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Pad Parichay ke 15 udaharan likhiye

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Pad Parichay ke 15 udaharan likhiye
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Good Day 3 years, 10 months ago

उदाहरण एक मुझे एक पेन दो। (विशेषण) एक को तो जाना पड़ेगा। (सर्वनाम ) एक तो जूथ बोलते हो और माफ़ी नहीं माँगते। (क्रिया-विशेषण ) अच्छा अच्छो की मित्रता करनी चाहिए। (संज्ञा) पार्थ अच्छा लड़का है। (विशेषण) मुझे पहाड़ो में घूमने में अच्छा लगता है। (क्रिया-विशेषण ) क्या बाज़ार से क्या लाना है ? (सर्वनाम) तुम क्या चाहते है ? (क्रिया-विशेषण ) चाहे चाहे तुम कुछ भी करो ,काम होना चाहिए। (समुच्चयबोधक ) मैं चाहे कुछ भी कर लू , मैं तुम्हे बुरी ही लगती हूँ। (क्रिया विशेषण ) आप आप मत जाओ। (सर्वनाम (मध्यमपुरुष)) तुम आप ही काम करलो। (निजवाचक सर्वनाम ) कोई कोई अंदर आ रहा है। (सर्वनाम ) काम करने के लिए कोई कामवाली चाहिए। (विशेषण ) कौन कौन आया है ? (सर्वनाम ) कौन बच्चा शैतानी कर रहा है ? (विशेषण ) अवकाश में जाना कौन कठिन है ? (क्रिया-विशेषण ) कुछ कुछ भी खा लो। (सर्वनाम ) मुझे कुछ लड़के चाहिए। (विशेषण ) कुछ खा लो। (क्रिया-विशेषण ) वह वह घर मेरा है। (विशेषण ) वह मेरा घर है। (सर्वनाम ) रेखांकित पदों के पद परिचय बताईये। १) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है। विभीषणों(देशद्रोहियो) – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) २) रात में देर तक बारिश होती रहीं। देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) ३) हर्षिता निबंध लिख रही है। लिख रही है – क्रिया (संयुक्त) , स्त्रीलिंग , एकवचन , धातु ‘लिख’ , वर्तमान काल , क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’ , क्रिया का कर्म ‘निबंध’ ४) इस पुस्तक में अनेक चित्र है । अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘चित्र ‘ ५) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे । आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) उदाहरण अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मै तरस गया । अपने – विशेषण ( सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘गाँव’ गाँव की – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , पुल्लिंग , संबंधकारक (कारक ‘की’) मिट्टी – संज्ञा (द्रव्यवाचक) मैं – सर्वनाम (उत्तम पुरुष ) , एकवचन , पुल्लिंग , ‘तरस गया’ क्रिया का कर्ता तरस गया – क्रिया (अकर्मक , संयुक्त) , भूतकाल , एकवचन , पुल्लिंग , कर्तृवाच्य , कर्ता “मै” निर्धन लोगो की ईमानदारी देखो । निर्धन – विशेषण (गुणवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘लोगो’ लोगो की – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) ईमानदारी – संज्ञा (भाववाचक) , कर्म कारक , ‘देखो ‘ क्रिया का कर्म देखो – क्रिया (सकर्मक) , बहुवचन , धातु ‘देख’ , वर्तमानकाल , क्रिया का कर्म ‘ईमानदारी’ यह पुस्तक मेरे मित्र की है। यह – विशेषण (सार्वनामिक) , एकवचन , स्त्रीलिंग ,विशेष्य ‘पुस्तक’ पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्म कारक , ‘है ‘ क्रिया का कर्म मेरे – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , संबंधकारक मित्र की – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) , ‘है ‘ क्रिया से संबंध है – क्रिया , वर्तमानकाल , एकवचन नेहा यहाँ इसी मकान में रहती है। नेहा – संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा) , स्त्रीलिंग ,एकवचन ,करता कारक , ‘नेहा’ रहना क्रिया की कर्ता है यहाँ – क्रिया विशेषण (स्थानवाचक क्रिया विशेषण) इसी – विशेषण (सार्वनामिक ) ,पुल्लिंग , एकवचन , विशेष्य – ‘मकान ‘ मकान में – संज्ञा (जातिवाचक ) ,पुल्लिंग ,एकवचन ,अधिकरण कारक (कारक ‘में’), मकान ‘रहना’ क्रिया का कर्म है रहती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , ‘रहती है ‘ क्रिया की कर्ता ‘नेहा ‘ और कर्म ‘मकान’ है अरे वाह ! तुम भी पुस्तक पढ़ सकते हो। अरे वाह ! – विस्मयादिबोधक , आश्चर्य का भाव तुम – सर्वनाम (मध्यमपुरुष ), एकवचन , पुल्लिंग , कर्ताकारक , ‘पढ़ सकते हो ‘ क्रिया का कर्ता है भी – निपात पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्मकारक , पुस्तक ‘पढ़ सकते हो’ क्रिया का कर्म है पढ़ सकते हो – क्रिया ( सकर्मक ) , पुल्लिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता तुम व कर्म पुस्तक शाम तक वर्षा हो सकती है। शाम तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) , हो सकती है क्रिया से संबंध वर्षा – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , स्त्रीलिंग , अन्य पुरुष , कर्म कारक , ‘हो सकती है ‘ क्रिया का कर्म है हो सकती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , भविष्यकाल , कर्मवाच्य , क्रिया का कर्म ‘वर्षा ‘ मै क्रिकेट खेलता हूँ। मै – सर्वनाम , (परुषवाचक – उत्तम पुरुष ), पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्ता क्रिकेट – संज्ञा , (जातिवाचक ) , एकवचन , पुल्लिंग , कर्म कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्म खेलता हूँ – क्रिया (सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , धातु – ‘खेल’ , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मै ‘, क्रिया का कर्म ‘क्रिकेट’ मयंक पतंग उड़ा रहा है। मयंक – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘ उड़ा रहा है ‘ क्रिया से संबंध पतंग – संज्ञा (जातिवाचक ), पुल्लिंग , एकवचन ,कर्म कारक ,’उड़ा रहा है ‘ क्रिया का कर्म उड़ा रहा है – क्रिया(सयुंक्त क्रिया ) , एकवचन , पुल्लिंग , अन्य पुरुष ,’उड़ ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मयंक ‘ , क्रिया का कर्म ‘पतंग’ डाकिया पत्र लाता है। डाकिया – संज्ञा(जातिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्ता पत्र – संज्ञा (जातिवाचक ) , पुल्लिंग , बहुवचन , कर्म कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्म लाता है – क्रिया(सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन ,अन्य पुरुष , ‘ला ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘डाकिया ‘ , क्रिया का कर्म ‘पत्र ‘ यह उपहार मैं तुम्हें नहीं दे सकता हूँ। यह – विशेषण (सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘उपहार ‘ उपहार – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘ दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म मैं – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘दे सकता हूँ’ क्रिया का कर्ता तुम्हें – सर्वनाम (पुरुषवाचक – मध्यम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म नहीं – क्रिया-विशेषण (नकारात्मक ) , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया से संबंध दे सकता हूँ – क्रिया (सयुंक्त क्रिया ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मैं ‘ , क्रिया का कर्म ‘उपहार ‘ उपवन में सुंदर फूल खिले है। उपवन में – संज्ञा (जातिवाचक) , पुल्लिंग , एकवचन , अधिकरण कारक (कारक ‘में ‘) , ‘खिले है’ क्रिया का कर्म सुंदर – विशेषण (गुणवाचक) , मूलावस्था ,पुल्लिंग , बहुवचन , विशेष्य ‘फूल ‘ फूल – संज्ञा (जातिवाचक) , पुल्लिंग , बहुवचन , कर्ता कारक , ‘खिले है ‘ क्रिया का कर्ता खिले है – क्रिया(अकर्मक) , पुल्लिंग , बहुवचन , अन्य पुरुष , धातु ‘खिल’ , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘फूल’ पल्ल्वी प्रतिदिन पार्क में जाती है। पल्ल्वी – संज्ञा(व्यक्तिवाचक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘जाती है ‘ क्रिया का कर्ता
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