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Ambika Ambika 4 years, 10 months ago

परीक्षा भवन नई दिल्ली दिनांक :15 October 2020 प्रिय मित्र सानिया (aap ko apne dosth ko naam lekhna hai) --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ------------------------------------------------------------------------------------------- . तुम्हारा मित्र Ambika ( yaha per aapko apna naam lekhna hai)

Kumari Priti 4 years, 11 months ago

Haato se
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Gaurav Seth 4 years, 11 months ago

उत्तर: जब लेखक अपनी सीट पर बैठा तो नवाब साहब उनसे नजरें मिलाने से बच रहे थे। नवाब साहब खिड़की के बाहर देख रहे थे। इन हाव भावों से पता चलता है कि नवाब साहब लेखक से बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं थे।

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Anshu . 4 years, 11 months ago

The poet of this poem is Suryakant tripathi (Nirala)
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Jitendra Gehlot 4 years, 10 months ago

Aabla means kamjor (weak)

Good Student 4 years, 11 months ago

कमजोर
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Dilraj Kâlêsh 4 years, 11 months ago

Thanks?

Yogita Ingle 4 years, 11 months ago

व्यक्ति अपने पर्यावरण में निवास करता है । वह अपने पर्यावरण का एक हिस्सा होता है । पर्यावरण में होने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों स वह बहुत प्रभावित होता है । इसलिए जरूरी है कि हमारा पर्यावरण साफ़- सुथरा रहे । पर्यावरण में किसी प्रकार का असंतुलन न उत्पन्न हो जाए । दुर्भाग्यवश कर्ड कारणों से वर्तमान समय में हमारे पर्यावरण में असंतुलन आ गया है । जल, वायु, मिट्‌टी, वन जैसे प्राकृतिक तत्व प्रदूषित हो रहे हैं । इसका परिणाम है – जलवायु में परिवर्तन, जैव विविधता के लिए संकट, बाढ़, सूखा और स्वास्थ्य संबंधी अनेकानक समस्याएं । अत: हमें अपनी गतिविधियों को नियंत्रित करना होगा जो पर्यावरण को तरह-तरह से बिगाड़ रहे हैं । हमें अपने चारों ओर की आबोहवा को शुद्ध रखना हागा हमें जल और वायु की शुद्धता बनाए रखने के प्रयास करने होंगे । वनों को नष्ट होने से रोकना होगा तथा वन्य जीवन के संरक्षण के प्रयास करने होंगे । अपने पर्यावरण का सही दशा में बनाए रखना प्रत्येक नागरिक का परम कर्त्तव्य है ।

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Jitendra Gehlot 4 years, 10 months ago

Laxman

Dilraj Kâlêsh 4 years, 11 months ago

Lakshman

Anshika Mishra 4 years, 11 months ago

लक्ष्मण
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: (ᵔᴥᵔ) ???? (ᵔᴥᵔ) 4 years, 11 months ago

Andaman - nicobar ki katha he

Kamlesh Choudhary 4 years, 11 months ago

तंतारा धामों कहां की कथा है
  • 4 answers

Kamlesh Choudhary 4 years, 11 months ago

तोताराम वामो कहा कि कथा है

Kamlesh Choudhary 4 years, 11 months ago

तन तारा बाबू कहां की कथाएं

Kamlesh Choudhary 4 years, 11 months ago

तंतारा कहा कथा है

Kamlesh Choudhary 4 years, 11 months ago

कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके साथ कारण हैं
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Muskan Shekhawat 4 years, 11 months ago

Okay

Abhay Singh 4 years, 11 months ago

No

Muskan Shekhawat 4 years, 11 months ago

Please tell me

Muskan Shekhawat 4 years, 11 months ago

?
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Gaurav Seth 4 years, 11 months ago

तुलसी दास हिंदी के श्रेष्ठतम भक्त कवियों में से एक है जिन्होंने गंभीरतम दार्शनिक काव्य लिखने के साथ-साथ व्यंग्य का अनूठा सौंदर्य भी प्रस्तुत किया है। इस प्रसंग में लक्ष्मण ने मुनि परशुराम की करनी और कथनी पर कटाक्ष करते हुए व्यंग्य की सहज-सुंदर अभिव्यक्ति की है। लक्ष्मण ने शिवजी के धनुष को धनुही कह कर परशुराम के अहं को चुनौती दी थी। उन्होंने व्यंग्य भरी वाणी में कहा था-

(i) बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी।
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू।।

(ii) इहां कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मारि जाहीं।।
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।

लक्ष्मण ने व्यंग्य करते हुए परशुराम से कहा था कि उन्हें जो चाहे कह देना चाहिए। क्रोध रोक कर असहय दुःख नहीं सहना चाहिए। परशुराम तो मानो काल को हाँक लगा कर बार-बार बुलाते थे। भला इस संसार में कौन ऐसा था जा उनके शील को नहीं जानता था। वे तो संसार में प्रसिद थे। वे अपने माता-पिता के ऋण से मुक्ता हो चुके थे तो उन्हें अपने गुरु के ऋण से भी मुक्त हो जाना चाहिए था।

सो जनु हमरेहि माथें काढ़ा। दिन चलि गये ब्याज बड़ बाढ़ा।
अब आनिअ ब्यवहरिआ बोली। तुरत देउँ मैं थैली खोली।।

वास्तव मे लक्ष्मण ने परशुराम के स्वभाव और उनके कथन के ढंग पर व्यंग्य कर अनूठे सौंदर्य की प्रस्तुति की ।

Mrinalini Pandey 4 years, 11 months ago

अध्याय 2 राम लक्ष्मण परशुराम संवाद....... क्षितिज से

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