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अनधिमान वक्र की तीन विशेषताएँ समझाइऐ ?
  • 2 answers

Prapti Kourav 4 years, 3 months ago

Thank-you

Gaurav Seth 4 years, 3 months ago

  • अनधिमान वक्र दो वस्तुओं के ऐसे संयोगों का ग्राफीय निरूपण है जोकि उपभोक्ता को समान संतुष्टि प्रदान करते हैं।
  • अनधिमान वक्र को तटस्थता वक्र और उदासीनता वक्र भी कहा जाता है।
  • अनधिमान वक्र विश्लेषण क्रमवाचक उपयोगिता पर आधारित है।
  • इसमें उपयोगिता को सांख्यिकी रूप में नहीं मापा जाता है।

अनधिमान तालिका

 केले और संतरे के संयोग केले 
(इकाईयां)
 संतरों
(इकाईयां)
 A  1  25
 B 2 20 
 C  3  16
 13
 E  5  11

 

 

  • उपरोक्त चित्र में X-अक्ष पर केले की इकाइयों तथा Y-अक्ष पर संतरों की इकाइयों को दर्शाया गया है।
  •  तालिका तथा वक्र पर स्थित A,B,C,D तथा E केले और संतरे के विभिन्न संयोगों को दर्शाते हैं।
  • यह संयोग संतुष्टि के समान स्थल को प्रदर्शित करते हैं।
  • A संयोग भी उतनी ही उपयोगिता देता है जितनी B तथा C या कोई अन्य देते हैं।
  • इन सभी संयोगों का ग्राफीय रूप से प्रदर्शित करने पर हमें अनधिमान वक्र प्राप्त 
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