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Adi Jain 3 years, 9 months ago

Kuan ki unhe krishna se bahut lagav tha aur unke vastu se bhi
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Gaurav Seth 3 years, 9 months ago

<section class="elementor-section elementor-top-section elementor-element elementor-element-0e3afbc elementor-section-boxed elementor-section-height-default elementor-section-height-default" data-element_type="section" data-id="0e3afbc" style="box-sizing:border-box; display:block; position:relative; color:#555555; font-family:Roboto, sans-serif; font-size:15px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-align:left; text-transform:none; white-space:normal; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; background-color:#ffffff; text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial"> <div class="elementor-container elementor-column-gap-default" style="margin-right:auto; margin-left:auto; max-width:1140px"> <div class="elementor-row" style="width:793.328px"> <div class="elementor-column elementor-col-100 elementor-top-column elementor-element elementor-element-7a93a31" data-element_type="column" data-id="7a93a31" style="width:793.328px"> <div class="elementor-column-wrap elementor-element-populated" style="width:793.328px; padding:10px"> <div class="elementor-widget-wrap" style="width:773.328px"> <div class="elementor-element elementor-element-917525b elementor-widget elementor-widget-heading" data-element_type="widget" data-id="917525b" data-widget_type="heading.default" style="width:773.328px"> <div class="elementor-widget-container">

 

दो बैलों की कथा का सारांश

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          जानवरों में गधे को सबसे बुद्धिहीन माना जाता है क्योंकि वह सबसे सीधा तथा सहनशील है। वह सुखदुख तथा हानिलाभ दोनों में ही एक समान रहता है। भारतीयों को इसी सहनशीलता तथा सीधेपन के कारण अफ्रीका तथा अमेरीका में अपमान सहन करना पड़ता था। गधे से थोड़ा ही कम सीमा प्राणी है बैल। उसका स्थान गधे से नीचा है क्योंकि वह कभीकभी अड़ जाता है। झूरी के पास हीरा और मोती नाम के दो बैल थे। वे दोनों ही पछाहीं जाति के सुंदरसुडौल और चैकस बैल थे। लंबे समय से एकदूसरे के साथ रहतेरहते उनमें आपस में बहुत प्रेम हो गया था। वे हमेशा साथसाथ ही उठतेबैठते व खातेपीते थे। वे आपस में एकदूसरे  को चाटकर तथा सूघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे। दोनों आखों के इशारे से ही एकदूसरे की बात समझ लेते थे। झूरी ने एक बार दोनों बैलों को अपनी ससुराल भेज दिया। बेचारे बैल यह समझे कि उनके मालिक ने उन्हें बेच दिया है। इसलिए वे जाना नहीं चाहते थे। जैसेतैसे वे झूरी के साले ‘गया’ के साथ चले तो गए किन्तु उनका वहा मन नहीं लगा। अतः उन्होंने वहाँ चारा नहीं खाया। रात को दोनों बैलों ने सलाह की और चुपचाप झूरी के घर की ओर चल दिए। सुबह चरनी पर खड़े बैलों को देखकर झूरी बहुत खुश हुआ। घर के तथा गाँव के बच्चों ने भी तालिया बजाकर उनका स्वागत किया। झूरी की पत्नी नाराज होकर उन्हें नमकहराम कहने लगी। गुस्से में उसने बैलों को सूखा चारा डाल दिया। झूरी ने नौकर से चारे में खली मिलाने को कहा किन्तु मालकिन के डर से उसने खली नहीं मिलाई। 

          दूसरे दिन ‘गया‘ दोबारा हीरामोती को ले गया। इस बार उसने उन्हें मोटीमोटी रस्सियों में बाँध  दिया तथा खाने को सूखा चारा डाल दिया। उन्होंने इसे अपना अपमान समझा और अगले दिन हल जोतने से मना कर दिया। गया ने उन्हें डंडों से मारा। उन्होंने हलजोतजुआ सब तोड़ दिया और भाग गए किन्तु गले में लंबी-लंबी रस्सिया थींअतः पकड़े गए। अगले दिन उन्हें फिर से सूखा चारा मिला। शाम के समय भैरों की नन्हीं  लड़की दो रोटियाँ लेकर आई। वे उन्हें खाकर प्रसन्न हो गए। लड़की की सौतेली माँ उसे बहुत परेशान करती थी। मोती के दिल में आया कि वह भैरों तथा उसकी नई पत्नी को उठाकर फेंक दे किन्तु लड़की का स्नेह देखकर चुप रह गया। अगली रात उन्होंने रस्सियाँ तुड़ाकर भागने की तैयारी कर ली। रस्सी को कमजोर करने के लिए वे उसे चबाने लगे। पर उसी समय नन्हीं लड़की आई और दोनों बैलों की रस्सियाँ खोल दीं। किन्तु फिर लड़की के स्नेह में हीरामोती नहीं भागे। तब लड़की ने शोर मचा दियाफूफावाले बैल भागे जा रहे हैं ओ दादाभागो। लड़की की आवाज सुनकर हीरामोती भाग खड़े हुए। गया तथा गाँव के अन्य लोगों ने पीछा किया। इससे दोनों रास्ता भटक गए। नएनए गाँव पार करते हुए वे एक खेत के किनारे पहुँचे। खेत में मटर की फसल खड़ी थी। दोनों ने खूब मटर खाई। मस्ती में उछलकूद करने लगे। तभी अचानक एक साड़ आ गया। दोनों डर गए। समझ में नहीं आ रहा था कि मुकाबला कैसे करें। हीरा की सलाह से दोनों ने मिलकर आक्रमण किया। साड़ जब एक बैल पर आक्रमण करता तो दूसरा बैल साड़ के पेट में सींग गड़ा देता। साड़ दोदो शत्राओं से लड़ने का आदी नहीं थाअतः बेदम होकर गिर पड़ा। हीरामोती को उस पर दया आ गई। उन्होंने उसे छोड़ दिया। जीत की खुशी में मोती फिर मटर के खेत में मटर खाने लगा। तब तक दो आदमी लाठी लेकर आए। उन्हें देखकर हीरा भाग गया किन्तु मोती कीचड़ में फँस जाने के कारण पकड़ा गया। उसे कीचड़ में फँसा देखकर हीरा भी आ गया। 

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          आदमियों ने दोनों को पकड़कर कांजीहौस में बंद कर दिया। कांजीहौस में उन्हें दिन भर कुछ भी खाने को न मिला। वहाँ पहले से ही कई बकरियाँभैंसेंघोड़ें तथा गायें थे। सभी मुरदों की तरह पड़े थे। भूख के मारे हीरामोती ने दीवार की मिट्टी चाटनी शुरू कर दी। रात में हीरा के मन में विद्रोह की भावना उत्पन्न हुई। उसने सींगों से दीवार पर वार करके कुछ मिट्टी गिरा दी। लालटेन लेकर आए चैकीदार ने उनको कई डंडे मारे और मोटी रस्सी से बाध् दिया। मोती ने उसे चिढ़ाया। हीरा ने उत्तर दिया कि यदि दीवार गिर जाती तो कई जानवर आजाद हो जाते। हीरा की बात सुनकर मोती को भी जोश आ गया। उसने बची हुई दीवार गिरा दी। सारे जानवर भाग गए। गधे नहीं भागे। बोले भागने से क्या फायदाफिर पकड़े जाएगें। मोती ने उन्हें सींग मारकर भगा दिया। हीरा ने मोती को भाग जाने के लिए कहा किन्तु मोती हीरा को विपत्ति में अकेला छोड़कर नहीं गया। सुबह होते ही कांजीहौस में खलबली मच गई। उन्होंने मोती को बहुत मारा तथा मोटी-मोटी रस्सियों से बाँध दिया। 

          हीरामोती को कांजीहौस में बंद हुए एक सप्ताह हो गया था। उन्हें कुछ खाने के लिए नहीं मिलता था। दिन में एक बार केवल पानी मिलता था। दोनों सूखकर ठठरी हो गए। एक दिन नीलामी हुई। उनका कोई खरीदार न था। अंत में एक कसाई ने उन्हें खरीद लिया। नीलाम होकर दोनों दढ़ियल कसाई के साथ चले। वे अपने भाग्य को कोस रहे थे। कसाई उन्हें भगा रहा था। रास्ते में उन्हें गायबैलों का एक झुंड दिखाई दिया। सभी जानवर उछल कूद रहे थे। हीरामोती सोचने लगे कि ये कितने स्वार्थी हैं। इन्हें हमारी कोई चिंता नहीं है। अचानक हीरामोती को लगा कि वे रास्ते उनके जानेपहचाने हैं। उनके कमजोर शरीर में फिर से जान आ गई। उन्होंने भागना शुरू कर दिया। झूरी का घर नजदीक आ गया। वे तेजी से भागे और थान पर खड़े हो गए। झूरी उन्हें देखते ही दौड़ा और उनके गले लग गया। बैल झूरी के हाथ चाटने लगे। दढ़ियल कसाई ने बैलों की रस्सियाँ पकड़ लीं। झूरी ने कहा, “ये बैल मेरे हैं,” कसाई बोला, “मैंने इन्हें नीलामी से खरीदा है।” वह बैलों को जबरदस्ती लेकर चल दिया। मोती ने उस पर सींग चलाया तथा उसे भगाकर गाँव से दूर कर दिया। झूरी ने नादों में खलीभूसाचोकर और दाना भर दिया। दोनों मित्र खाने लगे। गाँव में उत्साह छा गया। मालकिन ने आकर दोनों के माथे चूम लिए। 

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Lakshya Maharia 3 years, 9 months ago

बचपन में सलीम अली की एयरगन से एक गौरैया घायल होकर गिर पड़ी। घायल गौरैया को देख उनका मन द्रवित हो उठा। वे उसकी सेवा तथा उसकी जानकारी प्राप्त करने में जुट गए। उसके बाद उनके जीवन की दिशा पक्षी जगत की अोर मुड गई और वे पक्षी प्रेमी बन गए।
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Shailza Dahiya 3 years, 9 months ago

1.sacha mitra musibat ke samay par sath deta h ,bhagta nhi h.2.sacha mitra sukh -dukh me sath deta h.
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Mamta Shanbag 3 years, 9 months ago

*your answer

Mamta Shanbag 3 years, 9 months ago

Read the poem and understand it neatly you will get ypur answer
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Renu Singh 3 years, 9 months ago

Umaaa

Gfe Girl 3 years, 9 months ago

Jatt

Sanjana Kumari Pandey 3 years, 9 months ago

रामस्वरूप की बेटी का नाम उमा था।

Garima Ahuja 3 years, 9 months ago

Uma jiiii?

Rashmi Kumari 3 years, 9 months ago

Uma
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Palak Sahu 3 years, 9 months ago

एकांकी का अर्थ एक अंग वाला नाटक होता है

Atul Mishra 3 years, 9 months ago

एकांकी and English Ekanki ok
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Shailza Dahiya 3 years, 9 months ago

Someyta Shabd mein ta pratyay hai
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Sanjana Kumari Pandey 3 years, 9 months ago

Thank you so much.. Yogita

Yogita Ingle 3 years, 9 months ago

लेखिका की दादी स्वतंत्र, साहसी, तथा एक सामान्य महिला थीं। उनके मन में लड़का - लड़की का भेद नहीं था। पीढ़ियों से परिवार में किसी कन्या का जन्म नहीं हुआ था। प्राय: सभी लोग लड़के की कामना करते थे ।

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Yogita Ingle 3 years, 9 months ago

प्रिय क्रेग,

आशा है कि जब तक आप यह पत्र प्राप्त करेंगे तब तक आप पहले से बेहतर महसूस कर सकते हैं। यह एक लंबा समय रहा है कि मैंने आपको नहीं लिखा और मुझे आपके दुर्घटना के बारे में सुनकर खेद है। यह कैसे हुआ? जब मैंने दो दिन पहले सुना तो मैं चौंक गया। मुझे पता है कि आप हमेशा ऐसे सावधान ड्राइवर थे और मुझे यकीन है कि यह इस दुर्घटना में आपकी गलती नहीं थी। आपकी स्थिति कितनी गंभीर है? क्या मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूं?

मैं आपकी जल्द ही वसूली के लिए प्रार्थना करूंगा और जल्द ही आपसे मिलने की कोशिश करूंगा। अगले हफ्ते शायद मुझे न्यूयॉर्क आने का रास्ता मिलेगा। कृपया, ध्यान रखें और अब से हम संपर्क में रहेंगे।

आपको जल्द से जल्द वसूली की शुभकामनाएं

तुम्हारा मित्र,

___________

जूली

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Anshu Chauhan 3 years, 9 months ago

भिखारी के वेस में क्यों की वह अपने साथियों से अलग हो गया था
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Shailza Dahiya 3 years, 9 months ago

Eshwar ko
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Abhishek Mishra 3 years, 10 months ago

Sakhiya avam shabad , Kabir
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Yogita Ingle 3 years, 10 months ago

लेखक बालकृष्ण के मुंह पर छाई गोधूलि को श्रेष्ठ इसलिए मानता है कि जिस प्रकार फूल के ऊपर धूल के महीन कण शोभा पाते हैं, उसी प्रकार से बालकृष्ण के मुंह पर छाई हुई गोधूलि उनके मुख की शोभा को और अधिक खूबसूरत बना देती है। उनके मुख की ऐसी कांति आज के युग में प्रचलित प्रसाधन सामग्री के उपयोग से नहीं आ सकती। गोधूलि की सहजता ने बाल कृष्ण के मधुर रुप को और भी अधिक सुंदर बना दिया है ।

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Yogita Ingle 3 years, 10 months ago

इन दिनों ऑनलाइन अध्ययन एकप्रचलन सा बन गया है, कोविड-19 के चलते इस लॉकडाउन में कई स्कूलों ने पिछले कुछ महिनों से ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया को अपनाकर इसे अधिक उपयोग में लाया है। ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया को देखते हुए, मैं इससे होने वाले लाभ और नुकसान के तीन अलग-अलग शब्द सीमा के निबंध का विस्तार कर रहा हुँ। आप सभी इस विस्तार के माध्यम से ऑनलाइन अध्ययन से होने वालें लाभ और नुकसान के बारें में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकतें है।

परिचय

ऑनलाइन स्टडी अपनी सुविधा और आसान संचालन की प्रक्रिया से अधिक लोकप्रिय हो रहा है। इस निबंध में मैंनें ऑनलाइन अध्ययन से होने वाले लाभ और नुकसान के बारें में यहाँ विस्तार से बताया है।

लाभ

ऑनलाइन अध्ययन के तरीके से अध्ययन के कई फायदे है। यह बहुत सुविधाजनक है, इस सुविधा के उपयोग से आप अपने घर पर ही रहकर बातचीत कर सकते है। आप क्लासरूम की तरह यहाँ पर भी एक दुसरे से सवाल जबाब कर सकते है।

प्राकृतिक आपदा या आपातकाल की स्थिति में ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस प्रक्रिया का सही उदाहरण हाल ही में फैली कोविड-19 महामारी है, जिसका प्रभाव सारी दुनियाँ में है और इसके प्रभाव से बचने के लिए सभी प्रयत्नशील है। इन दिनों कई स्कूल छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया को अपना रहें है। वास्तव में ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया स्कूली शिक्षा के लिए एक सुरक्षित विकल्प है।

नुकसान

ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया में कई लाभों के अलावा कुछ नुकसान भी हमारें सामनें प्रस्तुत होते है। जिस तरह वास्तविक कक्षा में जो उत्साह का वातावरण होता है यहाँ उस वातावरण का अभाव होता है। एक जीवंत कक्षा या लाइव क्लास में जो आनंद का माहौल होता है, ऑनलाइन अध्ययन में उस माहौल की कमी होती है। यहाँ पर एक शिक्षक और छात्र एक दुसरे से केवल एक ही विषय को लेकर बातचीत और चर्चा कर सकते है।

इसके अलावा इसके कारण गैजेट का ओवर एक्सपोजर से स्वास्थ के कई खतरे जैसे कि सिरदर्द, आंखों का कमजोर होना और एकाग्रता में कमी आना इत्यादि का खतरा भी बढ़ जाता है।

निष्कर्ष

स्वास्थ सम्बन्धित इतने नुकसान के बाद भी इस अध्ययन प्रक्रिया का उपयोग विशिष्ट परिस्थितियों में बहुत ही फायदेमंद साबित हुआ है। जब कि आपका घर छोड़ना आपकी सुविधा और स्वास्थ के लिए हानिकारक है तो उस स्थिति में ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया आपके लिए एक वरदान साबित हो जाता है।

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