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Ask QuestionPosted by Shekhar Poojary 5 years, 1 month ago
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Posted by Vaishnavi Chauhan 5 years, 1 month ago
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Posted by Jagrite Deshmukh 5 years, 1 month ago
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Posted by Prem Singh 5 years, 1 month ago
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Posted by Khushi Pamwani 5 years, 1 month ago
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Basheera Fatima 5 years, 1 month ago
Gaurav Seth 5 years, 1 month ago
इस कहानी में लेखक श्री जैनेंद्र कुमार ने आज़ादी की महत्ता और मनुष्य के स्वार्थी स्वभाव का वर्णन किया है| माधव दास बहुत ही अमीर व्यक्ति हैं। उन्होंने संगमरमर की आलीशान कोठी बनवाई है। उसके सामने सुंदर बगीचा लगवाया है जिसमें फ़व्वारा भी लगा था| शाम के समय कोठी के चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे बैठकर बगीचे की सुंदरता का आनंद लिया करते थे। शाम के समय कोठी के चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे बैठकर बगीचे की सुंदरता का आनंद लिया करते थे। परन्तु उन्हें कुछ खाली-सा लगता था|
एक शाम एक चिड़िया गुलाब की टहनी पर आकर बैठ गई थी। उसकी गर्दन लाल थी और धीरे-धीरे गुलाबी होते हुए किनारों पर नील रंग थे। पंख बहुत चमकदार थे। उसके शरीर पर विचित्र चित्रकारी थी। माधवदास को वह चिड़िया बहुत सुंदर लगी। चिड़िया बगीचे से खुश होकर डालों पर थिरक रही थी| थोड़ी देर तक उसे देखते रहने के बाद उन्होंने चिड़िया से कहा कि यह बगीचा उन्होंने उसी के लिये बनवाया है। चिड़िया माधवदास की बात सुनकर संकोच में पड़ गई । उसने कहा कि वह तो यहाँ केवल साँस लेने के लिए रुक गई थी। माधवदास ने उससे कहा कि यह बगीचा मेरा है और वह यहाँ रह सकती थी। माधवदास की बातें सुनकर चिड़िया थिरकना भूल गई। माधवदास ने उस चिड़िया को उसके सूने महल में रुककर चहचहाने के लिए कहा। चिड़िया बोली कि वह अपने घर माँ के पास जा रही थी। वह अपने घर से धूप खाने, हवा से खेलने और फूलों से बातें करने निकली थी।
माधवदास ने रुकने के बदले चिड़िया को सोने का पिंजरा बनवाने की बात की। उसने चिड़िया को खाने के लिए मोती देने को कहा। चिड़िया उसकी बात सुन कर डर गयी| वह कहती है माँ से अच्छी कोई चीज़ नहीं लगती है। उसके पास माँ का बनाया हुआ घोंसला है, खाना है| वह अपने घर वापस जा रही है। उसकी माँ उसका इंतज़ार कर रही होगी। माधवदास उसे रोकने के तरह-तरह के लालच देता है परन्तु वह नहीं मानती| माधवदास उसे कहते हैं कि वे उसके रहने के लिए सोने का पिंजरा बनवा देंगे, महल में मोतियों के झालर बनवा देंगें। जिस कटोरी में वह पानी पिएगी वह भी सोने की होगी।
इसी बीच माधव दास एक बटन दबा देते हैं जिसकी आवाज़ सुनते ही कोठी के अन्दर से एक नौकर दौड़ा आता है। सेठ माधवदास उसे इशारे करके नौकर से चिड़िया को पकड़ने के लिए कहता है। सेठ उसे जान-बूझकर रोके रखने के लिए उसके भाई-बहनों के बारे में पूछता है। चिड़िया उसे बताती है कि उसकी दो बहन और एक भाई है। चिड़िया को अपने घर जाने की जल्दी थी चूँकि कुछ ही देर में रात होने वाली थी|
अचानक चिड़िया को अपने शरीर पर कठोर हाथों का स्पर्श महसूस होता है। वह चीख मारती हुई नौकर के हाथ से फिसल जाती है। वह जल्दी-जल्दी उड़ती हुई अपनी माँ के पास जा पहुँची। वह अपनी माँ की गोद में दुबक कर जोर-जोर से रोना शुरू कर देती है। माँ ने उससे उसके रोने का कारण पूछती है परन्तु यह कुछ नहीं बोल पाती। वह अपनी माँ की छाती से इस तरह चिपक जाती है जैसे कभी अलग नहीं होगी।
Posted by Garvit Jain 5 years, 1 month ago
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Posted by Mangla Mangla 5 years, 1 month ago
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Preet Verma 5 years ago
Aayushri Singh 5 years, 1 month ago
Gaurav Seth 5 years, 1 month ago
जहाँ चाह वहाँ राह’- यह कहावत मनुष्य की इच्छा शक्ति का महत्त्व प्रकट करने वाली है। जो व्यक्ति किसी भी तरह की परिस्थितियों का दास बनकर नहीं रह जाता, परिश्रम से मुँह नहीं मोड़ता और कठिनाइयों का मुँहतोड़ उत्तर देना जानता है, उसी को इच्छा करने का अधिकार है, उसी की चाह को सच्ची चाह माना जाता है। ऐसा मनुष्य ही अपनी चाह को पूर्ण करने के लिए आगे बढ़कर उचित राह भी खोज लिया करता है। इसलिए अपनी दृढ़ इच्छा-शक्ति को कभी न तो गुमराह होने देना चाहिए, न मरने ही देना चाहिए। जैसे- जान है तो जहान है, वैसे ही यदि सच्ची चाह है, तो उसे पूरा करने के लिए कोई-न-कोई राह भी अवश्य है। जीवन का यही सत्य है कि मनुष्य को अपनी ही कुदाली से खोदकर अपने जीवन का रास्ता तैयार करना पड़ता है। उसके लिए हार्थों का मजबूत होना बहुत आवश्यक है। हाथ तभी मज़बूत होते हैं जब हृदय में कार्य करने की प्रबल चाह हो। जैसे मशाल पकड़कर गहरे अँधेरे में भी चलते रहकर आगे बढ़ा जा सकता है, उसी प्रकार चाह की ज्योति के प्रकाश में ही सारी कठिनाइयों से लड़ते हुए लक्ष्य तक पहुँचा जा सकता है। प्रबल इच्छा शक्ति के समक्ष कठिनाइयाँ भी झुक जाती हैं। दृढ़ निश्चय किसी को शांत नहीं बैठने देता। एक दुवार बंद होते ही वह अन्य उम्मीदों के दवारों को खोजने लगता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि चाह के सामने विकट परिस्थितियाँ झुक और महान कलाकार, लेखक, चित्रकार, साहित्यकार जन्मे। प्रेमचंद के नाम से आज कौन अनभिज्ञ होगा। लेखन की चाह के समक्ष विषम गरीबी भी टिक न पाई केवल भारत के इतिहास को ही क्यों अब्राहम लिंकन के नाम को ही स्मरण कर लिया जाए तो कहावत की सत्यता और भी सटीक ज्ञात होगी कि ‘जहाँ चाह वहाँ राह।’
Posted by Akshat Sisodia 000364 5 years, 1 month ago
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Abhinav Shukla 5 years, 1 month ago
Gaurav Seth 5 years, 1 month ago
उत्तर:- एक बार जोरों की आँधी आने के कारण खंभा पेड़ के ऊपर गिर जाता है उस समय पेड़ उसे सँभाल लेता है और इस प्रयास में वह ज़ख्मी भी हो जाता है। इस घटना से खंभें में जो गुरुर होता है, वह खत्म हो जाता है और अंत में दोनों की दोस्ती हो जाती है।
Posted by Aayushri Singh 5 years, 1 month ago
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Posted by Aayushri Singh 5 years, 1 month ago
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Posted by M. Gyaani 5 years, 1 month ago
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Yogita Ingle 5 years, 1 month ago
जिस शब्द के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान अथवा भाव के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के भेद
मुख्य रूप से संज्ञा के तीन भेद माने जाते हैं- पर कुछ विद्वान इसके दो भेद और मानते हैं। इस तरह इनके पाँच भेद होते हैं।
- व्यक्तिवाचक
- जातिवाचक
- भाववाचक
- समूहवाचक
- द्रव्यवाचक
Posted by Akarsh Arun 5 years, 1 month ago
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Posted by Jayesh Shewale 5 years, 1 month ago
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Posted by Shaurya Mishra 5 years, 1 month ago
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Posted by Sabu Kuriakose 5 years, 1 month ago
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Basheera Fatima 5 years, 1 month ago
Prerna Gupta 5 years, 1 month ago
Aayushri Singh 5 years, 1 month ago
Yogita Ingle 5 years, 1 month ago
‘कठपुतली’ कविता के माध्यम से कवि संदेश देना चाहता है कि आजादी का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। पराधीनता व्यक्ति को व्यथित कर देता है। अतः स्वतंत्र होना और उसे बनाए रखना बहुत जरूरी है, भले ही यह कठिन क्यों न हो।
Posted by Akhi Akshaya 5 years, 2 months ago
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Posted by Sabu Kuriakose 5 years, 2 months ago
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Posted by All Rounder Gamer 5 years, 2 months ago
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Posted by Kritika Arya Arya 5 years, 2 months ago
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Posted by Kamalnayan Shukla 5 years, 2 months ago
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Meghna Thapar 5 years, 1 month ago
A chemical substance is a form of matter having constant chemical composition and characteristic properties. Some references add that chemical substance cannot be separated into its constituent elements by physical separation methods, i.e., without breaking chemical bonds. A chemical by definition is any substance consisting of matter; this includes solids, liquids, and gas. Chemicals can either be of a pure substance or a mixture of substances. A chemical substance such as water (H2O) is a pure chemical because it has the same molecules and combination throughout its structure.
Posted by Harsh Choudhary 5 years, 2 months ago
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Posted by आरव कुमार सिंह 5 years, 2 months ago
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Posted by Rishi Kesh 5 years, 2 months ago
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Posted by ꧁༺Mitesh༻꧂ Prajapati 5 years, 2 months ago
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Posted by Ishant Kumar 5 years, 2 months ago
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Posted by Dilip Kumar Gupta 5 years, 2 months ago
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As Patil 5 years, 1 month ago
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