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Sumit Kumar 3 years, 8 months ago

Kyoki ye sanghatan apne sadasye desho mai santi purv dhang se kisi bhi wivad ka niptara kar deta hai la lia
  • 1 answers

Abhi Maurya 3 years, 9 months ago

Point- 2 PM ki mrityu Garibi Sampradayikta Asamanta India-china yuddh India -Pakistan yuddh Gambhir khadya sankat ?
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Bharati Ghalot 3 years, 9 months ago

Indera gandi apni sata ko bachne ka liya aantric garbare ka naam par aapatkaal lagya gaya
  • 3 answers

Anshu Rathore 3 years, 9 months ago

1 भारत व चीन के बीच संघर्ष के कोई दो कारण लिखिए। 2 दूसरे विश्व युद्ध के बाद चले शीतयुद्ध के प्रति भारत की सोच को स्पष्ट कीजिए।

Mr Subhhash 3 years, 10 months ago

Indera gandi apni sata ko bachne ka liya aantric garbare ka naam par aapatkaal lagya gaya

Rajan Kumar 3 years, 10 months ago

Aapatkaal ku lagya gya hai
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Varsha Chauhan 3 years, 10 months ago

1945 se start huaa or 1991 tak chala . ye Yudh America or soviyat Sangh or enake sahyogi desho ke bich huaa vichardhara ko lekar or maha shakti banane ko lekar

Nisha Choudhary 3 years, 10 months ago

Cold war 1947 se suru hua jise desh me santi bene rehe

Ronak Mor 3 years, 10 months ago

After the end of second war (1945-90)
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Ronak Mor 3 years, 10 months ago

* NATO stands for north Atlantic treaty organization which was establish in April,1949. * It is also called the Atlantic Alliance or western alliance , was an association of twelve states which declared that armed attack on any one of them would bhi regarded as an attack on all of them. * It bound the U.S.A. to the defence of Western Europe.

Gaurav Seth 3 years, 10 months ago

नाटो (NATO) : पश्चिमी गठबन्धन ने स्वयं को एक संगठन का रूप दिया। अप्रैल 1949 में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना हुई जिसमें 12 देश शामिल थे। 

इस संगठन ने घोषणा की कि उत्तरी अमरीका अथवा यूरोप के इन देशों में से किसी एक पर भी हमला होता है तो उसे संगठन में शामिल सभी देश अपने ऊपर हमला मानेंगे | और नाटो में शामिल हर देश एक दुसरे की मदद करेगा | 

उदेश्य : अमरीका द्वारा विश्व में लोकतंत्र को बचाना | 

  • 3 answers

Simran Idrisi 3 years, 7 months ago

Thank you so much for my helping .

Deepak Kumar Meena 3 years, 10 months ago

भारत और अमेरिका के वर्तमान संबंध 1.भारत और अमेरिका दोनों के बीच वर्तमान में ऊर्जा , रक्षा , स्वास्थ के छेत्र में महत्वपूरण समझौते हुए है। 2.भारत अमेरिका के रिश्तों को 21 सदी के सबसे बडी वायपरिक भागीदारी मानी जा रही है। 3.feb, 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत को यात्रा कि ओर दोनों देशों के बीच 3 मिलियन डॉलर की डील पर सहमति हुई है। 4. भारत , अमेरिका के बीच में कृषि , विज्ञान, सैन्य समता से संबंधित समझौते हुए है। 5. सूत्रों के मुताबिक भारत अमेरिका से 24 रोमियो हेलीकॉप्टर ओर 6 अपाचे लड़की विमान का आयात करेगा। 6.दोनों देशों के बीच में वायपरीक, सांस्कृतिक , संबंधों में मजबूती आयी है।

Dheeraj Kumar Yadav 3 years, 10 months ago

भारत और अमरीका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, जिनमें काफी समानताएं हैं। भारत और अमरीका के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ता जा रहा है और आने वाले वर्षों में और अधिक बढ़ने की संभावना है। इसी प्रकार सैन्य सहयोग भी बढ़ा है। बहरहाल, अमरीका भारतीय उपमहाद्वीप में स्थिरता की वकालत करता रहा है, जिसमें कश्मीर मुद्दे पर तनाव कम करना और परमाणु हथियारों के प्रसार व परीक्षण का परित्याग भी शामिल है। यह अब अच्छी तरह स्थापित हो चुका है कि दोनों देशों के पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है। ... में यू.एस. कांग्रेशनल सर्विस ने एक पेपर प्रस्तुत किया है, जिसमें भारत-अमेरिकी संबंधों का बहुत ही अच्छा नवीनतम विश्लेषण दिया गया है।
  • 2 answers

Sachin Batta 3 years, 10 months ago

D

Gaurav Seth 3 years, 10 months ago

 

(d) उपरोक्त सभी​

अतिरिक्त स्पष्टीकरण

क्षेत्रीय संगठनों को बनाने के उद्देश्य निम्नलिखित प्रकार से व्यक्त कर सकते हैं:

  1. क्षेत्रीय संगठन क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देते हैं और क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने की भूमिका निभाते हैं। इससे क्षेत्रीय संगठन के सदस्य देशों को आर्थिक उन्नति की अधिक आशा होती है।
  2. क्षेत्र संगठन आकार में छोटे होते हैं और उनके सदस्य देशों में एकता की भावना जल्दी मजबूत हो जाती है।
  3. क्षेत्रीय संगठन विश्व में शक्ति संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिससे कोई भी देश या संगठन वर्चस्व प्राप्त नहीं कर पाता और संसार के देश किसी भी देश की दादागिरी से बचे रहते हैं।
  4. क्षेत्रीय संगठन सदस्यों के आपसी व्यापार को बढ़ाने में अधिक सुविधा प्रदान करते हैं क्योंकि व्यापारिक गतिविधियों पर नजदीक से और अच्छी नजर रखी जा सकती है।
  5. क्षेत्रीय संगठन के सदस्यों की संख्या अधिक नहीं होती इसलिए उन्हें अपने विवाद आपसी बातचीत से निपटने में सुविधा रहती है। साथ ही क्षेत्र संगठन के सदस्यों का एक- दूसरे से आमने-सामने के संबंध होने के कारण एक-दूसरे की बात या पड़ोसी राज्य के सुझाव जल्दी मान लेते हैं।
  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 10 months ago

क्यूबा मिसाइल संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दो नेता हैं
निकिता ख्रुश्चेव- सोवियत संघ के नेता। जॉन एफ कैनेडी- अमेरिकी राष्ट्रपति

Two leaders who played a crucial role in the Cuban Missile Crisis are 
Nikita Khrushchev—Leader of Soviet Union2. John F. Kennedy—US President

  • 1 answers

Dheeraj Kumar Yadav 3 years, 10 months ago

चीन अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए पहले इस बात को तय किया कि कहां विदेशी निवेश लगाना है और कहां नहीं. इसके लिए उसने विशेष आर्थिक क्षेत्र का निर्माण किया. विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए चीन ने दक्षिणी तटीय प्रांतों को चुना. डांग श्याओपिंग ने कम्युनिस्ट समाजवादी राजनीतिक माहौल में ठोस बदलाव की नींव रखी.
  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 10 months ago

25 जून, 1975 को भारत में आंतरिक आपातकाल की घोषणा करने वाले कारक थे:
(i) एनोसोमिक कारक: 1971 के चुनावों में, कांग्रेस ने 'गरीबी हटाओ' का नारा दिया था (गरीबी हटाओ), लेकिन वादा लागू नहीं किया गया था। 1971-72 के बाद लोगों की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ। खराब आर्थिक स्थिति के परिणामस्वरूप, गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों ने देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध शुरू कर दिया था।

(ii) गुजरात और बिहार आंदोलन: १ ९ the४ में कांग्रेस शासित राज्यों गुजरात और बिहार में छात्रों ने ऊंची जगहों पर बढ़ती कीमतों और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। विपक्षी दल भी इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो गए। इन आंदोलन के परिणामस्वरूप, गुजरात में चुनाव हुए, जहां कांग्रेस हार गई। बिहार में, आंदोलन जयप्रकाश नारायण द्वारा निर्देशित किया गया था जिन्होंने इसे देश के अन्य हिस्सों में फैलाने की कोशिश की।

(iii) न्यायपालिका के साथ संघर्ष: इस बीच न्यायमूर्ति ए.एन. की नियुक्ति के कारण कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए। भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में रे, तीन अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों की अनदेखी कर रहे हैं। 12 जून 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया। उपरोक्त घटनाओं ने एक बड़े राजनीतिक टकराव के लिए एक मंच तैयार किया जो 25 जून 1975 को रामलीला मैदान में आया था। नई देहली, जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा गांधी के खिलाफ देशव्यापी सत्याग्रह की घोषणा की। उसी रात उसने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की।

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Gaurav Seth 3 years, 10 months ago

25 जून, 1975 को घोषित आपातकाल का भारत की पार्टी प्रणाली पर बहुत प्रभाव पड़ा। संविधान में कई बदलाव किए गए और वास्तविकता लोगों के सामने आई। परिणाम / पाठ के लिए,

आपातकाल के परिणाम थे:

मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए।
न्यायपालिका की शक्ति को सीमित कर दिया गया।
प्रेस को सेंसर कर दिया गया था।
सारी शक्ति केंद्र सरकार के हाथों में केंद्रित थी।
नागरिकों की नागरिक स्वतंत्रता को छीन लिया गया।

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Gaurav Seth 3 years, 10 months ago

1989 में, कांग्रेस को सत्ता से बाहर रखने के लिए, वाम और भाजपा दोनों ने राष्ट्रीय मोर्चा सरकार का समर्थन किया। 1996 में, वाम दलों ने गैर-कांग्रेसी सरकार का समर्थन जारी रखा, लेकिन इस बार, कांग्रेस ने इसका समर्थन किया, क्योंकि कांग्रेस और वामपंथी दोनों ही भाजपा को सत्ता से बाहर रखना चाहते थे। इसने गठबंधन सरकारों में राजनीतिक समीकरणों की अस्थिरता को दिखाया।

In 1989, to keep Congress out of power, both Left and BJP supported the National Front Government. In 1996, the Left continued to support the non-Congress government, but this time, the Congress supported it, as both Congress and Left wanted to keep the BJP out of power. This showed the instability of the political equations in coalition governments.

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Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

क्यूबा मिसाइल संकट : क्यूबा का जुड़ाव सोवियत संघ से था और सोवियत संघ उसे  तथा वित्तीय सहायता देता था। सोवियत संघ के नेता नीकिता ख्रुश्चेव ने क्यूबा को रूस के ‘सैनिक अड्डे’ वेफ रूप में बदलने का फैसला किया। 1962 में ख्रुश्चेव ने क्यूबा में परमाणु मिसाइलें तैनात कर दीं। इन हथियारों की तैनाती से पहली बार अमरीका नजदीकी निशाने की सीमा में आ गया। हथियारों की इस तैनाती के  बाद सोवियत संघ पहले की तुलना में अब अमरीका के मुख्य भू-भाग के लगभग दोगुने ठिकानों या शहरों पर हमला बोल सकता था। संघर्ष की आशंका ने पुरे विश्व को बेचैन कर दिया | दोनों महाशक्तियों के बीच परमाणुयुद्ध का खतरा मंडराने लगा था | अमेरिका ने अपने जंगी बेड़ों को आगे कर दिया ताकि क्यूबा की तरफ जाने वाले सोवियत जहाजों को रोका जाए | इन दोनो महाशक्तियों के बीच ऐसी स्थिति बन गई कि लगा कि युद्ध होकर रहेगा | इतिहास में इसी घटना को क्यूबा मिसाइल संकट के नाम से जाना जाता है | 

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Dheeraj Kumar Yadav 3 years, 10 months ago

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आते ही भारत और इज़राइल के मध्य सहयोग बढ़ा और दोनों राजनितिक दलों की इस्लामिक कट्टरपंथ के प्रति एक जैसे मानसिकता होने की वजह से और मध्य पूर्व में यहूदी समर्थक नीति की वजह से भारत और इज़राइल के सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए। आज इज़राइल, रूस के बाद भारत का सबसे बड़ा सैनिक सहायक और निर्यातक है।

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