Ask questions which are clear, concise and easy to understand.
Ask QuestionPosted by Vibha Rawte 3 years, 10 months ago
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Posted by Anil Kumar 3 years, 10 months ago
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Posted by Anil Kumar 3 years, 10 months ago
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Posted by Anil Kumar 3 years, 10 months ago
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Yogita Ingle 3 years, 10 months ago
राजनीतिक भूगोल के दो उपक्षेत्र
निर्वाचन भूगोल
सैन्य भूगोल
Posted by Aman Kumar 3 years, 10 months ago
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Yogita Ingle 3 years, 10 months ago
भारत में अभ्रक मुख्यतः झारखंड, आंध्र प्रदेश में राजस्थान से प्राप्त किया जाता है। इसके अलावा तमिलनाडु प० बंगाल तथा मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु व महाराष्ट्र में भी अभ्रक पाया जाता है। झारखंड के निचले हजारीबाग पठार व आंध्र प्रदेश में नेल्लोर जिले में सर्वोत्तम प्रकार के अभ्रक का उत्पादन होता है।
Posted by Shivam Kumar 3 years, 10 months ago
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Gaurav Seth 3 years, 10 months ago
- वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रमों के कारण, मिट्टी का क्षरण कम हुआ है। इससे भूमि क्षरण को रोकने में मदद मिली है और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
- पानी की उपलब्धता के कारण, प्राकृतिक वनस्पतियों का आवरण बढ़ा है और नए चारागाह विकसित हुए हैं।
- इसने वनोपज और कृषि उत्पादकता को बढ़ाकर आदिवासी लोगों के लिए आजीविका के स्रोतों को बेहतर बनाने में मदद की है।
- इस प्रकार, मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में कार्यान्वित वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप क्षेत्र का समग्र विकास हुआ है।
Posted by Mithun Mahto 3 years, 11 months ago
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Yogita Ingle 3 years, 11 months ago
The decades of 1951-81 are referred to as the period of population explosion in India because of a rapid fall in death rate and high birth rate. The main causes of this explosion are as follows:
Widening Gap between Birth and Death Rates The average annual birth rate was 42 per thousand population but it came down to 28.7 per thousand in 1981. This shows that the birth rate has shown small decline and death rate has gone down rather sharply. This widening gap has increased our population rapidly.
Low Age of Marriage Child marriage has been very common in our country. As per census report, 72% marriage in India was performed before 15 and 34% before 10 years of age. The mean age at marriage of females increased from 15.6 in 1951 to 17.6 in 1981.
High Illiteracy During this period (1951-81), the overall literacy rate was very low. Due to this, they would be more orthodox, illogical and religious minded.
Religious Attitude towards Family Planning The religiously orthodox and conservative people are against the use of family planning measures. The women disfavoured family planning on the plea that they cannot go against the wishes of God.
Other Causes Joint family system and lack of responsibility of young couples in these families to bring up their children and lack of recreational facilities, and lack of information or wrong information about the adverse effects of vasectomy, tubectomy are some other causes of the rapid growth of population.
Posted by Nancy Chaudhary 3 years, 11 months ago
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Posted by Roshan Kumar 3 years, 11 months ago
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Yogita Ingle 3 years, 11 months ago
Development is a comprehensive term which include increase in real per capita income, improvement in living standard of people, reduction in poverty, illiteracy, crime rate, etc.
Features
(a) Different persons have different developmental goals.
(b) Income is a major component of development.
Posted by Ayush Guleria 3 years, 11 months ago
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Yogita Ingle 3 years, 11 months ago
During 1911-21 the population record a negative growth rate. As per census 2011, Nagaland is the only Indian state which has negative growth rate of -0.58% in census 2011while Indian population grown at the rate of 17.69% from 2001 to 2011.
Posted by Arun Kumar Kasotia 3 years, 11 months ago
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Posted by Vibha Rawte 3 years, 11 months ago
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Muskan Maan 3 years, 10 months ago
Posted by Aman Sheoran 3 years, 11 months ago
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Gaurav Seth 3 years, 11 months ago
Liberalisation
Liberalisation of the economy means its freedom from direct or physical controls imposed by the government.
Economic Reforms Under Liberalisation
(i) Industrial Sector Reforms
- Abolition of industrial licensing.
- De-reservation of production areas.
- Expansion of production capacity.
- Freedom to import goods.
(ii) Financial Sector Reforms
Liberalisation implied a substantial shift in the role of the RBI from a regulator to a facilitator of the financial sector.
(iii) Fiscal Reforms Fiscal reforms relate to revenue and expenditure of the government. Tax reforms are the principal component of fiscal reforms. Broadly taxes are classified
- Direct Taxes and
- Indirect Taxes
(iv) External Sector Reforms It include Foreign exchange reforms and Foreign trade policy reforms.
Posted by Yashwant Singh 3 years, 11 months ago
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Posted by Ekta Uikey 3 years, 11 months ago
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Yogita Ingle 3 years, 11 months ago
क्रमबद्ध भूगोल (Systematic Geography) : यह भौगोलिक अध्ययन की प्राचीन विधा जिसमें भूगोल के तत्वों का पृथक पृथक अध्ययन किया जाता है, जैसे सम्पूर्ण पृथ्वी का अद्ययन स्थल मंडल, जल मंडल, वायु मंडल आदि रूपों में विभाजित कर अध्ययन किया जाता है। इनका भी अध्ययन कई उप मंडलों में वर्गीकृत कर किया जाता है जैसे स्थल मंडल को उपविभाजित कर पर्वतों, पठारों और मैदानों आदि का अध्ययन किया जाता है।
प्रादेशिक भूगोल (Regional Geography) : भौगोलिक अध्ययन की इस विशेष पद्धति, का विकाश 18 वी शताब्दी के प्रारंभ में हुआ, इसके अंतर्गत पृथ्वी तल पर विभिन्न क्षेत्रों में स्थलाकृति, जलवायु, वनस्पति, मिटटी, आदि की एकरूपता पाई जाती है। इस एकरूपता के आधार पर इन्हें क्षेत्र या प्रदेश की संज्ञा दी जाती है। इन प्रदेशों का अध्ययन भूगोल के अंतर्गत किया जाता है। प्रादेशिक भूगोल के अंतर्गत इन प्रदेशों का भौगोलिक विश्लेषण किया जाता है।
Posted by Manish Aryan 3 years, 11 months ago
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Muskan Maan 3 years, 10 months ago
Yogita Ingle 3 years, 11 months ago
उत्तरी भारत में अनेक भौगोलिक क्षेत्र आते हैं। इसमें मैदान, पर्वत, मरुस्थल आदि सभी मिलते हैं। यह भारत का उत्तरी क्षेत्र है। प्रधान भौगोलिक अंगों में गंगा के मैदान और हिमालय पर्वतमाला आती है। यही पर्वतमाला भारत को तिब्बत और मध्य एशिया के भागों से पृथक करती है। उत्तरी भारत मौर्य, गुप्त, मुगल एवं ब्रिटिश साम्राज्यों का ऐतिहासिक केन्द्र रहा है। यहां बहुत से हिन्दू तीर्थ जैसे हरिद्वार,कुरूक्षेत्र, शाकम्भरी देवी सहारनपुर पर्वतों में गंगोत्री से लेकर मैदानों में वाराणासी तक हैं, तो मुस्लिम तीर्थ जैसे अजमेर आदि भी हैं। यहां विश्व धरोहर स्थल भी अनेक हैं, जैसे महाबोधि मंदिर, हुमायुं का मकबरा और सर्वश्रेष्ठ ताजमहल। भारत सरकार द्वारा परिभाषित उत्तरी और उत्तर-मध्य क्षेत्र में जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा मध्य प्रदेश राज्य आते हैं। यहां के प्रमुख शहरों में नई दिल्ली, कानपुर, जयपुर, लखनऊ, इंदौर, लुधियाना, चंडीगढ़ आदि आते हैं। यहां बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएं हैं हिन्दी, पंजाबी, कश्मीरी, डोगरी, उर्दु, अवधी, मैथिली, अंग्रेज़ी।
यहां के मैदान सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा बहाकर लाए गए जलोढ़ निक्षेप से बना है। इस मैदान की पूर्व से पश्चिम लंबाई लगभग 3200 किलो मीटर है। इसकी औसत चौड़ाई 150 से 300 किलोमीटर है। जलोढ़ निक्षेप की अधकतम गहराई 1000 से 2000 मीटर है। उत्तर से दक्षिण दिशा में इन मैदानों को तीन भागों में बाँट सकते हैं भाभर, तराई और जलोढ़ मैदान। जलोढ़ मैदान को आगे दो भागों में बाँटा जाता है- खादर और बाँगर। भाभर 8 से 10 किलोमीटर चौड़ाई की पतली पट्टी है जो शिवालिक गिरिपाद के समानांतर फैली हुई है। उसके परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत श्रेणियों से बाहर निकलती नदियाँ यहाँ पर भारी जल-भार, जैसे- बड़े शैल और गोलाश्म जमा कर देती हैं और कभी-कभी स्वयं इसी में लुप्त हो जाती हैं। भाभर के दक्षिण में तराई क्षेत्र है जिसकी चौड़ाई 10 से 20 किलोमीटर है। भाभर क्षेत्र में लुप्त नदियाँ इस प्रदेश में ध्रातल पर निकल कर प्रकट होती हैं और क्योंकि इनकी निश्चित वाहिकाएँ नहीं होती, ये क्षेत्र अनूप बन जाता है, जिसे तराई कहते हैं। यह क्षेत्र प्राकॄतिक वनस्पति से ढका रहता है और विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणियों का घर है। तराई से दक्षिण में मैदान है जो पुराने और नए जलोढ़ से बना होने के कारण बाँगर और खादर कहलाता है।
Posted by Nisha Chaudhary 3 years, 11 months ago
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Posted by Vyomesh Kumar Pandey 3 years, 10 months ago
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Muskan Maan 3 years, 11 months ago
Posted by Official Avex 4 years ago
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Posted by Aaradhna Jha 4 years ago
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Yashraj Chauhan 3 years, 11 months ago
Posted by Bhupender Kholi 4 years ago
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Muskan Maan 3 years, 10 months ago
Harsh Sharma 3 years, 11 months ago
Posted by Bhumika Parihar 4 years ago
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Yogita Ingle 4 years ago
पल्ली बस्तियाँ – आम तौर पर झुग्गियों को शारीरिक रूप से कई मदों में विभाजित किया जाता है, हालांकि उन सभी में एक शीर्षक होता है। उन वस्तुओं के मूल नाम पन्ना, पाडा, पाली, नगला, धानी इत्यादि हैं।
Posted by Nikil Jatav 3 years, 11 months ago
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Muskan Maan 3 years, 10 months ago
Posted by Aashi Gupta 4 years ago
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Muskan Maan 3 years, 10 months ago
Posted by Muskan Sarvang 4 years ago
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Posted by Nikil Jatav 4 years ago
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Gaurav Seth 3 years, 10 months ago
उन शैलों को अयस्क (ore) कहते हैं जिनमें वे खनिज हों जिनमें कोई धातु आदि महत्वपूर्ण तत्व हों। अयस्कों को खनन करके बाहर लाया जाता है; फिर इनका शुद्धीकरण करके महत्वपूर्ण तत्व प्राप्त किये जाते हैं।
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