पाठ-3
नातेदारी , जाति तथा वर्ग (प्रारंभिक समाज)
अमित कुमार ठाकुर 
प्रश्न 1- धर्मशास्त्रों और महाभारत में वर्णित विवाह के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए। 
प्रश्न 2- महाभारत की केंद्रीय कथा नातेदारी तथा उत्तराधिकार के विचार को पुष्ट करती है। 
     अथवा 
महाभारत पितृसत्तात्मकता के विचार को किस प्रकार मजबूत करता है? व्याख्या कीजिए। 
प्रश्न 3- महाभारत की मुख्य कथा किन से संबन्धित है। विवेचन कीजिए। 
प्रश्न 4- महाभारत के आलोचनात्मक संस्करण के माध्यम से वी एस  सुथानकर ने भारत के सामाजिक इतिहास के पुनरलेखन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। परीक्षण कीजिए। 
प्रश्न 5- "प्राचीन भारत के नातेदारी मूल्यों के अध्ययन के लिए महाभारत एक बहुत अच्छा स्रोत है।" उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से इस कथन को न्यायोचित ठहराइए ।
प्रश्न 6- 20वीं शताब्दी में महाभारत के संकलन के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए। 
प्रश्न 7- " धर्मशास्त्रों के अनुसार केवल क्षत्रिय ही राजा हो सकते हैं। " इस कथन का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। 
प्रश्न 8- धर्मशास्त्रों और धर्मसूत्रों में चारों वर्णों के लिए निर्धारित पेशों का वर्णन कीजिए। 
प्रश्न 9- प्राचीन भारतीय समाज में अछूतों की स्थिति का वर्णन कीजिए। 
प्रश्न 10- राजत्व के ब्राह्मणवादी सिद्धांत तथा वर्ण व्यवस्था के अनुसार पेशे की व्यवस्था का वर्णन कीजिए। यह सिद्ध करने के लिए उदाहरण दीजिए कि इन सिद्धांतों का सार्वभौमिक रूप से पालन नहीं होता था। 
प्रश्न 11- " कुछ ऐसे सामाजिक समुदाय सदैव से बने रहे जिनके सामाजिक आचार-व्यवहार ब्राह्मणवादी विचारों से प्रभावित नहीं थे। " व्याख्या कीजिए। 
प्रश्न 12- विवेचना कीजिए कि 600 BCE से 600 CE की अवधि के दौरान भारतीय समाज में लिंग भेद वास्तव में महत्वपूर्ण थे। 
प्रश्न 13- मनुस्मृति के अनुसार पिता की मृत्यु के बाद उसकी सम्पत्ति का बँटवारा कैसे होता था? स्त्रियों के विशेष संदर्भ में व्याख्या कीजिए। 
प्रश्न 14-  मनुस्मृति में वर्णित चांडालों  के कर्तव्यों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। 
प्रश्न 15- महाभारत का विश्लेषण करने के लिए इतिहासकार जिन तत्वों पर विचार करते हैं, उनकी व्याख्या कीजिए। 
प्रश्न 16-  हस्तिनापुर, मेरठ में किए गए उत्खनन से पुरातत्वविद बी बी लाल को जो साक्ष्य मिले हैं, उनका आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए ।
प्रश्न 17- महाभारत की रचना के काल और इसके लेखकों पर चर्चा कीजिए। 
प्रश्न 18- " महाभारत प्राचीन भारत में प्रचलित सामाजिक व्यवहारों और  मूल्यों का अध्ययन करने की दृष्टि से इतिहासकारों के लिए एक अत्यंत मूल्यवान स्रोत है। " उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से इस कथन को न्यायोचित ठहराइए । 
 अथवा 
"महाभारत एक गतिशील ग्रंथ है। " व्याख्या कीजिए।
                        
                        
                          
                            
                              
                            
                            
                          
                        
                       
                      
                        Posted by Vishu Choudhary 
                          2 years, 9 months ago
                       
                      
....,..., ....,....., 2 years, 1 month ago
1Thank You