Ask questions which are clear, concise and easy to understand.
Ask QuestionPosted by Riya Sharma💜🤞 4 years ago
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Yogita Ingle 4 years ago
शब्दालंकार के तीन भेद हैं –
- अनुप्रास अलंकार: जब काव्य में किसी वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार होती है अर्थात् कोई वर्ण एक से अधिक बार
आता है तो उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं; जैसे –
तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।
यहाँ ‘त’ वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हुई है। अतः यहाँ अनुप्रास अलंकार है।अन्य उदाहरण –
रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम। (‘र’ वर्ण की आवृत्ति)
चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही हैं जल-थल में। (‘च’ वर्ण की आवृत्ति)
- यमक अलंकार: जब काव्य में कोई शब्द एक से अधिक बार आए और उनके अर्थ अलग-अलग हों तो उसे यमक अलंकार होता है; जैसे- तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है।
उपर्युक्त पंक्ति में बेर शब्द दो बार आया परंतु इनके अर्थ हैं – समय, एक प्रकार का फल। इस तरह यहाँ यमक अलंकार है।
अन्य उदाहरण –
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय।
या खाए बौराए नर, वा पाए बौराय।।
यहाँ कनक शब्द के अर्थ हैं – सोना और धतूरा। अतः यहाँ यमक अलंकार है। - श्लेष अलंकार:
श्लेष अलंकार- श्लेष का अर्थ है- चिपका हुआ। अर्थात् एक शब्द के अनेक अर्थ चिपके होते हैं। जब काव्य में कोई शब्द एक बार आए और उसके एक से अधिक अर्थ प्रकट हो, तो उसे श्लेष अलंकार कहते हैं; जैसे –
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष चून।।
Posted by Riya Sharma💜🤞 4 years ago
- 1 answers
Gaurav Seth 4 years ago
कैदी और कोकिला का भावार्थ – Kaidi Aur Kokila Ka Bhavarth: कवि ने “कैदी और कोकिला” कविता उस समय लिखी थी, जब देश ब्रिटिश शासन के अधीन गुलामी के जंजीरों में जकड़ा हुआ था। वे खुद भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिस वजह से उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। जेल में रहने के दौरान वे इस बात से अवगत हुए कि जेल जाने के बाद स्वतंत्रता सेनानियों के साथ कितना दुर्व्यवहार होता है। इसी सोच को उस समय समस्त जनता के सामने लाने के लिए उन्होंने इस कविता की रचना की।
अपनी इस कविता में कवि ने जेल में बंद एक स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ एक कोयल का वर्णन भी किया है। कविता में कवि हमें उस समय जेल में मिल रही यातनाओं के बारे में बता रहा है। कवि (कैदी) के अनुसार, जहाँ पर चोर-डाकुओं को रखा जाता है, वहाँ उन्हें (स्वतंत्रता सेनानियों) को रखा गया है। उन्हें भर-पेट भोजन भी नसीब नहीं होता। ना वह रो सकते हैं और ना ही चैन की नींद सो सकते हैं। जेल में उन्हें बेड़ियाँ और हथकड़ियाँ पहन कर रहना पड़ता है। वहां उन्हें ना तो चैन से जीने दिया जाता है और ना ही चैन से मरने दिया जाता है। ऐसे में, कवि चाहते हैं कि यह कोयल समस्त देशवासियों को मुक्ति का गीत सुनाये।
Posted by Aditya Kumar 4 years ago
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Somansh Sarvesh 4 years ago
Yogita Ingle 4 years ago
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। जैसे हीरा और मोती ने अपनी आज़ादी को पाने के लिए हर कष्ट सहे।
Posted by Divya Kumari 4 years ago
- 1 answers
Yogita Ingle 4 years ago
जूही-- मीरा तुम स्कूटी चलाती हो न।
मीरा-- हां।
जूही-- तुम हेलमेट पहनती हो।
मीरा-- हां, क्योंकि हेलमेट नहीं पहनने से फाइन देना होता है।
जूही--यह सरकार का नियम है?
मीरा-- हां, क्योंकि हर साल हेलमेट न पहनने की वजह से लोगों की मौत होती है।
जूही-- और क्या सरकारी नियम है।
मीरा-- तुम ड्रिंक करके गाड़ी नहीं चलाना सकती वरना पकड़े जाने पर जुर्माना एवं लाकअप में बंद होना होगा।
जूही-- बापरे..
मीरा-- तुम यह सब मुझसे क्यों पूछ रही?
जूही-- मैं अभी अभी ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त की हूं। इसलिए पूछ रही नियम।
मीरा -- ओह
Posted by Vishu Tomar 4 years ago
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Gaurav Seth 4 years ago
Q u e s t i o n : भारत को वृहत्तर भारत क्यों कहा गया?
A n s w e r : भारत ने अपने उपनिवेश दक्षिण-पूर्वी एशिया तक कायम किए इसीलिए वृहत्तर भारत का नाम दिया गया।
Posted by Vivek Rana 4 years ago
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Gaurav Seth 4 years ago
CBSE Class 9 is an important step in a student's life. Actual preparations for the class 10th board exam start from class 9th itself. Therefore, class 9 students must be attentive and focused on their studies. They should follow the right study material. They must be aware of their course curriculum to do study in an effective and productive way. Recently, CBSE made a major alteration in the syllabus of class 9th.
deleted portions of CBSE Class 9 Hindi Syllabus for 2020-2021:
Posted by Bhanupratap Sisodiya 4 years ago
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Posted by Sunaina Yadav 4 years ago
- 1 answers
Gaurav Seth 4 years ago
राज : हेलो यार ! कैसा है तू ?
अब्बास : यार मैं ठीक ही हूँ। हाँ ,थोड़ा परेशान हूँ ।
राज : क्यों क्या हुआ यार?
अब्बास : देख तुझे तो पता ही होगा भारत में क्या चल रहा है। हर जगह दंगे - फसाद।
राज : हाँ यार। क्या था हमारा भारत और अब देख क्या हो गया है। हिंदू - मुसलमान आपस में बैर कर रहे हैं।
अब्बास : एकदम सही कहा। वैसे भी कौन -सा
किसी किताब में लिखा है कि मार - काट से सब ठीक हो जाएगा। अल्लाह की नज़र में सभी एक हैं ।
राज : हाँ, वही तो। ये धर्म जाति के नाम पर भेद तो मनुष्य ने ही किया है। ईश्वर तो एक ही है मानने का तरीका अलग है बस।
अब्बास : हाँ, यार । सोच ही खराब हो गई मनुष्य की। उसे यह समझना होगा कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
राज : हाँ वही यार। सोच सुधारने की आवश्यकता है।
अब्बास : अच्छा अब मैं चलता हूँ यार। भाईजान के साथ मस्जिद जाना है।
राज : अच्छा ठीक है। अपना ध्यान रखना।
Posted by C.J.Ramiya Krishna 4 years ago
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Posted by C.J.Ramiya Krishna 4 years ago
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Posted by Shantanu Tawar 4 years ago
- 2 answers
Gaurav Seth 4 years ago
'धर्म की आड़' पाठ में निहित संदेश यह है कि सबसे पहले हमें धर्म क्या है, यह समझना चाहिए। पूजा-पाठ, नमाज़ के बाद दुराचार करना किसी भी रूप में धर्म नहीं है। अपने स्वार्थ के लिए लोगों को गुमराह कर शोषण करना और धर्म के नाम पर दंगे फसाद करवाना धर्म नहीं है। सदाचार और शुद्ध आचरण ही धर्म है, यह समझना चाहिए।
Posted by Abhi Raj 4 years ago
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Posted by Uzain Khawaja 4 years ago
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Posted by Adarsh Dubey 4 years ago
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Yogita Ingle 4 years ago
सपने की सबसे बड़ी परिभाषा यह है कि सपने आपकी सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों का छायाचित्र होता है। दूसरे शब्दों में कहे तो जब आप सपना देखते है और अपने जीवन में जिस जगह भी जाना चाहते है उसका आपके मन में मानसिक चित्र बनाने के लिए आपकी भावनाएं आपको कल्पना शक्ति देती है।
सोचऔर सपने में बस यही अंतर है कि सपने साकार किये जाते है चाहे वह सपना हवाई जहाज उड़ाने का हो या फिर मंगल ग्रह पर पहुँच कर घर बनाने का। सपना देखते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि वह प्राप्त करने योग्य हो, अन्यथा वे सोचमात्र ही रह जायेंगे।
Posted by Arpita Rohilla 4 years ago
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Posted by Khushi Vats 4 years ago
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Posted by Kusum Devda Rajputana 4 years ago
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Posted by Ultra Gamer 4 years ago
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Yogita Ingle 4 years ago
हमने वेबसाइट पर हिन्दी व्याकरण के अंदर जो पद परिचय दिया है। आप उससे सहायता प्राप्त कर सकते हैं। पद परिचय करने के लिए आपको व्याकरण की जानकारी होना आवश्यक है। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय, लिंग, क्रिया, वचन, कारक इत्यादि की जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि जब शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तो वह व्याकरणिक नियमों से बँधकर पद कहलाता है।
Posted by Divya Kumari 4 years ago
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Posted by Lokesh Sharma 4 years ago
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Yogita Ingle 4 years ago
हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का व्यक्तित्व हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे यह बात उभरकर सामने आई है कि प्रेमचंद एक सीधे-साधे व्यक्ति थे । वे धोती-कुर्ता कुर्ता पहनते थे। वे सिर पर मोटे कपड़े की टोपी और पैरों में केनवस का साधारण जूता पहनते थे। वे अपनी वेशभूषा पर विशेष ध्यान नहीं देते थे। उन्हें इस बात की बिल्कुल चिंता नहीं रहती थी कि लोग क्या कहेंगे। फटे जूते से उंगली बाहर निकली होने पर भी उन्हें किसी प्रकार की शर्म का अनुभव नहीं होता था।
Posted by Akshay Singh 4 years ago
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Posted by Ishaan Jham 4 years ago
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Posted by Rajneesh Rapriya 4 years ago
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Posted by Vishnu Shukla 4 years ago
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Gaurav Seth 4 years ago
वीप्सा अलंगकार परिभाषा
आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है। जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है;
जैसे-
“हा! हा!! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम।”
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
वीप्सा अलंकार को ही ‘पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार’ कहा जाता है।
यहाँ ‘हा!’ की पुनरुक्ति द्वारा गोपियों का विरह जनित आवेग व्यक्त होने से वीप्सा अलंकार है।
Posted by Satyendra Saw 4 years ago
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Sakshi Rollno 44 4 years ago
1Thank You