Ask questions which are clear, concise and easy to understand.
Ask QuestionPosted by स्वाती गुळवे- आगलावे 4 years ago
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Posted by Ritika Morya 4 years ago
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Posted by Gagandeep Singh 4 years, 1 month ago
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Posted by Jyothi Jyothi 4 years, 1 month ago
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Posted by Zidi Girl 4 years ago
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Posted by Deepika Singh 4 years, 1 month ago
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Everything Here 4 years, 1 month ago
Sanchita Das 4 years, 1 month ago
Posted by Chhavi Jain 4 years, 1 month ago
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Posted by Hitu Surela 4 years, 1 month ago
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Posted by Ritu Raj 4 years, 1 month ago
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Posted by Xbot Plays 4 years, 1 month ago
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Yogita Ingle 4 years, 1 month ago
चौमासा अर्थात चार माह में होने वाला (संख्या का बोध हो रहा है ): द्वंद्व समास
समास के भेद
1 अव्ययीभाव समा ( अव्ययीभाव समास में उपसर्ग होता है )
2 तत्तपुरूष समास ( तत्तपुरूष समास में कारक चिन्हों का प्रयोग होता है )
3 द्विगु समास ( संख्या का बोध होता है )
4 द्वंद्व समास ( द्वंद्व समास में योजक चिन्हों का प्रयोग होता है )
5 कर्म धार्य समास ( कर्म धार्य समास में व्यक्ति, वस्तु आदि की विशेषता का बोध होता है )
6 बहुव्रीहि समास ( बहुव्रीहि समास में शब्दों का विग्रह करने पर नया शब्द बनता है )
Posted by Tulshi Suthar 4 years, 1 month ago
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Posted by #An 28 4 years, 1 month ago
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Posted by Mandeep Rajput 4 years, 1 month ago
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Posted by U Vinoliya Vino 4 years, 1 month ago
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?Amrita Deshpremi? 4 years, 1 month ago
Posted by Anu Ishitha 4 years, 1 month ago
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Posted by Sai Pranav Tj 4 years, 1 month ago
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Posted by Sanchita Kudmethe 4 years, 1 month ago
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?Amrita Deshpremi? 4 years, 1 month ago
Gaurav Seth 4 years, 1 month ago
बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था। लेखक को बदलू काका से अत्यधिक लगाव था। वह लेखक को ढेर सारी लाख की रंग-बिरंगी गोलियाँ देता था इसलिए लेखक अपने मामा के गाँव चाव से जाता था।
गाँव के सभी लोग बदलू को ‘बदलू काका’ कहकर बुलाते थे इस कारण लेखक भी ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ कहता था।
Posted by Sreyas Nair 4 years, 1 month ago
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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago
शिक्षा या ज्ञान प्राप्त करना हर व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है और अच्छी शिक्षा देश के प्रत्येक नागरिक को मिलना ही चाहिए। शिक्षा ही व्यक्ति का संपूर्ण विकास कर सकती हैं। उसके बौद्धिक , मानसिक व आर्थिक स्तर को ऊंचा कर सकती हैं। उसके सोचने समझने की शक्ति का विकास कर सकती हैं।
अच्छी शिक्षा हासिल करके ही अच्छे एवं सुरक्षित भविष्य की नींव डाली जा सकती है। इसीलिए एक सुरक्षित भविष्य के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अच्छी शिक्षा लेना अनिवार्य है। और ऑनलाइन शिक्षा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ऑनलाइन शिक्षा से कई फायदे हैं।
ऑनलाइन शिक्षा घर बैठे-बैठे इंटरनेट के माध्यम से मिलने वाली शिक्षा है।इसलिए यह शिक्षा विद्यार्थी न सिर्फ अपने देश से बल्कि विदेशों की शिक्षण संस्थाओं से भी हासिल कर सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा व्यक्ति घर बैठे-बैठे हासिल कर सकता है। जिससे विद्यार्थियों के शिक्षण संस्थाओं , कोचिंग संस्थाओं या स्कूलों में जाने वाले समय की बचत होती है। साथ ही साथ यात्रा में लगने वाले पैसे की भी बचत हो जाती हैं।
छात्र अपने समय व सुविधा के हिसाब से ऑनलाइन क्लासेस ले सकते हैं।और शिक्षक द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन क्लास की रिकॉर्डिंग भी की जा सकती हैं। ऐसे में अगर किसी विद्यार्थी को ऑनलाइन क्लास के वक्त किसी विषय से संबंधित कुछ टॉपिक समझ में ना आए। तो वह दुबारा रिकॉर्डिंग सुन कर अपनी शंकाओं को दूर कर सकता है।
यदि किसी विद्यार्थी को किसी विषय से संबंधित कोई कठिनाई हो रही हो या कोई प्रश्न समझ में नहीं आ रहा हो। ऐसे में बच्चे अपने शिक्षकों से अपने घर बैठे बैठे ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से दोबारा प्रश्न पूछ सकता है।
न सिर्फ स्कूल , कॉलेज जाने वाले बच्चे बल्कि ऐसे विद्यार्थी जो प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे हैं। उनको भी ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा प्राप्त हो रही है। अब वो भी घर बैठे बैठे अपनी आने वाले प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी आराम से कर सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा से घर बैठे बैठे पढ़ने की सुविधा तो मिलती ही है। साथ में समय पैसे दोनों की बचत होती है।
ऑनलाइन पढ़ाई में अनेक ऐसे ऐप हैं जैसे गूगल अर्थ , वीडियो , चित्र , एनिमेटेड चित्र , गूगल मैप्स। जिनका प्रयोग कर पढ़ाई को और भी दिलचस्प बनाया जा सकता है। इसमें शिक्षक व विद्यार्थी एक दूसरे को पीडीएफ फाइल , वेब लिंग , वीडियो बनाकर भी भेज सकते हैं।
कई कंपनीयों द्वारा लर्निंग एप्स (Learning Apps ) भी बनाए गए हैं। जैसे मेरीटनेशन , बाईजू टॉपर्स आदि। ये लगभग कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के सीबीएसई के पाठ्यक्रम को ऑनलाइन प्रदान करते हैं। और इनके द्वारा बनाए गए एप्स में शिक्षकों का पढ़ाने का तरीका इतना बेहतरीन है कि बच्चे आराम से उस विषय को समझ जाते हैं।
इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये अपने ऐप से जुड़ने वाले बच्चों से पर्सनली सम्पर्क में रहते हैं। और कोई समस्या होने पर इनके टीचर बच्चों की समस्याओं का समाधान तुरंत करते हैं।
यहां तक कि कुकिंग , सिलाई , कढ़ाई , क्राफ्ट , ड्राइंग , पेंटिंग आदि से संबंधित क्लासेज भी अब ऑनलाइन दी जा रही है।
Posted by Akshat Tewari 4 years, 1 month ago
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Posted by Rahul Ayyagari 4 years, 1 month ago
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Sneha Sundriyal 4 years, 1 month ago
Everything Here 4 years, 1 month ago
Yogita Ingle 4 years, 1 month ago
कबीरदास जी कहते हैं कि रास्ते में पड़ा हुआ घास का नन्हा सा टुकड़ा भी अपना विशेष अस्तित्व रखता है। मनुष्य को पैरों के नीचे रहने वाले दूसरे का भी अपमान नहीं करना चाहिए। यानी नन्हा सा टुकड़ा हवा के साथ उड़कर जब मनुष्य की आंखों में पड़ जाता है, तो यही अत्यंत कष्टदायक बन जाता है। मनुष्य जब तक उस तिनके को अपनी आंख से निकाल नहीं देता है, तब तक उसे चैन नहीं मिलता है। अर्थात कोई अपने से कितना भी कमजोर क्यों ना हो, हमें उसका अपमान नहीं करना चाहिए।
Posted by Lord Gang Ff Gang 4 years, 1 month ago
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Posted by Sneha Sundriyal 4 years, 1 month ago
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Sneha Sundriyal 4 years, 1 month ago
Posted by Pushpadant Katrale 4 years, 1 month ago
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Sneha Sundriyal 4 years, 1 month ago
Posted by Trina Das 4 years, 1 month ago
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Posted by Diya Raj 4 years, 1 month ago
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Posted by Asutosh Panda 4 years, 1 month ago
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