Tum kab jaoge athiti se lekhak …
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Posted by Lulupop Sharma 5 years, 2 months ago
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CUET Mock Tests
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Sia ? 5 years, 2 months ago
‘तुम कब जाओगे, अतिथि’ व्यंग्यात्मक कहानी के माध्यम से लेखक ‘शरद जोशी’ ये शिक्षा देना चाहते हैं, अतिथि को किसी के घर अधिक समय नही रुकना चाहिये। हमारी संस्कृति में ‘अतिथि देवो भवः’ के संस्कार हमें दिये गये हैं, लेकिन आज महानगरीय जीवन में जहाँ एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति को अपनी दैनिक जरूरतों के लिये कड़ा संघर्ष करना पड़ता है, धन व समय का अभाव हर समय रहता है और ऐसे में कोई मेहमान घर पर आकर लंबे समय तक टिक जाए तो वो अतिथि भगवान नही राक्षस के समान लगने लगता है। लेखक ये कहना चाहते हैं कि हम भी यदि किसी के घर जायें तो ज्यादा समय तक रहकर किसी को तकलीफ न दें। आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में किसी के पास इतना समय और धन नही है, कि वो लंबे समय तक आप की आवभगत कर सके।
2Thank You