एक 'कोरोना रंग अनेक। इसलिए कि अब तक सर्दी, खांसी या जुकाम जैसे लक्षणों वाला कोरोना अब तक कई बार अपने लक्षण बदल चुका है, इतना ही नहीं अब भी लगातार रंग बदलता ही जा रहा है, एक नहीं दो नहीं बल्कि अनेक रंगों वाले इस कोरोना वायरस को अब पहचानना तक मुश्किल होने लगा है, केवल भारत ही नहीं बल्कि तमाम दुनिया इस लगातार रंग बदलने के कारणों का पता लगाने में जुटी है, लेकिन अब तक कामयाब नहीं हो पाए हैं। खास बात ये कि जो नया रूप सामने आया है, उसमें कोई लक्षण ही नहीं है, जो संक्रमण से ठीक हुए लोगों से फैलता है।
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कोरोना यू बदलता रहा है रंग - पहला और नियमित लक्षण - सबसे पहले मरीज में सर्दी, बुखार, सूखी खांसी, और सांस लेने की समस्या के प्राथमिक लक्षण माने गए। उलटी होना, नाक बहना और गले में खराश को भी माना गया। लगातार बुखार के साथ सांस लेने में परेशानी होना व सूखी खासी तेज बनी रहती है।
- रंग बदला, आए दूसरे लक्षण: दो नर्व सेल्स मरने से संूघने और स्वाद लेने की शक्ति चली जाती है। ईएनटी ब्रिटेन की रिसर्च में सामने आया कि एक दम सूंघने या स्वाद लेने की शक्ति चली जाती है। भोजन की खुशबू आना बंद हो जाना, किसी फूल, अगरबत्ती, स्प्रे की खुशबू तक नहीं आती।
- खाना खाने पर अहसास बंद हो जाता है, जैसे तीखी मिर्च और अधिक मीठा खाने के बाद भी सामान्य ही कुछ चबाने जैसे लक्षण मिले। साउथ कोरिया सहित इटली व चीन के कई लोगों में एनोस्मिया हो गया था, जर्मनी के भी कई मामलों में ये सामने आया। कोरोना अपने शरीर की ओल्फेक्ट्री नर्व सेल्स को अपना शिकार बनाता है, इससे ये सेल्स मस्तिष्क को सूचना देना बंद कर देती है, इससे सूंघने की क्षमता समाप्त हो जाती है, जो सेल्स करीब 30 प्रतिशत मरते हैं, तो वह दिमाग को संदेश देना बंद कर देते है तो हमारे सूंघने की क्षमता समाप्त हो जाती है, इसी प्रकार लिंगुअल नर्व पर कोरोना का अटैक स्वाद को समाप्त हर देता है।
फिर बदला रंग और आए तीसरे लक्षण:
- मितली आना: लैंसेट जर्नल में छपी रिपोर्ट के अनुसार चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित सिर्फ 3 फ ीसदी लोगों को डायरिया की शिकायत थी, वहीं विश्व स्वास्थ संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में 5 फ ीसदी लोगों को मितली की समस्या थी। कई लोगों में पाचन की भी समस्या होने लगी है।
अमेरिका की न्यूज वेबसाइट बिजनेस इनसाइड की एक रिपोर्ट की माने तो कोरोना के 10 में से एक मरीज को पाचन तंत्र संबंधी समस्या दिख रही है।- बेचैनी महसूस होना: अमेरिका के वॉशिंगटन नर्सिंग होम के हालिया रिपोर्ट के अनुसार करीब एक तिहाई लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था, लेकिन आधे में लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं थे जबकि कुछ मरीजों में बेचैनी और उठने-बैठने में तकलीफ जैसे असामान्य लक्षण थे।
- सीडीसी: सेंटर फॉर डिजिज कन्ट्रोल एण्ड प्रिवेंशन के अनुसार उठने में दिक्कत, अचेत अवस्था महसूस करने जैसे लक्षणों को भी गंभीरता से लेना चाहिए और अगर ये लक्षण सूखे होंठ, सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द के साथ दिख रहे हों तो यह अटैक हो सकता है।
- ठंड लगना या मांसपेशियों में दर्द: मांसपेशियों में दर्द या ठंड लगना भी कोरोना वायरस के लक्षण हो सकते हैं, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसारए 11 फ ीसदी लोगों में ठंड लगने और 14 फीसदी लोगों में मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण महसूस हुए है।
- सिरदर्द या चक्कर आना: सिरदर्द या चक्कर आना भी वायरल संक्रमण का संकेत हो सकता है, लैंसेट की एक स्टडी के अनुसार करीब आठ फीसदी मरीजों को सिरदर्द की शिकायत थी, कुछ लोगों में चक्कर आने की भी शिकायत देखी गई।
- चौथा और सबसे घातक: चीन के हुबई क्षेत्र में कुछ दिन पहले ऐसे मामले सामने आए जिनमें कोरोना संक्रमण के लोगों में किसी प्रकार के कोई लक्षण ही नहीं है। ये उन लोगों से फैलता है जो संक्रमण के बाद ठीक हुए हैं, इस तरह के 1541 एसेम्प्टोमेटिक मामले सामने आ चुके हैं। इससे भीड़ में पता नहीं चलता कि कौन संक्रमित है कौन नहीं।
Gaurav Seth 5 years ago
एक 'कोरोना रंग अनेक। इसलिए कि अब तक सर्दी, खांसी या जुकाम जैसे लक्षणों वाला कोरोना अब तक कई बार अपने लक्षण बदल चुका है, इतना ही नहीं अब भी लगातार रंग बदलता ही जा रहा है, एक नहीं दो नहीं बल्कि अनेक रंगों वाले इस कोरोना वायरस को अब पहचानना तक मुश्किल होने लगा है, केवल भारत ही नहीं बल्कि तमाम दुनिया इस लगातार रंग बदलने के कारणों का पता लगाने में जुटी है, लेकिन अब तक कामयाब नहीं हो पाए हैं। खास बात ये कि जो नया रूप सामने आया है, उसमें कोई लक्षण ही नहीं है, जो संक्रमण से ठीक हुए लोगों से फैलता है।
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कोरोना यू बदलता रहा है रंग - पहला और नियमित लक्षण - सबसे पहले मरीज में सर्दी, बुखार, सूखी खांसी, और सांस लेने की समस्या के प्राथमिक लक्षण माने गए। उलटी होना, नाक बहना और गले में खराश को भी माना गया। लगातार बुखार के साथ सांस लेने में परेशानी होना व सूखी खासी तेज बनी रहती है।
- रंग बदला, आए दूसरे लक्षण: दो नर्व सेल्स मरने से संूघने और स्वाद लेने की शक्ति चली जाती है। ईएनटी ब्रिटेन की रिसर्च में सामने आया कि एक दम सूंघने या स्वाद लेने की शक्ति चली जाती है। भोजन की खुशबू आना बंद हो जाना, किसी फूल, अगरबत्ती, स्प्रे की खुशबू तक नहीं आती।
- खाना खाने पर अहसास बंद हो जाता है, जैसे तीखी मिर्च और अधिक मीठा खाने के बाद भी सामान्य ही कुछ चबाने जैसे लक्षण मिले। साउथ कोरिया सहित इटली व चीन के कई लोगों में एनोस्मिया हो गया था, जर्मनी के भी कई मामलों में ये सामने आया। कोरोना अपने शरीर की ओल्फेक्ट्री नर्व सेल्स को अपना शिकार बनाता है, इससे ये सेल्स मस्तिष्क को सूचना देना बंद कर देती है, इससे सूंघने की क्षमता समाप्त हो जाती है, जो सेल्स करीब 30 प्रतिशत मरते हैं, तो वह दिमाग को संदेश देना बंद कर देते है तो हमारे सूंघने की क्षमता समाप्त हो जाती है, इसी प्रकार लिंगुअल नर्व पर कोरोना का अटैक स्वाद को समाप्त हर देता है।
फिर बदला रंग और आए तीसरे लक्षण:
- मितली आना: लैंसेट जर्नल में छपी रिपोर्ट के अनुसार चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित सिर्फ 3 फ ीसदी लोगों को डायरिया की शिकायत थी, वहीं विश्व स्वास्थ संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में 5 फ ीसदी लोगों को मितली की समस्या थी। कई लोगों में पाचन की भी समस्या होने लगी है।
अमेरिका की न्यूज वेबसाइट बिजनेस इनसाइड की एक रिपोर्ट की माने तो कोरोना के 10 में से एक मरीज को पाचन तंत्र संबंधी समस्या दिख रही है।- बेचैनी महसूस होना: अमेरिका के वॉशिंगटन नर्सिंग होम के हालिया रिपोर्ट के अनुसार करीब एक तिहाई लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था, लेकिन आधे में लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं थे जबकि कुछ मरीजों में बेचैनी और उठने-बैठने में तकलीफ जैसे असामान्य लक्षण थे।
- सीडीसी: सेंटर फॉर डिजिज कन्ट्रोल एण्ड प्रिवेंशन के अनुसार उठने में दिक्कत, अचेत अवस्था महसूस करने जैसे लक्षणों को भी गंभीरता से लेना चाहिए और अगर ये लक्षण सूखे होंठ, सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द के साथ दिख रहे हों तो यह अटैक हो सकता है।
- ठंड लगना या मांसपेशियों में दर्द: मांसपेशियों में दर्द या ठंड लगना भी कोरोना वायरस के लक्षण हो सकते हैं, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसारए 11 फ ीसदी लोगों में ठंड लगने और 14 फीसदी लोगों में मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण महसूस हुए है।
- सिरदर्द या चक्कर आना: सिरदर्द या चक्कर आना भी वायरल संक्रमण का संकेत हो सकता है, लैंसेट की एक स्टडी के अनुसार करीब आठ फीसदी मरीजों को सिरदर्द की शिकायत थी, कुछ लोगों में चक्कर आने की भी शिकायत देखी गई।
- चौथा और सबसे घातक: चीन के हुबई क्षेत्र में कुछ दिन पहले ऐसे मामले सामने आए जिनमें कोरोना संक्रमण के लोगों में किसी प्रकार के कोई लक्षण ही नहीं है। ये उन लोगों से फैलता है जो संक्रमण के बाद ठीक हुए हैं, इस तरह के 1541 एसेम्प्टोमेटिक मामले सामने आ चुके हैं। इससे भीड़ में पता नहीं चलता कि कौन संक्रमित है कौन नहीं।
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