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Ask questions which are clear, concise and easy to understand.

Ask Question
  • 2 answers

Avtar Singh Avtar Singh S 4 years, 9 months ago

January 1919

Shwetha Pandey 4 years, 10 months ago

March 1919
  • 1 answers

Yogita Ingle 4 years, 10 months ago

  • The development goal differs in each individual. The phrase means that each person defines development in his/her own way. The steps which shift them to success are considered as development by them.
  • Development of one leads to the destruction of others. For example, if the government finds that in a farm of the rural village huge amount of methane is found in depth, for the development of country it will try to take over it. But this may not be accepted by the village people as they feel that it will destroy their development in farming and agriculture
  • 2 answers

Alok Jha😊😁 4 years, 9 months ago

Jab kendriya sarkar or rajya sarkar se satta chinn kar prantiya sarkar ko de dete hai to isko satta ka vikendrikaran kahte Hain.

Mohammad Monish 4 years, 10 months ago

Two
  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

जब सत्ता केंद्र और राज्य सरकारों से छीन ली जाती है, और स्थानीय सरकारों को दी जाती है, तो इसे विकेंद्रीकरण कहा जाता है।
(i) विकेंद्रीकरण के पीछे मूल विचार यह है कि बड़ी संख्या में समस्याएं और मुद्दे हैं जो स्थानीय स्तर पर सबसे अच्छे ढंग से सुलझाए जाते हैं। लोगों को अपने इलाकों में समस्याओं का बेहतर ज्ञान है। उनके पास बेहतर विचार भी हैं कि पैसा कहाँ खर्च करना है, और चीजों को अधिक कुशलता से कैसे प्रबंधित करना है।
(ii) स्थानीय स्तर पर, लोगों के लिए निर्णय लेने, बनाने में सीधे भाग लेना संभव है। यह लोकतांत्रिक भागीदारी की आदत को विकसित करने में मदद करता है। मूल रूप से स्थानीय सरकार लोकतंत्र के एक महत्वपूर्ण सिद्धांत को महसूस करने का सबसे अच्छा तरीका है, अर्थात् स्थानीय स्व-सरकार।

  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 10 months ago

मृदा का वर्गीकरण:

बनावट, रंग, उम्र, रासायनिक गुण, आदि के आधार पर मृदा के कई प्रकार होते हैं। भारत में पाई जाने वाली मृदा के प्रकार निम्नलिखित हैं:

जलोढ़ मृदा

उपलब्धता: जलोढ़ मृदा नदियों या नदियों द्वारा बनाए गये मैदानों में पाई जाती है। जलोढ़ मृदा की आयु कम होती है। भारत में यह मृदा पूर्व और उत्तर के मैदानों में पाई जाती है। इन क्षेत्रों में गंगा, यमुना और ब्रह्मपुत्र नाम की नदियाँ बहती हैं। जलोढ़ मृदा का संचयन नदियों के तंत्र द्वारा होता है। जलोढ़ मृदा पूरे उत्तरी मैदान में पाई जाती है। यह मृदा महानदी कृष्णा, गोदावरी और कावेरी के निकट के तटीय मैदानों में भी पाई जाती है।

गुण: जलोढ़ मृदा में सिल्ट, रेत और मृत्तिका विभिन्न अनुपातों में पाई जाती है। जब हम नदी के मुहाने से ऊपर घाटी की ओर बढ़ते हैं तो जलोढ़ मृदा के कणों का आकार बढ़ता जाता है। जलोढ़ मृदा बहुत उपजाऊ होती है। इसलिए उत्तर के मैदान में घनी आबादी बसती है।

कणों के आकार के अलावा, मृदा को हम आयु के हिसाब से भी कई प्रकारों में बाँट सकते हैं। पुरानी जलोढ़ मृदा को बांगर कहते हैं और नई जलोढ़ मृदा को खादर कहते हैं। बांगर के कण छोटे आकार के होते हैं जबकि खादर के कण बड़े आकार के होते हैं।

जलोढ़ मृदा में पोटाश, फॉस्फोरिक एसिड और चूना की प्रचुरता होती है। इसलिये यह मृदा गन्ने, धान, गेहूँ, मक्का और दाल की फसल के लिए बहुत उपयुक्त होती है।

काली मृदा

उपलब्धता: काली मृदा का नाम इसके काले रंग के कारण पड़ा है। इसे रेगर मृदा भी कहते हैं। काली मृदा दक्कन पठार के उत्तर पश्चिमी भाग में पाई जाती है। यह महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, मालवा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठारों में तथा कृष्णा और गोदावरी की घाटियों में पाई जाती है।

गुण: काली मृदा में सूक्ष्म कणों की प्रचुरता होती है। इसलिए इस मृदा में नमी को लम्बे समय तक रोकने की क्षमता होती है। इस मृदा में कैल्सियम, पोटाशियम, मैग्नीशियम और चूना होता है। काली मृदा कपास की खेती के लिए बहुत उपयुक्त होती है। इस मृदा में कई अन्य फसल भी उगाये जा सकते हैं।

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लाल और पीली मृदा

रवे आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों में लोहे की उपस्थिति के कारण इस मृदा का रंग लाल होता है। जब लोहे का जलयोजन हो जाता है तो इस मृदा का रंग पीला होता है। यह मृदा दक्कन पठार के पूर्वी और दक्षिणी भागों में पाई जाती है। यह मृदा उड़ीसा, छत्तीसगढ़, गंगा के मैदान के दक्षिणी भागों में तथा पश्चिमी घाट के पिडमॉन्ट जोन में भी पाई जाती है।

लैटराइट मृदा

लैटराइट मृदा का निर्माण उन क्षेत्रों में होता है जहाँ उच्च तापमान के साथ भारी वर्षा होती है। भारी वर्षा से निच्छालन होता है और जीवाणु मर जाते हैं। इस कारण से लैटराइट मृदा में ह्यूमस न के बराबर होती है या बिलकुल भी नहीं होती है। यह मृदा मुख्य रूप से केरल, कर्णाटक, तमिल नाडु, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तथा असम के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है। इस मृदा को खाद के भरपूर प्रयोग से खेती के लायक बनाया जा सकता है।

मरुस्थली मृदा

यह मृदा उन स्थानों में पाई जाती है जहाँ अल्प वर्षा होती है। इन क्षेत्रों में अधिक तापमान के कारण वाष्पीकरण तेजी से होता है। इस मृदा में लवण की मात्रा अत्यधिक होती है। इस मृदा को समुचित उपचार के बाद खेती के लायक बनाया जा सकता है। मरुस्थली मृदा राजस्थान और गुजरात में पाई जाती है।

वन मृदा

वन मृदा पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है। ऊपरी ढ़लानों पर यह मृदा अत्यधिक अम्लीय होती है। लेकिन निचले भागों में यह मृदा काफी उपजाऊ होती है।

  • 2 answers

Yogita Ingle 4 years, 10 months ago

जन्म के समय संभावित आयु: एक औसत वयस्क अधिकतम जितनी उम्र तक जीता है उसे संभावित आयु कहते हैं। सन 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में पुरुषों की संभावित आयु 67 साल है और महिलाओं की संभावित आयु 72 साल है। इससे देश में व्याप्त जीवन स्तर का पता चलता है। यदि किसी देश में मूलभूत सुविधाएँ बेहतर होंगी, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ होंगी और लोगों की आय अच्छी होती तो वहाँ संभावित आयु भी अधिक होगी। दूसरे शब्दों में वहाँ एक औसत वयस्क लंबी जिंदगी जिएगा।

साक्षरता दर: 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में साक्षरता दर 74% है। शिक्षा का विकास में योगदान महत्वपूर्ण होता है। शिक्षा से बेहतर मानव संसाधन तैयार होता है। एक बेहतर मानव संसाधन देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। व्यक्तिगत तौर पर भी शिक्षा किसी के लिये अनेकों अवसर खोल देती है। यदि कोई लड़का आईआईटी या एम्स में प्रवेश पा लेता है तो केवल उसका ही नहीं बल्कि उसके परिवार का भविष्य भी उज्ज्वल हो जाता है।

Gaurav Seth 4 years, 10 months ago

विकास के लक्ष्य:

जन्म के समय संभावित आयु: एक औसत वयस्क अधिकतम जितनी उम्र तक जीता है उसे संभावित आयु कहते हैं। सन 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में पुरुषों की संभावित आयु 67 साल है और महिलाओं की संभावित आयु 72 साल है। इससे देश में व्याप्त जीवन स्तर का पता चलता है। यदि किसी देश में मूलभूत सुविधाएँ बेहतर होंगी, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ होंगी और लोगों की आय अच्छी होती तो वहाँ संभावित आयु भी अधिक होगी। दूसरे शब्दों में वहाँ एक औसत वयस्क लंबी जिंदगी जिएगा।

साक्षरता दर: 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में साक्षरता दर 74% है। शिक्षा का विकास में योगदान महत्वपूर्ण होता है। शिक्षा से बेहतर मानव संसाधन तैयार होता है। एक बेहतर मानव संसाधन देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। व्यक्तिगत तौर पर भी शिक्षा किसी के लिये अनेकों अवसर खोल देती है। यदि कोई लड़का आईआईटी या एम्स में प्रवेश पा लेता है तो केवल उसका ही नहीं बल्कि उसके परिवार का भविष्य भी उज्ज्वल हो जाता है।

  • 2 answers

Yogita Ingle 4 years, 10 months ago

  1. फसल चक्र का उपयोग करना चाहिये। 
  2. प्रत्येक स्थान पर वृक्षारोपण करना चाहिये। 
  3. मिट्टी के रासायनिक परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जायें। 
  4. वृक्षों की कटाई एवं अनियंत्रित पशुचारण पर रोक लगाई जायें। 
  5. तटबांध का निर्माण किया जाना चाहिये। 
  6. भूमि के ढ़ालों पर समोच्चरेखीय जुताई की जानी चाहिये। 
  7. उर्वरकों एवं खाद का समुचित प्रयोग किया जाना चाहियें।

Gaurav Seth 4 years, 10 months ago

मृदा अपरदन और संरक्षण

मृदा के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहते हैं। मृदा अपरदन के मुख्य कारण हैं; वनोन्मूलन, सघन कृषि, अति पशुचारण, भवन निर्माण और अन्य मानव क्रियाएँ। मृदा अपरदन से मरुस्थल बनने का खतरा रहता है।

मृदा अपरदन को रोकने के लिए मृदा संरक्षण की आवश्यकता है। इसके लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। पेड़ों की जड़ें मृदा की ऊपरी परत को बचाए रखती हैं। इसलिये वनरोपण से मृदा संरक्षण किया जा सकता है। ढ़ाल वाली जगहों पर समोच्च जुताई से मृदा के अपरदन को रोका जा सकता है। पेड़ों को लगाकर रक्षक मेखला बनाने से भी मृदा अपरदन की रोकथाम हो सकती है।

  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 10 months ago

मृदा का निर्माण: मिट्टी के निर्माण की प्रक्रिया अत्यंत धीमी होती है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मात्र एक सेमी मृदा को बनने में हजारों वर्ष लग जाते हैं। मृदा का निर्माण शैलों के अपघटन क्रिया से होता है। मृदा के निर्माण में कई प्राकृतिक कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है; जैसे कि तापमान, पानी का बहाव, पवन। इस प्रक्रिया में कई भौतिक और रासायनिक परिवर्तनों का भी योगदान होता है।

  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 8 months ago

विकास का मतलब केवल वर्तमान को खुशहाल बनाना ही नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना भी है। धारणीयता का मतलब होता है ऐसा विकास करना जो आने वाले कई वर्षों तक सतत चलता रहे। यह तभी संभव होता है जब हम संसाधन का दोहन करने की बजाय उनका विवेकपूर्ण इस्तेमाल करते हैं।
पिछली सदी में दुनिया के तेजी से औद्योगिकीकरण से स्थायी विकास का मुद्दा उभरा है। यह महसूस किया जाता है कि आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण ने प्राकृतिक संसाधनों का बहुत शोषण किया है। स्थिरता प्राकृतिक संसाधनों का तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देती है।
यदि हम उन्हें आर्थिक रूप से इस्तेमाल करते हैं तो विकास के लिए हमारे वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए धरती में पर्याप्त संसाधन हैं। लेकिन, यदि हम तेजी से आर्थिक विकास के लालच में उनका उपयोग करते हैं, तो हमारी दुनिया एक विशाल बर्बाद भूमि बन सकती है।

  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 10 months ago

प्रश्न:1 सामान्यत: किसी देश का विकास किस आधार पर निर्धारित किया जा सकता है?

  1. प्रतिव्यक्ति आय
  2. औसत साक्षरता दर
  3. लोगों की स्वास्थ्य स्थिति
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: उपरोक्त सभी

  • 1 answers

Yogita Ingle 4 years, 10 months ago

◾खनन कार्य
mining operations
◾वृक्षों की कटाई
Felling of trees
◾अत्यधिक पशुचारण
excessive grazing
◾अधिक सिंचाई
Over irrigation
◾औद्योगिक जल निकासी
Industrial drainage
◾अपरदन
erosion

  • 2 answers

Radhe Kumar 4 years, 10 months ago

Jfhj

Gaurav Seth 4 years, 10 months ago

काली मिट्टी: ज्वालामुखी चट्टानों के लावा प्रवाह से बनी हैं। वे मिट्टी मृत्तिकावत् होती हैं और लंबी अवधि के लिए नमी बरकरार रखती  है। ये मिट्टी उपजाऊ है। ये महाराष्ट्र के डेक्कन ट्रैप क्षेत्र में और मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों में मुख्य रूप से पाई जाती हैं । ये मिट्टी कपास फसल उगाने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। यह काली कपास मिट्टी के रूप में भी जानी जाती है। स्थानीय स्तर पर इस मिट्टी को रेगुर मिट्टी कहा जाता है।

  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 10 months ago

नवीकरणीय संसाधन : वे संसाधन जिन्हें एक बार उपयोग करने के बाद फिर से पुनः स्थापित किया जा सके और पुन: उपयोग में लाया जा सके। इन्हें नव्य संसाधन भी कहते हैं।ये संसाधन प्राकृतिक होते हैं। उदाहरण : सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, वन आदि।

  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

19 वीं शताब्दी की शुरुआत में उदारवादी राष्ट्रवाद एक व्यक्ति में स्वतंत्रता और समानता के लिए खड़ा था।
राजनीतिक रूप से, इसने सहमति से सरकार की अवधारणा पर जोर दिया।
यूरोप में मध्यम वर्ग के लिए, उदारवाद एक व्यक्ति की स्वतंत्रता और सभी के लिए समानता के लिए खड़ा था।
मध्यम वर्ग द्वारा मांग की गई आर्थिक उदारवाद बाजार की स्वतंत्रता और माल और पूंजी के आंदोलन पर राज्य के प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए खड़ा था।

  • 1 answers

Yogita Ingle 4 years, 10 months ago

1804 के नागरिक संहिता कानून को नेपोलियन द्वारा किये गये सुधार कार्यक्रमों का एक हिस्सा था। इस कानून को नेपोलियन की संहिता के नाम से भी जाना जाता है...

1804 के नागरिक संहिता कानून की विशेषतायें इस प्रकार हैं...

  • इस कानून के अनुसार जन्म के आधार पर मिलने वाले सारे विशेषाधिकार समाप्त कर दिए गए।
  • इस कानून में संपत्ति में समान अधिकार को पुनः लागू कर दिया गया।
  • इसी कानून में जमींदारी व सामंती व्यवस्था की समाप्ति कर दी गई।
  • इस कानून में सभी नागरिकों समान अधिकार प्रदान किए गए।
  • इसी कानून के अंतर्गत यातायात और संचार व्यवस्था में सुधार करने के प्रयास लागू किए गए।
  • इस कानून को उन सभी क्षेत्रों में लागू किया गया जो फ्रांसीसी नियंत्रण के अंतर्गत आते थे।
  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

प्रति व्यक्ति आय उस आय को कहा जाता है जब किसी देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद को जब उस देश की उस वर्ष की मध्यावधि तिथि की जनसंख्या से विभाजित किया जाता है। यह हमें उस देश के निवासियों को प्राप्त होने वाली औसत आय की मौद्रिक जानकारी देता है। अर्थात यह बताता है की उस देश में उत्पन्न होने वाली धनराशि को यदि बाँटा जाए तो सबके भाग में कितना पहुँचेगा।

  • 1 answers

Harsh Kumar 4 years, 10 months ago

वो मजदूर जिन्हें जुठा दिलासा देकर काम के लिए दूसरे देश ले जाया जाता था
Yes
  • 1 answers

Rupesh Kumar 4 years, 10 months ago

गिरमिटिया मजदूर कौन थे
  • 2 answers

Mehak Thakur 4 years, 6 months ago

answer

Gaurav Seth 4 years, 11 months ago

Q u e s t i o n:
पंजाब में भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण क्या है?
A n s w e r:
अधिक सिंचाई पंजाब में भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण  है

  • 2 answers

Kunal Yadav 4 years, 11 months ago

Good

Gaurav Seth 4 years, 11 months ago

जलोढ़ मिट्टी उत्तर भारत के पश्चिम में पंजाब से लेकर सम्पूर्ण उत्तरी विशाल मैदान को आवृत करते हुए गंगा नदी के डेल्टा क्षेत्र तक फैली है। अत्यधिक उर्वरता वाली इस मिट्टी का विस्तार सामान्यतः देश की नदियों के वेसिनों एवं मैदानी भागों तक ही सीमित है। हल्के भूरे रंगवाली यह मिट्टी 7.68 लाख वर्ग किमी को आवृत किये हुए है। इसकी भौतिक विशेषताओं का निर्धारण जलवायविक दशाओं विशेषकर वर्षा तथा वनस्पतियों की वृद्धि द्वारा किया जाता है। इस मिट्टी में उत्तरी भारत में सिंचाई के माध्यम से गन्ना, गेहूँ, चावल, जूट, तम्बाकू, तिलहन फसलों तथा सब्जियों की खेती की जाती है। उत्पत्ति, संरचना तथा उर्वरता की मात्रा के आधार पर इसको तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है, जो निम्नलिखित है -

पुरातन जलोढ़ या बांगर मिट्टी

नदियों द्वारा बहाकर उनके पाश्र्ववर्ती भागों में अत्यधिक ऊंचाई तक बिछायी गयी पुरानी जलोढ़ मिट्टी को बांगर के नाम से जाना जाता है। नदियों में आने वाली बाढ़ का पानी ऊंचाई के कारण इन पर नहीं पहुंच पाता है। नदी जल की प्राप्ति न होने, धरातलीय ऊंचाई तथा जल-तल के नीचा होने के कारण उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं बिहार की काफ़ी मिट्टी ऊसर हो गयी है। ऐसी मिट्टी रेह या कल्लर कहलाती है।

  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

  • उद्योगपति नये मजदूरों की भर्ती के लिए जॉबर रखते थे। जॉबर कोई पुराना और विश्ववस्त कर्मचारी होता था।

  • वह अपने गाँव से लोगों को लाता था, उन्हें काम का भरोसा देता था, उन्हें शहर में जमने के लिए मदद करता था और मुसीबत में पैसे से मदद करता था ।

  • जॉबर मजबूत और ताकतवर बन गया था । वह मदद के बदले पैसे और तोहफे की माँग करने लगा था और मजदूरों की जिन्दगी नियंत्रित करने लगा था ।

  • 1 answers

Gaurav Seth 4 years, 8 months ago

जोबर :

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  • उद्योगपति नये मजदूरों की भर्ती के लिए जॉबर रखते थे। जॉबर कोई पुराना और विश्ववस्त कर्मचारी होता था।

  • वह अपने गाँव से लोगों को लाता था, उन्हें काम का भरोसा देता था, उन्हें शहर में जमने के लिए मदद करता था और मुसीबत में पैसे से मदद करता था ।

  • जॉबर मजबूत और ताकतवर बन गया था । वह मदद के बदले पैसे और तोहफे की माँग करने लगा था और मजदूरों की जिन्दगी नियंत्रित करने लगा था ।

  • 2 answers

Gaurav Seth 4 years, 11 months ago

भाषाई राज्यों का निर्माण हमारे देश में लोकतांत्रिक राजनीति के लिए पहली और बड़ी परीक्षा थी। 1947 में, नए राज्यों को बनाने के लिए भारत के कई पुराने राज्यों की सीमाओं को बदल दिया गया था। यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि एक ही भाषा बोलने वाले लोग एक ही राज्य में रहते थे। कुछ राज्यों को भाषा के आधार पर नहीं, बल्कि संस्कृति, जातीयता या भूगोल के आधार पर मतभेदों को पहचानने के लिए बनाया गया था। इनमें नागालैंड, उत्तराखंड और झारखंड जैसे राज्य शामिल हैं। जब भाषा के आधार पर राज्यों के गठन की मांग उठी, तो कुछ राष्ट्रीय नेताओं को डर था कि इससे देश का विघटन होगा। केंद्र सरकार ने कुछ समय के लिए भाषाई राज्यों का विरोध किया। लेकिन अनुभव से पता चला है कि भाषाई राज्यों के गठन ने वास्तव में देश को और अधिक एकजुट कर दिया है। इसने प्रशासन को भी आसान बना दिया है।

The creation of Linguistic States was the first and a major test for democratic politics in our country. In 1947, the boundaries of several old States of India were changed in order to create new States. This was done to ensure that people who spoke the same language lived in the same State. Some States were created not on the basis of language but to recognise differences based on culture, ethnicity or geography. These include States like Nagaland, Uttarakhand and Jharkhand. When the demand for the formation of States on the basis of language was raised, some national leaders feared that it would lead to the disintegration of the country. The Central Government resisted linguistic States for some time. But the experience has shown that the formation of linguistic States has actually made the country, more united. It has also made administration easier.

Deepak Deval 4 years, 11 months ago

Hdyh
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Saloni Nagar 4 years, 11 months ago

Brussels (belzium)

Yogita Ingle 4 years, 11 months ago

यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 27 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है

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  • 3 answers

Saloni Nagar 4 years, 11 months ago

Because of chauri chaura incident in Gorakhpur(up) ..

Piyush Tepan 4 years, 11 months ago

चोरी चोरा कांड के कारण

Bishnu Kumar Saw 4 years, 10 months ago

Vhkhc isn't DL UCL

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