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berlin ki diwaar par tippani.

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berlin ki diwaar par tippani.
  • 2 answers

Shiv Shankar Kumar 5 years, 2 months ago

Hgdxxih

Gaurav Seth 5 years, 3 months ago

पूर्वी जर्मनी में शिक्षा मुफ्त थी लेकिन पश्चिमी जर्मनी में शिक्षा पर खर्च करना पड़ता था; इस कारण जर्मन छात्र शिक्षा के लिए पूर्वी हिस्से में जाते और नौकरी के लिए पश्चिमी जर्मनी लौट आते थे. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जब जर्मनी का विभाजन हो गया, तो सैंकड़ों कारीगर, प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर और व्यवसायी प्रतिदिन पूर्वी बर्लिन को छोड़कर पश्चिमी बर्लिन जाने लगे.

एक अनुमान के अनुसार 1954 से 1960 के दौरान 738 यूनिवर्सिटी प्रोफेसर,15, 885 अध्यापक, 4,600 डॉक्टर और 15,536 इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ पूर्व से पश्चिमी जर्मनी चले गए. कुल मिला कर यह संख्या 36,759 के लगभग है. लगभग 11 हजार छात्रों ने भी बेहतर भविष्य की तलाश में पूर्वी जर्मनी छोड़कर पश्चिमी जर्मनी चले गए.

जितने लोगों ने पश्चिमी जर्मनी के लिए पलायन किया था उनको अच्छी शिक्षा पूर्वी जर्मनी में मिली थी. इस प्रतिभा पलायन के कारण पश्चिमी जर्मनी को फायदा मिलने लगा और पूर्वी जर्मनी को नुकसान होने लगा.

यहाँ पर यह बताना भी जरूरी है कि जो लोग पूर्वी जर्मनी छोड़ना चाहते थे उनके लिए पश्चिमी बर्लिन में आकर वहां से विमान द्वारा पश्चिमी जर्मनी में जाना आसान था. इसके अलावा 1950 और 1960 के दशक के शीत युद्ध के दौरान पश्चिमी देश; बर्लिन को पूर्वी ब्लॉक की जासूसी के लिए भी इस्तेमाल करते थे.

अब ऐसे हालातों में पूर्वी जर्मनी को इस पलायन और जासूसी को रोकने के लिए कुछ न कुछ उपाय तो करने ही थे. इन्हीं सब वजहों से परेशान होकर पूर्वी जर्मनी की समाजवादी सरकार ने 12 और 13 अगस्त, 1961 की रात में पूर्वी और पश्चिमी बर्लिन की सीमा को बंद कर दिया था.

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