UP Board - Class 12 - भूगोल - सिलेबस
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Latest UP Board Syllabus for Class 12 भूगोल
UP Board syllabus for class 12 भूगोल 2018, 2019, and 2020 as per upmsp.edu.in. New curriculum. UP Board syllabus is available for free download in PDF format. Download latest UP Board syllabus of 12th भूगोल as PDF format. भूगोल syllabus for UP Board class 12 is also available in myCBSEguide app, the best app for UP Board students.
UP Board Academics Unit - Curriculum Syllabus
UP Board has special academics unit to design curriculum and syllabus. The syllabus for UP Board class 12 भूगोल is published by upmsp.edu.in Central Secondary Education, Head Office in Lucknow. The latest syllabus for class 12 भूगोल includes list of topics and chapters in भूगोल. UP Board question papers are designed as per the syllabus prescribed for current session.
UP Board Syllabus category
- Secondary School Curriculum (class 9 and class 10)
- Senior School Curriculum (class 11 and class 12)
- Vocational Courses (Class 11 and class 12)
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद्, इलाहाबाद
कक्षा-12 भूगोल
पाठ्यक्रम तथा पाठ्य-पुस्तकें
तीन-तीने घण्टे एवं 35-35 अंकों के दो प्रश्न-पत्र होंगे तथा 30 अंकों की एक प्रयोगात्मक परीक्षा होगी। उतीर्ण होने के लिये लिखित, प्रयोगात्मक एवं योग में क्रमशः 23, 10 एवं 33 अंक प्राप्त करने होंगे।
उद्देश्य
- प्राकृतिक पर्यावरण तथा मानव कार्यकलापों की अन्तः क्रिया से जनित परिस्थितियों की भौगोलिक जानकारी प्राप्त करना।
- भौगोलिक अध्ययन से सम्बन्धित सूचना एकत्र करना, विश्लेषण करना तथा निष्कर्ष निकालने में सहायक कौशलों की जानकारी करना तथा निपुणता प्राप्त करना।
- विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में संसाधनों तथा उनके उपयोग की जानकारी प्राप्त करना तथा भविष्य के बारे में निष्कर्ष निकालना।
- भारत के प्राकृतिक तथा मानवीय संसाधनों के उपयोग के फलस्वरूप विकास की सम्भावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना।
- विभिन्न संसाधनों तथा प्रादेशिक क्षेत्रों के वर्तमान विकास का आंकलन करना तथा भविष्य में उनके इष्टतम् विकास की संकल्पना करने का प्रयास करना।
प्रथम प्रश्न-पत्र
भौतिक एवं मानव भूगोल
इकाई-1. (07 अंक)
जैव मण्डल- प्राकृतिक वनस्पति-प्रकार, विशेषतायें एवं विश्व वितरण। जीव-जन्तु और जलवायु तथा वनस्पति से सह सम्बन्ध। पारिस्थितिकी तन्त्र, असंतुलन की समस्यायें एवं उनका निराकरण।
इकाई-2. (12 अंक)
मानव तथा आर्थिक भूगोल-
- प्राकृतिक पर्यावरण के तत्व, मानव और पर्यावरण का सम्बन्ध जनसंख्या की वृद्धि, घनत्व तथा वितरण। जनसंख्या की संरचना, लिंग, आयु, साक्षरता, ग्राम एवं नगरीय तथा व्यावसायिक संरचना। जनसंख्या की समस्यायें, उनका निराकरण-जनसंख्या स्थानान्तरण, विश्व प्रजातियां एवं भारतीय जन जातियां, जातीय समस्यायें, रंग भेद नीति। ग्राम, नगर, सामान्य ग्रामीण अधिवास, उनके प्रकार और प्रतिरूप, नगरीय अधिवास उनकी आकारिका एवं कार्य, नगरीकरण की समस्यायें।
- संसाधन और उनके वर्गीकरण-जैव एवं क्षयी एवं अक्षयी, संभाव्य एवं विकसित कच्चा माल तथा ऊर्जा, संसाधनों का संरक्षण, प्रमुख संसाधनों का संरक्षण, प्रमुख संसाधनों का विश्व वितरण, वन मत्स्य, खनिज, ऊर्जा तथा जल संसाधन, अर्थ-व्यवस्था के प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र। मत्स्य, पशुपालन एवं कृषि विशेष सन्दर्भ में। प्राथमिक क्षेत्र का अध्ययन, कृषि के प्रकार, झूम तथा स्थायी जीवन निर्वाहक एवं व्यापारिक सघन एवं विस्तृत बागाती कृषि, मिश्रित खेती, शुष्क खेती, फुल-सब्जी की खेती, सहकारी कृषि आदि। निम्नांकित की उपज, दशायें तथा विश्व वितरण गेहूँ, चावल, कपास, जूट, गन्ना, चाय, कहवा, रबर।
इकाई-3. (07 अंक)
द्वितीयक क्षेत्र- उद्योगों के स्थानीकरण के कारण, लोहा तथा इस्पात, वस्त्र, कागज, चीनी उद्योग।
इकाई-4. (09 अंक)
तृतीय क्षेत्र- यातायात के साधन, रेलमार्ग, महासागरीय मार्ग, वायुमार्ग, पाइप लाइन, संसार के प्रमुख रेल महानगरीय एवं वायु मार्गों का अध्ययन, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार, प्रमुख बन्दरगाह, गेहूं, चावल, चाय, खनिज, तेल लौह खनिज तथा कोयले का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार।
द्वितीय प्रश्न-पत्र
प्रादेशिक एवं भारत का भूगोल
समय 3 घण्टे (अंक 35)
इकाई-1. (अंक 10)
मानवीय संसाधन- जनशक्ति गुणवत्ता एवं मात्रा।
जनसंख्या का घनत्व एवं विस्तार, जनसंख्या की वृद्धि दर, जनसंख्या की संरचना, आयु, लिंग, भाषा, साक्षरता, व्यवसाय, ग्रामीण एवं नगरीय। नगरीकरण में वृद्धि तथा उसका अर्थ व्यवस्था से सम्बन्ध। जनसंख्या की समस्यायें एवं उनका समाधान।
इकाई-2 (अंक 09)
भारतीय अर्थ- व्यवस्था की संरचना, विशेषता- भारतीय कृषि उद्योग धन्धों एवं यातायात के साधनों का पंचवर्षीय योजनाओं के परिप्रेक्ष्य में अध्ययन, भारत का विदेशी व्यापार तथा महत्त्वपूर्ण बन्दरगाह।
इकाई-3 (अंक 07)
“आपदा प्रबन्धन- भूकम्प, भूस्खलन, चक्रवाती तूफान, सुनामी, पूर्वानुमान एवं बचाव के उपाय।।”
इकाई-4 (अंक 09)
- वर्षा जल संचयन एवं भू-गर्भ जल सम्बर्द्धन।
- अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र (नगरीय एवं ग्रामीण परिदृश्य)
- वर्षा जल संचयन की प्रक्रिया एवं प्रकार जैसे नगरीय क्षेत्र के अन्तर्गत बहुमंजलीय इमारतों के छतों पर टंकिया इत्यादि एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कुण्ड, तालाब बंधिता इत्यादि।
- वर्षा जल प्रबन्धन एवं उपयोगिता।
भूगोल (प्रयोगात्मक) (अंक 30)
- मानचित्र प्रक्षेप- निम्न प्रक्षेपों का अर्थ, उद्देश्य, रचना, विशेषतायें एवं उपयोगिता-
- एक तथा दो प्रमाणिक अक्षांशों वाले संख्याकार प्रक्षेप।
- बेलनाकार समक्षेत्र प्रक्षेप।
- नोमोनिक तथा स्टीरियोग्राफिक ध्रुवीय प्रक्षेप।
- बोन प्रक्षेप।
- मानचित्र पर उच्चावन प्रदर्शन- समोच्य रेखाओं एवं पार्श्वचित्रों द्वारा निम्न का प्रर्दशन-पहाड़ी, ढाल (सैडिल), वी आकार की घाटी, पठार, यू आकार की घाटी, उन्नतोदर एवं नतोदर ढाल।
- निम्न धरातल पत्रकों का अध्ययन-
63B1563B15, 6J36J3 , 53O753O7, 48L1348L13 - एक क्षेत्रीय अध्ययन। उसकी रिपोर्ट में संबंधित आंकड़े तथा रेखांचित्र भी दिये हों। इस हेतु ऐसे विषय लिये जायं जैसे यातायात, प्रवाह, किसी क्षेत्र अथवा अधिवास का सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण।
- समतल मेज द्वारा सर्वेक्षण।
प्रयोगात्मक अंक विभाजन
भूगोल
अधिकतम अंक-30
न्यूनतम उत्तीर्णाक-10
समय-3 घण्टे
बाह्य मूल्यांकन- (15 अंक)
- लिखित परीक्षा-6 प्रश्नों में से केवल चार प्रश्नों के उत्तर दीजिये- (अंक 10)
- मौखिक परीक्ष-सर्वेक्षण, क्षेत्रीय अध्ययन की आख्या तथा प्रयोगात्मक अभ्यास पुस्तका में से प्रश्न (अंक 05)
आन्तरिक मूल्यांकन- (15 अंक)
- सर्वेक्षण (अंक 05)
- क्षेत्रीय अध्ययन आख्या (अंक 05)
- प्रयोगात्मक अभ्यास पुस्तिका (अंक 05)
नोट:-
- सर्वेक्षण परीक्षा के लिए एक बार में परीक्षार्थियों की संख्या 30 से अधिक न हो।
- सर्वेक्षण शीट, क्षेत्रीय अध्ययन आख्या तथा प्रयोगात्मक अभ्यास पुस्तका को परिषदीय वाह्य परीक्षक के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
- छात्रों का मूल्यांकन आन्तरिक व वाह्य परीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा।
व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा
व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा हेतु जो विद्यालय प्रयोगात्मक परीक्षा केन्द्र निर्धारित किये जायेंगे, उन विद्यालयों के सम्बन्धित विषयों के अध्यापक/प्रधानाचार्य द्वारा आन्तरिक परीक्षक रूप में व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को पचास प्रतिशत अंक प्रदान किये जायेंगे, शेष पचास प्रतिशत अंक वाह्य परीक्षक द्वारा देय होंगे |
पुस्तकें-
कोई भी पुस्तक निर्धारित या संस्तुत नहीं की गयी है। विद्यालयों के प्रधान विषय अध्यापक के परामर्श से पाठ्यक्रम के अनुरूप उपयुक्त पुस्तक का चयन कर लें।
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