No products in the cart.

Ask questions which are clear, concise and easy to understand.

Ask Question
  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

हड़प्पा सभ्यता की खोज जॉन मार्शल के नेतृत्व में दयाराम साहनी द्वारा सन् 1921 में की गई 
जॉन मार्शल 1902 से 1928 तक ASI के महानिदेशक थे। वास्तव में, ASI के महानिदेशक के रूप में जॉन मार्शल के कार्यकाल ने भारतीय पुरातत्व में एक बड़ा बदलाव चिह्नित किया। वह भारत में काम करने वाले पहले पेशेवर पुरातत्वविद थे, और ग्रीस और क्रेते में काम करने के अपने अनुभव को क्षेत्र में लाए। अधिक महत्वपूर्ण बात, हालांकि कनिंघम की तरह वह भी शानदार खोज में रुचि रखते थे, वे रोजमर्रा की जिंदगी के पैटर्न के लिए समान रूप से उत्सुक थे।

  • 2 answers

Deepak Kumar Meena 4 years, 7 months ago

क्युकी अंग्रेज़ो ने उनकी सत्ता छीन ली थी,वह अपने खोई हुई सत्ता वापिस प्राप्त करना चाहते थे। 2. उनके पास विद्रोह को आशीर्वाद देने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। 3. अंग्रेजो ने उन्हें दिल्ली के लाल किले से गिरफ्तार करके बर्मा के रंगून में उनकी पत्नी जीनत महल के साथ भेज दिया था, वहां उनकी मृत्यु हो गई थी।

Jayesh Yadav 4 years, 8 months ago

Kyoki unko sipahiyo ne gheer liya tha ....unke pass orr koi option nhi bcha tha
  • 1 answers

Yogita Ingle 4 years, 8 months ago

अबुल फजल अपने छोटे भाई फैजी की तरह सम्राट अकबर के दरबार में नवरत्नों की सूची में से एक था. अबुल फजल की प्रमुख साहित्यिक कृतियां निम्नलिखित हैं:

1) अकबरनामा: यह तीन खंडों में लिखा गया अकबर के समय का आधिकारिक इतिहास है. इसमें अकबर के पूर्वजो तैमुर, बाबर हुमायूँ और अकबर का वर्णन किया गया. इसका तीसरा खंड आईने अकबरी के नाम से जाना जाता है. इसमें अकबर के समय के प्रशासनिक घटनाओं का वर्णन मिलता है.

2) रुकात: यह अकबर के अन्य राजकुमारों का पत्र संग्रह है.

3) इंशा-ए-अबुल फज़ल: यह अकबर के समय के समकालीन शासकों और अमीरों को अकबर द्वारा लिखे गए पत्रों का संग्रह है.

  • 1 answers

Dheeraj Kumar Yadav 4 years, 8 months ago

प्रारम्भ में सूफी लोग (आठवीं व नवीं सदी में) अरब में दिखाई पड़े और लम्बे समय तक उनकी पहचान उनके पहनावे ऊनी वस्त्रों से की जाने लगी. साधारणतः सफ का अर्थ ऊन या भेड़-बेकरी के ऊनी कपड़े से होता है जो साफ से बने वस्त्र पहनता था, वह सूफी कहलाता था.इब्नुलअरबी प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने सूफी मत में महत्त्वपूर्ण सिद्धांत वहदत्त-उल-वुजूद (wahdat ul wajood) दिया. जिसका अर्थ है, ईश्वर सर्वव्याप्त है व सभी में उसकी झलक है, उससे कुछ भी अलग नहीं है, सभी मनुष्य समान हैं. सूफियों के निवास स्थान खानकाह कहलाते थे जबकि उनकी वाणी महफूजात (ग्रन्थ) में थी. सैयद मुहम्मद हाफिज के मतानुसार ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती (1192 ई. में मोहम्मद गौरी के साथ आये) ने भारत में सूफी मत का प्रारम्भ किया.
  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश के संस्थापक थे। उनके माता-पिता, उनके जन्म और बचपन के बारे में बहुत कम जानकारी है, झूठ का जन्म राजधानी पाटलिपुत्र में हुआ था। कौटिल्य, जिसे चाणक्य के रूप में बेहतर जाना जाता है, तक्षशिला के एक ब्राह्मण ने अनाथ को अपनी देखरेख में लिया, उन्हें सभी राजसी आवश्यकताओं में शिक्षित किया और उन्हें एक योग्य सेनापति और शासक बनने के लिए प्रशिक्षित किया। चंद्रगुप्त इस महान विचारक, राजनीतिज्ञ और राजनेता के प्रभाव में आने के लिए भाग्यशाली थे।

सैन्य उपलब्धियां:

1. पंजाब की विजय: चंद्रगुप्त ने चाणक्य के मार्गदर्शन में एक मजबूत सेना का निर्माण किया और पंजाब के क्षुद्र शासकों को पराजित किया और अपने क्षेत्रों का विनाश किया। फिर उन्होंने मगध के खिलाफ मार्च किया।

2. नंदा शासक का दोष: चंद्रगुप्त ने नंदों को हराने के लिए कई प्रयास किए। चाणक्य ने धनानंद को पद से हटाने की कसम खाई थी क्योंकि उन्होंने चाणक्य का अपमान किया था। अंत में धनानंद की हार हुई और मारे गए और चंद्रगुप्त मौर्य मगध के राजा बने और मौर्य वंश की स्थापना की।

धनानंद के दमनकारी शासन को उखाड़ फेंकने और समाप्त करने के बाद, चंद्रगुप्त ने अपनी शक्ति को मजबूत किया और देश को विदेशी कब्जे से मुक्त कर दिया। सिकंदर द्वारा सिंध और पंजाब प्रांतों में नियुक्त यूनानी गवर्नरों को पराजित किया गया और चंद्रगुप्त द्वारा प्रदेशों को हटा दिया गया।

3. सेल्यूकस के साथ युद्ध: सिकंदर की मृत्यु के बाद, उसके साम्राज्य का पूर्वी भाग सेल्यूकस पर चला गया। सेल्यूकस और चंद्रगुप्त मौर्य के बीच एक युद्ध हुआ। सेल्यूकस पराजित हो गया, और उसे चंद्रगुप्त के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर करना पड़ा और उसे काबुल, अफगानिस्तान, कंधार, और बलूचिस्तान के प्रांतों में आत्मसमर्पण करना पड़ा।

चंद्रगुप्त की इस जीत ने उसका साम्राज्य उत्तर-पश्चिम में हिंदुकुश (अफगानिस्तान) की सीमा तक फैला दिया। सेल्यूकस ने मौर्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखा और मेगस्थनीज को पाटलिपुत्र में अपने राजदूत के रूप में भेजा।

बी आकलन: चंद्रगुप्त निस्संदेह भारत के महानतम शासकों में से एक था। उसने यूनानियों को देश से बाहर निकाल दिया। जैन परंपरा के अनुसार, अपने शासनकाल के अंतिम दिनों में, चंद्रगुप्त ने राजगद्दी को त्याग दिया और जैन विद्वान भद्रबाहु के प्रभाव में जैन धर्म ग्रहण किया। कर्नाटक के श्रवणबेलगोला में अपने अंतिम दिन बिताए और 'सलालेखाना' का प्रदर्शन करके मर गए।

  • 1 answers

Deepak Kumar Meena 4 years, 8 months ago

1857 का विद्रोह सही मायने में एक विशाल आंदोलन था , यह भारतीय इति आस का पहला विद्रोह था जिसने अंग्रेज़ो की नीव उखाड़ दी थी। इस विद्रोह में समाज के सभी तबकों के लोग शामिल हुए थे ,इस आंदोलन की शरुआत तो पदेल सैनिको से हुए थी परंतु जल्दी ही यह एक विशाल जन विद्रोह में तब्दील हो गया था। 1857 के विद्रोह में भले ही सभी लोग शामिल हुए थे लेकिन सभी की मांग अलग अलग थी। 1.नवाब, सम्राट ,= नवाब ओर सम्राट इस विद्रोह में इसलिए शामिल हुए थे क्युकी वह अपनी खोई हुई सता प्राप्त करना चाहते थे जो अंग्रेज़ो ने उनसे छिना था। 2. तालुकदार , जमींदार = तालुकदार ओर जमींदार इसलिए शामिल हुए थे क्युकी अंग्रेज़ो ने उनकी जमींदारी हथिया ली थी , वह अपने दुर्ग, जमींदारी वापस प्राप्त करना चाहते थे। 3. किसान = किसान अंग्रेज़ो की दमनकारी ओर क्रूर नीतियों से परेशान थे, वह जमीन पर अपना स्वतंत्र अधिकार ओर उपज की उचित कीमत की मांग कर रहे थे। 4. वायपरी, उद्योगपति =वायपारी लोग इसलिए शामिल हुए थे क्युकी अंग्रेज़ो ने बड़े उद्योग अपने हाथ में ले लिए थे , ओर उन्होंने छोटे उद्योगों पर अधिक कर लगा दिया था, वायपर वायपर पर अपने एकाधिकार के लिए लड़ रहे थे। 5. पंडित , मौलवी = पंडित ओर मौलवी इसलिए शामिल हुए थे क्योंकी वह ईसाई धर्म के विरुद्ध थे , उनका मानना था कि अंग्रेज़ उनके धर्म को भ्रष्ट करके उन्हे ईसाई बनाना चाहते थे, वह अपने धर्म को सुरक्षित करना चाहते थे। 6.भारतीय सैनिक = सैनिक विद्रोह में इसलिए शामिल हुए थे क्योंकी अंग्रेज़ उनके साथ अन्य अंग्रेजी सिपाहियो के समान व्यवहार नहीं करते थे , उन्हे समय पर छुट्टी नहीं देते थे और उन्हें वेतन भी कम दिया जाता था। 1857 का विद्रोह में सभी लोग शामिल हुए थे लेकिन सभी के उद्देश्य अलग अलग थे ,सबकी अपने व्यक्तिगत हित के लिए लड़ग रहे थे न कि देश के हित के लिए ,इसी कारण यह विद्रोह भी असफल रहा था।
  • 1 answers

Dheeraj Kumar Yadav 4 years, 8 months ago

वारेन हेस्टिंग्ज द्वारा बंगाल में स्थापित कर संग्रहण की ठेकेदारी व्यवस्था से किसानों की स्थिति सोचनीय हो गयी थी। इस स्थिति में सुधार के लिए कंपनी सरकार ने लार्ड कार्नवालिस को स्थायी सुधार के लिए नियुक्त किया।स्थायी बंदोबस्त अथवा इस्तमरारी बंदोबस्त ईस्ट इण्डिया कंपनी और बंगाल के जमींदारों के बीच कर वसूलने से सम्बंधित एक स्थाई व्यवस्था हेतु सहमति समझौता था जिसे बंगाल में लार्ड कार्नवालिस[1] द्वारा 22 मार्च, 1793 को लागू किया गया।
  • 2 answers

Shrey Jha 4 years, 8 months ago

सौरेन्दृनाथ रॉय

Dheeraj Kumar Yadav 4 years, 8 months ago

Roy, Sourindranath
  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

फिफ्थ रिपोर्ट 1813 में ब्रिटिश संसद को प्रस्तुत की गई थी। ईस्ट इंडिया कंपनी के कामकाज के बारे में रिपोर्टों की श्रृंखला में इसे पांचवीं रिपोर्ट कहा गया था। पांचवीं रिपोर्ट का मुख्य मुद्दा ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रशासन और गतिविधियाँ था। इस रिपोर्ट में 1002 पृष्ठ थे। लगभग 800 पृष्ठ परिशिष्टों के रूप में थे जिनमें ज़मींदारों और दंगों की याचिकाएं, कलेक्टरों की रिपोर्ट, राजस्व रिटर्न पर सांख्यिकीय तालिका और बंगाल और मद्रास के राजस्व और न्यायिक प्रशासन पर आधिकारिक नोट शामिल थे।

 

रिपोर्ट के उद्देश्य: भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के कामकाज से ब्रिटेन के कई लोग खुश नहीं थे। उन्होंने भारत और चीन के साथ व्यापार को लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा प्राप्त एकाधिकार का विरोध किया। कई ब्रिटिश व्यापारी भारत में कंपनी के व्यापार में हिस्सेदारी चाहते थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय बाजार को ब्रिटिश मैन्युफैक्चरर्स के लिए खोला जाना चाहिए। कई राजनीतिक समूहों ने यह भी तर्क दिया कि बंगाल की विजय से केवल ईस्ट इंडिया कंपनी को फायदा हुआ, न कि ब्रिटिश राष्ट्र को। उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कुशासन और कुप्रवृत्ति पर प्रकाश डाला। नतीजतन, ब्रिटिश संसद ने 18 वीं शताब्दी के अंत में भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को विनियमित करने और नियंत्रित करने के लिए कई अधिनियम पारित किए

  • 1 answers

Dheeraj Kumar Yadav 4 years, 8 months ago

22 जनवरी, 1947 ई. को उद्देश्य प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण हेतु अनेक समितियां नियुक्त कीं. इनमे प्रमुख थी- वार्ता समिति, संघ संविधान समिति, प्रांतीय संविधान समिति, संघ शक्ति समिति, प्रारूप समिति
  • 1 answers

Dheeraj Kumar Yadav 4 years, 8 months ago

सत्ता के त्वरित हस्तांतरण की योजना का अभाव तथा प्रतिरक्षा के मुद्दे पर वास्तविक भागीदारी की व्यवस्था का न होना
  • 1 answers

Dheeraj Kumar Yadav 4 years, 8 months ago

सम्मेलन के दौरान 'मुस्लिम लीग' द्वारा यह शर्त रखी गयी कि वायसराय की कार्यकारिणी परिषद में नियुक्त होने वाले सभी मुस्लिम सदस्यों का चयन वह स्वयं करेगी। 'मुस्लिम लीग' का यही अड़ियल रुख़ 25 जून से 14 जुलाई तक चलने वाले 'शिमला सम्मेलन' की असफलता का प्रमुख कारण बना।
  • 1 answers

Dheeraj Kumar Yadav 4 years, 8 months ago

इस आंदोलन ने अपनी रफ़्तार सरकार द्वारा प्रदान की गई उपाधियों को लौटाकर, और सिविल सेवाओं, सेना, पुलिस, अदालतों और विधान परिषदों, स्कूलों, और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करके किया गया।. देश में विदेशी सामानों का बहिष्कार किया गया, शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया और विदेशी कपड़ो की होली जलाई गयी।
  • 1 answers

Yogita Ingle 4 years, 8 months ago

इस समय तक गांधीजी 6 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद 1927 में सक्रिय राजनीति में पुनः वापस लौट आए थे महात्मा गांधीजी दिसंबर 1928 के कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में शामिल हुए थे

  • कांग्रेस का पहला काम जुझारू वामपंथ से मेल मिलाप करना था दिसंबर 1929 में कांग्रेस का अधिवेशन लाहौर में हुआ था
  • लाहौर का कांग्रेस अधिवेशन ऐतिहासिक अधिवेशन कहलाया इस अधिवेशन के अध्यक्ष महात्मा गांधी जी को चुना गया था लेकिन उन्होंने अपनी जगह जवाहरलाल नेहरु को अध्यक्ष बनाया अथार्थ लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी
  • इस अधिवेशन में स्पष्ट कहा गया कि नेहरू रिपोर्ट को लागू करने की अवधि समाप्त हो गई है 
  • 1 answers

Dheeraj Kumar Yadav 4 years, 8 months ago

चौरी चौरा कांड 4 फरवरी 1922 को ब्रिटिश भारत में संयुक्त राज्य के गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में हुई थी, जब असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पुलिस के साथ भिड़ गया था। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिससे उनके सभी कब्जेधारी मारे गए। इस घटना के कारण तीन नागरिकों और 22 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। महात्मा गांधी, जो हिंसा के सख्त खिलाफ थे, ने इस घटना के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में 12 फरवरी 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया था l चौरी-चौरा कांड के अभियुक्तों का मुक़दमा पंडित मदन मोहन मालवीय ने लड़ा और उन्हें बचा ले जाना उनकी एक बड़ी सफलता थी।
  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

 

'चंपारण' बिहार राज्य का एक जिला है और इस जिले के किसानों की मदद करने के लिए इस आंदोलन को शुरू किया गया था. जिसके चलते इस आंदोलन का नाम चंपारण रख दिया गया था. इस जिले के किसानों से जबरदस्ती नील की खेती करवाई जा रही थी. जिससे इस जिले के किसान काफी परेशान थे.

  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

(i) 1853 में रेलवे की शुरुआत का मतलब शहरों की किस्मत में बदलाव था। आर्थिक गतिविधि धीरे-धीरे पारंपरिक शहरों से दूर हो गई जो पुराने मार्गों और नदियों के किनारे स्थित थे।

(ii) रेलवे स्टेशन सभी तीन औपनिवेशिक शहरों (कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास) में विकसित किए गए थे और इन शहरों के आसपास के कुछ महत्वपूर्ण शहर या शहर थे। रेलवे स्टेशनों का उपयोग सरकारी अधिकारियों, सिपाहियों, व्यापारियों, व्यापारियों और पर्यटकों द्वारा किया जाता था।

(iii) प्रमुख शहरों और देश के बाकी हिस्सों के बीच रेलवे लिंक के नेटवर्क के विस्तार के साथ। रेलवे ने आकार, जनसंख्या, कारखानों, उद्योगों, परिवहन, बेहतर सामाजिक संबंधों और आपसी समझ के विकास में इन शहरों की मदद की।

(iv) शहर राजनीतिक विचारों के आदान-प्रदान या आदान-प्रदान के केंद्र बन गए और राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए शहरों के मध्यम वर्ग की बहुत मदद की।

  • 1 answers

Dheeraj Kumar Yadav 4 years, 8 months ago

अंग्रेजों का भारत आगमन और ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना का प्रमुख कारण पुर्तगाली व्यापारियों द्वारा भारत में अपनी वस्तुओं को बेचने से होने वाला अत्यधिक लाभ था जिसने ब्रिटिश व्यापारियों को भारत के साथ व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित किया
  • 1 answers

Shrey Jha 4 years, 8 months ago

1857 की क्रांति के चार प्रभाव;- 1)भारत में ईस्ट इण्डिया कंपनी के शासन का अन्त। 2)भारत में ब्रिटिश राज का शासन । 3) अब प्रादेशिक विस्तार की नीति त्याग दी गई और आर्थिक शोषण का युग आरम्भ हुआ। 4) फुट डालो और शासन करो की नीति अपनाई गई । 5)1857 की क्रांति में दिखी हिन्दु-मुस्लिम एकता को तोड़ने के प्रयास हुए।
  • 2 answers

Deepak Kumar Meena 4 years, 8 months ago

Bhai itni cheating achi nhi hai

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

(1) सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों का षड्यन्त्र  - 

<div style="-webkit-text-stroke-width:0px; text-align:justify">अंग्रेजों ने बंगाल के <a href="https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%8C%E0%A4%B2%E0%A4%BE" style="background:transparent; text-decoration:none; color:#6b00f6" target="_blank">नवाब सिराजुद्दौला</a> को सत्ता से हटाने के लिए षड्यन्त्र रचाक्योंकि अंग्रेज नवाब को अपने हाथों की कठपुतली बनाना चाहते थे। इसके लिए अंग्रेजों ने नवाब के सेनापति <a href="https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%B0_%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%B0" style="background:transparent; text-decoration:none; color:#6b00f6" target="_blank">मीर जाफर </a>को बंगाल का नवाब बनाने का लालच देकर अपनी ओर मिला लिया। अंग्रेजों ने अमीचन्द तथा जगत सेठ जैसे दरबारी अमीरों को पहले ही अपनी ओर कर लिया था। अंग्रेज बहुत चालाक थेइसलिए उन्होंने नवाब से नाराज चल रहे अमीरों का पता लगाकर उन्हें भी अपनी ओर मिला लिया था। इसी कारण प्लासी के मैदान में नवाब सिराजुद्दौला की सेना पूर्ण निष्ठा के साथ नहीं लड़ी।</div>

(2) अंग्रेजों और नवाब सिराजुद्दौला में तनाव 

<div style="-webkit-text-stroke-width:0px; text-align:justify">अंग्रेजों और सिराजुद्दौला के बीच सम्बन्धों में तनाव चल रहा था। इसके कई कारण थेजिनमें प्रमुख थेबंगाल का नवाब बनने पर अंग्रेजों ने सिराजुद्दौला को कोई उपहार नहीं भेजा थाअंग्रेज नवाब के विद्रोहियों को सहायता व शरण देते थेनवाब ने अंग्रेजों के व्यापार पर काफी कठोर प्रतिबन्ध लगा दिए थे।</div>

(3) अंग्रेजों द्वारा किलेबन्दी - 

<div style="-webkit-text-stroke-width:0px; text-align:justify">इस समय अंग्रेजों और फ्रांसीसियों ने कलकत्ते तथा कासिम बाजार की किलेबन्दी प्रारम्भ कर दी। सिराजुद्दौला ने इसका विरोध किया। फ्रांसीसी तो नवाब के आदेश को मान गएपरन्तु अंग्रेजों ने उसकी परवाह न करते हुए किलेबन्दी जारी रखीजिससे नवाब नाराज हो गया।</div>

 (4) कासिम बाजार व कलकत्ता पर अधिकार 

<div style="-webkit-text-stroke-width:0px; text-align:justify">अंग्रेजों द्वारा किलेबन्दी से क्रुद्ध होकर नवाब ने कासिम बाजार व कलकत्ते में अपनी सेना भेजकर विजय प्राप्त की। अनेक अंग्रेजों को बन्दी भी बना लिया गया।</div>
  • 2 answers

Shrey Jha 4 years, 8 months ago

The Land is divided in how many parts not Akbarnama (Ain-i-Akbari ).

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

The ‘Ain-i-Akbari’ was written by Abul Fazal, the minister and one of the nine jewels of Akbar’s court. It is one of the most important source materials on the administration and culture during the reign of Akbar. It is divided into five volumes. The first volume deals with the family of the emperor. The second gives details about the imperial servants, the military and the civil apparatus. The third volume elaborates on the administrative structure of the Mughal empire. It lists out and explains all the regulations prescribed for the judicial and executive departments and divisions of the empire. The fourth volume delas with Hindu philosophy, social customs, literature and science. Lastly, the fifth book contains the wise saying uttered by Emperor Akbar. It also gives details about the ancestry and biography of the author of ‘Ain-i-Akbari’.

  • 2 answers

Shrey Jha 4 years, 8 months ago

Thanks bhai

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

(ए) 1832 तक, संथाल लोग दामिन-ए-कोह क्षेत्र में बस गए थे। संथाल बस्तियों का अब तेजी से विस्तार हुआ है। कृषि के लिए जंगलों को तेजी से साफ किया गया। खेती के विस्तार के रूप में कंपनी को अधिक राजस्व मिला।

(b) लेकिन संथाल धीरे-धीरे असंतुष्ट हो गए। उन्होंने पाया कि उन्हें उनका हक नहीं मिल रहा है और उनका शोषण किया जा रहा है। संप्रदाय उन पर भारी कर लगा रहा था।

(ग) साहूकारों ने उन पर उच्च ब्याज दर का आरोप लगाया और जब वे भुगतान करने में असमर्थ थे, तो उन्होंने अपनी जमीन पर कब्जा कर लिया।

(d) जमींदारों ने भी अपने क्षेत्र पर अपनी पकड़ बढ़ानी शुरू कर दी थी। इस प्रकार उन्होंने जमींदार, साहूकारों और राज्य के शोषण के खिलाफ विद्रोह किया।

(() विद्रोह के बाद, अंग्रेजों ने भागलपुर और बीरभूम जिलों से संथाल परगना बनाया। यह माना जाता था कि एक नए राज्य का निर्माण और उनकी सुरक्षा के लिए विशेष कानूनों को पारित करना संथालों को अपमानित करेगा

  • 4 answers

Shrey Jha 4 years, 8 months ago

According to Ain-i-Akbari land is divided in how many parts ? Write the names of any two.

Shrey Jha 4 years, 8 months ago

Not satisfied

Nisha Nisha 4 years, 8 months ago

Pls mujhe polscience ka ek question bta do

Nisha Nisha 4 years, 8 months ago

आइन-ए-अकबरी (अर्थ:अकबर के संस्थान), एक 16वीं शताब्दी का ब्यौरेवार ग्रन्थ है। इसकी रचना अकबर के ही एक नवरतन दरबारी अबुल फज़ल ने की थी। इसमें अकबर के दरबार, उसके प्रशासन के बारे में चर्चा की गई है।[1] इसके तीन ख्ण्ड हैं, जिनमें अंतिम खंड अकबरनामा (फ़ारसी: اکبر نامه), के नाम से है। ये खंड स्वयं तीन प्रखंडों में है।[2]
  • 1 answers

Yogita Ingle 4 years, 8 months ago

The kings claimed high status in ancient times by the following ways:—

1. Divine King- There were many rulers whose social origin were obscure, thus to raise their social status many like Kushanas began to portray themselves as divine. For example there is a statue of Kanishka in a temple and it is also displayed in te coins they produced. They also adopteped grandiose title like " Devaputra" or sons of god.

2. The rulers also tried to claimed higher status by deriving their revenuesfrom long distance trades. They just did not depend on agriculture but made ample use of the booming long distance trade to higher their status.

3. Some rulers like Guptas encircled themselves with the powerful samantas, the more powerful samantas were under the more higher status for the ruler. But samantas were also a kingmaker.

5. Other ways of claiming higher status were commisioning poet and other to write Prashastis about them, thus immortalising themselves through the words of poet.

myCBSEguide App

myCBSEguide

Trusted by 1 Crore+ Students

Test Generator

Test Generator

Create papers online. It's FREE.

CUET Mock Tests

CUET Mock Tests

75,000+ questions to practice only on myCBSEguide app

Download myCBSEguide App