No products in the cart.

Ask questions which are clear, concise and easy to understand.

Ask Question
  • 2 answers

Aryan Patidar 5 years, 1 month ago

My cbse guide or dhek lo

Parth Shukla 5 years, 1 month ago

Khud kar lo
  • 2 answers

I. Chinglembi Devi 5 years, 1 month ago

अप्पू को अक्सर क्लास में दंड स्वरूप बेंच पर खड़ा होने को कहा जाता था। इसीलिए पाठ में कहा गया है कि जब उसको खड़ा होने के लिए कहा गया तब उसके दंड के अनुभव से वो तुरंत खड़ा हो गया।

Sanskriti Bisht 5 years, 1 month ago

Mene abhi ye chapter nahi padahai
  • 0 answers
  • 2 answers

Nihal Mehta 5 years, 1 month ago

Why you send your name ask questions if you have any doubt

Thejasvini S. V 5 years, 1 month ago

Please don't send unwanted queries in Homework help. It is always designed to help you when you got some doubts on your syllabus. Regards!!!
  • 5 answers

Saksham Jha 5 years ago

नकुल और सहदेव के मामा का नाम शल्य था और वह मध्य प्रदेश के राजा थे।

Nihal Mehta 5 years, 1 month ago

Salya

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

नकुल और सहदेव के मामा का नाम शल्य था और वह मध्य प्रदेश के राजा थे।

Jay Upreti 5 years, 1 month ago

Sorry answer is raja salya

Jay Upreti 5 years, 1 month ago

Sakuni tha
  • 2 answers

Nehal Jain 5 years ago

it is awsome video

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

https://youtu.be/sjljh1X-Z5s ??
  • 5 answers
नागार्जुन

Parth Shukla 5 years, 1 month ago

Nagu baba

Nihal Mehta 5 years, 1 month ago

नागार्जुन

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

नागार्जुन

Anshika Dubey 5 years, 1 month ago

Najarjun
  • 3 answers

Abhinav Shukla 5 years, 1 month ago

पांडव वनवास किस लिए गए क्योंकि वह लोग चौसर का खेल हार चुके थे सौसर के खेल हारने के अनुसार 12 वर्ष वनवास और एक वर्ष अज्ञातवास भुगतना पड़ता इसीलिए पांडव वनवास गए थे

Tanotpartap Singh Rathore 5 years, 1 month ago

No

Saurav Bisht 5 years, 1 month ago

Yes
  • 1 answers

Saurav Bisht 5 years, 1 month ago

Ok
  • 5 answers
दादी मां का सरल स्वभाव हमें बहुत अच्छा लगता है वैसे तो दादी मां ऊपर से बड़ी कड़वी थी पर अंदर से बहुत मदद की जरूरत पड़ने पर उन्होंने दादाजी की आखिरी निशानी भी दांव पर लगा दी थी एक बार उन्होंने रानी की काठी की भी मदद की थी जब उन्होंने दादी मां का कर्ज नहीं चुका था उन्होंने वह कर्जा माफ कर दिया और उनको कुछ रुपए भी देता कि उनकी बेटी का विवाह संपन्न हो जाएदादी मां के स्वभाव में हमें अनेक पक्ष थे जो हमें अच्छे लगते थे मसलन दादी मां की सेवा,संस्कृति,परोपकारी व सरस स्वभाव आदि पक्ष हमें सबसे अच्छा लगता है,क्योंकि इन्हीं के कारण ही वे दूसरों का मन जीतने में सदैव सफल रही।लेखक के बीमार होने पर दादी द्वारा उसकी सेवा करना,रामी चाची की बेटी की शादी पर उसके घर जाकर उसकी सहायता करना व पिछला बकाया ऋण माफ करना, पिताजी की आर्थिक तंगी देखकर दादी की निशानी सोने का कंगन उन्हें देना आदि दर्शाता है कि दूसरों की मदद करना ही उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य था

Abhinav Shukla 5 years, 1 month ago

दादी मां का सरल स्वभाव हमें बहुत अच्छा लगता है वैसे तो दादी मां ऊपर से बड़ी कड़वी थी पर अंदर से बहुत मदद की जरूरत पड़ने पर उन्होंने दादाजी की आखिरी निशानी भी दांव पर लगा दी थी एक बार उन्होंने रानी की काठी की भी मदद की थी जब उन्होंने दादी मां का कर्ज नहीं चुका था उन्होंने वह कर्जा माफ कर दिया और उनको कुछ रुपए भी देता कि उनकी बेटी का विवाह संपन्न हो जाए

Navpreet Kaur 5 years, 1 month ago

दादी मां के स्वभाव में हमें अनेक पक्ष थे जो हमें अच्छे लगते थे मसलन दादी मां की सेवा,संस्कृति,परोपकारी व सरस स्वभाव आदि पक्ष हमें सबसे अच्छा लगता है,क्योंकि इन्हीं के कारण ही वे दूसरों का मन जीतने में सदैव सफल रही।लेखक के बीमार होने पर दादी द्वारा उसकी सेवा करना,रामी चाची की बेटी की शादी पर उसके घर जाकर उसकी सहायता करना व पिछला बकाया ऋण माफ करना, पिताजी की आर्थिक तंगी देखकर दादी की निशानी सोने का कंगन उन्हें देना आदि दर्शाता है कि दूसरों की मदद करना ही उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य था

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

लेखक के बीमार होने पर दादी द्वारा उसकी सेवा करना,रामी चाची की बेटी की शादी पर उसके घर जाकर उसकी सहायता करना व पिछला बकाया ऋण माफ करना, पिताजी की आर्थिक तंगी देखकर दादी की निशानी सोने का कंगन उन्हें देना आदि दर्शाता है कि दूसरों की मदद करना ही उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य था। मुझे दादी की सहायता और कोमलता वाला पार्क सबसे अच्छा लगता है।

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

दादी मां के स्वभाव में हमें अनेक पक्ष थे जो हमें अच्छे लगते थे मसलन दादी मां की सेवा,संस्कृति,परोपकारी व सरस स्वभाव आदि पक्ष हमें सबसे अच्छा लगता है,क्योंकि इन्हीं के कारण ही वे दूसरों का मन जीतने में सदैव सफल रही।
  • 3 answers

Abhinav Shukla 5 years, 1 month ago

श्री कृष्ण विष्णु भगवान के ही अवतार थे वह इस धरती पर द्वापर युग में हुए थे वह दोस्तों का संपूर्ण होने दोस्तों का संघार करने के लिए इस धरती पर जन्म लिया था उन्होंने गीता का निर्माण भी किया था महाभारत के युद्ध में वह अर्जुन के सारथी बने थे उनके बहुत सारे नाम थे जैसे गोपाल कन्हैया कृष्णा माखन चोर और उन्होंने अपनी एक नगरी बनाई थी जिसका नाम था द्वारिका उनके बड़े भाई का नाम बलराम था जो कि शेषनाग के अवतार थे जिन्होंने उन्हें जन्म दिया था उनका नाम देवकी था लेकिन जिन्होंने उन्हें पाला था उनका नाम यशोदा था | जय श्री कृष्ण

Saurav Bisht 5 years, 1 month ago

Shri krishna Ek bagwan teh Aur Vehe Vishnu Ji ke 8 ve Avtar tha Shri krishnaKrishna ke bhut name hai jese kanhaiya, Machanchor, Madav, Gopal aur Dwarikadesh ke name se bhi Krishna ke Pita ka name Vasudev tha aur Mata ka name Devki Aur Krishna bade hokar Dwarka ke Raja teh

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार और हिन्दू धर्म के ईश्वर माने जाते हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, एक आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्ज महान पुरुष थे। उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष युगपुरुष या युगावतार का स्थान दिया गया है। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत में कृष्ण का चरित्र विस्तुत रूप से लिखा गया है। भगवद्गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद है जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इस कृति के लिए कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान भी दिया जाता है। कृष्ण वसुदेव और देवकी की 8वीं संतान थे। मथुरा के कारावास में उनका जन्म हुआ था और गोकुल में उनका लालन पालन हुआ था। यशोदा और नन्द उनके पालक माता पिता थे। उनका बचपन गोकुल में व्यतित हुआ। बाल्य अवस्था में ही उन्होंने बड़े बड़े कार्य किये जो किसी सामान्य मनुष्य के लिए सम्भव नहीं थे। मथुरा में मामा कंस का वध किया। सौराष्ट्र में द्वारका नगरी की स्थापना की और वहां अपना राज्य बसाया। पांडवों की मदद की और विभिन्न आपत्तियों में उनकी रक्षा की। महाभारत के युद्ध में उन्होंने अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई और भगवद्गीता का ज्ञान दिया जो उनके जीवन की सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है। 124 वर्षों के जीवनकाल के बाद उन्होंने अपनी लीला समाप्त की। उनके अवतार समाप्ति के तुरंत बाद परीक्षित के राज्य का कालखंड आता है। राजा परीक्षित, जो अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र तथा अर्जुन के पौत्र थे, के समय से ही कलियुग का आरंभ माना जाता है।
  • 0 answers
  • 2 answers

Shabnam Kalaburgi. 5 years, 1 month ago

Or u can watch TV show or romantic scene

Shabnam Kalaburgi. 5 years, 1 month ago

First u have to go on Google and type as night aunty hot masala super gif
  • 2 answers

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

इस पाथ का उद्देश्य बच्चों में अपनें मित्रों के प्रति प्रेम,भावना करने का उदय है।

Avanthika,Anushka Meenu,Annu 5 years, 1 month ago

Who is tho tho chan
  • 4 answers

Abhinav Shukla 5 years, 1 month ago

दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है या कार्तिक मास में मनाया जाता है दिवाली को मनाने का यह कारण है कि उस दिन राम जी ने रावण का वध करके अयोध्या में प्रवेश किया था उस दिन अयोध्या के सारे लोगों ने बड़े धूमधाम से दिए जलाए और उनका स्वागत किया था तभी से दीपावली का पर्व हिंदुओं में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है सब अच्छे अच्छे कपड़े पहनते हैं अच्छे-अच्छे पकवान बनाते हैं अच्छे-अच्छे भोजन बनाते हैं और बच्चे लोग मिलकर पटाखे जलाते हैं

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता,संस्कृति,रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत देश में सभी धर्मों के त्योहारों को महत्व दिया जाता है।जिस प्रकार हिंदुओं के पर्व दीपावली को महत्व दिया जाता है दीपावली त्योहार को कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने देश अयोध्या लौटे थे। श्री राम के आने की खुशी में लोगों ने दिए जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को जगमगा दिया था दीपावली का अर्थ होता है, दीपों की पंक्ति जिसमें दीयों को एक पंक्ति में जलाया जाता है।इस दिन के महत्व के रूप में लोग यह कहते हैं कि अगर इस दिन घरों दुकानों और कार्यालयों की अच्छी तरह से साफ सफाई की जाए तो लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है। इस दिन को बेहतर बनाने के लिए लोग नए कपड़े,पटाखे, बर्तन साज-सज्जा के सामान खरीदते हैं।दीपावली के दिन लोग नए कपड़े पहन कर सबसे पहले लक्ष्मी पूजन करते हैं। जिसके बाद सभी लोग आपस में गले मिलते हैं,और मिठाइयां बांटते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं ।इस तरह से लोग भगवान श्रीराम के प्रति अपनी खुशी और प्रसन्नता प्रकट करते हैं।

As Patil 5 years, 1 month ago

You can take from Google

Himanshu Himanshu 5 years, 1 month ago

हर तरह की सुविधाएं पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते
  • 5 answers

Saurav Bisht 5 years, 1 month ago

Ek baar ki baat hai Ek baar Krishna aur Arjun Jaidrath ko marne ke liye chale gaye teh Aur Arjun ke Putra ka name Abhimanyu tha Aur Fhir Duryodan ne Kaha ki Ham Sab Pandav aur Abhimanyu ko Chakraviyu mein fazza Denge Fhir Pandav ne kaha hamne tou Chakraviyu mein ja sakte hai lekine bahar nahi aa sakte Fhir unhone Abhimanyu se kaha Abhimanyu ne kaha mujhe aata hai Chakraviyu se andar bhi jana aur bahar bhi aana Fhir Abhimanyu gaye Fhir Abhimanyu Chakraviyu mein guch gaye Fhir kya korovo ne unhe Fazza diya fhir Gangaputra bhisma ke rule ko toda duryodhan ne sabko kaha aap sab log ese maro fhir kya Abhimanyu ki mrithyu ho gayi Om om santi

Kashish ☺️✌️ 5 years, 1 month ago

I mean can you please answer my question "Abhimanyu ko kyu mara"

Kashish ☺️✌️ 5 years, 1 month ago

Can you please answer .e

Chaitnaya Lade 5 years, 1 month ago

??HAPPY DIWALI

Chaitnaya Lade 5 years, 1 month ago

B
  • 0 answers
  • 1 answers

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

हमारे एक पड़ोसी ने तोता पाला था। उस पड़ोसी ने उसे मेले से खरीद कर लाया था।उसके परिवार के सभी सदस्य मन से उसकी देखरेख किया करते थे।प्रतिदिन उसके पिंजरे की सफाई किया करते थे,एक कटोरी में पानी पीने के लिए तथा खाने के लिए चना दिया जाता था। इसके अलावा तोते को‌मौसमी फल तथा मिर्च भी खाने को दिया जाता था। मेरा पड़ोसी घंटों उस तोते से बातें किया करता था,और उसे लेकर घूमने पार्क में ले जाया करता था। तोते ने घर के सभी सदस्य के नाम रट रखे थे। लेकिन तोता खाना भारी मन से खाता था।जब मैं पड़ोसी के घर पिंजरे के पास जाता/जाती थी तो वह हमारी और आशा भरी दृष्टि से देखता था।
  • 2 answers

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अपने सौंदर्य और त्योहारों की वजह से जाना जाता है।इन्हीं में से एक त्योहार दीपावली होता है। इस दिन को भगवान राम की रावण पर अर्थात ज्ञान की अज्ञान पर जीत के रूप में मनाया जाता है दीपावली को सर्दियों के समय अक्टूबर या नवंबर में कार्तिक मास की अमावस्या के दिन बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम राक्षस रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आए थे। जिसकी खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाए थे। दीपावली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं,और अपने घर को पूरी तरह से पवित्र कर देते हैं। इस दिन सभी लोग नए नए कपड़े पहन कर घरों में लक्ष्मी पूजन करते हैं,जिसके बाद सभी लोग मिठाइयां बांटते हैं और पटाखे जलाते हैं हर घर में अलग-अलग तरह के व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं।इस दिन बहुत से लोग शराब पीते हैं जुआ खेलते हैं लड़ाई झगड़ा करते हैं,जिसकी वजह से पर्यावरण दूषित होने लगता है जो अच्छी बात नहीं है।

Gaurav Seth 5 years, 1 month ago

दीपावलीका त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा पर्व होता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दीपावली की तैयारियां शुरू हो जाती है, जो व्यापक स्तर पर की जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे। इसके अलावा दीपावली को लेकर कुछ और भी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। पढ़ि‍ए निबंध - 

प्रस्तावना - प्रत्येक समाज त्योहारों के माध्यम से अपनी खुशी एक साथ प्रकट करता है। हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार होली, रक्षाबंधन, दशहरा और दीपावली हैं। इनमें से दीपावली सबसे प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार का ध्यान आते ही मन-मयूर नाच उठता है। यह त्योहार दीपों का पर्व होने से हम सभी का मन आलोकित करता है।

दीपावली कब-क्यों मनाई जाती है - यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या की अंधेरी रात जगमग असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है। कहते हैं भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्यावासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। 

 

श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध भी इसी दिन किया था। यह दिन भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी है। इन सभी कारणों से हम दीपावली का त्योहार मनाते हैं।


दीपोत्सव मनाने की तैयारियां -  यह त्योहार लगभग सभी धर्म के लोग मनाते हैं। इस त्योहार के आने के कई दिन पहले से ही घरों की लिपाई-पुताई, सजावट प्रारंभ हो जाती है। 



नए कपड़े बनवाए जाते हैं, मिठाइयां बनाई जाती हैं। वर्षा के बाद की गंदगी भव्य आकर्षण, सफाई और स्वच्‍छता में बदल जाती है। लक्ष्मी जी के आगमन में चमक-दमक की जाती है।

उत्सव - यह त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है। धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार चलता है। धनतेरस के दिन व्यापार अपने बहीखाते नए बनाते हैं। अगले दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अच्‍छा माना जाता है। अमावस्या के दिन लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है।

 

खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाया जाता है। नए कपड़े पहने जाते हैं। फुलझड़ी, पटाखे छोड़े जाते हैं। असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को मोह लेती हैं। दुकानों, बाजारों और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है।

 

अगला दिन परस्पर भेंट का दिन होता है। एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की शुभकामनाएं दी जाती हैं। गृहिणियां मेहमानों का स्वागत करती हैं। लोग छोटे-बड़े, अमीर-गरीब का भेद भूलकर आपस में मिल-जुलकर यह त्योहार मनाते
हैं।

उपसंहार - दीपावली का त्योहार सभी के जीवन को खुशी प्रदान करता है। नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं, जो घर व समाज के लिए बड़ी बुरी बात है। 

 

हमें इस बुराई से बचना चाहिए। पटाखे सावधानीपूर्वक छोड़ने चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमारे किसी भी कार्य एवं व्यवहार से किसी को भी दुख न पहुंचे, तभी दीपावली का त्योहार मनाना सार्थक होगा।

Ict
  • 1 answers

Gaurav Seth 5 years, 1 month ago

A n s w e r
I C T skills are about understanding and applying a range of computer programmes, software and other applications. These include: word processing, spreadsheets, databases, power points and search engines.

  • 4 answers

Abhinav Shukla 5 years, 1 month ago

कठपुतली के बाद दूसरी कठपुतलियों के इसलिए अच्छी लगी क्योंकि वह भी अपनी आजादी चाहती थी वह धागों में बने रहना नहीं चाहती थी वह भी चाहती थी कि वह धागों से मुक्त हो अपने पैरों पर खड़े होना सीखे अपने पैरों पर दुनिया देखे इसीलिए पहली कठपुतली की बात दूसरों कठपुतलियों को अच्छी लगी

Saurav Bisht 5 years, 1 month ago

Pehele kadputli ki baat dusri kadputli ko isliye aachi lagi kiyuki pehele kadputli ne kaha ki Swatantra hona chahate hai

Shagun Kanwar 5 years, 1 month ago

पहले कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को बहुत अच्छी लगी ,क्योंकि वह भी स्वतंत्र होना चाहती थी और अपने पांव पर खड़ी होना चाहती। अपने मनमर्जी के अनुसार चलना चाहती थीं। पराधीन रहना किसी को पसंद नहीं। यही कारण था कि वह पहली कठपुतली की बात से सहमत थी।

Gaurav Seth 5 years, 1 month ago

पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी ?

Answer:

पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को अच्छी लगी क्योंकि पहली कठपुतली स्वतंत्र होने की बात कर रही थी और दूसरी कठपुतलियाँ भी बंधन से मुक्त होकर आज़ाद होना चाहती थीं।

  • 1 answers

Gaurav Seth 5 years, 1 month ago

उत्तर:

कवि स्वतंत्रता का दीपक प्रत्येक परिस्थिति में जलाए रखने की प्रेरणा देता है। चाहे घनघोर अँधेरी रात हो, चाहे घनघोर वर्षा हो रही हो और बिजलियाँ कड़क रही हों। शत्रु पक्ष चाहे कितना ही प्रबल क्यों न हो, हमें हर स्थिति में उनसे मुकाबला करना है और इस स्वतंत्रता के दीपक को जलाए रखना है।

  • 1 answers

Kashish ☺️✌️ 5 years, 1 month ago

द्रोणाचार्य ने द्रुपद को छोड़ दिया और कहा मित्र अब मै तुम्हारे बराबर हो अब तो मेरे मित्र बनो । द्रुपद ने अपने को बचाने के लिए उस पल उसको अपने मित्र में लिया परंतु उसका मन द्रोणाचार्य को मरना चाहता था।
  • 1 answers

Saurav Bisht 5 years, 1 month ago

Bimar hona

myCBSEguide App

myCBSEguide

Trusted by 1 Crore+ Students

Test Generator

Test Generator

Create papers online. It's FREE.

CUET Mock Tests

CUET Mock Tests

75,000+ questions to practice only on myCBSEguide app

Download myCBSEguide App