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Ask QuestionPosted by Mobasshir Mobasshir 4 years, 3 months ago
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Posted by Damini Damini 4 years, 3 months ago
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Posted by Hruthik Kankala 4 years, 3 months ago
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Hamit Singh 4 years, 2 months ago
Gaurav Seth 4 years, 3 months ago
दूसरे पद में ‘गरीब निवाजु’ ईश्वर को कहा गया है। जिस व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा होती है वह मोक्ष प्राप्त कर लेता है। नीच से नीच व्यक्ति का भी उद्धार हो जाता है। ऐसे लोग जो स्पर्श दोष के कारण हाथ लगने पर अपने-आपको अपवित्र मानते हैं। ऐसे दीनों पर दया करने वाले प्रभु ही है जो दुखियों के दर्द से द्रवित हो जाते हैं। न्होंने गरीबों और कमज़ोर समझे जाने वाले और अछूत कहलाने वालों का उद्धार किया है। इससे इन लोगों को समाज में मान-सम्मान और ऊँचा स्थान मिल सकता है।
Posted by Anuja Shedge 4 years, 3 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 3 months ago
समन्वय (Co-ordination) प्रबंध का सार है जो उपक्रम की विभिन्न क्रियाओं में तालमेल बनाये रखता है। यह निर्धारित लक्ष्य पूर्ति हेतु की जाने वाली विभिन्न क्रियाओं में एकता अथवा तालमेल बनाये रखता है। समन्वय से लोग एक टीम के रूप में कार्य करते हैं, जिससे पारस्परिक सहयोग की वृद्धि होती है तथा संबंधित व्यावसायिक उपक्रम का सफल संचालन सम्भव होता है।
समन्वय के लक्षण अथवा विशेषताएँ :-
- समन्वय एक सतत प्रक्रिया है।
- यह प्रबंध का सार है।
- यह समूह प्रयासों के अनावश्यक अपवव्य को रोकता है।
- समन्वय स्थापित करने का प्राथमिक कार्य प्रबन्धकों का है।
- यह क्रियाओं में एकरूपता लता है।
Posted by Navneet Kaur 4 years, 3 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 3 months ago
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1. वह शब्द या शब्द समूह जो किसी विषय से परिचित होने के लिए सबसे ऊपर लिखा जाता है; (टाइटिल) 2. किसी ग्रंथ या लेख आदि के विषय का परिचायक शब्द; रचना नाम
Posted by Rajesh Choudhary 4 years, 3 months ago
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Sneha Agrawal 4 years, 3 months ago
Gaurav Seth 4 years, 3 months ago
लेखिका गिलहरी के घायल बच्चे को उठाकर अपने कमरे में ले आई उसका घाव रुई से पोंछा उस पर पेंसिलिन दवा लगाई फिर उसके मुँह में दूध डालने की कोशिश की परन्तु उसका मुँह खुल नहीं सका। कई घंटे के उपचार के बाद उसने एक बूँद पानी पिया। तीन दिन के बाद उसने आँखे खोली और धीरे-धीरे स्वस्थ हुआ।
</main>Posted by Abhishek Vishwakarma 4 years, 3 months ago
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Ashtransh Verma 4 years, 3 months ago
Venkat Karthik 4 years, 3 months ago
Posted by Ankush Rathour 4 years, 3 months ago
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Posted by Dheeraj Dheeraj 4 years, 3 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 3 months ago
'दो बैलों की कथा' प्रेमचंद द्वारा लिखित रचना है। प्रेमचंद अपनी रचनाओं के माध्यम से संदेश देने में माहिर हैं। समाज को अपनी रचनाओं के माध्यम से कैसे जगाया जाए, यह उन्हें बहुत अच्छी तरह आता है। यह कहानी सांकेतिक भाषा में यह संदेश देती है कि मनुष्य हो या कोई भी प्राणी हो, स्वतंत्रता उसके लिए बहुत महत्व रखती है। स्वतंत्रता को पाने के लिए लड़ना भी पड़े, तो बिना हिचकिचाए लड़ना चाहिए। जन्म के साथ ही स्वतंत्रता सबका अधिकार है, उसे बनाए रखना सबका परम कर्तव्य है। दो बैलों की कथा में बैलों के माध्यम से लेखक अपने विचार समाज के समक्ष रखता है। इस कहानी में दो मित्र बैल अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हैं। यह कहानी दो बैलों के बीच में घनिष्ट भावात्मक संबंध को दर्शाती है। यह कहानी मनुष्य और जानवर के बीच में उत्पन्न परस्पर संबंध का सुंदर चित्र भी प्रस्तुत करती है।
Posted by Pragya Bhalavi 4 years, 3 months ago
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Posted by Arun Kushwah 4 years, 3 months ago
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Posted by Sanvi Shrivastav 4 years, 3 months ago
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Abhishek Kumar 4 years, 3 months ago
《Aruba》°°° 《Sayed》❤ 4 years, 3 months ago
Posted by Vishu Chaudhary 4 years, 3 months ago
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Abhishek Kumar 4 years, 3 months ago
Posted by Krishna Chouhan 4 years, 3 months ago
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Posted by Aum Ahuja 4 years, 3 months ago
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Posted by Rupesh Kumar 4 years, 3 months ago
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Posted by Zahida Tolkar 4 years, 3 months ago
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Posted by Shivam Thakkar 4 years, 3 months ago
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Posted by Yashvardhan Saini 4 years, 3 months ago
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Posted by Avni Garg 4 years, 3 months ago
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Tanu Prajapati 4 years, 3 months ago
Tanu Prajapati 4 years, 3 months ago
Posted by Denzil Anand 4 years, 3 months ago
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Posted by Lavika Pant 4 years, 3 months ago
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Posted by Arshdeep Kaur 4 years, 3 months ago
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Posted by Sanskruti Jadhav 4 years, 3 months ago
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Posted by Roquiya Bano 4 years, 3 months ago
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Posted by Pawan Singh 4 years, 3 months ago
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Yogita Ingle 4 years, 3 months ago
ईश्वर करे सब कुशल लौटें।
ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा की आप देख सकते हैं, यहां हमें वक्ता द्वारा की गयी कामना का पता चल रहा है। वक्ता कामना कर रहा है की जाने वाले सभी कुशल लौटें। यह हमें कामना के बारे में बता रहा है। अतः यह उदाहरण इच्छावाचक वाक्य के अंतर्गत आएगा।
भगवान तुम्हे दीर्घायु करें।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, यहाँ हमें पता चल रहा है की वक्ता भगवान से कामना कर रहा है की भगवान उस व्यक्ति को दीर्घायु बनाये। वह व्यक्ति को आशीर्वाद दे रहा है। अतः यह उदाहरण इच्छावाचक वाक्य के अंतर्गत आएगा।
भगवान करे तुम एक दिन कुत्ते की मौत मरो।
ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा की आप देख सकते हैं, यहां वक्ता किसी व्यक्ति के लिए भगवान् से कामना कर रहा है की एक दिन भगवान उसे कुत्ते की मौत मारे एवं वह व्यक्ति मर जाए। यहां वक्ता की कामना का पता चल रहा है। अतः यह उदाहरण इच्छावाचक वाक्य के अंतर्गत आएगा।आज तो मैं केवल फल खाऊँगा।
Posted by Pawan Singh 4 years, 3 months ago
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Posted by Pawan Singh 4 years, 3 months ago
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Posted by Pawan Singh 4 years, 3 months ago
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Posted by Pawan Singh 4 years, 3 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 3 months ago
(1) औपचारिक संदेश लेखन का प्रारूप (Format For Formal Message Writing)
संदेश
दिनांक : ……. समय : ……
संबोधन ………
विषय (जिस विषय हेतु सन्देश दे रहे हैं )………………………………………..
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अपना नाम
(2) अनौपचारिक संदेश लेखन का प्रारूप (Format For Informal Message Writing)
संदेश
दिनांक : ……. समय : ……
विषय (जिस विषय हेतु सन्देश दे रहे हैं , वो लिखें )
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और अपना नाम
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