कि कविता संघर्ष करने की प्रेरणा देती है।
- कविता जीना सिखाती है जब कर्मठ व्यक्ति अकर्मण्य हो जाता है।
- खंड ख – व्यावहारिक व्याकरण
- उपसर्ग
- सुपुत्री = ‘सु’ उपसर्ग और ‘पुत्री’ मूल शब्द है |
- परिचय = ‘परि’ उपसर्ग और ‘चय’ मूल शब्द है |
- प्रत्येक = ‘प्रति’ उपसर्ग और ‘एक’ मूल शब्द है |
प्रत्यय
- उदार + ता = उदारता
- सफल + ता = सफलता
- इच्छा + उक = इच्छुक
- चरणकमल – कमल के समान चरण (कर्मधारय समास)
- चिड़ीमार – चिड़ियों को मारने वाला (कर्म / द्वितीया तत्पुरुष), चिड़ियों को मारता है जो (कर्मधारय समास)
- आत्मा पर विश्वास = आत्मविश्वास (अधिकरण तत्पुरुष समास)
- चक्र को धारण करने वाला = चक्रधर अर्थात् विष्णु जी (बहुब्रीहि समास)
- नीला है जो गगन = नीलगगन (कर्मधारय समास)
- संदेहवाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- संभव है आज माताजी भी आ जाएँगी। अथवा शायद आज माताजी भी आ जाएँ |
- बारिश बरसो जिससे फ़सल अच्छी हो |
- हम यहाँ पर बैठ सकते हैं।
- अनुप्रास अलंकार
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- यमक अलंकार
- श्लेष अलंकार
- खंड ग – गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
- (घ) रोटियाँ
व्याख्या: रोटियाँ - (घ) सभी
व्याख्या: सभी - (क) दोनों बैलों की नाक में नाथ डालने की बात हो रही थी
व्याख्या: दोनों बैलों की नाक में नाथ डालने की बात हो रही थी - (घ) बैलों के प्रति उसमें दयालुता व प्रेम भाव था
व्याख्या: बैलों के प्रति उसमें दयालुता व प्रेम भाव था - (क) सभी
व्याख्या: सभी
- (घ) रोटियाँ
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
- लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से निम्नलिखित कारणों से पिछड़ गया-
- लेखक का घोड़ा सुस्त था इसलिए वह धीरे-धीरे चल रहा था।
- घोड़ा धीरे चलने के कारण लेखक अपने साथियों से पिछड़ गया |
- दूसरे रास्ते पर डेढ़-दो मील चलने पर लेखक को लगा कि वह गलत रास्ते पर आ गया है | वहाँ से वह फिर वापस आकर दूसरे रास्ते पर गया।
- सालिम अली ने अपना सारा जीवन पक्षियों की सुरक्षा और उनके बारे में नवीन जानकारियाँ एकत्रित करने में बिता दिया था। वे पक्षियों की खोज में न तो किसी स्थान विशेष तक सीमित रहे और न ही उन्होंने स्वयं को किसी सीमा में कैद किया। वे टापू की तरह सूक्ष्म विचारों वाले नहीं बल्कि सागर की तरह खुले आचार-विचार और सोच वाले थे। वे पक्षी, प्रकृति और पर्यावरण के लिए कुछ भी करने को तैयार थे।
- महादेवी वर्मा ने अपनी माँ की ये विशेषताएँ बताई हैं कि उनके परिवार में पहले हिंदी नहीं बोली जाती थी। माँ के आने के साथ ही उसके परिवार में हिंदी बोली जाने लगी। वे हिंदी के पद लिखती थीं और उन्हें गाया करती थीं। ‘जागिए कृपा निधान पंछी बन बोले’ सवेरे गाया करती थीं। वे संस्कृत की ज्ञाता थीं। लेखिका के मन में हिंदी और संस्कृत के प्रति उन्होंने ही रुझान उत्पन्न किया | वे धार्मिक स्वभाव की महिला थीं, जो पूजा-पाठ और गीता में विशेष रुचि रखती थीं।
- इस वाक्य के माध्यम से लेखक ने समाज में व्याप्त दिखावे और फैशन की प्रवृत्ति पर व्यंग्य किया है। वे कहते हैं कि लोग तो फोटो खिंचवाने के लिए कपड़े, टाई, जूते और यहाँ तक की पत्नी तक उधार मांग लेते हैं। बाल सेट करवाते हैं, इत्र छिड़कते हैं ताकि फोटो में से खुशबू आए।अपनी फोटो खिंचाते समय वे अपने बैठने का ढंग, मुख, मुद्रा आदि का विशेष ध्यान रखते हैं, जिससे उनकी फोटो अच्छी आए।
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- लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से निम्नलिखित कारणों से पिछड़ गया-
- खंड ग – काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
- (घ) ईश्वर को
व्याख्या: ईश्वर को - (ग) मंदिर, मस्जिद, काबा और कैलाश में
व्याख्या: मंदिर, मस्जिद, काबा और कैलाश में - (घ) क्योंकि ईश्वर सर्वव्यापी है
व्याख्या: क्योंकि ईश्वर सर्वव्यापी है - (ग) बाह्य आडंबरों के बिना और सच्चाई का मार्ग अपनाते हुए दोनों
व्याख्या: बाह्य आडंबरों के बिना और सच्चाई का मार्ग अपनाते हुए दोनों - (ग) अनुप्रास
व्याख्या: अनुप्रास
- (घ) ईश्वर को
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
- बालश्रम अपराध है फिर भी बच्चों को काम करते हुए देखा जा सकता है । इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
- इनमें सबसे पहला कारण गरीबी है। बच्चों की मूलभूत ज़रूरतें पूरी न करने पर माँ-बाप उन्हें काम पर भेजने को विवश हो जाते हैं।
- दूसरा कारण लोगों की स्वार्थी प्रवृत्ति है जिसके कारण अपने फायदे के लिए वे बच्चों को काम पर जाने से नहीं रोकते हैं |
- अन्य कारण समाज की संवेदनहीनता है जिसके कारण बच्चे काम करते हुए देखे जा सकते हैं।
- गर्मी की मार से मनुष्य, पशु-पक्षी सभी वर्षा होने का बेचैनी से इंतजार कर रहे थे, पर वर्षा में विलंब होता देख सभी के मन में भ्रम की स्थिति बन गई थी कि इस साल वर्षा होगी भी या नहीं। इस इंतजार के बाद जब बादल आए तो विरह व्याकुल लता ने बादल (मेघ) को उलाहने दिए, शिकवे-शिकायतें कीं। गिले-शिकवे दूर हुए। दोनों के मिलन से उनकी आँखों से खुशी के आँसू बह निकले। वे अपनी खुशी न छिपा सके अर्थात् वर्षा होने लगी और खुशी का संचार हो उठा।
- कवयित्री ने अपने वाख में ‘माँझी’ और ‘उतराई’ शब्दों का प्रयोग किया है, जिनका क्रमशः प्रतीकार्थ है-उसका प्रभु तथा सद्कर्म और भक्ति। यह माँझी (कवयित्री का प्रभु) उसे भवसागर के पार ले जाता है तथा मुक्ति प्रदान करता है।
- कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ कहा है, क्योंकि हरियाली से भरपूर वातावरण, खेतों में लहलहाती फसलें, शुद्ध सब्जियाँ और फल, रंग-बिरंगे फूल, विविध आकर्षक तितलियाँ, नीला पवित्र आकाश, प्रदूषण रहित अनुपम, प्राकृतिक शोभा, नरम धूप की चमक, नैसर्गिक सुख से परिपूर्ण गाँव वास्तव में सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
- बालश्रम अपराध है फिर भी बच्चों को काम करते हुए देखा जा सकता है । इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
- खंड ग – कृतिका (पूरक पाठ्यपुस्तक)
- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए:
- 1967 में लगातार अठारह घंटे तक वर्षा होती रही। इस अविराम वर्षा के कारण पुनपुन का पानी पटना शहर में घुस आया। पटना में पानी भरता देख लेखक ने घर में ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, सिगरेट, पीने का पानी और कांपोज की गोलियाँ इकट्ठी कर ली। यह सब इंतजाम होने के बाद वह बाढ़ के पानी की और बढ़ने का इंतजार करने लगा।
- लेखिका के जीवन में उसकी माँ, नानी, परदादी और दादी आदि सभी औरतों का बहुत प्रभाव था। सभी औरतों ने अपने जीवन को अपने ढंग से व्यतीत किया है। लेखिका की नानी ने विलायती स्वभाव वाले पति के साथ रहकर अपनी स्वतंत्रता को नहीं खोया। इसलिए अपने अंतिम समय में अपनी निजी स्वतंत्रता का उपयोग करते हुए अपनी बेटी की शादी का दायित्व अपने पति के स्वतंत्रता सेनानी मित्र को सौंप दिया। लेखिका की परदादी भी अलग तरह के विचारों पर चलने वाली औरत थी। इसलिए उन्होंने अपनी पतोहू से पहले बच्चे के रूप में लड़की की मांग रख दी। इसके लिए उन्होंने भगवान् से प्रतिदिन प्रार्थनाएँ कीं। इस प्रकार लगातार पाँच बहनें पैदा हुईं। इसके लिए कभी भी उन्हें या उनकी माँ को सुनना नहीं पड़ा। लेखिका की माँ ने भी अपनी जिंदगी अपने विचारों के अनुरूप व्यतीत की है। उन्होंने कभी भी किसी के काम में हस्ताक्षेप नहीं किया। संयुक्त परिवार में रहते हुए भी सभी को अपनी निजी स्वतंत्रता बनाए रखने की छूट थी। उनकी दादी ने भी कभी भी उनकी माँ के निजी जीवन में हस्ताक्षेप नहीं किया था। इस प्रकार लेखिका के घर की औरतें को अपना जीवन स्वतंत्रता से व्यतीत करनी की आज़ादी थी।
- जिस प्रकार मानव शरीर में रीढ़ की हड्डी (बैकबोन) अत्यंत महत्वपूर्ण अंग होता है, जिसके अभाव में या कमजोर होने पर व्यक्ति सीधा खड़ा भी नहीं हो सकता है। व्यक्ति को सीधा खड़ा होने के लिए रीढ़ की हड्डी की मजबूती आवश्यक है। उसी प्रकार समाज में नारी को ‘रीढ़ की हड्डी’ जैसा महत्त्वपूर्ण स्थान है। समाज में नारी को उचित स्थान न मिल पाना, समाज की ‘बैकबोन’ को कमजोर करता है। नारी की उन्नति तथा समाज में उचित स्थान दिए बिना समाज मजबूत नहीं है।
- खंड घ – रचनात्मक लेखन
- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखिये:
- मोबाइल : शिक्षा जगत में क्रांति का आधार मोबाइल आज एक वरदान के रूप में सामने आया है। आज कोई भी व्यक्ति इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। वर्तमान में यह विद्यार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। शिक्षा के क्षेत्र में यदि देखा जाए तो मोबाइल ने एक क्रांति ला दी है। मोबाइल के कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई के सभी विषय घर बैठे ही समझा दिए जाते है। कोविड के दिनों में, जब दो वर्षो तक कोई विद्यार्थी पाठशाला या महाविद्यालय नहीं गया परन्तु उनकी पढ़ाई घर बैठे होती रही। इसका कारण है मोबाइल की सुविधा। छोटे-छोटे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। उन्हें व्हाट्सऐप से गृहकार्य भी दिया जा रहा था। मोबाइल के सस्ती तथा सुविधाजनक उपलब्धि के कारण सभी के लिए मोबाइल एक आवश्यकता की वस्तु बन गया। पूर्व समय में विद्यार्थी परीक्षा का फॉर्म भरकर भूल जाते थे, उन्हें तारीख याद नहीं रहती थी, आज मोबाइल के माध्यम से परीक्षा संबंधित सभी तिथियाँ इंटरनेट पर मिल जाती है और फॉर्म भी आसानी से मोबाइल के माध्यम से भर दिए जाते हैं। मोबाइल के द्वारा विद्यार्थियों को ही नहीं अपितु शिक्षकों के भी ज्ञान में वृद्धि हुई है, शिक्षक भी पढ़ने से पहले अपने ज्ञान की पुनरावृत्ति करते है जो मोबाइल के कारण बेहद आसान हो गई है, शिक्षक स्टाफ रूम में बैठे-बैठे भी अपनी कक्षा की तैयारी कर सकते है साथ ही साथ वे विद्यार्थी की सुविधानुसार उन्हें पढ़ा सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए तो यह ज्ञान का वरदान है ही। आज कल विद्यार्थियों को यदि कोई विषय अथवा कोई इतिहास की घटना, गणित का सवाल नहीं आता तो मोबाइल पर ऐसे ऐप है जो उसी वक़्त आपकी मदद करके आपके सवाल हल कर देंगे या कोई भी विषय उसी वक़्त समझा देंगे। मोबाइल मनोरंजन का भी एक सर्वोत्तम साधन है, विद्यार्थी यदि पढ़ते-पढ़ते थक जाते है तो थोड़ी देर वे मोबाइल के द्वारा मनोरंजन कर सकते है, मोबाइल के कारण आज मनोरंजन के लिए टेलीविजन आवश्यक नहीं है, विद्यार्थी अपने कमरे में ही बैठे हुए थोड़ी देर के लिए अपने आप को चिंता मुक्त महसूस करवा सकते है।
- मैं पुस्तक हूँ। ज्ञान का अकूत भंडार हूँ। मेरे दिखाए हुए रास्ते पर चलकर ही मनुष्य विकास की सीढियाँ चढ़ता जाता है। कोई मुझसे प्रेम करता है तो मेरे सम्मान में अपना सिर झुकाता है। मैं आपकी सच्ची हमसफ़र और मार्गदर्शक हूँ। वैसे तो मैं हर घर में मिल जाती हूँ पर मेरा एक निवास स्थान है पुस्तकालय-जहाँ मैं संगठित होकर रहती हूँ। जब से अक्षरों का लिखित रूप में विकास हुआ, तब से ही मुझे ज्ञान का भंडार माना जाता है। मुझे पढ़कर लोग अपना ज्ञान बढ़ाते हैं। विद्यार्थियों और लेखकों के बीच मैं प्रमुख रूप से पूजी जाती हूँ। एक गुरु की भांति मैं भी हर पग पर सभी का मार्गदर्शन करती हूँ।
आज से पहले मेरा रूप ऐसा नहीं था। पहले के समय में जब कागज़ का आविष्कार नहीं हुआ ता, तब भोजपत्रों और बाँस की पतली पट्टी पर ज्ञानाक्षर लिखे जाते थे पर जब से कागज़ का निर्माण हुआ, तब से मेरा जीवन ही बदल गया। आज कहानी, कविता, लेख, इतिहास आदि सभी मुझ में सुरक्षित है। मेरा निर्माण करने में भी बहुत परिश्रम करना पड़ता है। ज्ञानी व्यक्ति मेरे अंदर अपना सारा ज्ञान उड़ेल देते हैं, तभी वह आपके पढ़ने लायक बन पाती है। लोग अपनी जरूरतों के अनुसार मेरा प्रयोग करते हैं। पाठक मेरा बहुत सम्मान करते हैं पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें मेरी कोई कद्र नहीं। इस तरह के पाठक मेरे पन्ने फाड़ देते हैं जिससे मेरा रूप बिगड़ जाता है। मुझे ऐसे पाठक जरा-भी अच्छे नहीं लगते। वैसे जन्म से लेकर आज तक सम्पूर्ण मानव जाति ने मेरे हर रूप को सिर-आँखों पर बिठाया है। आज मेरा एक रूप आप सभी को मोबाइल और कंप्यूटर पर नज़र आता है और इस नए रूप ने तो सभी का मन मोह लिया है। हालाँकि इस परिवर्तन के कारण मैं अधिकतर घरों की अलमारियों में बंद हो गई हूँ पर समय के साथ बदलने में ही समझदारी है। - लड़का-लड़की एकसमान हम सभी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं। हमारे समाज में लड़का और लड़की दोनों प्रजाति के लोग निवास करते हैं। हमारे समाज और देश को चलाने के लिए लड़का और लड़की दोनों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। पहले लोग लड़कियों की तुलना में लड़कों को अधिक महत्त्व देते थे। इसका यह कारण था कि लड़कों को बाहर जाना पड़ता था और नौकरी करनी पड़ती थी इसलिए उन्हें अधिक देखभाल और अधिक शक्ति की आवश्यकता थी। लड़कियों को बाहर जाने की इजाज़त नहीं थी। उन्हें घरों के अंदर रहना पड़ता था और घरेलू काम करना पड़ता था। लड़कों को शिक्षा दी जाती थी लेकिन लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। लड़कियों को समाज में लड़कों से कम माना जाता है तथा लड़कियों को केवल घर के कामों के योग्य समझा जाता है। यह बिल्कुल ही गलत होता है, लोगों को ऐसी सोच नहीं रखनी चाहिए और लड़कियों को भी लड़कों के समान सभी क्षेत्र में अवसर प्रदान करने चाहिए। लड़कों को कहीं भी आने-जाने का अधिकार दिया जाता है, उसी प्रकार लड़कियों को भी बिना रोक-टोक के अधिकार देने चाहिए ताकि लड़कियाँ भी देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना और उन्हें समाज में सम्मान देना आवश्यक है। सरकारी योजनाएँ उन्हें शिक्षा और स्वविकास के लिए सहायता प्रदान करनी चाहिए।
यदि लड़का-लड़की एकसमान होंगे, तो समाज और देश दोनों का प्रगति करने में सक्रिय योगदान मिलेगा। समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाज संगठनों को लड़का-लड़की समानता को प्रचारित करने के लिए जागरूक करना चाहिए। स्कूल और कॉलेजों में संभलता और समानता को प्रोत्साहित करना अनिवार्य है। ऐसा करके हम एक समृद्ध और उत्थानशील समाज का निर्माण कर सकते हैं, जहाँ हर व्यक्ति अपने सपनों को पूरा कर सकता है।
- प्रधानाचार्य जी,
कैनेडी सीनियर सेकेंड्री स्कूल,
राज नगर-पार्ट-2,
पालम, दिल्ली।
01 अप्रैल, 2022
विषय- हिंदी की पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएँ एवं समाचार-पत्र मँगवाने के संबंध में
महोदया,
विनम्र प्रार्थना यह है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं ‘अ’ का छात्र हूँ। इस विद्यालय का पुस्तकालय अत्यंत समृद्ध है, जिसमें विभिन्न विषयों की उच्चकोटि के विद्वानों द्वारा लिखी पुस्तकें हैं। गणित, विज्ञान जैसे विषयों पर पर्याप्त पुस्तकें हैं, किंतु इनमें से अधिकांश पुस्तकें अंग्रेजी माध्यम में हैं। यही हाल यहाँ आनेवाली पत्रिकाएँ तथा समाचार-पत्रों का है। यहाँ हिंदी में पुस्तकों, समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं की संख्या बहुत कम है। हम अपने अध्यापक से नंदन, चंपक, सुमन-सौरभ, चंदा-मामा आदि बाल पत्रिकाओं के नाम सुनते तो हैं, पर पढ़ने से वंचित रह जाते हैं। अतः आपसे प्रार्थना है कि हिंदी विषय की पुस्तकें, बाल-पत्रिकाएँ तथा हिंदी भाषा के समाचार पत्र मँगवाने की कृपा करें। हम छात्र आपके आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
गोविंद सिंह
X – ‘अ’
अनु – 10 अथवा परीक्षा भवन
दिल्ली
दिनांक: 11/11/20XX
प्रिय छोटे भाई/बहन,
मधुर स्नेह
आशा है तुम कुशल मंगल होगे।
मैं तुम्हें यह पत्र इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि मैं चाहता हूँ कि तुम नित्य प्रातःकाल उठकर खुली हवा में घूमने और व्यायाम करने की आदत डालो। तुम तो जानते ही हो कि सुबह की ताजी हवा हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यह हमारे शरीर को ऑक्सीजन प्रदान करती है और हमें ऊर्जावान बनाती है। व्यायाम करने से भी हमारे स्वास्थ्य पर अनेक लाभ होते हैं। यह हमारे शरीर को मजबूत बनाता है, रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है और मन को भी शांत रखता है।
प्रातःकाल उठकर व्यायाम करने से तुम्हारा दिन भी अच्छा बीतेगा। तुम अधिक एकाग्रता और उत्साह के साथ अपने काम कर पाओगे।
अतः मैं तुमसे अनुरोध करता हूँ कि तुम भी नित्य प्रातःकाल उठकर खुली हवा में घूमने और व्यायाम करने की आदत डालो।
तुम्हारा प्रिय बड़ा भाई/बहन
क.ख.ग. - To: Aniketsharma@gmail.com
From: gpm@gmail.com
CC:
BCC:
प्रिय अभिभावक,
जनपद में अत्यधिक बारिश होने के कारण जल भराव व ओलावृष्टि की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए ज़िला प्रशासन अधिकारी महोदय के आदेशानुसार स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी की गई भारी बारिश की चेतावनी के कारण, प्रदेश के कई भागों में बाढ़ का खतरा है। इस समय में सुरक्षित रहने के लिए प्रशासन ने डी.एम. के आदेश के अनुसार, दिनांक 11 अक्टूबर 2023 से 12 अक्टूबर 2023 तक सभी कक्षाएँ नर्सरी से कक्षा 12 तक के स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया है। हमने विद्यालय की वेबसाइट पर एक ई-मेल डाला है जिसमें यह जानकारी उपलब्ध है। कृपया विद्यालय की वेबसाइट चेक करें और अधिक जानकारी प्राप्त करें। हम आपके सहयोग के लिए आभारी हैं और आपके बच्चों की सुरक्षा के लिए हम सभी मेहनत कर रहे हैं।
आज्ञा से
प्रधानाचार्यअथवा ईमानदारी का फल बहुत समय पहले की बात है एक राज्य में एक धनवान और प्रतिष्ठित व्यक्ति रहता था। एक बार उसके राज्य में अकाल पड़ा। चारो तरफ लोग भूख से मर रहे थे पशु-पक्षी भी भूख-प्यास से तड़प रहे थे। ऐसी स्थित में राज्य के उस धनवान व्यक्ति ने बच्चों के लिए प्रतिदिन एक रोटी देने का निश्चय किया और चारो तरफ घोषणा करवा दी। दूसरे दिन सुबह से ही उस व्यक्ति के घर के सामने बच्चों की भीड़ लग गई। वह व्यक्ति अपने हाथों से बच्चों को रोटी बांटने लगा। रोटियाँ बड़ी-छोटी थीं। सभी बच्चे बड़ी रोटियाँ लेना चाह रहे थे इसिलए बच्चे आपस में धक्का-मुक्की करने लगे। उस धनी व्यक्ति ने देखा एक छोटी बच्ची एक तरफ़ा चुपचाप खड़ी होकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रही थी और जब सभी बच्चों को रोटियाँ बंट गई तो वह लड़की रोटी लेने के लिए आगे बढ़ी। उस बच्ची के लिए एक ही रोटी बची थी वह भी छोटी रोटी थी। बच्ची ने खुशी-खुशी रोटी ले ली और अपने घर चली गई। दूसरे दिन उस धनी व्यक्ति ने पुनः रोटियाँ बांटी सभी बच्चों ने फिर रोटियाँ ली और इस बार भी उस छोटी बच्ची को सबसे आखिरी में छोटी रोटी ही मिली। कई दिनों तक यह क्रम चलता रहा वह धनवान व्यक्ति रोज इस दृश्य को देखता था। एक दिन बच्ची रोटी अपने घर ले गई और जब उसने रोटी तोड़ी तो उसमें सोने का सिक्का मिला। उस बच्ची ने अपनी माँ को सिक्का दिखलाया। उसकी माँ ने सिक्के को धनवान व्यक्ति को वापस करने के लिए कहा।
बच्ची अगले दिन रोटी लेने गई और उस धनी व्यक्ति को सिक्का लौटाकर बोली-“मुझे रोटी में यह सोने का सिक्का मिला है शायद रोटी बनाते समय आटे में गिर गया होगा इसी कारण मैं इस सोने के सिक्के को लौटाने आई हूँ।” उस नन्ही-सी बच्ची की बातें सुनकर वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ और सोने का सिक्का बच्ची को वापस कर बोला-बेटी, यह सोने का सिक्का तुम्हारे धैर्य और संतोष का ईनाम है। बच्ची बोली- “मुझे रोटी लेने के लिए धक्के नहीं खाने पड़े यही मेरे लिए ईनाम है मैं इसी में खुश हूँ।” दरअसल उस धनवान व्यक्ति ने जानबूझ का उस रोटी में सोने का सिक्का डाला था। बच्ची की ईमानदारी देखकर उसने बच्ची को अपनी पुत्री के समान दर्जा दिया। - प्रेरणा – माँ, उधर देखो! कितना कचरा जमा पड़ा है।
माँ – हाँ बेटी! इसी कचरे को साफ करने के लिए वर्तमान प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान चलाया है।
प्रेरणा – स्वच्छता अभियान से क्या हमारा मोहल्ला साफ सफ़ाई वाला हो जाएगा?
माँ – हाँ, बेटी! स्वच्छता अभियान में तुमको, मुझे और समस्त मोहल्लेवासियों को भाग लेना पड़ेगा।
प्रेरणा – किस तरह का भाग माँ?
माँ – बेटी, हमें जहाँ कहीं भी गंदगी मिले उसे तुरंत साफ करना होगा। हमें अपने आस-पास के लोगों को स्वच्छता के विषय से अवगत कराना होगा ………और …….
प्रेरणा – …… और माँ हमें जगह-जगह पर रखे हुए कूड़ेदान का प्रयोग करना होगा।
माँ – हाँ बेटी! अब तुम भी ये बात समझ गई हो। तुम भी अपने दोस्तों को स्वच्छता के विषय से अवगत कराओं और स्वच्छ माहौल बनाने में अपनी भागीदारी निभाओ।अथवाक.ख.ग. आवास कल्याण समिति
हास्य-कवि-सम्मेलन दिनांक : 12 मार्च 20..प्रिय सदस्य,
हम आपको बताना चाहते हैं कि हम आवास कल्याण समिति के संयोजन में होली के अवसर पर हास्य-कवि-सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। इस मेले में प्रसिद्ध हास्य कवियों जैसे शैल चतुर्वेदी, सुरेंद्र शर्मा सहित अन्य भारतीय हास्य कवियों के साथ-साथ परिसर के नवोदित कवियों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। आप सभी से आग्रह है कि आप इस आयोजन में भाग लें और इसे सफल बनाने में अपना सहयोग दें।
धन्यवाद,
सुरजीत सिंह
क.ख.ग. आवास परिसर के आवास कल्याण समिति के सचिव
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