प्रस्तुत पदों के आधार गोपियों का …
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CUET Mock Tests
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Yogita Ingle 4 years, 11 months ago
गोपियां कृष्ण भक्त थीं। कोमल हृदय वाली गोपियां तो केवल श्रीकृष्ण को ही अपना सर्वस्व मानती थीं। उनको केवल कृष्ण की भक्ति ही स्वीकार्य थी और उनका योग-साधना से कोई संबंध नहीं था। इसीलिए वे मानती थीं कि जो युवतियों के लिए योग का संदेश लेकर घूमते रहते थे, वे बड़े अज्ञानी थे। संभव है कि योग महासुख का भंडार हो पर गोपियों के लिए वह बीमारी से कुछ कम नहीं था। योग के संदेश तो विरह में जलने वालों को और भी अधिक जल्दी जला देने वाले थे। योग-साधना तो मानसिक रोग के समान है जिसे गोपियों ने न कभी पहले सुना था और न देखा था। कड़वी ककड़ी के समान व्यर्थ योग गोपियों के लिए नहीं बल्कि चंचल स्वभाव वालों के लिए उपयुक्त था। गोपियों को योग संदेश भिजवाना किसी भी अवस्था में बुद्धिमता का कार्य नहीं था। प्रेम की रीति को छोड़कर योग--साधना का मार्ग अपनाना मूर्खता है।
उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते और तेल की मटकी से की गई है। कमल का पला पानी में डूबा रहता है पर उस पर पानी की एक बूंद भी दाग नहीं लगा पाती, उस पर पानी की एक बूंद भी नहीं टिकती। तेल की मटकी को जल में डुबोने से उस पर एक बूंद भी नहीं ठहरती। उद्धव भी पूरी तरह से अनासक्त था। वह श्रीकृष्ण के निकट रह कर भी प्रेम के बंधन से पूरी तरह मुक्त था।
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