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  • 1 answers

Deepak Kumar Meena 3 years, 11 months ago

1. सोवियत संघ का पतन 2. शीत युद्ध की समाप्ति 3. विचाधारा की लड़ाई की समाप्ति 4.हथियारों को होड़ खत्म 5.usa ताकतवर बनकर उभरा 6.cis का उदय 7. रूस को uno में स्थाई सदस्यता मली,ussr का उत्तराधिकारी बना 8. अंतरास्ट्रीय आर्थिक संसाथाओ का महत्व बढ़ा 9. पूंजीवाद, लोकतंत्र को साम्यवाद, समाजवाद की अपेक्षा बेहतर माना जाने लगा। 10.पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया के देश ussr से अलग हो गए।
  • 4 answers

Kiran Mehto 3 years, 11 months ago

Soviyat sangh ki shuruat 1947 me shuru hui thi

Mithun Kumar 3 years, 11 months ago

Sobiyat sangh ki suruat kb hui? Question bilkul sahi h.

Babu Banna 3 years, 11 months ago

tq

Deepak Kumar Meena 3 years, 11 months ago

Mere ho gya kuch bhi puch lo bhao
  • 1 answers

Yogita Ingle 3 years, 11 months ago

""" विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव"" वैश्वीकरण का आधार और उस की प्रमुख विशेषता है| इसका अर्थ यह होता है कि संसार के सारे लोग एक दूसरे से घनिष्ठ रूप से संबंधित हैं, एक दूसरे पर निर्भर है , इनमें आपसी जुड़ाव है, और यह एक दूसरे से मिल जुल कर रहते हैं और मिलकर ही अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं| विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव का अर्थ है मानव समाज में इस भावना का विकास करना कि समस्त विश्व के लोग चाहे वह किसी भी देश से हो ,किसी जाति ,यां समाज से हो, आपस में एक ही परिवार के सदस्य हैं और इन्हें एक दूसरे से सहयोग करके जीवन व्यतीत करना है|

विश्वव्यापी आपसी जुड़ाव के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:-

1. परिवहन और संचार के शीघ्र गामी साधन जिनसे वस्तुओं व्यक्तियों, सेवा और पूंजी के प्रभाव में गति आई है और पारस्परिक जुड़ाव हुआ है|

2. सूचना प्रसारण संसाधन जैसे टीवी ,इंटरनेट और कंप्यूटर जिनके कारण संसार के लोग हर घटना के बारे में जानकारी रखते हैं और आपस में जुड़े हुए महसूस करते हैं|

3. बाजार पर आधारित अर्थव्यवस्था जो आज सभी देशों ने लगभग अपना ली है यह सामान्य अर्थव्यवस्था भी इसका का एक प्रमुख घटक है|

4. विश्वव्यापी समस्याओं जैसे कि एड्स, आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाएं जैसे समुद्री तूफान, भूकंप आदि जिनका समाधान कोई एक देश अकेले नहीं कर सकता उन्होंने दूसरे देशों पर इसके लिए निर्भर रहना पड़ता है|

  • 3 answers

Deepak Kumar Meena 3 years, 11 months ago

भारतीय संविधान का निर्माण 26नवंबर 1949 को हुआ था। इसे 26जनवरी 1950को भारत सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से अपनाया गया था। संविधान को बनाने में 2साल 11महीने 18 दिन लगे थे और 64 लाख रुपए में बनकर तयार हुआ था। भारत के संविधान के शुरुवात 9dec 1946 से हुई थी । 1.भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा सविधान है। 2.भारतीय संविधान को प्रारंभ में अंग्रेजी भाषा में लिखा गया था। 3.भारतीय संविधान के प्रारंभ में 395आर्टिकल ,8 सूची ,22भाग थे जो वर्तमान में 470 आर्टिकल ,25भाग, 15 अधिसूउची शामिल है। 4. इसमें विभिन्न देशों के सविधान से प्रावधान लिए गए है। 5 भारतीय संविधान के कुल 165bathake,11सत्र हुई थे

Mithun Kumar 3 years, 11 months ago

Tu RSBV PATPAR GANJ me pdhata h kya?

Mithun Kumar 3 years, 11 months ago

26 November 1949 ko bn ke ready hua, aur 26 January 1950 ko lagu kiya gya.
  • 1 answers

Mithun Kumar 3 years, 11 months ago

Kyunki uno ke desh chahte the ki aur koi pramanu na banaye pr bhart unke khilaf jakar Parmanu test kiya
  • 2 answers

Suraj Sahni 3 years, 10 months ago

Bharat ne apna parmanu atal bhiari bhajpaye ke under me krya tha 1996 se 1998 ke bhech me

Mithun Kumar 3 years, 11 months ago

18 may 1974
  • 4 answers

Mithun Kumar 3 years, 11 months ago

Indra Gandhi
Indira gandhi

Kosal Gumasta 4 years ago

Prabhas Kise Kahate Hain

Shekhar Ji 4 years ago

Garibi hatao na nara kisne diya
  • 2 answers

Sheetal Singh 4 years ago

Okay!! Thanks...?

Yogita Ingle 4 years ago

वन-पोलर वर्ल्ड ऑर्डर – जब दुनिया की राजनीति में एक ही महाशक्ति का वर्चस्व होता है और दुनिया भर में कई चयनों को उसकी इच्छा के आधार पर लिया जाता है, तो इसे एक-ध्रुवीय विश्व प्रणाली के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में अमेरिका पृथ्वी क्रम पर स्थापित है।

  • 1 answers

Gautam Agarwal 4 years ago

Mahabharat mein jo shakuni mama aur paandavon dwara jo juaa khele gya
  • 3 answers
गुटनापेस वह है जो दोनों महा शक्ति से अलग रहा करा अपनी आजादी और आपनी विकास करना और अपनी आर्थिक विकास और आर्थिक शक्ति सम्पन्न होना!

Sheetal Singh 4 years ago

Okay!! thank you so much..???

Yogita Ingle 4 years ago

गुटनिरपेक्ष आन्दोलन ने विश्व के परतन्त्र राष्ट्रों को स्वतन्त्र कराने और रंग-भेद की नीति का विरोध करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह आन्दोलन निर्धन तथा पिछड़े हुए देशों के आर्थिक विकास पर बहुत बल दे रहा है।

  • 1 answers

Yogita Ingle 4 years ago

हां आंदोलन और विरोध की कार्रवाई से देश का लोकतंत्र बड़े स्तर पर मजबूत होता है। इन आंदोलन के द्वारा लोकतंत्र में व्यापक जन भागीदारी का विचार जनमानस के अन्दर आया और प्रत्येक व्यक्ति ने अपने अपने स्तर पर इन आंदोलनों में भाग लिया। शराब विरोधी आन्दोलन, चिपको आंदोलन आदि को प्रत्येक समस्या के निवारण के लिए लोकतंत्र का महत्वपूर्ण अंग माना जाना लगा।

  • 4 answers

Megha Guliya 3 years, 5 months ago

Gutnirpeksh ka arth hai hai sabhi guto se apne ko alag rakhna.

Sheetal Singh 4 years ago

Okay

Sheetal Singh 4 years ago

Can you tell me the answer of this question??...??
Yes
  • 2 answers
Political science ka h
Hello shivani yaha topic kiss subject ka ha yaar !
  • 1 answers

Mithun Kumar 3 years, 11 months ago

Rastra nirman ki chunoti Aur Ekta ke sutra me bandhne ki chunoti
  • 3 answers

Sheetal Singh 4 years ago

Dr. Rajendra prasad...?

Vivek Kumar 4 years ago

Dr Rajendra prasad

Simran Simmu 4 years ago

lal bhadur sashtri
  • 2 answers

Palli Pal 4 years ago

Puratativik kya h
1949 में माओ ने नेतृत्व में चीन में साम्यवादी क्रांति हुई थी उस बाद चीन ने अपना आर्थिक मॉडल यूएसएसआर के मॉडल के अनुसार अपनाया था चीन इस समय आर्थिक रूप से बहुत पिछड़ा हुआ था ,चीन ने पूंजीवादी दुनिया से रिश्ते तोड़े थे और साम्यवादी दुनिया से रिश्ते जोड़े थे आर्थिक रूप से पिछड़े चीन के पास विदेशी मुद्रा की कमी थी इसके आयात होने वाले समान को घरेलू स्तर पर बनाना शुरू कर दिया था अर्थव्यवस्था 5-6% की दर से पद रही थी लेकिन इसके साथ साथ population bhi 2-3% ki दर से बढ़ रही थी जो की नुकसानदायक थी 1970 के दशक में चीन में नीतिगत फैसले लिए गए थे 1972 में चीन ने अपने आर्थिक ओर राजनीतिक एकांतवास को खतम करके अमेरिका से सम्बन्ध जोड़े चीन ने 1978 में देंग शाओ पेंग ने नेतृत्व में ओपन डोर के नीति अपनाई थी जिसके पास चीन ने बहुत विकास किया था, चीन ने ussr की तरह शॉक थेरेपी को नहीं अपनाया था बल्कि उसने अपनी इकॉनमी को चरणबद्ध ढंग से खोला था 1973 में चाओ एन लाई ने 4 छेत्र में आधुनिकरण का प्रस्ताव रखा था विज्ञान और प्रौद्योगिकी , कृषि, उद्योग, था सेना 1982 में खेतो का निजीकरण किया गया1998 में उद्योगो का निजीकरण किया गया 2001 में चीन wtc में शामिल हुए ,चीन की आर्थिक विकास की रफ्तार को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि चीन 2040 तक usa से आगे निकल जयगा इसी कारण चीन का प्रभाव प्रतेक छेत्र में दिखाईं दे रहा है

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