Ask questions which are clear, concise and easy to understand.
Ask QuestionPosted by Rose Singh 4 years, 9 months ago
- 0 answers
Posted by Divi Rajput 4 years, 9 months ago
- 1 answers
Gaurav Seth 4 years, 9 months ago
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
अमर उजाला शिमला,
विषय: क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था अत्यन्त दयनीय है। क्षेत्र में गंदगी फैली हुई है। उसके प्रति ध्यान आकर्षित करते किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र
महोदय,
मेरा नाम कृष्ण शर्मा है , मैं शिमला जिले का रहने वाला हूँ | मैं अपने लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था अत्यन्त दयनीय है। क्षेत्र में फैली हुई है गंदगी की समस्या के प्रति जनता और संबंध अधिकारियों का आग्रह करना चाहता हूँ |
आशा करता हूँ कि आप मेरे पत्र को अपने लोकप्रिय समाचार पत्र में प्रकाशित करेंगे। मेरे क्षेत्र में राम नगर में सफाई के प्रति लापरवाही दिन-प्रिदीन बढ़ती ही जा रही है| क्षेत्र की गली की नालियों तथा सड़कों में कूड़ा-करकट, मलबे आदि के ढेर लगे रहते हैं और गंदा पानी बहता रहता है| इन पर मच्छर-मक्खियां मंडराते रहते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। हमारे क्षेत्र राम नगर में सफाई हेतु नगर निगम का कोई सफाई-कर्मचारी काम पर नहीं आता है।
मेरी आप से प्रार्थना है आप इस समस्या को अपने अख़बार में छापे ताकी सरकार इस समस्या के लिए कदम उठाए |हमारे क्षेत्र राम नगर की इस दुरवस्था पर ध्यान देते हुए इसे यथाशीघ्र सुधारने का प्रयत्न आरम्भ किया जाए जिससे समस्याओं को और अधिक बढ़ने से रोका जा सके। मेरा केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वे इस संबंध में कार्यवाही करें|
धन्यवाद!
भवदीय,
कृष्ण शर्मा|
शिमला
Posted by Sneha Nema 4 years, 9 months ago
- 0 answers
Posted by Laxman Juyal 4 years, 9 months ago
- 3 answers
😀 😀 4 years, 9 months ago
Posted by Diya Chauhan 4 years, 9 months ago
- 2 answers
Posted by Anjali Trivedi 4 years, 9 months ago
- 3 answers
Posted by Reshmi Maravi 4 years, 9 months ago
- 1 answers
😀 😀 4 years, 9 months ago
Posted by Ashwini Ahirwar 4 years, 9 months ago
- 1 answers
Thakur Akhil Singh Sengar 4 years, 9 months ago
Posted by Kushal Patidar 4 years, 9 months ago
- 0 answers
Posted by Ganga Mehra 4 years, 9 months ago
- 2 answers
🤟Royal Thakur 🤟 4 years, 9 months ago
Posted by R K 4 years, 9 months ago
- 1 answers
Posted by Rajesh Singh 4 years, 9 months ago
- 5 answers
Ganga Mehra 4 years, 9 months ago
🤟Royal Thakur 🤟 4 years, 9 months ago
Posted by Ritika Sharma 4 years, 9 months ago
- 0 answers
Posted by Dhruv .... 4 years, 9 months ago
- 2 answers
Posted by Deepak Sen 4 years, 9 months ago
- 0 answers
Posted by Snehal Verma 4 years, 9 months ago
- 1 answers
Posted by Devesh Kumar 4 years, 9 months ago
- 1 answers
Prateek .. 4 years, 9 months ago
Posted by Saurabh Maurya 4 years, 9 months ago
- 3 answers
Prateek .. 4 years, 9 months ago
R. D. 4 years, 9 months ago
Posted by Dhruv Dhruv 4 years, 9 months ago
- 3 answers
Prateek .. 4 years, 9 months ago
Posted by Dhruv Dhruv 4 years, 9 months ago
- 1 answers
Posted by Dhruv Dhruv 4 years, 9 months ago
- 1 answers
Yogita Ingle 4 years, 9 months ago
यदि हम माली की जगह होते तो हम हुकूमत के फैसले का इंतजार नहीं करते। हम पेड़ को काटने वेन स्थान पर अन्य लोगों की सहायता से दबे व्यक्ति वेन ऊपर से पेड़ को खिसका कर हटा देते और उस व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकल लेते। रजब पेड़ कटता ही नहीं तब हम पर कोई अनुशासनहीनता की कार्यवाही भी नहीं होती। आदमी को बचाना कोई अपराध नहीं है।
Posted by Juhi Singh Singh 4 years, 9 months ago
- 1 answers
Posted by R. D. 4 years, 9 months ago
- 3 answers
Posted by Sheela Tiwari 4 years, 10 months ago
- 2 answers
Gaurav Seth 4 years, 10 months ago
-
- नीत्शे कौन थे? वे क्या तलाश रहे थे? (2)
- "ईश्वर मर गया है"-नीत्शे ने यह क्यों कहा होगा? (2)
- कृष्ण के व्यक्तित्व में 'विरोधाभास' क्यों लगता है? (2)
- आशय स्पष्ट कीजिए-"कर्मण्येवाधिकारस्ते ....।" (2)
- कृष्ण की किन विविध भूमिकाओं का उल्लेख है। (2)
- कृष्ण के व्यक्तित्व से हम क्या सीख सकते हैं? (1)
- गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (1)
Answrs:
- नीत्शे एक प्रसिद्ध दार्शनिक थे। वे एक ऐसा देवता तलाश कर रहे थे, जो मनुष्य की पहुँच में हो और उसी की तरह नाच-गा सके और जो मनुष्य की तरह ही जीवनयापन करे।
- "ईश्वर मर गया है" नीत्शे ने यह इसलिए कहा होगा क्योंकि उसे ऐसा देवता नहीं मिला जो जीवन से भरपूर हो। जो मनुष्य की तरह हँसे-रोए, काम करे और कराए।
- कृष्ण के व्यक्तित्व में विरोधाभास लगता है क्योंकि वे नाचते गाते हैं, काम करते हैं। एक ओर वे योगी हैं, तो दूसरी ओर कर्मयोगी भी हैं।
- 'कर्मण्येवाधिकारस्ते' ........ का आशय है कि काम करो बाकी सब भूल जाओ। यहाँ तक कि काम के फल की इच्छा भी मत करो।मनुष्य का अपना काम है बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करते रहना।
- कृष्ण की विभिन्न भूमिकाओं का उल्लेख किया गया है; जैसे-कृष्ण ग्वाले का काम करते हैं, रसिक बिहारी का, सारथी का, उपदेष्टा या मार्गदर्शक आदि का।
- कृष्ण के व्यक्तित्व से हम ये सीख सकते हैं कि जीवन के प्रत्येक पल को पूरेपन से जीना चाहिए, उससे चिपकना नहीं चाहिए।
- प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है-"कृष्ण:योगी एवं कर्मयोगी''
Posted by Abhishek Rajak 4 years, 10 months ago
- 1 answers
😀 😀 4 years, 10 months ago
Posted by Ayaj Shaikh 4 years, 10 months ago
- 1 answers
Posted by Lokesh Yadav 4 years, 10 months ago
- 3 answers
Sakshi Pathak 4 years, 9 months ago
😀 😀 4 years, 10 months ago
myCBSEguide
Trusted by 1 Crore+ Students
Test Generator
Create papers online. It's FREE.
CUET Mock Tests
75,000+ questions to practice only on myCBSEguide app