महानगरों में बढ़ते पलायन की समस्या
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Posted by Purnima Sharma 4 years, 9 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 9 months ago
महानगर सपनों की तरह है मनुष्य को ऐसा लगता है मानो स्वर्ग वही है। हर व्यक्ति ऐसे स्वर्ग की ओर खींचा चला आता है। चमक-दमक, आकाश छूती इमारतें, सब कुछ पा लेने की चाह, मनोरंजन आदि न जाने बहुत कुछ जिन्हें पाने के लिए गाँव का सुदामा’लालायित हो उठता है और चल पढ़ता है महानगर की ओर। आज महानगरों में भीड़ बढ़ रही है। हर ट्रेन, बस में आप यह देख सकते हैं। गाँव यहाँ तक कि कस्बे का व्यक्ति भी अपनी दरिद्रता को समाप्त करने के ख्वाब लिए महानगरों की तरफ चल पड़ता है। शिक्षा प्राप्त करने के बाद रोजगार के अधिकांश अवसर महानगरों में ही मिलते हैं। इस कारण गाँव व कस्बे से शिक्षित व्यक्ति शहरों की तरफ भाग रहा है। इस भाग-दौड़ में वह अपनों का साथ भी छोड़ने को तैयार हो जाता है। दूसरे, अच्छी चिकित्सा सुविधा, परिवहन के साधन, मनोरंजन के अनेक तरीके, बिजली-पानी की कमी न होना आदि अनेक आकर्षक महानगर की ओर पलायन को बढ़ा रहे हैं। महानगरों की व्यवस्था भी चरमराने लगी है। यहाँ के साधन भी भीड़ के सामने बौने हो जाते हैं। महानगरों का जीवन एक ओर आकर्षित करता है तो दूसरी ओर यह अभिशाप से कम नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह विकास कोंगों में भ करे इना क्षेत्र में शिया स्वास्य पिरहान रोग आद की सुवथा हनेस पालन कि सकता हैं।
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