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Ramlal Soren 3 years, 11 months ago

Adam switch

Yogita Ingle 3 years, 11 months ago

Deficient Demand A situation when the Aggregate Demand is less than the Aggregate Supply in an economy, corresponding to full employment in the economy, is termed as deficient demand.
Deficient demand —> AS > AD, corresponding to full employment condition.

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Yogita Ingle 3 years, 11 months ago

  • Money Flow- The Money flow refers to the flow of factor payments from firm to household for factor services. Similarly, the flow of consumption expenditure from household to firm for the purchase of goods and services manufactured by the firm.
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Yogita Ingle 3 years, 11 months ago

Aggregate Supply: Aggregate supply is the total amount of money value of goods and services, (which is paid to the factor of production against their factor services) that all the producers are willing to supply in an economy.

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Yogita Ingle 3 years, 11 months ago

The balance of payments of a country is a systematic record of all economic transactions between its residents and residents of the foreign countries during a given period of time.
Note: Economic transactions are the transactions which cause transfer of value. In the context of foreign transactions value is transferred by the residents of one country to the residents of other country. Example: when exports of goods or services are made by country A to country B, value (= export receipts) is transferred by country B to country A. Between the countries, value is transferred in terms of foreign exchange (i.e. payments are received and made in terms of foreign exchange).

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Gaurav Seth 4 years ago

Income Method By this method, the total sum of the factor payments received during a given period is estimated to obtain the value of Domestic Income. Depending on the way, the income is earned.
It can be classified into following components:
(i) Compensation of employees
(ii) Operating surplus (rent, profit and interest)
(iii) Mixed income of self-employed

Computation of National Income (By Income Method)

Value Added Method/Product Method/Output Method By this method, the total value of all the final goods and services produced in an economy during a given time period are estimated to obtain the value of domestic income.

Computation of National Income (By Value Added Method)

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Madhu Singh 3 years, 2 months ago

१)सरकारी बजट संतुलित बजट कहलाता हैं जब अनुमानित सरकारी प्राप्तियां अनुमानित सरकारी व्यय के बराबर हो २) यदि अनुमानित सरकार की प्राप्ति अनुमानित सरकारी व्यय से अधिक हो तब यह असंतुलित बजट कहलाता है

Anil Rathore 4 years ago

Pata nahi
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Madhu Singh 3 years, 2 months ago

यदि अनुमानित सरकारी प्राप्ति अनुमानित सरकारी से कम हो तो बजट घाटे का बजट माना जाता है
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Yogita Ingle 4 years ago

National Income = C + G + I + X + F – D

Where,

C denotes the Consumption

G denotes the Government expenditure

I denotes the Investments

X denotes the Net Exports (Exports minus Imports)

F denotes the National Resident’s Foreign Production

D denotes the Non-National Resident’s Domestic Production

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Nikil Jatav 4 years ago

It's rules of the central bank. Because comarcial bank can't be loan of all deposit. Which colled LRR LRR =CRR+SLL Answer in deteld on mycbseguide app notes or NCERT chapter 2 of macroeconomic
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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago

उत्पादन से तात्पर्य है कि वर्तमान समय में वस्तु का मौजूद होना विद्यमान रहना या किसी वस्तु को समायोजित करके बनाना उत्पादन कहलाता है यह उत्पाद भी कहलाता है।

उपभोग से आशय यह है वस्तु का उपयोग (इस्तेमाल )करने के बाद विद्यमान नहीं होना या समाप्त हो जाना उपभोग कहलाता है या भविष्य में नष्ट हो जाना या रूप परिवर्तित हो जाना वह भी उपभोग कहलाता है उपभोग को अनेक प्रकार से समझाया जा सकता है समझा जा सकता है ।

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Prince Purushottam 4 years, 1 month ago

Oye... Faltu
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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago

पूर्ण रोजगार संतुलन (full employment equilibrium )

इससे अभिप्राय अर्थव्यवस्था की उस स्थिति से है जब संसाधनो के पूर्ण उपयोग के साथ AS = AD (अथवा s = I) होता है अतः अत्ढ़ व्यवस्था में कोई अतिरिक्त क्षमता या बेरोजगारी नही होती I

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Raosaheb Shelke 4 years, 1 month ago

Real (वास्तविक )जीडीपी =1) स्थिर कीमतों पर निर्धारित की जाती है 2)किमत स्थिर रहती है और मात्रा (quantity )me vraddhi hoti hai. 3)यह आर्थिक कल्याण की एक सूचक है Nominal(मौद्रिक )जीडीपी = 1)chaloo kimto par nirdharit hoti hai. 2)quantity sthir rahti hai aur prize me change hota hai.. 3)आर्थिक kalyan ka सूचक nhi hai kyoki prize me chane hone se hm kh nhi sakte ki kalyan huaa.... ?
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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago

भारतीय रिज़र्व बैंक मुद्रा की पूर्ति के वैकल्पिक मापों को चार रूपों में प्रकाशित करता है, नामत: M1, M2, M3 और M4 ।
ये सभी निम्नलिखित तरह से परिभाषित किये जाते हैं:
            M1 = C + DD + OD
            M2 = M1 + डाकघर बचत बैंकों में बचत जमाएँ 
            M3 = M1 + व्यावसायिक बैंकों की निवल आवधिक जमाएँ
            M4 = M3 + डाकघर बचत संस्थाओं में कुल जमाएँ 
जहाँ ,
           C = जनता के पास करेंसी 
          DD = माँग जमाएँ 
          OD = रिज़र्व बैंक के पास अन्य जमाएँ 
M1 and M2 संकुचित मुद्रा (Narrow Money) कहलाती है। M3 और M4 को व्यापक मुद्रा (Broad Money) कहते हैं।
M1 संव्यवहार के लिए सबसे तरल और आसान है, जबकि M4 इनमें सबसे कम तरल है।

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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago

उत्तर:
जब समग्र पूर्ति, समग्र माँग से अपेक्षाकृत अधिक होती है तो इसे न्यून माँग कहते हैं। ऐसी स्थिति में उत्पादक उत्पादन में कमी करता है। माँग कम होने पर वह उत्पादित माल को बेच नहीं पाता है। अत: उसके पास तैयार माल स्टॉक के रूप में जमा होता जाता है तथा कीमत कम होने लगती है।

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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago

साख निर्माण: साख सृजन व्यावसायिक बैंकों का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है। साख के एक पक्ष को दूसरे पक्ष द्वारा एक निश्चित व्याज की दर पर वित्त उपलब्ध कराने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। साख मौद्रिक एवं व्यावसायिक प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

साख सृजन प्रक्रिया:व्यावसायिक बैंकों में जमाकर्ताओं का चालू खाता होता है तथा वे चैकों के द्वारा अपने दायित्वों को वहन करते हैं। इन बैंकों के पास माँग जमा के विस्तार एवं संकुचन की शक्ति होती है। इन शक्तियों को साख सृजन अथवा साख संकुचन कहते हैं। जब कभी बैंक ऋण देता है, यह जमा का सृजन करता है। व्यावसायिक बैंक अपने ऋण तथा निवेश को कई गुणा करने में सक्षम होते हैं तथा इस प्रकार जमाओं को कई गुणा कर देते हैं। नकद की छोटी सी मात्रा ऋण तथा अग्रिम की गुणाओं द्वारा जमाओं को कई गुणा बढ़ाते हैं। इस प्रकार, व्यावसायिक बैंक साख का सृजन करते हैं।

 

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Aabida Samreen 3 years, 10 months ago

Compensation of employees

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