उदाहरण
एक
मुझे एक पेन दो। (विशेषण)
एक को तो जाना पड़ेगा। (सर्वनाम )
एक तो जूथ बोलते हो और माफ़ी नहीं माँगते। (क्रिया-विशेषण )
अच्छा
अच्छो की मित्रता करनी चाहिए। (संज्ञा)
पार्थ अच्छा लड़का है। (विशेषण)
मुझे पहाड़ो में घूमने में अच्छा लगता है। (क्रिया-विशेषण )
क्या
बाज़ार से क्या लाना है ? (सर्वनाम)
तुम क्या चाहते है ? (क्रिया-विशेषण )
चाहे
चाहे तुम कुछ भी करो ,काम होना चाहिए। (समुच्चयबोधक )
मैं चाहे कुछ भी कर लू , मैं तुम्हे बुरी ही लगती हूँ। (क्रिया विशेषण )
आप
आप मत जाओ। (सर्वनाम (मध्यमपुरुष))
तुम आप ही काम करलो। (निजवाचक सर्वनाम )
कोई
कोई अंदर आ रहा है। (सर्वनाम )
काम करने के लिए कोई कामवाली चाहिए। (विशेषण )
कौन
कौन आया है ? (सर्वनाम )
कौन बच्चा शैतानी कर रहा है ? (विशेषण )
अवकाश में जाना कौन कठिन है ? (क्रिया-विशेषण )
कुछ
कुछ भी खा लो। (सर्वनाम )
मुझे कुछ लड़के चाहिए। (विशेषण )
कुछ खा लो। (क्रिया-विशेषण )
वह
वह घर मेरा है। (विशेषण )
वह मेरा घर है। (सर्वनाम )
रेखांकित पदों के पद परिचय बताईये।
१) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है।
विभीषणों(देशद्रोहियो) – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
२) रात में देर तक बारिश होती रहीं।
देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
३) हर्षिता निबंध लिख रही है।
लिख रही है – क्रिया (संयुक्त) , स्त्रीलिंग , एकवचन , धातु ‘लिख’ , वर्तमान काल , क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’ , क्रिया का कर्म ‘निबंध’
४) इस पुस्तक में अनेक चित्र है ।
अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘चित्र ‘
५) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे ।
आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
उदाहरण
अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मै तरस गया ।
अपने – विशेषण ( सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘गाँव’
गाँव की – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , पुल्लिंग , संबंधकारक (कारक ‘की’)
मिट्टी – संज्ञा (द्रव्यवाचक)
मैं – सर्वनाम (उत्तम पुरुष ) , एकवचन , पुल्लिंग , ‘तरस गया’ क्रिया का कर्ता
तरस गया – क्रिया (अकर्मक , संयुक्त) , भूतकाल , एकवचन , पुल्लिंग , कर्तृवाच्य , कर्ता “मै”
निर्धन लोगो की ईमानदारी देखो ।
निर्धन – विशेषण (गुणवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘लोगो’
लोगो की – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
ईमानदारी – संज्ञा (भाववाचक) , कर्म कारक , ‘देखो ‘ क्रिया का कर्म
देखो – क्रिया (सकर्मक) , बहुवचन , धातु ‘देख’ , वर्तमानकाल , क्रिया का कर्म ‘ईमानदारी’
यह पुस्तक मेरे मित्र की है।
यह – विशेषण (सार्वनामिक) , एकवचन , स्त्रीलिंग ,विशेष्य ‘पुस्तक’
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्म कारक , ‘है ‘ क्रिया का कर्म
मेरे – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , संबंधकारक
मित्र की – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) , ‘है ‘ क्रिया से संबंध
है – क्रिया , वर्तमानकाल , एकवचन
नेहा यहाँ इसी मकान में रहती है।
नेहा – संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा) , स्त्रीलिंग ,एकवचन ,करता कारक , ‘नेहा’ रहना क्रिया की कर्ता है
यहाँ – क्रिया विशेषण (स्थानवाचक क्रिया विशेषण)
इसी – विशेषण (सार्वनामिक ) ,पुल्लिंग , एकवचन , विशेष्य – ‘मकान ‘
मकान में – संज्ञा (जातिवाचक ) ,पुल्लिंग ,एकवचन ,अधिकरण कारक (कारक ‘में’), मकान ‘रहना’ क्रिया का कर्म है
रहती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , ‘रहती है ‘ क्रिया की कर्ता ‘नेहा ‘ और कर्म ‘मकान’ है
अरे वाह ! तुम भी पुस्तक पढ़ सकते हो।
अरे वाह ! – विस्मयादिबोधक , आश्चर्य का भाव
तुम – सर्वनाम (मध्यमपुरुष ), एकवचन , पुल्लिंग , कर्ताकारक , ‘पढ़ सकते हो ‘ क्रिया का कर्ता है
भी – निपात
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्मकारक , पुस्तक ‘पढ़ सकते हो’ क्रिया का कर्म है
पढ़ सकते हो – क्रिया ( सकर्मक ) , पुल्लिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता तुम व कर्म पुस्तक
शाम तक वर्षा हो सकती है।
शाम तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) , हो सकती है क्रिया से संबंध
वर्षा – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , स्त्रीलिंग , अन्य पुरुष , कर्म कारक , ‘हो सकती है ‘ क्रिया का कर्म है
हो सकती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , भविष्यकाल , कर्मवाच्य , क्रिया का कर्म ‘वर्षा ‘
मै क्रिकेट खेलता हूँ।
मै – सर्वनाम , (परुषवाचक – उत्तम पुरुष ), पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्ता
क्रिकेट – संज्ञा , (जातिवाचक ) , एकवचन , पुल्लिंग , कर्म कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्म
खेलता हूँ – क्रिया (सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , धातु – ‘खेल’ , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मै ‘, क्रिया का कर्म ‘क्रिकेट’
मयंक पतंग उड़ा रहा है।
मयंक – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘ उड़ा रहा है ‘ क्रिया से संबंध
पतंग – संज्ञा (जातिवाचक ), पुल्लिंग , एकवचन ,कर्म कारक ,’उड़ा रहा है ‘ क्रिया का कर्म
उड़ा रहा है – क्रिया(सयुंक्त क्रिया ) , एकवचन , पुल्लिंग , अन्य पुरुष ,’उड़ ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मयंक ‘ , क्रिया का कर्म ‘पतंग’
डाकिया पत्र लाता है।
डाकिया – संज्ञा(जातिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्ता
पत्र – संज्ञा (जातिवाचक ) , पुल्लिंग , बहुवचन , कर्म कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्म
लाता है – क्रिया(सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन ,अन्य पुरुष , ‘ला ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘डाकिया ‘ , क्रिया का कर्म ‘पत्र ‘
यह उपहार मैं तुम्हें नहीं दे सकता हूँ।
यह – विशेषण (सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘उपहार ‘
उपहार – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘ दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म
मैं – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘दे सकता हूँ’ क्रिया का कर्ता
तुम्हें – सर्वनाम (पुरुषवाचक – मध्यम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म
नहीं – क्रिया-विशेषण (नकारात्मक ) , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया से संबंध
दे सकता हूँ – क्रिया (सयुंक्त क्रिया ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मैं ‘ , क्रिया का कर्म ‘उपहार ‘
उपवन में सुंदर फूल खिले है।
उपवन में – संज्ञा (जातिवाचक) , पुल्लिंग , एकवचन , अधिकरण कारक (कारक ‘में ‘) , ‘खिले है’ क्रिया का कर्म
सुंदर – विशेषण (गुणवाचक) , मूलावस्था ,पुल्लिंग , बहुवचन , विशेष्य ‘फूल ‘
फूल – संज्ञा (जातिवाचक) , पुल्लिंग , बहुवचन , कर्ता कारक , ‘खिले है ‘ क्रिया का कर्ता
खिले है – क्रिया(अकर्मक) , पुल्लिंग , बहुवचन , अन्य पुरुष , धातु ‘खिल’ , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘फूल’
पल्ल्वी प्रतिदिन पार्क में जाती है।
पल्ल्वी – संज्ञा(व्यक्तिवाचक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘जाती है ‘ क्रिया का कर्ता
Good Day 3 years, 10 months ago
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