Ask questions which are clear, concise and easy to understand.
Ask QuestionPosted by Anjali Trivedi 4 years, 4 months ago
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Posted by Khushboo Kumari 4 years, 5 months ago
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Posted by Khushboo Kumari 4 years, 5 months ago
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Posted by Diksha Thavre 4 years, 5 months ago
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Posted by Sher Sing Gabru 4 years, 5 months ago
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Posted by Muskan Rai 4 years, 5 months ago
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Posted by Ronak Siddique 4 years, 5 months ago
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Posted by Ronak Siddique 4 years, 5 months ago
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Posted by Mohd Anas 4 years, 5 months ago
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Posted by Sunita Rani 4 years, 5 months ago
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R. D. 4 years, 5 months ago
Gaurav Seth 4 years, 5 months ago
जीवन की बुनियादी आर्थिक गतिविधियाँ वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन, वितरण और वितरण हैं। एक समाज को इन गतिविधियों की पूर्ति के दौरान संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ेगा।
जैसा कि सीमित संसाधनों की उपलब्धता के कारण इस तरह की कमी स्पष्ट है, और मानवीय आवश्यकताओं की कोई सीमा नहीं है। इसलिए, आपूर्ति और मांग के बीच यह भिन्नता एक अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याओं के गठन की ओर ले जाती है।
अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याएं इन कारकों के इर्द-गिर्द घूमती हैं।
क्या उत्पादन करना है?
उत्पादन कैसे करें?
किसके लिए उत्पादन करें?
आइए इन बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करें।
1. क्या उत्पादन करने के लिए?
यह एक अर्थव्यवस्था में उत्पन्न होने वाली केंद्रीय समस्याओं में से एक है। यह उन वस्तुओं और सेवाओं के प्रकार से संबंधित है जिनका उत्पादन और उत्पादन की जाने वाली मात्रा की आवश्यकता होती है।
चूंकि संसाधन सीमित मात्रा में हैं, एक का अधिक उत्पादन करने से दूसरे का उत्पादन कम होगा।
2. उत्पादन कैसे करें?
यह पहलू उस प्रक्रिया या तकनीक से संबंधित है जिसके द्वारा वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन किया जा सकता है। आम तौर पर, ऐसी दो तकनीकें हैं जिनका उपयोग उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जो हैं:
श्रम गहन तकनीक
राजधानी गहन तकनीक
उत्पादन के लिए तकनीक का चुनाव उस राष्ट्र में संसाधन की उपलब्धता पर निर्भर करता है, और इसलिए संसाधन आवंटन एक चुनौती बन जाता है।
3. किसके लिए उत्पादन करें?
यह समस्या उन लोगों को निर्धारित करने से संबंधित है जो उत्पादित वस्तुओं के अंतिम उपभोक्ता होंगे। चूंकि अर्थव्यवस्था में संसाधन दुर्लभ हैं, इसलिए समाज के सभी वर्गों को पूरा करना मुश्किल हो जाता है।
यह एक अर्थव्यवस्था में पसंद की समस्या के निर्माण की ओर जाता है एक अच्छा जो एक वर्ग के बीच की मांग में हो सकता है, समाज के दूसरे वर्ग के लिए मांग में नहीं हो सकता है।
आबादी के बीच आय वितरण में अंतर के कारण ऐसी स्थिति पैदा होती है, जो खरीद व्यवहार में बदलाव का कारण बनती है।
Posted by Sunita Rani 4 years, 5 months ago
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Posted by Sonu Pal 4 years, 5 months ago
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Posted by Hum- 1151 Arti Chimankar 4 years, 5 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 5 months ago
आँकड़ों में किसी घटना की आवृत्ति संख्या होती है। किसी प्रयोग या अध्ययन में अवलोकन का समय दर्ज / दर्ज किया गया। इन आवृत्तियों को अक्सर हिस्टोग्राम में चित्रमय रूप से दर्शाया जाता है।
In statistics the frequency of an event is the number of times the observation occurred/recorded in an experiment or study. These frequencies are often graphically represented in histograms.
Posted by Meenu Meenu 4 years, 5 months ago
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Posted by Shraddha Makwana 4 years, 5 months ago
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Posted by Shubham Sharma 4 years, 5 months ago
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Posted by Karishma Gedam 4 years, 5 months ago
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Posted by Karishma Gedam 4 years, 5 months ago
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Yogita Ingle 4 years, 5 months ago
आदर्श माध्य की विशेषताएँ :
- यह सुस्पष्ट परिभाषित होना चाहिए :
माध्य को स्पष्टतः परिभाषित होना चाहिए जिससे कि उसका केवल एक ही अर्थ लगाया जा सके। - यह समझने में सरल तथा गणना करने में आसान होना चाहिए :
माध्य ऐसा होना चाहिए कि वह समझने में सरल तथा गणना करने में आसान हो। - यह सभी मूल्यों पर आधारित होना चाहिए :
अच्छे माध्य को श्रेणी के सभी मूल्यों पर आधारित होना चाहिए।: इसके बिना माध्य समंक श्रेणी का सही प्रतिनिधि नहीं बन सकेगा। - यह चरम मूल्यों (अधिकतम/न्यूनतम) से कम प्रभावित होना चाहिए :
किसी भी समंक श्रेणी अत्यधिक छोटे व अत्यधिक बड़े मूल्यों का माध्य पर प्रभाव न्यूनतम होना चाहिए। - यह अन्य बीजगणितीय विवेचन में आसान होना चाहिए :
एक अच्छे सांख्यिकीय माध्य में कुछ ऐसी गणितीय विशेषताएँ होनी चाहिए कि उससे आगे बीजगणितीय विवेचन संभव हो सके। जैसे यदि हमें कुछ समूहों के मध्य मूल्य और आवृत्ति ज्ञात है तो उनसे उन समूहों का सामूहिक माध्य ज्ञात किया जा सकता है।
Posted by Karishma Gedam 4 years, 5 months ago
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Posted by Karishma Gedam 4 years, 5 months ago
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Posted by Karishma Gedam 4 years, 5 months ago
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Yogita Ingle 4 years, 5 months ago
बहुलक के दो गुण
- यह अति सीमान्त पदों से प्रभावित नहीं होता।
- कभी-कभी एक समूह में दो-या-दो से अधिक बहुलके भी हो सकते हैं।
बहुलक के दो दोष
- सभी पदों पर आधारित न होने के कारण इसका बीजीय विवेचन सम्भव नहीं है।
- कभी-कभी एक समूह में दो-या-दो से अधिक बहुलक भी हो सकते हैं।
Posted by Umabharti Maskole 4 years, 5 months ago
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Posted by Payal Sisodiya 4 years, 5 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 5 months ago
The correlation coefficient is a statistical measure of the strength of the relationship between the relative movements of two variables. The values range between -1.0 and 1.0. A calculated number greater than 1.0 or less than -1.0 means that there was an error in the correlation measurement.
Posted by Lalita Narang 4 years, 5 months ago
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Posted by Amit Pandey 4 years, 5 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 5 months ago
उपभोग, उत्पादन एवं वितरण ये तीन अर्थशास्त्र के मुख्य घटक हैं
उपभोग (consumption) : उपभोग एक क्रिया है जिसके अंतर्गत हम अपनी आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं के उपयोगिता मूल्य का प्रयोग करते है |
जैसे -
वस्तुओं का उपभोग (The consumption of Articles) : भोजन लेना, चाय पीना, दूध पीना, कपडे पहना, जूते पहनना, कार चलाना, पुस्तकें पढ़ना आदि वस्तुओं का उपभोग है |
सेवाओं का उपभोग (The consumption of services): डॉक्टर से ईलाज करवाना, दरजी से कपडे सिलवाना, मोची से जूते पॉलिश करवाना, शिक्षक से शिक्षा लेना, वकील से केस लड़वाना आदि सेवाओं का उपभोग है |
उत्पादन (Production) : वह प्रक्रिया जिसके द्वारा कच्चे माल को उपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित कर उपभोग लायक बनाया जाता है ताकि वस्तु की उपयोगिता तथा सेवाओं में वृद्धि की जा सके, उत्पादन कहलाता है |
जैसे- गेंहु एवं चीनी जैसे कच्चे माल के उपयोग से बिस्कुट बनना एक उत्पादन क्रिया है | मेडिकल कॉलेज द्वारा छात्रों को डॉक्टर बनाना, लॉ कॉलेज द्वारा छात्रों को वकील बनाना आदि सेवा क्षेत्र में उत्पादन के उदाहरण हैं |
वितरण (Distribution): वितरण एक क्रिया है जिसमें उत्पादन के कारकों जैसे - भूमि, श्रम, पूँजी एवं उद्यम के बीच आय का सही प्रकार से वितरण, ताकि अधिक से अधिक लाभ अर्जित किया जा सके | यह एक अध्ययन का विषय है जिसे वितरण का सिद्धांत कहा जाता है |
Posted by Ranjeet Pathak 4 years, 5 months ago
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Posted by Rozy Kuamri 4 years, 6 months ago
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Posted by Komal Singh 4 years, 6 months ago
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Posted by Arun Singh Rajput 4 years, 6 months ago
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Pk Singh 4 years, 4 months ago
6Thank You