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Ask QuestionPosted by Shivam Singh 7 years, 7 months ago
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Posted by Ranjan Kumar 7 years, 7 months ago
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Posted by Shivram Mourya 7 years, 7 months ago
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Posted by Muzzaffer Mushtaq 7 years, 7 months ago
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Posted by Vandana Malviya 7 years, 7 months ago
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Posted by Vinay Chauhan 7 years, 7 months ago
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Posted by Chandramauli Singh 7 years, 7 months ago
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Posted by Sarthak Sharma 7 years, 7 months ago
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Posted by Mangaldas Gorde 7 years, 7 months ago
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Posted by Rahul Thakur 7 years, 7 months ago
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Shazil Imam 7 years, 7 months ago
Priya Sharma 7 years, 7 months ago
Vidhi Rawat 7 years, 7 months ago
Posted by Raveena Gopal 7 years, 7 months ago
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Posted by Chetan Sharma 7 years, 7 months ago
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Posted by Sachin Malan Shab 7 years, 7 months ago
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🅿🅰🆆🅰🅽 . 7 years, 7 months ago
अनुच्छेद लेखन
अनुच्छेद लेखन:अनुच्छेद लेखन गद्य की लघु विधा है। इसमें किसी वाक्य विचार,अनुभव या दृश्य को कम से कम शब्दों में व्यक्त करना होता है। छोटे-छोटे वाक्य और गति हुई अनुच्छेद लेखन की महत्वपूर्ण विशेषता है। यह बच्चो की सृजनात्मकता क्षमता को बढ़ाने का बहुत ही अच्छा माध्यम है।
अनुच्छेद लिखते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान रखना आवश्यक है।
- दिए गए विषय को 10 से 12 वाक्यों या 100 से 200 शब्दों में व्यक्त करना होता है।
- वाक्य छोटे तथा एक दुसरे से जुड़े होते हैं।
- लेखन का आरम्भ सीधे विषय से होता है। किसी भूमिका या परिचय की आवश्यकता नहीं होती है।
- विचारों का प्रवाह स्पष्ट होना चाहिए।
- उदाहरण का संकेत ही पर्याप्त होता है।
- भाषा सरल, स्पष्ट तथा मुहावरेयुक्त होनी चाहिए।
- विषय का विस्तार सीधे होना चाहिए। अनुच्छेद सीधा और ठोस होता है।
- रोचकता बनाये रखना अनुच्छेद लेखन की विशेषता होती है।
- अनुच्छेद के अंत में निष्कर्ष समझ में आ जाना चाहिए यानी विषय समझ में आ जाना चाहिए।
- यदि अनुच्छेद लेखन के संकेत बिंदु दिए गए हैं तो उन्ही के आधार पर विषय का क्रम तैयार करना चाहिए।
Posted by Dikshit Rana 7 years, 7 months ago
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Posted by Aadi Sharma 7 years, 7 months ago
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🅿🅰🆆🅰🅽 . 7 years, 7 months ago
- आलेख में विचार होते हैँ कथा नहीं।
- एक अच्छा आलेख नवीनता और ताजगी से संपन्न होना चाहिए।
- उसमे जिज्ञासा उत्पन्न करने कि शक्ति होनी चाहिए।
- भाषा अत्यंत सरल, सुगम तथा प्रभावी होनी चाहिए।
- एक ही बात को बार-बार दोहराना नही चाहिए।
Posted by Subash Vind 7 years, 7 months ago
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Posted by Pranjal Swami 7 years, 7 months ago
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Posted by Surendra Kumar 7 years, 7 months ago
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🅿🅰🆆🅰🅽 . 7 years, 7 months ago
"जल ही जीवन है"
जल के अनेक उपयोगों में सबसे महत्वपूर्ण है पेयजल। घरेलू उपयोग का जल भी पेयजल जैसी शुद्धता का होना आवश्यक माना गया है। मगर पेयजल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता हमारे देश में दिनोंदिन घटती जा रही है। जल के भूमिगत स्त्रोतों के स्तर में ट्यूबवेलों की बढ़ती संख्या तथा जल संग्रहण की ठीक प्रणाली न होने के कारण स्थाई गिरावट दर्ज की गई है। पहले लोग नदियों का जल बेधड़क पी लिया करते थे परंतु आज स्थितियाँ पूरी तरह बदल गई हैं।
शहर के निकट की नदी या झील में उस शहर का सारा गंदा पानी बेहिचक उड़ेल दिया जाता है जिससे प्रदूषण के साथ-साथ झीलों और सरोवरों के छिछलेपन की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। जल प्रदूषण के कारण जल के विभिन्न भंडारों के जलजीवों का जीवित रह पाना भी कठिन होता जा रहा है।
गरीब और जनसंख्या बहुल देशों में तो जल की समस्या और भी जटिल रूप में है। ये देश जल का उपयोग तो बढ़ा रहे हैं लेकिन जल संचय और इसके रखरखाव में जो धन चाहिए वह इनके पास नहीं है।
हमारे देश के जलसंकट को दूर करने के लिए दूरगामी समाधान के रूप में विभिन्न बड़ी नदियों को आपस में जोड़ने की बातें कही गई हैं। इसका बहुत लाभ मिलेगा क्योंकि नदियों का जल जो बहकर सागर जल में विलीन हो जाता है, तब हम उसका भरपूर उपयोग कर सकते है।
चूँकि पेयजल की मात्रा धरती पर सीमित है अत: इसका दुरुपयोग कुछ लोगों के लिए भले ही हितकर हो, आम लोगों को भारी खामियाजा उठाना पड़ता है।
Posted by Rajul Rajput 7 years, 7 months ago
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🅿🅰🆆🅰🅽 . 7 years, 7 months ago
विश्व में पत्रकारिता का आरंभ सन 131-59 ईस्वी पूर्व रोम में हुआ था। पहला दैनिक समाचार-पत्र निकालने का श्रेय जूलियस सीजर को दिया जाता है। उनके पहले समाचार पत्र का नाम था "Acta Diurna" (एक्टा डाइएर्ना) (दिन की घटनाएं)।
भारतवर्ष में आधुनिक ढंग की पत्रकारिता का जन्म अठारहवीं शताब्दी के चतुर्थ चरण में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में हुआ। 1780 ई. में प्रकाशित हिके (Hickey) का "कलकत्ता गज़ट" कदाचित् इस ओर पहला प्रयत्न हैं।Posted by Raj Bundela 7 years, 7 months ago
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🅿🅰🆆🅰🅽 . 7 years, 7 months ago
‘प्रतिवेदन’ शब्द ‘प्रति’ उपसर्ग और ‘विद्’ धातु के योग से बना है। इसका अर्थ है सम्यक् अर्थात् पूरी जानकारी। इस प्रकार ‘प्रतिवेदन’ से अभिप्राय अनुभव से युक्त विभिन्न तथ्यों का विस्तृत लेखा-जोखा है।
रिपोर्ट लेखन-
- कब (समय और तारीख) जहां (स्थान) जो घटना के (आयोजक) क्या (विषय अगर कोई है)।
- कैसे यह कैसे प्रगति की घटना शुरू हुई के सभी विवरण।
- घटना को लपेटो घटना पर लोगों की राय व्यक्त करने के रास्ते में निष्कर्ष आदि।
प्रतिवेदन-लेखन के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।
- रूपरेखा पहले बनानी चाहिए।
- तथ्यों का संकलन
- विवेकपूर्ण, निष्पक्ष अध्ययन
- विचारों की प्रामाणिकता
- विषय केन्द्रित अध्ययन
- सही निर्णय
- अनावश्यक विस्तार से बचें।
Posted by Ash Chopra 7 years, 7 months ago
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🅿🅰🆆🅰🅽 . 7 years, 7 months ago
इसके लिए आपको पाठ को पढ़ना पड़ेगा। जिसकी आपको समीक्षा करनी है, ध्यानपूर्वक उसके अच्छे और बुरे पक्षों को भी समझना पड़ेगा। और उनको ध्यान में रखकर आपको लिखना पड़ेगा कि इसका उद्देश्य क्या था।
Posted by Dilip Kumawat Kumawat 7 years, 7 months ago
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Posted by Varsha Sharma 7 years, 7 months ago
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🅿🅰🆆🅰🅽 . 7 years, 7 months ago
चुनावी वायदे
"हम आएगे तो फ्री वाई-फाई लाएंगे"
‘अगर हम जीते तो बेरोजगारी भत्ता दो हजार रुपये होगा।”
“किसानों को बिजली मुफ्त, पानी मुफ्त।”
“बूढ़ों की पेंशन डबल”
जब भी चुनाव आते हैं तो ऐसे नारों से दीवारें रंग दी जाती हैं। अखबार हो, टी०वी० हो, रेडियो हो या अन्य कोई साधन, हर जगह मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने के लिए चुनावी वायदे किए जाते हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहाँ हर पाँच वर्ष बाद चुनाव होते हैं तथा सरकार चुनने का कार्य संपन्न किया जाता है। चुनावी बिगुल बजते ही हर राजनीतिक दल अपनी नीतियों की घोषणा करता है। वह जनता को अनेक लोकलुभावने नारे देता है। जगह-जगह रैलियाँ की जाती हैं। भाड़े की भीड़ से जनता को दिखाया जाता है कि उनके साथ जनसमर्थन बहुत ज्यादा है। उन्हें अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं का पता होता है। चुनाव-प्रचार के दौरान वे इन्हीं समस्याओं को मुद्दा बनाते हैं तथा सत्ता में आने के बाद इन्हें सुलझाने का वायदा करते हैं। चुनाव होने के बाद नेताओं को न जनता की याद आती है और न ही अपने वायदे की, फिर वे अपने कल्याण में जुट जाते हैं। वस्तुत: चुनावी वायदे कागज के फूलों के समान हैं जो कभी खुशबू नहीं देते। ये केवल चुनाव जीतने के लिए किए जाते हैं। इनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता। अत: जनता को नेताओं के वायदों पर यकीन नहीं करना चाहिए तथा विवेक तथा देशहित के मद्देनजर अपने मत का प्रयोग करना चाहिए।
Posted by Aman Shukla 7 years, 8 months ago
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🅿🅰🆆🅰🅽 . 7 years, 7 months ago
आलेख को लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखें:-
- एक अच्छा आलेख नवीनता और ताजगी से संपन्न होना चाहिए।
- जिसमें जिज्ञासा उत्पन्न करने की शक्ति होनी चाहिए।
- भाषा अत्यंत सरल, सुगम तथा प्रभावी होनी चाहिए।
- आलेख ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए।
- एक ही बात को बार-बार दोहराना नहीं चाहिए।
- आलेख में विचार होते हैं कथा नहीं।
Posted by Aman Tiwari 7 years, 8 months ago
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Ashwani Kumar 7 years, 8 months ago
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