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  • 2 answers

Jinu ?? 4 years, 1 month ago

Ohhnoo der se milne ka Kya fayda?

R. D. 4 years, 1 month ago

Der se miloge to Milne Ka kya fayda jaldi Milo tab tik h.
विश्व के प्रायः सभी धर्मों में अहिंसा के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। भारत के सनातन हिंदू धर्म और जैन धर्म के सभी ग्रन्थों में अहिंसा की विशेष प्रशंसा की गई है। ‘अष्टांग योग’ के प्रवर्तक पतंजलि ऋषि ने योग ने योग के आठों अंगों में प्रथम अंग ‘यम’ के अंतर्गत ‘अहिंसा’ को प्रथम स्थान दिया है। इसी प्रकार ‘गीता’ में भी अहिंसा के महत्व पर जगह-जगह प्रकाश डाला गया है। भगवान महावीर ने अपनी शिक्षाओं का मूलाधार अहिंसा को बताते हुए ‘जियो और जीने दो’ की बात कही है। अहिंसा मात्र हिंसा का अभाव ही नहीं, अपितु किसी भी जीव का संकल्पपूर्वक वध नहीं करना और किसी जीव या प्राणी को अकारण दुःख नहीं पहुँचाना है। ऐसी जीवन-शैली अपनाने का नाम ही ‘अहिंसात्मक जीवन-शैली’ है। अकारण या बात बात में क्रोध आ जाना हिंसा की प्रवृत्ति का एक प्रारंभिक रूप है। क्रोध मनुष्य को अंधा बना देता है; वह उसकी बुद्धि का नाश कर उसे अनुचित कार्य करने को प्रेरित करता है, परिणामतः दूसरी को दु:ख और पीड़ा पहुँचने का कारण बनता है। सभी प्राणी मेरे लिए मित्रवत् हैं। मेरा किसी से भी बैर नहीं है, ऐसा भावना होने पर अहं जनित क्रोध समाप्त हो जएगा और हमारे मना में क्षमा का भाव पैदा होगा। क्षमा का यह उदात्त भाव हमें हमारे पिरवार से सामंजस्य करने व पारस्परिक प्रेम को बढ़ावा देने में अहम् भूमिका निभाता है। हमें ईर्ष्या तथा द्वेष रहित होकर लोभवृत्ति का त्याग करते हुए संयमित खान-पान तथा व्यवहार एवं क्षमा की भावना को जीवन में उचित स्थान देते हुए अहिंसा का एक ऐसा जीवन जीना है कि हमारी जीवन-शैली एक अनुकरणीय आदर्श बन जाए। भारतीय धर्मों में अहिंसा का क्या महत्व बताया गया है? (2) अहिंसात्मक जीवन-शैली से लेखक का क्या अभिप्राय है? (2) क्रोध का मनुष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? (1) क्षमा का भाव पारिवारिक जीवन में क्या परिवर्तन ला सकता है? (1) ‘इक’ प्रत्यय से बने दो शब्द गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए। (1) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए। (1)
  • 1 answers

Janhavi Das 4 years, 1 month ago

Thank u for these answer
  • 4 answers

Har Har Mahadev 🙏 4 years, 1 month ago

Aachi h ?

R. D. 4 years, 1 month ago

Vir ras ki Kavita nice ❤️??

Dhruv .. 4 years, 1 month ago

?ooo WOW? #?S.S ?

? S. S. ? 4 years, 1 month ago

??Ye poem toh meri Hindi ki book me thi jbb mai 5th or 6th standard me thi tbb,,,,,,,,,,

FULL POEM?

  • 5 answers

Sakshi Jagtap 4 years, 1 month ago

wow??

Dhruv .. 4 years, 1 month ago

That's what I m telling .....कि एक आग का दरिया है और डूब कर जाना है।। #Ironic??

4 years, 1 month ago

So better focus on studies

4 years, 1 month ago

In real life its a dream only

4 years, 1 month ago

?
  • 5 answers

Dhruv .. 4 years, 1 month ago

Spelling se farq nahi padta.....samajh me aana....chahiye... basss ?✌️

? S. S. ? 4 years, 1 month ago

Sahil ?.. I think he's talking about path of success....and lengendary ?dhyn se dekho yrr spelling bss dhruv ki hi nhi or bhi words hai jo glt likhe hai.. हूँ.....मंज़िल....सुकून

Dhruv .. 4 years, 1 month ago

Wo raah bass mujhe pata hai??

4 years, 1 month ago

Dhruv ki spelling galat hai

Sahil Singh 4 years, 1 month ago

Kon sa rah ha vo....
  • 1 answers

😀 😀 4 years, 1 month ago

@Abhishek Gularya kindly refer to ncert
  • 3 answers

R. D. 4 years, 1 month ago

Or patthar marne se aadmi huaa behosh Phir 1 phariste ki jabrdast entry or vo use bcha k hospital le jata h. ?????

Sahil Singh 4 years, 1 month ago

Hatt ?????

Har Har Mahadev 🙏 4 years, 1 month ago

Toh isme hame kya batana h.
  • 2 answers

R. D. 4 years, 1 month ago

Kyoki vah har dharm me bhedbhav karta h .

Har Har Mahadev 🙏 4 years, 1 month ago

Mere pass Hindi as a subject nahi h.
  • 3 answers

Y@Ogesh Ninama 4 years, 1 month ago

ESE bakvas Questions na pochoo too Acha h

R. D. 4 years, 1 month ago

Esi hi rhiyo ????

Har Har Mahadev 🙏 4 years, 1 month ago

Good
  • 1 answers

😀 😀 4 years, 1 month ago

@Shuhani Rajawat ,kindly refer to cbsetuts.com in Google
  • 1 answers

R. D. 4 years, 2 months ago

Whose chapter ????
  • 0 answers
  • 2 answers

Tisha ??? 4 years, 2 months ago

Kuch log shikshit hone Ka galat fayda uthate hI we parmanu bam or Milavti vastuey bnakar iska galat istemal krte hai

R. D. 4 years, 2 months ago

पारंपरिक शिक्षा, जिसे बैक-टू-बेसिक्स , पारंपरिक शिक्षा या प्रथागत शिक्षा के रूप में भी जाना जाता है , लंबे समय से स्थापित रीति-रिवाजों को संदर्भित करता है जो समाज पारंपरिक रूप से स्कूलों में उपयोग किया जाता है। शिक्षा सुधार के कुछ रूप प्रगतिशील शिक्षा प्रथाओं को अपनाने को बढ़ावा देते हैं, एक अधिक समग्र दृष्टिकोण जो व्यक्तिगत छात्रों की जरूरतों और आत्म-नियंत्रण पर केंद्रित है।सुधारकों की नज़र में, रट्टा सीखने और याद रखने पर केंद्रित पारंपरिक शिक्षक-केंद्रित तरीकों को सीखने के लिए छात्र-केंद्रित और कार्य-आधारित दृष्टिकोण के पक्ष में छोड़ दिया जाना चाहिए। संदर्भ के आधार पर, के विपरीत पारंपरिक शिक्षा हो सकता है प्रगतिशील शिक्षा , आधुनिक शिक्षा (शिक्षा पर आधारित दृष्टिकोण विकासात्मक मनोविज्ञान ), या वैकल्पिक शिक्षा । परिभाषा पारंपरिक शिक्षा की परिभाषा भूगोल के साथ और ऐतिहासिक काल से बहुत भिन्न होती है। पारंपरिक शिक्षा का मुख्य व्यवसाय अगली पीढ़ी को उन कौशलों, तथ्यों, और नैतिक और सामाजिक आचरण के मानकों को प्रेषित करना है जिन्हें वयस्क अगली पीढ़ी की सामग्री और सामाजिक सफलता के लिए आवश्यक मानते हैं। [२] इस योजना के लाभार्थियों के रूप में, शैक्षिक प्रगतिवादी जॉन डेवी ने "ऊपर से और बाहर से लगाए जाने" के रूप में वर्णित किया, छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे इन निर्धारित उत्तरों के बारे में विनम्रतापूर्वक और आज्ञाकारी रूप से प्राप्त करें और विश्वास करें। शिक्षक वे उपकरण हैं जिनके द्वारा इस ज्ञान का संचार किया जाता है और व्यवहार के इन मानकों को लागू किया जाता है। [2] ऐतिहासिक रूप से, पारंपरिक शिक्षा की प्राथमिक शैक्षिक तकनीक सरल मौखिक पाठ थी : [1] एक विशिष्ट दृष्टिकोण में, छात्र अपने स्थानों पर चुपचाप बैठे रहते थे और एक छात्र को दूसरे पाठ को सुनाने के बाद सुनता था, जब तक कि प्रत्येक को बुलाया नहीं जाता। शिक्षक की प्राथमिक गतिविधि इन भजन को सुन और सुन रही थी; छात्रों ने अध्ययन किया और घर पर असाइनमेंट याद किया। एकइकाई के अंत में एक परीक्षण या मौखिक परीक्षा दी जा सकती है, और इस प्रक्रिया को, जिसे "असाइनमेंट-स्टडी-रिकिटेशन-टेस्ट" कहा जाता था, दोहराया गया था। मौखिक उत्तर पर इसके अतिरंजित के अलावा, रटे मेमोराइजेशन पर निर्भरता(अर्थ समझने के प्रयास में कोई कमी नहीं), और असंबद्ध, असंबद्ध असाइनमेंट, यह भी छात्रों और शिक्षकों के समय का एक अत्यंत अक्षम उपयोग था। इस पारंपरिक दृष्टिकोण ने यह भी जोर दिया कि सभी छात्रों को एक ही बिंदु पर समान सामग्री सिखाई जाए; वे छात्र जो अपनी प्राकृतिक गति पर सफल होने की अनुमति देने के बजाय, जल्दी से पर्याप्त रूप से असफल नहीं हुए। यह दृष्टिकोण, जिसे यूरोप से आयात किया गया था, 19 वीं शताब्दी के अंत तक अमेरिकी शिक्षा पर हावी था, जब शिक्षा सुधार आंदोलनने यूरोप की प्रगतिशील शिक्षा तकनीकों को आयात किया। .............................नुकसान नहीं लिख सकती इसलिए तुम ही सोच के लिखो l
  • 1 answers

😀 😀 4 years, 2 months ago

Amisha Gurjar 11 A , you can kindly refer to hindikunj.com
  • 0 answers
  • 1 answers

R. D. 4 years, 2 months ago

Question paper kyaaa??????
  • 1 answers

Rohit Singh 4 years, 2 months ago

Helo

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