Ask questions which are clear, concise and easy to understand.
Ask QuestionPosted by Amritesh Gaurav 5 years, 1 month ago
- 0 answers
Posted by Prêm Âñkít 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Gaurav Seth 5 years, 1 month ago
Covid 19 महामारी ने पूरे दुनिया को घुटनो पर आने के लिए मज़बूर कर दिया है। दुनिया का एक भी कोना ऐसा नहीं है जहाँ इस वायरस का संक्रमण ना फैला हो। दुनिया में लाखो लोगो की इस वायरस ने जान ले ली। बहुत सारे लोग प्रतिदिन इससे संक्रमित हो रहे है। भारत में तीन लाख से अभी ज़्यादा लोग कोरोना वायरस से पीड़ित है। इसका सिर्फ एक ही उपाय है और वह है समाजिक दूरी। इसके साथ ही मुँह पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और जितना हो सके आपने हाथों को धोये और आस -पड़ोस में सफाई का ध्यान रखे। भारत ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 24 मार्च 2020 को लॉकडाउन घोषित किया और इस लॉकडाउन को कई बार बढ़ाया गया। इस महामारी ने दुनिया में तूफ़ान ला दिया है। वायरस संक्रमण के श्रृंखला को तोड़ने के लिए नागरिको के बीच सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा गया।
कोरोना काल में डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय , पैथोलोजिस्ट , सभी ने कोरोना योद्धा बनकर देश की सेवा की है। भारत में कई महीनो तक लॉकडाउन जारी रहा और अभी भी कुछ हिस्सों में लॉकडाउन जारी है। सभी डॉक्टर और नर्स रात दिन जागकर कोरोना संक्रमित मरीज़ो की भरपूर सेवा कर रहे है। वे इस आपातकालीन स्थिति में कोरोना योद्धा बनकर देश की सेवा में आगे रहे है। उन्होंने जान जोखिम में डालकर अपनी देश , समाज और मरीज़ो के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी की है। लॉकडाउन के वक़्त सामान्य लोगो को असुविधा ना हो इसलिए आवश्यक आपूर्तियों को पूरा करने के लिए दूध , सब्ज़ियां , अखबार इत्यादि का भली भाँती प्रबंध किया गया। इसलिए हमे किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा है। यह इसलिए मुमकिन हो पाया क्यूंकि सभी लोगों ने कोरोना योद्धा बनकर हमे सुविधाएं प्रदान की।
दिन भर पानी और बिजली , दूरसंचार और बैंकिंग जैसी सुविधा लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में बंद नहीं हुयी। यह इसलिए नहीं हुआ क्यों कि इससे जुड़े सारे कर्मचारियों ने इस आपातकालीन विषम परिस्थितियों में बिना रुके एक जुट होकर काम किया। इन्हे हम कोरोना काल में योद्धा के रूप में देखते है जिनकी वजह से आम आदमियों को कठिनाईओं का सामना नहीं करना पड़ा।
लॉकडाउन नियम के लिए दिशानिर्देश है कि प्रत्येक नागरिक को घर में रहना है और सारी राज्य की सीमाएं सील की गयी है। लेकिन कुछ लोग कोरोना संकटकाल में सेवाएं प्रदान कर रहे है ताकि आम नागरिको को नुकसान ना पहुंचे। आवश्यक चीज़ें लॉकडाउन में प्रदान की जा रही है।
किसी भी प्रकार की सामाजिक गड़बड़ी को सुनिश्चित करने के लिए सबसे आगे योद्धा के रूप में स्थानीय पुलिस बल और केंद्रीय सशत्र पुलिस बल रक्षा के लिए खड़े है। कोरोना संकट काल में देश को सुरक्षित रखने और ऐसी कठिन परिस्थितियों को संभालने में उनका भरपूर योगदान रहा है। अभी भी स्थिति समान्य नहीं हुयी है लेकिन वह अपना कर्त्तव्य निभा रहे है।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में निरंतर कार्य करने वाले योद्धाओं का सम्मान किया है। Covid 19 के इस संकटकाल में प्रतिदिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता , स्वच्छता कार्यकर्ता ,पुलिस बल और सुरक्षा कर्मी मेहनत और लगन के साथ समाज और हमारे प्रति जिम्मेदारी पूरा कर रहे है। वह बिना थके और बिना रुके समाज के प्रति अपना कर्त्तव्य निभा रहे है। इन योद्धाओं की हमे कदर और सम्मान करना चाहिए।
केंद्र सरकार ने हाल ही में रूपए के बीमा कवर स्वस्थ सेवा कर्मचारियों के लिए घोषणा की जो संक्रमित लोगो की सेवा कर रहे है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए अन्य महत्वपूर्ण वर्ग के लिए बिमा पैकेज की घोषणा की। इस संकट काल में कई पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी निभाते हुए संक्रमण का शिकार हुए और कुछ को अपनी जान भी गवानी पड़ी है। सुरक्षा बल हर जगह तैनात है। कन्टेनमेंट जोन और अस्पतालों में भी वह तैनात होकर कर्त्तव्य का पालन कर रहे है। पुलिस वालों के लिए यह एक जोखिम भरा कार्य है क्यों कि इसमें वह ही नहीं बल्कि उनके परिवार वालों के लिए भी संक्रमण का खतरा होने की आशंका जताई जा रही है।डॉक्टर और नर्सेज बिना अपनी परवाह किये मरीज़ो की सेवा में लगे है। इसके चलते बहुत से डॉक्टर और नर्सेज संक्रमित हो गए है। डॉक्टर और नर्सेज मन लगाकर मरीज़ो की सेवा कर उन्हें ठीक करने में जुटे है और अपना दायित्व निभा रहे है।
बैंक कर्मचारी भी जोखिम उठाकर बैंक में जाकर अपना कर्त्तव्य निभा रहे है ताकि देश की जनता को बैंक और पैसे संबंधित कोई भी मुश्किलात ना हो। बैंको को नियमित रूप से सनीटाईज़ किया जा रहा है ताकि संक्रमण का खतरा ना हो। स्वास्थकर्मी सार्वजनिक स्थानों ,स्कूलों , दफ्तरों इत्यादि हर जगहों को सनीटाईज़ करने में लगे है ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।
Posted by Tripti Tiwari 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Posted by Neha Singh 5 years, 1 month ago
- 0 answers
Posted by Ayush Pandey 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Posted by Yashita Jaswal 5 years, 1 month ago
- 2 answers
Posted by Birender Singh Birender 5 years, 1 month ago
- 0 answers
Posted by Vishnu Meena 5 years, 1 month ago
- 2 answers
Sumona Sinha 5 years, 1 month ago
Anupama ?? 5 years, 1 month ago
Posted by Bandookmaar Gaming 5 years, 1 month ago
- 2 answers
Neha Singh 5 years, 1 month ago
Posted by Vartika Pandey 5 years, 1 month ago
- 2 answers
Posted by Yashita Jaswal 5 years, 1 month ago
- 2 answers
Posted by Pritu Pandey 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Posted by Vartika Pandey 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Posted by Prince Kamboj 5 years, 1 month ago
- 5 answers
Neha Singh 5 years, 1 month ago
Gaurav Seth 5 years, 1 month ago
लेखक ने इस कहानी के आरम्भ में दिखाया है कि भोलानाथ का ज्यादा से ज्यादा समय पिता के साथ बीतता है . उसका दिन पिता की छत्रछाया में ही शुरू होता है। पिता उसकी हर क्रीड़ा में सदैव साथ रहते हैं, विपदा होने पर उसकी रक्षा करते हैं। भोलानाथ का अपने पिता से अपार स्नेह था
Posted by Dhanvi Gupta 5 years, 1 month ago
- 0 answers
Posted by Tanuj Bhardwaj 5 years, 1 month ago
- 2 answers
Neha Singh 5 years, 1 month ago
Posted by Priyam Gupta 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Posted by Gagan Biswas 5 years, 1 month ago
- 0 answers
Posted by Ayush Chaprana 5 years, 1 month ago
- 5 answers
Posted by Arpita Pathak 5 years, 1 month ago
- 2 answers
Neha Singh 5 years, 1 month ago
Posted by Sauamy Singh Rajput 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Posted by Mayuri Chavhan 5 years, 1 month ago
- 0 answers
Posted by Salma Nasreen 5 years, 1 month ago
- 5 answers
Posted by Dewang Doye 5 years, 1 month ago
- 0 answers
Posted by Vanshika Baliyan 5 years, 1 month ago
- 2 answers
Neha Singh 5 years, 1 month ago
Monalisa Bhoi 5 years, 1 month ago
Posted by Poonam Sakshi Verma 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Posted by Bhawna Koranga 5 years, 1 month ago
- 4 answers
Bhawna Koranga 5 years, 1 month ago
Bhawna Koranga 5 years, 1 month ago
Basanti Senarpi 5 years, 1 month ago
Posted by Himanshu Jagne 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Gaurav Seth 5 years, 1 month ago
गोपियों को पता है कि उद्धव भी कृष्ण से असीम प्रेम करते हैं। वे तो बस उद्धव से इसलिए जलती हैं कि उद्धव कृष्ण के पास रहते हैं। कृष्ण के पास रहने के कारण उद्धव को शायद विदाई की वह पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती जो गोपियों को झेलनी पड़ती है। उन्हें भाग्यवान कहकर गोपियाँ इसी बात की ओर इशारा कर रही हैं।
Posted by Tanisha Singh 5 years, 1 month ago
- 1 answers
Gaurav Seth 5 years, 1 month ago
गोपियों ने अपने मन की वेदना इस प्रकार प्रकट कि जब उनके प्रेम का विरह आया अर्थात गोबिंद जब वृंदावन छोड़कर मथुरा को गए तो, उन्होंने उनके चरणों की माटी को अपने मस्तिष्क पर धारण कर ली । जब उद्धव गोपियों के पास जिस उद्देश्य से आए थे उस उद्देश्य में वह बिल्कुल भी सफल नहीं हो पाए , उद्धव उनके पास अपने मन पर नियंत्रण रखने की सलाह लेकर पहुँचे हैं। लेकिन गोपियों ने वे कहती हैं कि उद्धव अपने उपदेश उन्हें दें जिनका मन कभी स्थिर नहीं रहता है। गोपियों का मन तो कृष्ण के प्रेम में हमेशा से अचल है|
myCBSEguide
Trusted by 1 Crore+ Students
Test Generator
Create papers online. It's FREE.
CUET Mock Tests
75,000+ questions to practice only on myCBSEguide app