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Preeti Dabral 2 years ago

Cyber Stalking : It is a crime in which the attacker harasses a victim by using electronic communication devices like mobile phones, instant messaging, messages posted to a website or a discussion group for reason of anger, revenge or control. A stalker may be an online stranger or a person whom the target knows.

Cyber Bullying : It is an act of harming or harassing using information technology in a deliberate manner. This includes insulting remarks and threatening messages sent by e-mail, spreading rumors about the person either by e-mails or social networking sites, posting embarrassing photos and videos to hurt the person, derogatory remarks against gender, race, religion, or nationality.

Cyberstalking is a crime committed when someone uses the internet and other technologies to harass or stalk another person online. Even though cyberstalking is a broad term for online harassment, it can include defamation, false accusations, teasing, and even extreme threats. Cyberbullying includes sending, posting, or sharing negative, harmful, false, or mean content about someone else. It can include sharing personal or private information about someone else causing embarrassment or humiliation. Some cyberbullying crosses the line into unlawful or criminal behavior.
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Preeti Dabral 2 years ago

भारतीय खिलाड़ियों ने इस खेल में बहुत गौरव कमाया है। सन् 1928 से 1956 तक, भारत ने ओल्मिपक खेलों में लगातार छः स्वर्ण पदक जीते। अतः हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है।

सन् 1928 से लेकर 1956 तक भारत ने हर ओलम्पिक में हॉकी में स्वर्ण पदक हासिल किया। इस खेल ने गुलाम भारत को विश्व में एक पहचान दिलाई इसलिए हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है।
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Preeti Dabral 2 years ago

किसी भी शब्द, वाक्य, सूत्र से सम्बद्ध विचार एवं भावों को अपने अर्जित ज्ञान, निजी अनुभूति से संजोकर प्रवाहमयी शैली के माध्यम से गद्यभाषा में अभिव्यक्त करना अनुच्छेद कहलाता है। उक्त परिभाषा के आधार पर स्पष्ट है कि अनुच्छेद लेखन का कोई भी विषय हो सकता है, वह शब्द, वाक्य, सूत्र रूप में भी हो सकता है।

किसी भी शब्द, वाक्य, सूत्र से सम्बद्ध विचार एवं भावों को अपने अर्जित ज्ञान, निजी अनुभूति से संजोकर प्रवाहमयी शैली के माध्यम से गद्यभाषा में अभिव्यक्त करना अनुच्छेद कहलाता है।
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Account Deleted 2 years ago

Hii gede HV hdne

Account Deleted 2 years ago

Hebehvydv
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Prati Shaw 1 year, 11 months ago

T. Padhamanabhan

Mohd Ahad 2 years ago

Hhhh

Mansi Attri 2 years ago

T. Padhamanaban

Shreyansh Yadav 2 years ago

T. Padhmanaban
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Shraddha Suman Rout 2 years, 1 month ago

श्यामा
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Mthtjdjfj Rjehfjfjfns 2 years, 1 month ago

L
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Aliya Sheikh 2 years, 1 month ago

वसंत चैप्टर १० इंपोर्टेंट
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Preeti Dabral 2 years, 1 month ago

अतीत शव्द का विलोम वर्तमान है|

Mansi Attri 2 years ago

वर्तमान

Tanushka Choudhary 2 years, 1 month ago

अतीत का विलोम शब्द होता है वर्तमान ।

Manreet Singh Sandhu 2 years, 1 month ago

Hi
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Preeti Dabral 2 years, 1 month ago

'विदेशी' को हिन्दी में परदेसी और फारसी में अजनबी कहा जाता था।

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Tanushka Choudhary 2 years, 1 month ago

उसके मन की पेड़ पर चढ़ने की इच्छा थी, जिसे पूरा करने के लिए तोत्तो-चांन ने उसे अपने पेड़ पर चढ़ाने का अथक प्रयास किया।

Ankush Kumar 2 years, 1 month ago

Kyu ki wo poliyo se pidith tha।
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Adwitiya Kumar 2 years, 1 month ago

Pyaaz ke chhilke ko har koi tucchh samajhta hai, kyunki kisi ko uska mol nahin pata. Jabki agar koi chahe to us se kagaz banaye ja sakte hain. Aur kaagaz to anmol hota hai, vo bhi jab bina kisi ped ko kate banaya jaye.
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Preeti Dabral 2 years, 1 month ago

इस आनंदोत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कुब्जा  मोरनी के आने से  हुआ। यह वाक्य नीलकंठ की मृत्यु की घटना की ओर संकेत करता है। नीलकंठ पाठ के आधार पर एक बार लेखिका को नखास कोने से निकलना पड़ा और बड़े मियां ने उनकी कार को रोककर एक घायल मोरनी के बारे में बताया । लेखिका ने सात रुपए  में मोरनी को खरीदा और घर ले आई। उसकी कई दिनों तक देखभाल की । लगभग एक महीने के बाद वह अपने  पंजों पर डगमगाती हुई चलने लगी और उसका नामकरण 'कुब्जा'के रूप में हुआ। वह नाम के अनुरूप स्वभाव से भी कुब्जा ही प्रमाणित हुई। वह ईर्ष्यालु प्रकृति की पक्षी  थी। उसकी किसी  पशु -पक्षी के साथ मित्रता नहीं थी। उसे नीलकंठ और राधा का साथ बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। वह नीलकंठ के साथ रहना चाहती थी। राधा को साथ देखते ही उसको चोंच मार- मार कर उसके पंख नोंच डालती। इसी बीच उसने राधा के अंडों को भी चोंच से फोड़ दिया। इस कलह से राधा की दूरी से नीलकंठ दुखी रहने लगा । उसने खाना - पीना छोड़ दिया। जिस कारण तीन- चार मास के उपरांत एक  दिन उसकी मृत्यु हो गई। यह सब कुब्जा मोरनी के आने से हुआ |

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Ayush Yadav 2 years, 1 month ago

Vbnjffx
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Kunal Nama 2 years, 1 month ago

अतीत के दो वीलोम शब्द बताईये

Darshan Sukhani 2 years, 2 months ago

Dispiline
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Darshan Nakum

Tarun Kumar 2 years, 2 months ago

Muhavre Kise Kahate Hain

Anmol Regar 2 years, 2 months ago

Anooh
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Vaishali Morepatil 2 years, 1 month ago

Hi

Shaik Luqman 2 years, 2 months ago

Hi

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