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Parveen Singh 3 years, 8 months ago

सहकारी कृषि – जब कृषकों का एक समूह अपनी कृषि से अधिक लाभ कमाने के लिए स्वेच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर कृषि कार्य सम्पन्न करे उसे ‘सहकारी कृषि’ कहते हैं। इसमें व्यक्तिगत कार्य अक्षुण्ण रहते हुए सहकारी रूप में कृषि की जाती है। सामूहिक कृषि – सामूहिक कृषि का आधारभूत सिद्धान्त यह है कि इसमें उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सम्पूर्ण समाज एवं सामूहिक श्रम पर आधारित होता है। कृषि का यह प्रकार पूर्व सोवियत संघ में प्रारम्भ हुआ था जहाँ कृषि की स्थिति सुधारने एवं उत्पादन में वृद्धि व आत्म-निर्भरता प्राप्ति हेतु सामूहिक कृषि प्रारम्भ की गई। इस प्रकार की कृषि को सोवियत संघ में ‘कोलखहोज’ नाम दिया गया।

Yogita Ingle 3 years, 8 months ago

सहकारी कृषि – जब कृषकों का एक समूह अपनी कृषि से अधिक लाभ कमाने के लिए स्वेच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर कृषि कार्य सम्पन्न करे उसे ‘सहकारी कृषि’ कहते हैं। इसमें व्यक्तिगत कार्य अक्षुण्ण रहते हुए सहकारी रूप में कृषि की जाती है।

सामूहिक कृषि – सामूहिक कृषि का आधारभूत सिद्धान्त यह है कि इसमें उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सम्पूर्ण समाज एवं सामूहिक श्रम पर आधारित होता है। कृषि का यह प्रकार पूर्व सोवियत संघ में प्रारम्भ हुआ था जहाँ कृषि की स्थिति सुधारने एवं उत्पादन में वृद्धि व आत्म-निर्भरता प्राप्ति हेतु सामूहिक कृषि प्रारम्भ की गई। इस प्रकार की कृषि को सोवियत संघ में ‘कोलखहोज’ नाम दिया गया।

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Ekta Chaurasia 3 years, 7 months ago

Thank you,but I asked about world not for India

Monika Mourya 3 years, 8 months ago

2001-2011 के दशक में जनसंख्या वृद्धि दर के आधार पर भारत को तीन क्षेत्रों में बांटा गया है  1. तीव्र जनसंख्या वृद्धि क्षेत्र- इस क्षेत्र में 30% से अधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाले राज्य व केंद्र शासित प्रदेश आते है इस क्षेत्र में केवल दादरा नगर हवेली व दमन दीव दो केंद्र शासित प्रदेश आते हैं  2.मध्यम जनसंख्या वृद्धि क्षेत्र-इस क्षेत्र में 20 से 30% के मध्य जनसंख्या वृद्धि दर वाले राज्य व केंद्र शासित प्रदेश सम्मिलित हैं  अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, मिजोरम व उत्तर प्रदेश सहित 10 राज्य तथा दिल्ली व पांडिचेरी 2 केंद्र शासित प्रदेश इस क्षेत्र में आते हैं  3.कम जनसंख्या वृद्धि क्षेत्र- इस क्षेत्र में 20% से कम जनसंख्या वृद्धि दर वाले 18 राज्य व 3 केंद्र शासित प्रदेश सम्मिलित है 18 राज्य आंध्र प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल तथा 3 केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार दीप समूह, चंडीगढ़ व लक्ष्यद्वीप आते हैं
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Ekta Chaurasia 3 years, 8 months ago

Sorry send by mistake ☹️
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Yogita Ingle 3 years, 8 months ago

मानव भूगोल की प्रकृति अत्यधिक अंतर-विषयक है क्योंकि इसमें मानव और प्राकृतिक पर्यावरण के बीच अंतर्सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है। अत-इसका अनेक सामाजिक विज्ञानों से गहरा संबंध है; जैसे-सामाजिक विज्ञान, मानोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, इतिहास, राजनीतिविज्ञान व जनांकिकी आदि।

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Muskan Maan 3 years, 7 months ago

इस तरह की बस्तियां सरकार द्वार बसाई जाती है।ब्रिटिश प्रशासनों द्वारा पुराने नगर से संलग्न ही आयताकार विन्यास प्रणाली पर नियोजित क्षेत्र का विकास किया गया हैए जिसका मुख्य उद्देश्य सिविल लाईनए प्रशासनिक क्षेत्र या सैनिक छावनी का विकास करना था।
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Muskan Maan 3 years, 6 months ago

ग्रामीण लोग कम जटिल होते है और ये प्राथमिक क्रियाएं करते है जैसे कृषि ,वानिकी,म्त्स्य पालन , आदि।ये कृषि के लिए भी प्राकृतिक खाद आदि जैसी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करते हैं ।
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Damini Rana 3 years, 4 months ago

Yes

Sachin Patil 3 years, 8 months ago

नियोजित बस्तिया क्या होती है ? What is the planned Bastia?

Gaurav Seth 3 years, 8 months ago

विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याएँ विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं
1. मलिन बस्तियों में वृद्धि – बड़े नगरों का आकार मुख्यत: ग्रामीण जनसंख्या का नगरों की ओर प्रवास है। ये लोग रोजगार की तलाश में नगरों की ओर प्रस्थान करते हैं। नगर में अनियमित, अनियोजित तथा अनियन्त्रित रूप से मलिन बस्तियाँ बनने लगती हैं। बड़े नगरों में यह समस्या विशेष रूप से उत्पन्न हो जाती है।

2. नगरीय विस्तार – जैसे ही नगरों की जनसंख्या बढ़ती है वे चारों ओर बाहर की ओर फैलते हैं और कृषि योग्य भूमि का हरण करते हैं। वृहद् नगरों के आस-पास उपनगर बन जाते हैं। इस तरह नगर और अधिक विस्तृत हो जाते हैं।

3. सुगम यातायात की समस्या – नगरों में अनियमित बस्तियों के फैलाव से अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। इनमें से एक प्रमुख समस्या सुगम यातायात की समस्या भी है। नगरों में बढ़ती भीड़ को परिवहन की आवश्यकता होती है, जिससे यातायात प्रभावित हो जाता है।

4. प्रदूषण – नगरों के अनियमित तथा अनियोजित विकास से विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों का विकास होता है।

5. अन्य समस्याएँ – उपर्युक्त समस्याओं के अलावा नगरीय बस्तियों में कुछ अन्य समस्याएँ भी पायी जाती हैं; जैसे-सीवर प्रणाली, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, बेरोजगारी, सामाजिक प्रदूषण आदि।

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Rahul Rajera 3 years, 7 months ago

Brilieant

Gaurav Seth 3 years, 8 months ago

मानव विकास, स्वास्थ्य भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्वतंत्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तीकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया है।

मानव विकास के उपागम-

  1. आय उपागम - आय का स्तर किसी व्याक्ति द्वारा भोगी जा रही स्वतंत्रता के स्तर को परिलक्षित करता है। आय का स्तर ऊँचा होने पर, मानव विकास का स्तर भी ऊँचा होगा ।
  2. कल्याण उपागम - यह उपागम शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और सुख - साधनों पर उच्चतर सरकारी व्यय का तर्क देता है। सरकार कल्याण पर अधिकतम व्यय करके मानव विकास के स्तरों में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार है।
  3. आधारभूत-आवश्यकता उपागम - मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था पर जोर दिया गया है। इसमें छ: न्यूनतम आवश्यकताओ - स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, जलापूर्ति, स्वच्छता और आवास की पहचान की गई थी ।
  4. क्षमता उपागम - संसाधनो तक पहुँच के क्षेत्रों में मानव क्षमताओं का निर्माण बढ़ते मानव विकास की कुंजी है।
  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 8 months ago

The Limits to Growth” is written by Meadows.

Textbook Extract:

The notion of sustainable development emerged in the wake of general rise in the awareness of environmental issues in the late 1960s in the Western World. It reflected the concern of people about undesirable effects of industrial development on environment. The publication of ‘The Population Bomb’ by Ehrlich in 1968 and ‘The Limits to Growth’ by Meadows and others in 1972 further raised the level of fear among environmentalists in particular and people in general. This sets the scenario for the emergence of new models of development under a broad phrase ‘sustainable development.’.

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Dine Sh Kumar Dine Sh Kumar 3 years, 3 months ago

English me question bank

Gaurav Seth 3 years, 8 months ago

A n s w e r  is AS FOLLOWS:
ब्रिटिश-काल में अंग्रेजी शासकों ने कई छावनियाँ बनाई जिन्हे 'गैरिसन नगर' कहते हैं। अंबाला, जालंधर, महू, बबीना, उधमपुर इत्यादि इसके उदहारण हैं।

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Swati Kasanya 3 years, 8 months ago

None and other than Uttar pradesh

Gaurav Seth 3 years, 8 months ago

Uttar Pradesh
The larger states predicatbly have a higher number of districts, with Uttar Pradesh (75) leading the count, followed by Madhya Pradesh (52), while the smallest state, Goa (2), has the lowest number.

  • 2 answers

Muskan Maan 3 years, 7 months ago

1 आय उपागम  2 कल्याण उपागम 3 आधारभूत-आवश्यकता उपागम  4 क्षमता उपागम

Yogita Ingle 3 years, 8 months ago

मानव विकास के उपागम

आय उपागम - आय का स्तर किसी व्याक्ति द्वारा भोगी जा रही स्वतंत्रता के स्तर को परिलक्षित करता है। आय का स्तर ऊँचा होने पर, मानव विकास का स्तर भी ऊँचा होगा ।

कल्याण उपागम- यह उपागम शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और सुख - साधनों पर उच्चतर सरकारी व्यय का तर्क देता है। सरकार कल्याण पर अधिकतम व्यय करके मानव विकास के स्तरों में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार है।

आधारभूत-आवश्यकता उपागम - मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था पर जोर दिया गया है। इसमें छ: न्यूनतम आवश्यकताओ - स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, जलापूर्ति, स्वच्छता और आवास की पहचान की गई थी ।

क्षमता उपागम - संसाधनो तक पहुँच के क्षेत्रों में मानव क्षमताओं का निर्माण बढ़ते मानव विकास की कुंजी है।

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Muskan Maan 3 years, 7 months ago

1.चावल प्रधान गहन निर्वाह कृषि। 2.चावल रहित गहन निर्वाह कृषि।

Bhavika Vasava 3 years, 8 months ago

इस प्रकार की खेती मुख्य रूप से मानसून पर और जमीन की प्राकृतिक उर्वरता पर निर्भर होती है। ऐसी खेती में किसी स्थान विशेष की जलवायु के अनुसार फसल का चुनाव किया जाता है। कर्तन दहन खेती: प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि को 'कर्तन दहन खेती' भी कहते हैं।
  • 1 answers

Muskan Maan 3 years, 7 months ago

1आवास की समस्या। ,2 जलपूर्ति की समस्या। , 3 स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधा की कमी। , 4 रोजगार की समस्या।
  • 2 answers

Ankit Sharma 3 years, 8 months ago

S

Gaurav Seth 3 years, 8 months ago

The size of the territory and per capita income are not directly related to human development :- Often Smaller Countries have done better than larger ones in human development. Similarly, relatively poorer nations have been ranked higher than richer neighbours in terms of human development.

For example Sri Lanka, Trinidad and Tobago have a higher rank than India in the human development index despite having smaller economies. Similarly, within India, Kerala performs much better than Punjab and Gujarat in human development despite having lower per capita income.

क्षेत्र और प्रति व्यक्ति आय का आकार सीधे मानव विकास से संबंधित नहीं हैं: - अक्सर छोटे देशों ने मानव विकास में बड़े लोगों की तुलना में बेहतर काम किया है। इसी तरह, अपेक्षाकृत गरीब देशों को मानव विकास के मामले में अमीर पड़ोसियों से अधिक स्थान दिया गया है।

उदाहरण के लिए, श्रीलंका, त्रिनिदाद और टोबैगो के पास छोटी अर्थव्यवस्थाओं के बावजूद मानव विकास सूचकांक में भारत से उच्च रैंक है। इसी तरह, भारत के भीतर, केरल प्रति व्यक्ति आय कम होने के बावजूद मानव विकास में पंजाब और गुजरात से बेहतर प्रदर्शन करता है।

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Muskan Maan 3 years, 6 months ago

कृषि,आखेट,मत्स्यन,वाणिज्य,वानिकी आदि।

Swati Kasanya 3 years, 8 months ago

Agriculture Gathering Hunting Etc

Ujjawal Singh, 3 years, 8 months ago

Krishi

Raosaheb Shelke 3 years, 8 months ago

कृषि आखेट
  • 2 answers

#Ashish Meena 3 years, 8 months ago

Manav vikash suchkank se manav vikas ko mapa jata h

#Ashish Meena 3 years, 8 months ago

HDI- Human Development index
  • 2 answers

#Ashish Meena 3 years, 8 months ago

Manav bhugol bhuprashth ,manav samajo or prathvi tal ke beech sambandho ka sanslist adhyan h

Manish Regmi 3 years, 8 months ago

Manav bhogol prakriti aur manav ke sambandh ke adhyan ko manav bhogol kehte hai .
  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 9 months ago

कृषि आधारित उद्योग – ये वे उद्योग हैं जो कृषि उत्पादों को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करते हैं तथा इन्हें विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा तैयार माल में बदलकर बिक्री हेतु ग्रामीण और नगरीय बाजारों में भेजते हैं। प्रमुख कृषि आधारित उद्योग हैं— भोजन प्रसंस्करण, शक्कर, अचार, फलों के रस, पेय पदार्थ (चाय, कॉफी, कोको), मसाले, तेल एवं वस्त्र एवं रबड़ उद्योग आदि।

  • 3 answers

Muskan Maan 3 years, 6 months ago

Bharat ka 172 desho mein 127 va sthaan hai

Abhishek Gaur 3 years, 9 months ago

129 rank

Ind Hunter 3 years, 9 months ago

Brahmand se sambandhit big bang siddhant kisne pratipadit kiya
  • 1 answers

Yogita Ingle 3 years, 9 months ago

 

  मिश्रित खेती (Mixed Farming): इस प्रकार की खेती के अंतर्गत फसलों के उत्पादन के साथ साथ पशुपालन या डेरी उद्योग भी आता है| ऐसी खेती के अंतर्गत सहायक उद्यमों का कुल आय में कम से कम 10% योगदान होता है |
 

  • 1 answers

Shweta Tandan 3 years, 9 months ago

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