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Deepak Kumar Meena 3 years, 10 months ago

यहां सेना , धर्म गुरुओं , भूस्वामियों , अभिजनों का दबदबा है। पाकिस्तान में अधिकतर राजनीतिक दल भ्रष्ट है। पाकिस्तान को कोई अंतरास्ट्रीय समर्थन नहीं मिलता। पाकिस्तान की हमेशा भारत से सीमा विवाद ओर कश्मीर मुद्दों को लेकर तनातनी बनी रहती है।
  • 1 answers

Deepak Kumar Meena 3 years, 10 months ago

When nato was established , which time 12 countries are presented in nato
  • 1 answers

Nisha Nisha 3 years, 11 months ago

क्यूबा मिसाइल संकट को शीत युद्ध का चरम बिंदु कहा जाता है
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Shrey Jha 3 years, 10 months ago

सेवा परमो धर्म । Service before self.
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Shrey Jha 3 years, 10 months ago

सन् 1961 में
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Deepak Khoth 3 years, 11 months ago

राष्ट्रीय लक्ष्यों के आलोक में राज्यों की सक्रिए भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकता क्षेत्रों और रणनीति का साझा दृष्टिकोण विकसित करना।निरंतर आधार पर राज्यों के साथ संरचित समर्थन पहलों और तंत्रों के माध्यम से सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना। इस बात को स्वीकारना की मजबूत राज्य, मजबूत राष्ट्र का निर्माण करता है।गांव स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने और सरकार के उच्च स्तर पर उत्तरोत्तर इनको एकत्र करने के लिए तंत्र विकसित करना।यह सुनिश्चित करना कि जो क्षेत्र खास तौर पर नीति आयोग को दिए गए हैं,उनमे आर्थिक रणनीति और नीतियों में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को शामिल किया गया है।हमारे समाज के कुछ वर्गों, जिन पर आर्थिक प्रगति से पर्याप्त रूप से लाभान्वित न होने के का खतरा हो, पर विशेष ध्यान देना।रणनीतिक और दीर्धकालिक नीति एवं कार्यक्रम की रूपरेखा और पहलों का डिजाइन तैयार करना और उनकी प्रगति एवं प्रभावकारिता पर नजर रखना। निगरानी और प्रतिक्रिया से मिली सीख का प्रयोग बीच में किए जाने वाले अनिवार्य सुधारों समेत नए सुधारों में किया जाएगा।

Yogita Ingle 3 years, 11 months ago

  • राष्ट्रीय लक्ष्यों के आलोक में राज्यों की सक्रिए भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकता क्षेत्रों और रणनीति का साझा दृष्टिकोण विकसित करना।
  • निरंतर आधार पर राज्यों के साथ संरचित समर्थन पहलों और तंत्रों के माध्यम से सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना। इस बात को स्वीकारना की मजबूत राज्य, मजबूत राष्ट्र का निर्माण करता है।
  • गांव स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने और सरकार के उच्च स्तर पर उत्तरोत्तर इनको एकत्र करने के लिए तंत्र विकसित करना।
  • यह सुनिश्चित करना कि जो क्षेत्र खास तौर पर नीति आयोग को दिए गए हैं,उनमे आर्थिक रणनीति और नीतियों में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को शामिल किया गया है।
  • हमारे समाज के कुछ वर्गों, जिन पर आर्थिक प्रगति से पर्याप्त रूप से लाभान्वित न होने के का खतरा हो, पर विशेष ध्यान देना।
  • रणनीतिक और दीर्धकालिक नीति एवं कार्यक्रम की रूपरेखा और पहलों का डिजाइन तैयार करना और उनकी प्रगति एवं प्रभावकारिता पर नजर रखना। निगरानी और प्रतिक्रिया से मिली सीख का प्रयोग बीच में किए जाने वाले अनिवार्य सुधारों समेत नए सुधारों में किया जाएगा।
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Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

  1. दक्षिण-एशिया के देशों की जनता के कल्याण को प्रोत्साहित करना तथा उनके जीवन स्तर में सुधार लाना।
  2. दक्षिण एशियाई देशों की सामूहिक आत्मनिर्भरता का विकास करना।
  3. इस क्षेत्र में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास की गति तेज करना।
  4. सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा वैज्ञानिक क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग में वृद्धि करना।
  5. अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आपसी सहयोग को मजबूत बनाना अन्य क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना।
  6. दूसरे विकासशील देशों के साथ सहयोग को बढ़ाना।
  7. सदस्य देशों में आपसी विश्वास बढ़ाना तथा समस्याओं को समझने के लिए एक दूसरे का सहयोग करना।
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Gunjan Sharma 3 years, 11 months ago

Thank you

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

वस्तु ,पूंजी, विचार  और लोगों की आवाजाही भारतीय इतिहास में सदियों से होता आ रहा है| ब्रिटेन के  औपनिवेशिक दौर में भी साम्राज्यवादी मंसूबों के फलस्वरूप भारत आधारभूत वस्तुओं और कच्चे माल का निर्यातक और आयातक देश था |आजादी के बाद ब्रिटेन के साथ अनुभव  से सबक लेते हुए हमने सीखा की दूसरों पर निर्भर रहने की  बजाय सामान खुद बनाया जाए| इसके साथ फैसला किया गया कि दूसरे देशों को निर्यात की अनुमति नहीं होगी ताकि हम उत्पादक चीजों को बनाना सीख सकें | इस संरक्षणवाद में कुछ नई दिक्कतें आई | कुछ क्षेत्रों में तरक्की हुई और कुछ जरूरी क्षेत्रों में जैसे स्वास्थ्य,  प्राथमिक शिक्षा और आवास पर उतना ध्यान नहीं दिया जितना दिया जाना चाहिए था| इसके साथ ही हमारी आर्थिक वृद्धि दर धीमी रही|

 

भारत में वैश्वीकरण को अपनाना:-

 

1991 की नई आर्थिक नीति के अंतर्गत भारत में उदारीकरण और वैश्वीकरण को अपनाया और संरक्षण नीति को त्याग दिया| बहुराष्ट्रीय कंपनियों की स्थापना और विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया| विदेशी प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञों की सेवाएं ली गई| दूसरी तरफ भारत ने औद्योगिक संरक्षण नीति को त्याग दिया| जब अधिकांश वस्तुओं के आयात के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य नहीं है, भारत  ने स्वयं को अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से जोड़ लिया| भारत में निर्यात के साथ साथ वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ रही हैं| लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं| अमीर और अमीर और गरीब और गरीब होते जा रहे हैं|

 

भारत में वैश्वीकरण का प्रतिरोध:-

 

वैश्वीकरण बड़ी बहस का मुद्दा है |पूरी दुनिया में इसकी आलोचना भी हुई है |भारत में वैश्वीकरण के आलोचक कई तर्क देते हैं:-

 

1. वामपंथी राजनीतिक रुझान रखने वालों का मानना है कि  वैश्वीकरण विश्वव्यापी पूंजीवाद की एक खास अवस्था है जो अमीरों को और अमीर और गरीबों को और गरीब बना रही है|

 

2.  राज्य के कमजोर होने से उनकी गरीबों के हितों की रक्षा करने की क्षमता कम हो रही है| वैश्वीकरण के दक्षिणपंथी आलोचक इसके राजनीतिक , आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव को लेकर भी चिंतित रहते हैं| राजनीतिक अर्थों में उन्हें राज्य के कमजोर होने की चिंता रहती है | उन्हें लगता है कि कम से कम कुछ क्षेत्रों में ""आर्थिक आत्मनिर्भरता और संरक्षणवाद ""का दौर फिर से कायम किया जाए| सांस्कृतिक वैश्वीकरण के संबंध में उनका कहना है कि परंपरागत संस्कृति की हानि होगी और लोग अपने सदियों पुराने जीवन मूल्य और तौर तरीकों से हाथ धो बैठेंगे|

 

वैश्वीकरण के प्रतिरोध को लेकर भारत के अनुभव:-

 

सामाजिक आंदोलनों से लोगों को अपने आसपास की दुनिया को समझने का मौका मिलता है | और अपनी समस्याओं के हल तलाशने में मदद मिलती है |  वैश्वीकरण के खिलाफ वामपंथी समर्थकों  ने विभिन्न मंचों से औद्योगिक श्रमिक और किसानों के संगठन में बहुराष्ट्रीय निगमों के प्रवेश का विरोध किया है |  कुछ वनस्पतियों जैसे  ""नीम"" को अमेरिकी और यूरोपीय समूह में पेटेंट कराने के प्रयास किए हैं  | इनका भी कड़ा विरोध हुआ है |

 

2  वैश्वीकरण का विरोध राजनीति के दक्षिणपंथी      खेमो  मैं भी किया जा रहा है|  यह  खेमा विभिन्न सांस्कृतिक प्रभाव का विरोध करता है जिसमें केबल नेटवर्क के जरिए उपलब्ध कराए जा रहे विदेशी टीवी चैनल से लेकर वैलेंटाइन डे मनाने और स्कूल कॉलेज के छात्र-छात्राओं की पश्चिमी संस्कृति जैसी पोशाकों के लिए बढ़ती अभिरुचि तक का विरोध किया गया है"

  • 3 answers

Sakshi Devi 3 years, 11 months ago

Please kuch topic add bi hoe h vo bi bta do sbi lesson ke in Hindi

Sakshi Devi 3 years, 11 months ago

Thanks brother

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

पुस्तक I: समकालीन विश्व राजनीति

यूनिट

विषय

6

समकालीन विश्व में सुरक्षा (पूरी तरह से हटा दी गई)

7

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन (पूरी तरह से हटाया गया)

पुस्तक II: स्वतंत्रता के बाद से भारत में राजनीति

10

योजनाबद्ध विकास ये विषय इस इकाई से हटा दिए गए हैं: भारत के आर्थिक विकास योजना आयोग और पंचवर्षीय योजनाओं की प्रकृति बदलना

1 1

भारत की विदेश नीति

ये विषय इस इकाई से हटा दिए गए हैं:

भारत के अपने पड़ोसियों के साथ संबंध: पाकिस्तान, बांग्लादेश,

नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार।

14

भारत में सामाजिक और नए सामाजिक आंदोलन (पूरी तरह से हटाए गए)

15

क्षेत्रीय आकांक्षाएँ (पूरी तरह से हटा दी गई)

 

Book I: Contemporary World Politics

UNIT

TOPICS

6

Security in the Contemporary World (Completely removed)

7

Environment and Natural Resources (Completely removed)

Book II: Politics in India since Independence

10

Planned Development These topics are deleted from this unit: Changing nature of India’s economic development Planning Commission and Five-year Plans

11

India’s Foreign Policy

These topics are deleted from this unit:

India’s Relations with its Neighbors: Pakistan, Bangladesh,

Nepal, Sri Lanka and Myanmar.

14

Social and New Social Movements in India (Completely removed)

15

Regional Aspirations (Completely removed)

  • 2 answers

Deepak Khoth 3 years, 11 months ago

स्वतंत्रता के पूर्व प्रांतों का गठन अस्त-व्यस्त ढंग से किया गया था। यह केवल एक प्रशासनिक सुविधा थी। इसलिए कांग्रेस ने स्वतंत्रता-संग्राम के दौरान यह वायदा किया था कि स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद राज्यों का गठन भाषा केआधार पर किया जाएगा। इसलिए स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद भारतीय संघ की इकाइयों को पुनर्गठित करने के लिए एक समिति का गठन किया। इस समिति ने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के विरुद्ध सिफारिश की। लेकिन भारत के कई हिस्सों में भाषा केआधार पर राज्यों का गठन करने के लिए आंदोलन शुरूहो गए या कहिए कि देश में भाषायी आधार पर राज्यों को गठित करने का संघर्ष चल पड़ा। इन संघर्षों से बाध्य होकर केंद्र सरकार ने 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया। इस आयोग का काम राज्यों के सीमांकन के मामलों पर गौर करना था। इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया कि राज्यों की सीमाओं का निर्माण वहाँ बोली जाने वाली भाषा केआधार पर होना चाहिए। इस आयोग की रिपोर्ट के आधार पर 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम पास हुआ। इस अधिनियम के आधार पर 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए और बाद में कई राज्यों का निर्माण भी भाषा के आधार पर ही किया गया।

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

स्वतंत्रता के पूर्व प्रांतों का गठन अस्त-व्यस्त ढंग से किया गया था। यह केवल एक प्रशासनिक सुविधा थी। इसलिए कांग्रेस ने स्वतंत्रता-संग्राम के दौरान यह वायदा किया था कि स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद राज्यों का गठन भाषा केआधार पर किया जाएगा। इसलिए स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद भारतीय संघ की इकाइयों को पुनर्गठित करने के लिए एक समिति का गठन किया। इस समिति ने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के विरुद्ध सिफारिश की। लेकिन भारत के कई हिस्सों में भाषा केआधार पर राज्यों का गठन करने के लिए आंदोलन शुरूहो गए या कहिए कि देश में भाषायी आधार पर राज्यों को गठित करने का संघर्ष चल पड़ा। इन संघर्षों से बाध्य होकर केंद्र सरकार ने 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया। इस आयोग का काम राज्यों के सीमांकन के मामलों पर गौर करना था।
इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया कि राज्यों की सीमाओं का निर्माण वहाँ बोली जाने वाली भाषा केआधार पर होना चाहिए। इस आयोग की रिपोर्ट के आधार पर 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम पास हुआ। इस अधिनियम के आधार पर 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए और बाद में कई राज्यों का निर्माण भी भाषा के आधार पर ही किया गया।

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Gunjan Sharma 3 years, 11 months ago

Thanks

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

Answer:

गठबन्धन सरकार एक संसदीय सरकार की कैबिनेट होती हैं, जिसमें कई राजनीतिक दल सहयोग करते हैं, जिससे गठबन्धन के भीतर किसी भी एक दल का प्रभुत्व कम रहता हैं। इस व्यवस्था का आम कारण यह दिया जाता हैं कि कोई दल अपने बलबूते संसद में बहुमत प्राप्त नहीं कर सकता।

  • 1 answers

Paras Mathur 3 years, 11 months ago

Search on YouTube
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Yogita Ingle 3 years, 11 months ago

सहकारी संघवाद” को संदर्भित करने वाले प्रमुख कार्य निम्लिखित हैं –

  • राष्ट्रीय उद्देश्यों को दृष्टिगत रखते हुए राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों तथा रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना.
  • सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है इस तथ्य की महत्ता को स्वीकारते हुए राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहल और तन्त्र के माध्यम से सहयोगपूर्ण संघवाद (federalism) को बढ़ावा देना
  • ग्रामीण स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने के लिए तन्त्र (mechanism) विकसित करना.
  • आर्थिक प्रगति के लाभों से वंचित समाज के वंचित वर्गों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना.
  • रणनीतिक और दीर्घकालिक नीति की रूपरेखाओं का निर्माण तथा उनकी प्रगति एवं क्षमताओं की निगरानी करना.
  • राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, पेशेवरों तथा अन्य हितधारकों के एक सहयोगात्मक समुदाय के माध्यम से ज्ञान, नवाचार और उद्यमिता समर्थन प्रणाली का सृजन करना.
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Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

Operation Infinite Reach was a series of cruise missile strikes on Al-Qaeda terrorist targets in Sudan and Afghanistan. For this, the US did not bother of any international law. This operation was ordered by President Clinton in response to bombing of the US embassies in Narobi, Kenya, Dar-es-Salaam, Tanzania in 1998.

ऑपरेशन इनफिनिट रीच, सूडान और अफगानिस्तान में अल-कायदा के आतंकवादी ठिकानों पर क्रूज मिसाइल हमलों की एक श्रृंखला थी। इसके लिए अमेरिका ने किसी अंतरराष्ट्रीय कानून की जहमत नहीं उठाई। 1998 में नरोबी, केन्या, डार-एस-सलाम, तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर बमबारी के जवाब में राष्ट्रपति क्लिंटन द्वारा इस ऑपरेशन का आदेश दिया गया था।

  • 1 answers

Varsha Chauhan 3 years, 11 months ago

1. Vishva ka ek drishya banaa. 2. Sheet Yudh ki samapti. 3. Naye rajyon ka Uday . 4. Soviyat Sangh ka uttaradhikari rus ka Banna. 5. Teesra Vishva yuddh ka khatra talna.
  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।

भारत जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा बड़ा देश है जहां दुनिया की 1/5 आबादी बसती है।

भारत विश्व में एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र को नियमित वितीय योगदान दिया और कभी कोताही नहीं की।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रयासों में भाग लिया और संयुक्त राष्ट्र के आहावन पर अपनी सेना को भेजा।

  • 1 answers

Km Babita . 3 years, 11 months ago

Gussa Rajniti party ka naam bataiye Jo San 1977 Mein Kendra Mein 57 Rahi Hindi mein
  • 2 answers

Nisha Chaudhary 3 years, 11 months ago

Thanks

Vinay Prasad 3 years, 11 months ago

High-yielding variety
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Vinay Prasad 3 years, 11 months ago

Soviyat Sangh kiska aupcharik Naam Soviet Samajwadi ganatantra ka Shambhu tha Eurasia ke bade vah bhag per vistrit ek Desh tha
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Ḳḭṙḁṇ Ṡḕṇ 3 years, 11 months ago

इजरायल और स्वतंत्र भारत का उदय एक ही वर्ष 1947 में हुआ था। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इजरायल को स्वतंत्रता 1948 में मिली। ... 1947 में ही भारत ने इजरायल को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने के विरोध में वोट किया था। इसी तरह से 1949 में एक बार फिर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल को सदस्य देश बनाने के विरोध में वोट किया था।
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Kapil Uikey 3 years, 11 months ago

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक पाँच नेता थे युगोस्लाविया के जोसेफ ब्रोज टीटो , भारत के पंडित जवाहर लाल नेहरु और मिस्त्र के गमाल अब्दुल नासिर ,इंडोनेशिया के सुकर्णो ,घाना के वामे एनक्रूमा ।

Abhi Maurya 3 years, 11 months ago

5 country

Sonali Rawat 3 years, 11 months ago

jawahar laal nehru

Mithun Kumar 3 years, 11 months ago

3
  • 1 answers

Mithun Kumar 3 years, 11 months ago

Vighatan ke karan hai na, 1.mikhail Gorbachev ki niti ke karan 2.logo ki samasya ka samadhan nhi kr pa rhe the USSR vale 3.kamunist party ek akeli party aur uska davdva tha 4.paschim deso se pichhle huye the jabki janta ko kha jata tha ve Vikas kr rhe hai. Samajh gye to kuch jarur bole.

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