पृथ्वी की आंतरिक संरचना के विषय …

CBSE, JEE, NEET, CUET
Question Bank, Mock Tests, Exam Papers
NCERT Solutions, Sample Papers, Notes, Videos
Posted by Anjali Aryan 5 years, 1 month ago
- 2 answers
Gaurav Seth 5 years, 1 month ago
पृथ्वी की आंतरिक संरचना की विशेषताओं के संबंध में मानव ज्ञान अधिकांशतः अनुमानों और प्रेक्षणों पर आधारित है। पृथ्वी की आंतरिक संरचना के विषय में जानकारी के स्रोतों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है: a) प्रत्यक्ष स्रोत और b) अप्रत्यक्ष स्रोत।
प्रत्यक्ष स्रोत:
- खनन एवं ड्रिलिंग की प्रक्रिया के माध्यम से चट्टानों और खनिजों का निष्कर्षण किया जाता है जिससे यह जानकारी प्राप्त होती है कि क्रस्ट का निर्माण परतों के रूप में हुआ है।
- ज्वालामुखी विस्फोट से ज्ञात होता है कि पृथ्वी के आंतरिक भाग में एक क्षेत्र अत्यधिक तप्त एवं अर्द्ध-तरल अवस्था में है। हालांकि खनन और ड्रिलिंग से पृथ्वी की ऊपरी परतों के संबंध में केवल सीमित ज्ञान ही प्राप्त होता है। प्रत्यक्ष स्रोत अधिक विश्वसनीय नहीं हैं क्योंकि ये प्रत्यक्ष रूप से पृथ्वी की सतह की एक निश्चित गहराई के संबंध में ही जानकारी प्रदान करने में सक्षम होते हैं।
अप्रत्यक्ष स्रोत: भूकंपीय तरंगें, गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र, चुंबकीय क्षेत्र, गिरते उल्का पिंड आदि अप्रत्यक्ष स्रोतों के उदाहरण हैं।
- पृथ्वी के आंतरिक भागों में गहराई बढ़ने के साथ तापमान और दबाव में भी वृद्धि होती है एवं साथ ही गहराई बढ़ने पर पदार्थ के घनत्व में भी वृद्धि होती है।
- पृथ्वी की सतह पर विभिन्न स्थानों पर पाई जाने वाली गुरुत्व विसंगतियां (Gravity anomalies) पृथ्वी के क्रस्ट (भूपर्पटी) में पदार्थ के द्रव्यमान के असमान वितरण के संबंध में जानकारी प्रदान करती है।
- भूकंपीय तरंगों की गति और संचरण में हुए परिवर्तनों से जानकारी प्राप्त होती है कि पृथ्वी का आंतरिक भाग तीन परतों से मिलकर बना है और प्रत्येक परत का घनत्व भिन्न है, जिसमें पृथ्वी के केंद्र की ओर जाने पर वृद्धि होती है।
- चुंबकीय सर्वेक्षण से पृथ्वी के क्रस्ट में चुंबकीय पदार्थों के वितरण के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
- उल्का पिंड भले ही पृथ्वी के आंतरिक भाग से नहीं निकलते हों, किन्तु इन्हें जानकारी का अन्य स्रोत माना जा सकता है।
उपर्युक्त वर्णित स्रोतों के अतिरिक्त, वैज्ञानिकों ने “डीप ओशन ड्रिलिंग प्रोजेक्ट” और “इंटीग्रेटेड ओशन ड्रिलिंग प्रोजेक्ट” पर भी कार्य किया है, ताकि विभिन्न गहराइयों में प्राप्त होने वाले पदार्थों के विश्लेषण के माध्यम से पृथ्वी की आंतरिक संरचना के विषय में जानकारी एकत्रित की जा सके।
Related Questions
Posted by Vanshika Kaur 2 years, 4 months ago
- 2 answers
Posted by Mohammad Irshad Sheikh 1 year, 9 months ago
- 0 answers
Posted by Mohammad Irshad Sheikh 1 year, 9 months ago
- 2 answers
Posted by Saurabh Prakash 1 year, 10 months ago
- 0 answers
Posted by 𝕶𝖆𝖑𝖚𝖗𝖆𝖒 𝕾𝖎𝖘𝖔𝖉𝖎𝖞𝖆 2 years, 5 months ago
- 2 answers
Posted by Neetu Rajak 1 year, 8 months ago
- 1 answers
Posted by Sourav Rawat 2 years, 1 month ago
- 0 answers

myCBSEguide
Trusted by 1 Crore+ Students

Test Generator
Create papers online. It's FREE.

CUET Mock Tests
75,000+ questions to practice only on myCBSEguide app
myCBSEguide
Saloni Choudhary 4 years, 10 months ago
0Thank You