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  • 1 answers

Gaurav Seth 5 years, 3 months ago

संदेश लेखन का प्रारूप (Format for Message Writing)

 (1) औपचारिक संदेश लेखन का प्रारूप (Format For Formal Message Writing)

                            संदेश

दिनांक : …….                          समय : ……

संबोधन ………

विषय (जिस विषय हेतु सन्देश दे रहे हैं )………………………………………..

………………………………………………………………………………………………

…………………………………..

अपना नाम 

(2)   अनौपचारिक संदेश लेखन का प्रारूप (Format For Informal Message Writing)

                           संदेश

दिनांक : …….                          समय : ……

विषय (जिस विषय हेतु सन्देश दे रहे हैं , वो लिखें )

…………………………………………………………….

…………………………………………………………….

और अपना  नाम 

संदेश लेखन के कुछ उदाहरण 

अनौपचारिक संदेश व औपचारिक संदेश लेखन के कुछ उदाहरण (Example of Formal and Informal Message Writing)

उदाहरण – 1 

गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर देशवासियों के लिए एक संदेश लिखें। 

  • 5 answers

Ayushi Singh 5 years, 2 months ago

Ant sai Kar rahi hai

Nitin Kumar 5 years, 2 months ago

Hamen kya pata

Yashika Garg 5 years, 3 months ago

Hi

Vicky Kumar 5 years, 3 months ago

तुलना उन चींटियों के साथ की है जो गुड़ की तरह श्री कृष्ण की भक्ति पर उससे चिपक जाती है और फिर स्वयं को छुड़ा नहीं पाने के कारण वहीं अपने प्राण त्याग देती है| गोपियों ने अपने आप को हारिल पक्षी और श्रीकृष्ण को लकड़ी बताया है| जिस प्रकार वह पक्षी अपने पंजे में लकड़ी या तिनका को पकड़े रखता है ओ उसे कभी नहीं छोड़ता है| उसी प्रकार गोपियों ने भी अपना तन , मन , कर्म , वचन सब कृष्ण के हृदय में बसा लिए है| वह हर समय कृष्ण की भक्ति में लगी रहती है |

Good Student 5 years, 3 months ago

गुड़ मे लिपटी चिटियों से
  • 3 answers

Ayushi Singh 5 years, 2 months ago

Jinka man chanchal hai

Manyata Pathak 5 years, 3 months ago

गोपियों ने योग के संदेश का महत्व उनके लिए उचित बताया है जिनकी इन्द्रियाँ व मन उनके बस मे नहीं होते।जिनका मन चँचल हो और इधर उधर भटकता हो

Khushi Saha 5 years, 3 months ago

Jinka Mann chakri ke Saman gumta rehta h
  • 3 answers

Ayushi Singh 5 years, 2 months ago

Sri Krishna

Yogita Ingle 5 years, 3 months ago

गोपियां श्रीकृष्ण को गुहार लगाना चाहती थीं जिन के प्रेम के प्रति उन्हें अपार विश्वास था। उन्हें लगता था कि श्रीकृष्ण ने उद्धव के माध्यम से निर्गुण ब्रह्म संबंधी संदेश भिजवा कर उन के प्रेम को धोखा दिया था।

Vicky Kumar 5 years, 3 months ago

गोपयाँ नकस से गुहार लगाना चाहती थी|
  • 2 answers

Yogita Ingle 5 years, 3 months ago

गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते से की है जो नदी के जल में रहते हुए भी जल की ऊपरी सतह पर ही रहता है। अर्थात् जल का प्रभाव उस पर नहीं पड़ता। श्री कृष्ण का सानिध्य पाकर भी वह श्री कृष्ण के प्रभाव से मुक्त हैं।

Khushi Saha 5 years, 3 months ago

Kamal ki Patti aur tel me dubi hui gagri se
  • 3 answers

Ayushi Singh 5 years, 2 months ago

Krishna

Yogita Ingle 5 years, 3 months ago

गोपियों के हृदय में श्रीकृष्ण के प्रति अगाध प्रेम था। उन्हें तो सिवाय श्रीकृष्ण के और कुछ सूझता ही नहीं था। वे तो उनकी रूप माधुरी में इस प्रकार उलझी हुई थीं जिस प्रकार चींटी गुड पर आसक्त होती है। जब एक बार चींटी गुड से चिपट जाती है तो फिर वहाँ से कभी भी छूट नहीं पाती। वे उसके लगाव में अपना जीवन वहीं लाग देती हैं। गोपियों को तो ऐसा प्रतीत होता था कि उनका मन श्रीकृष्ण के साथ ही मथुरा चला गया था। वे तो हारिल पक्षी के तिनके के समान मन वचन और कर्म से उनसे जुड़ी हुई थीं। उनकी प्रेम की अनन्यता ऐसी थी कि रात-दिन, सोते-जागते वे उन्हें ही याद करती रहती थीं।

Nisha???????? Bharti 5 years, 3 months ago

Krishna ke prati
  • 3 answers

Ayushi Singh 5 years, 2 months ago

Shiv Kai dhanus Kai tutne par

Yogita Ingle 5 years, 3 months ago

सीता स्वयंवर के समय शिवजी के धनुष को श्री राम ने तोड़ दिया था जिस कारण परशुराम क्रोध से भर उठे थे। उनके क्रोध को शाँत करने के लिए राम ने उनसे बिना किसी हर्ष या विषाद के कहा था कि हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला कोई उन का ही दास होगा। यदि वे कोई आज्ञा देना चाहते थे तो उन्हें आदेश करें। उनकी वाणी में सहजता थी, मिठास थी। वे किसी भी प्रकार से परशुराम के गुस्से को बढ़ाने वाली वाणी नहीं बोले थे।

Khushi Saha 5 years, 3 months ago

Shiv Ji ke dhanush tutne par
  • 1 answers

Gaurav Seth 5 years, 3 months ago

                                        पुस्तकालय की स्थापना (विज्ञापन)

खुशखबरी शिमला वासियों आपके शहर में खुल गया है पुस्तकालय जिस में  सभी प्रकार की सुविधाएँ है |  बच्चों से लेकर सभी वर्ग के आयु के लोगों के लिए इस पुस्तकालय की  स्थापना की गई है |

आप सब यहाँ आ कर पढ़ाई कर सकते है , अख़बार पढ़ सकते , सभी विषयों की पुस्तकें पढ़ सकते है |  आइए और पुस्तकालय का लाभ लीजिए |

समय :

सुबह 9 बजे सी 6 बजे तक |

 

  • 1 answers

Gaurav Seth 5 years, 3 months ago

   पुस्तकालय की स्थापना (विज्ञापन)

खुशखबरी शिमला वासियों आपके शहर में खुल गया है पुस्तकालय जिस में  सभी प्रकार की सुविधाएँ है |  बच्चों से लेकर सभी वर्ग के आयु के लोगों के लिए इस पुस्तकालय की  स्थापना की गई है |

आप सब यहाँ आ कर पढ़ाई कर सकते है , अख़बार पढ़ सकते , सभी विषयों की पुस्तकें पढ़ सकते है |  आइए और पुस्तकालय का लाभ लीजिए |

समय :

सुबह 9 बजे सी 6 बजे तक |

  • 1 answers

Gaurav Seth 5 years, 3 months ago

पुस्तक प्रेमियों के लिये खुश खबरी। आ रही है आपके शहर में भी पुस्तक प्रदर्शिनी जहाँ आप पा सकेंगे देश और विदेश के प्रख्यात लेखकों की पुस्तकें आकर्षक छूट के साथ। इतना ही नहीं प्रतिदिन अनेक प्रतियोगिताएँ भी होंगी जहाँ आप जीत सकते हैं मुफ़्त पुस्तकें और लेखकों से रूबरू होने के अवसर। आकर्षक स्टालों और रँगबिरँगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी पुस्तक प्रदर्शनी शुरू हो रही है 1 जुलाई से सिटी सेंटर मैदान में।

  • 1 answers

Anupama ?? 5 years, 3 months ago

Phele aap us mobile phone ka picture draw karo phir uspar kuch uske quality likh do, man kare to uska rate likh do,fir aap uspe ek achha sa title likh do jaise sab propaganda ke liye likhte h na mtlb pehle istemal kare phir...... aisa he kuch. And all here's your chart is ready.
  • 2 answers

Ayushi Singh 5 years, 2 months ago

Angery

Yogita Ingle 5 years, 3 months ago

विश्व भर में परशुराम अपने क्रोध और ब्रह्मचर्य के कारण प्रसिद्ध था। वह क्षत्रिय वंश को अपना शत्रु मानता था और उसे नष्ट करने की इच्छा के कारण विख्यात था।

  • 1 answers

Yogita Ingle 5 years, 3 months ago

लक्ष्मण ने कहा कि राम ने तो धनुष को नया जानकर परखा था, परन्तु वह तो राम के छूते ही टूट गया।

  • 1 answers

Anamika Chandel 5 years, 3 months ago

परशुराम को नाथ कहकर श्रीराम ने अपनी बात कही थी।

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