वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय विकास मे इस पृथ्वी पर कम्प्यूटर के माध्यम से सूचना के राजमार्ग इन्टरनेट पर चलकर समस्त मानव-जाति एकीकरण के लिए प्रयत्नशील है ।
मानव-जीवन की सभी गतिविधियां यथा-राजनीतिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक आदि इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं से लाभान्वित हो रही हैं । दुनिया के किसी कोने में बैठा कोई व्यक्ति अपने कम्प्यूटर को इन्टरनेट से जोड़कर सूचना सम्राट बन सकता है । इन्टरनेट से जुड़ा कम्प्यूटर होस्ट कहलाता है ।
इस साम्राज्य में राजा व रंक सभी अपने होस्ट कम्प्यूटर से सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं । इन्टरनेट का जन्म शीत-युद्ध के गर्म से अमेरिका में हुआ । 1960 के दशक में सोवियत संघ के परमाणु आक्रमण से चिंतित अमेरिकी सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था की संरचना की जिसमें अमेरिकी शक्ति किसी एक जगह पर केन्द्रित न रहे ।
सत्तर के दशक में अमेरिका की रक्षा अनुसंधान परियोजना एजेंसी में इन्टरनेट से समबन्धित दस्तावेजों के प्रकाशन और प्रोटोकाल संचालन के लिए इन्टरनेट कारवाई बोर्ड होता है । इंटरनेट की लोकप्रियता के पीछे इसकी विविध प्रणालियां, सेवाएं प्रमुख हैं । इंटरनेट में प्रयुक्त उपकरण भी उल्लेखनीय हैं जो प्रयोक्ताओं की बहुरंगी सेहाओं का उपभोग करने का अवसर देते हैं ।
इलेक्ट्रानिक डाक सर्वाधिक प्रचलित उपकरण है जो लोगों की टेलीफोन निर्भरता को कम करता है एवं संवादों का आदान-प्रदान करता है । ई-डाक दो तरह के हो सकते हैं- इंटरनेट ई-डाक व गैर इंटरनेट डाक । तेजी से और कम खर्च में डाक भेजने का साधन है- वर्तमान ई-डाक प्रणाली ।
इसके बाद महत्वपूर्ण हैं डाक सूचियां, सूची सेवाएं और बुलेटिन बिलबोर्ड । बुलेटिन बोर्ड के द्वारा कोई प्रयोक्ता होस्ट कम्प्यूटर से जुड़ता है । इंटरनेट से जुड़कर हम नेटवर्कपरक समाचार बुलेटिन भी प्राप्त कर सकते हैं और उसे दूसरे कम्प्युटर से जोड़ सकते हैं ।
आर्ची एक अन्य उपकरण है जो एफ टी.पी. रथलों को ढूंढने में मदद करता है । वेब के प्रचलित होने के कारण मोफर आँकडों को व्यवस्थित कर वेब स्थलों में बदला जा रहा है । गोफर प्राबी से वणर्य-विषयों को फाइलों की श्रेणीबद्ध सूची में प्रस्तुत करते
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हैं । ‘आई.सी.क्यू’ और ‘आई.आर.सी’ ऐसे कार्यक्रम है जो आन लाईन वार्तालाप के लिए इटरनेट से जुड़े मित्रों की तलाश करने में प्रयोक्ता को मदद करते है । इसमें टंकित शब्दों के माध्यम से दूसरों बातचीत की जाती है । ये सुविधा बहुतेरे वेबसाइट्स उपलब्ध कराते हैं ।
किसी भी व्यवसाय के मुख्यत तीन पहलू होते है- उत्पादों का विपणन, शरीद-बिक्री का लेखा-जोखा और सेवा या उत्पाद की प्रस्तुति । इंटरनेट से जुड़कर प्रयोक्ता व्यवसायिकता के तीनों पहलुओं का अंकिक सम्पर्क प्राप्त करता है ।
इंटरनेट की व्यापकता के कारण इलांक्ट्रानिक वाणिज्य का बाजार किसी भी भौगोलिक सीमा से मुक्त होकर परिवद्धित होता है । उपभोक्ता व व्यवसायी बिना शारीरिक परिश्रम के अल्पतम समय मे व्यापारिक मामले तय कर सकते हैं । सभी प्रशासनिक फैसले अब इंटरनेट से जुड़े कम्यूटरों पर होंगे और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समुचित उपाय की भी जानकारी प्राप्त होगी ।
ग्राम पंचायतों को भी इंटरनेट से जोड़ने का विचार है, जिससे ग्रामीण लोगों को सूचनाओं की सरल प्राप्ति हो सके । व्यक्तिगत लाभ से लेकर जनकल्याण तक की दृष्टि से इटरनेट पर उपयोगी उपलब्धि का रूप प्रकट हो रहा है । भविष्य में इटरनेट से जुडा विश्व समुदाय एक प्रजातांत्रिक वैज्ञानिक व्यवस्था में सूचना शक्ति का बराबर हकदार होगा ।
भारत जैसे देश में जहाँ अभी भी बिजली, पानी, आवास, साक्षरता, रचारथ्य सुविधा, पोषक भोजन आदि की समस्या है । गांवों में सामुदायिक कम्प्यूटर के लिए भी बिजली की आवश्यकता होगी । हम इंटरनेट पर दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले अपने मित्र से बातचीत कर सकते हैं । विभिन्न दुकानों मे बिकने वाली वस्तुओं को देख सकते हैं और ऑर्डर दे सकते हैं ।
मंडियों और शेयर बाजार पर नजर रख सकते हैं । और सेवाओं का विज्ञापन कर सकते है । इंटरनेट पर हम न केवल अखबार पढ़ सकते हैं बल्कि पुस्तकालयों से जरूरी सूचना प्राप्त कर सकते हैं । ठीक उसी प्रकार इंटरनेट के द्वारा पूरे विश्व मे कहीं से किसी कोने में सूचना तीव्र गति से दिया और लिया जा सकता है । इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि इंटरनेट विश्व गांव की संकल्पना को साकार कर सकता है ।
Gaurav Seth 4 years, 1 month ago
वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय विकास मे इस पृथ्वी पर कम्प्यूटर के माध्यम से सूचना के राजमार्ग इन्टरनेट पर चलकर समस्त मानव-जाति एकीकरण के लिए प्रयत्नशील है ।
मानव-जीवन की सभी गतिविधियां यथा-राजनीतिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक आदि इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं से लाभान्वित हो रही हैं । दुनिया के किसी कोने में बैठा कोई व्यक्ति अपने कम्प्यूटर को इन्टरनेट से जोड़कर सूचना सम्राट बन सकता है । इन्टरनेट से जुड़ा कम्प्यूटर होस्ट कहलाता है ।
इस साम्राज्य में राजा व रंक सभी अपने होस्ट कम्प्यूटर से सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं । इन्टरनेट का जन्म शीत-युद्ध के गर्म से अमेरिका में हुआ । 1960 के दशक में सोवियत संघ के परमाणु आक्रमण से चिंतित अमेरिकी सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था की संरचना की जिसमें अमेरिकी शक्ति किसी एक जगह पर केन्द्रित न रहे ।
सत्तर के दशक में अमेरिका की रक्षा अनुसंधान परियोजना एजेंसी में इन्टरनेट से समबन्धित दस्तावेजों के प्रकाशन और प्रोटोकाल संचालन के लिए इन्टरनेट कारवाई बोर्ड होता है । इंटरनेट की लोकप्रियता के पीछे इसकी विविध प्रणालियां, सेवाएं प्रमुख हैं । इंटरनेट में प्रयुक्त उपकरण भी उल्लेखनीय हैं जो प्रयोक्ताओं की बहुरंगी सेहाओं का उपभोग करने का अवसर देते हैं ।
इलेक्ट्रानिक डाक सर्वाधिक प्रचलित उपकरण है जो लोगों की टेलीफोन निर्भरता को कम करता है एवं संवादों का आदान-प्रदान करता है । ई-डाक दो तरह के हो सकते हैं- इंटरनेट ई-डाक व गैर इंटरनेट डाक । तेजी से और कम खर्च में डाक भेजने का साधन है- वर्तमान ई-डाक प्रणाली ।
इसके बाद महत्वपूर्ण हैं डाक सूचियां, सूची सेवाएं और बुलेटिन बिलबोर्ड । बुलेटिन बोर्ड के द्वारा कोई प्रयोक्ता होस्ट कम्प्यूटर से जुड़ता है । इंटरनेट से जुड़कर हम नेटवर्कपरक समाचार बुलेटिन भी प्राप्त कर सकते हैं और उसे दूसरे कम्प्युटर से जोड़ सकते हैं ।
आर्ची एक अन्य उपकरण है जो एफ टी.पी. रथलों को ढूंढने में मदद करता है । वेब के प्रचलित होने के कारण मोफर आँकडों को व्यवस्थित कर वेब स्थलों में बदला जा रहा है । गोफर प्राबी से वणर्य-विषयों को फाइलों की श्रेणीबद्ध सूची में प्रस्तुत करते
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हैं । ‘आई.सी.क्यू’ और ‘आई.आर.सी’ ऐसे कार्यक्रम है जो आन लाईन वार्तालाप के लिए इटरनेट से जुड़े मित्रों की तलाश करने में प्रयोक्ता को मदद करते है । इसमें टंकित शब्दों के माध्यम से दूसरों बातचीत की जाती है । ये सुविधा बहुतेरे वेबसाइट्स उपलब्ध कराते हैं ।
किसी भी व्यवसाय के मुख्यत तीन पहलू होते है- उत्पादों का विपणन, शरीद-बिक्री का लेखा-जोखा और सेवा या उत्पाद की प्रस्तुति । इंटरनेट से जुड़कर प्रयोक्ता व्यवसायिकता के तीनों पहलुओं का अंकिक सम्पर्क प्राप्त करता है ।
इंटरनेट की व्यापकता के कारण इलांक्ट्रानिक वाणिज्य का बाजार किसी भी भौगोलिक सीमा से मुक्त होकर परिवद्धित होता है । उपभोक्ता व व्यवसायी बिना शारीरिक परिश्रम के अल्पतम समय मे व्यापारिक मामले तय कर सकते हैं । सभी प्रशासनिक फैसले अब इंटरनेट से जुड़े कम्यूटरों पर होंगे और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समुचित उपाय की भी जानकारी प्राप्त होगी ।
ग्राम पंचायतों को भी इंटरनेट से जोड़ने का विचार है, जिससे ग्रामीण लोगों को सूचनाओं की सरल प्राप्ति हो सके । व्यक्तिगत लाभ से लेकर जनकल्याण तक की दृष्टि से इटरनेट पर उपयोगी उपलब्धि का रूप प्रकट हो रहा है । भविष्य में इटरनेट से जुडा विश्व समुदाय एक प्रजातांत्रिक वैज्ञानिक व्यवस्था में सूचना शक्ति का बराबर हकदार होगा ।
भारत जैसे देश में जहाँ अभी भी बिजली, पानी, आवास, साक्षरता, रचारथ्य सुविधा, पोषक भोजन आदि की समस्या है । गांवों में सामुदायिक कम्प्यूटर के लिए भी बिजली की आवश्यकता होगी । हम इंटरनेट पर दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले अपने मित्र से बातचीत कर सकते हैं । विभिन्न दुकानों मे बिकने वाली वस्तुओं को देख सकते हैं और ऑर्डर दे सकते हैं ।
मंडियों और शेयर बाजार पर नजर रख सकते हैं । और सेवाओं का विज्ञापन कर सकते है । इंटरनेट पर हम न केवल अखबार पढ़ सकते हैं बल्कि पुस्तकालयों से जरूरी सूचना प्राप्त कर सकते हैं । ठीक उसी प्रकार इंटरनेट के द्वारा पूरे विश्व मे कहीं से किसी कोने में सूचना तीव्र गति से दिया और लिया जा सकता है । इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि इंटरनेट विश्व गांव की संकल्पना को साकार कर सकता है ।
2Thank You