Ask questions which are clear, concise and easy to understand.
Ask QuestionPosted by Kartikey Yadav 4 years, 1 month ago
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Posted by Kartikey Yadav 4 years, 1 month ago
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Posted by Aditya Nath Singh 4 years, 1 month ago
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Posted by Ankita Chouhan 4 years, 1 month ago
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Meghna Thapar 4 years, 1 month ago
The automotive industry in the United States began in the 1890s and, as a result of the size of the domestic market and the use of mass production, rapidly evolved into the largest in the world. Cars came into global use during the 20th century, and developed economies depend on them. The year 1886 is regarded as the birth year of the modern car when German inventor Karl Benz patented his Benz Patent-Motorwagen. Cars became widely available in the early 20th century.
Posted by Kanhaiya Gupta 4 years, 1 month ago
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Yogita Ingle 4 years, 1 month ago
System software refers to the programs that controls internal computer operations and makes best use of the hardware devices.
Posted by Vikash Kumar 4 years, 1 month ago
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Posted by Venus Shivhare Venus Shivhare 4 years, 1 month ago
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Posted by Dilip Kumar 4 years, 1 month ago
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Posted by Anushka Chauhan 3 years, 11 months ago
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Yogita Ingle 4 years, 1 month ago
he two laws of reflection are:
(i) the incident ray, the reflected ray and the normal (at the point of incidence), all lie in the same plane.
(ii) the angle of reflection (<i>r</i>) is always equal to the angle of incidence (<i>i</i>)
∠<i>r</i> = ∠<i>i</i>
Gaurav Seth 4 years, 1 month ago
Laws of Reflection of light:
- The angle of incidence and angle of reflection is equal.
- The incident ray, reflected ray and normal to the point of reflection lie in the same plane.
The angle of incidence is denoted by 'i' and angle of reflection is denoted by 'r'. The law of reflection is applicable to all types of reflecting surface.
Posted by Saurabh Yadav 4 years, 1 month ago
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Posted by Mohammad Akram 4 years, 1 month ago
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Pramda Samal 3 years, 4 months ago
Gaurav Seth 4 years, 1 month ago
Noun is a word used to indicate a person, thing, place or idea. Learn about proper nouns and common nouns.
A proper noun is used to refer to a specific person, place or object. E.g. John is a very smart boy.
A common noun is used to refer to a class of people, places or objects. E.g. John is a very smart boy.
Posted by Pankaj Gautam 4 years, 1 month ago
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Posted by Ak Rockstar 4 years, 1 month ago
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Posted by Ramesh Chandra Sharma 4 years, 1 month ago
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Posted by Sarika Verma Sarika Verma 4 years, 1 month ago
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Sarika Verma Sarika Verma 4 years, 1 month ago
Posted by Dua E Noor Rizwan 4 years, 1 month ago
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Posted by Vivek Kumar 4 years, 1 month ago
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Posted by Afifa Asadulla Khan 4 years ago
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Posted by Nitin Kkk 4 years, 1 month ago
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Yogita Ingle 4 years, 1 month ago
The king was sad because his birthday came only once a year and he could not give away gifts more than once in a year.
Posted by Shikha Singh 4 years, 1 month ago
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Posted by Dilip Kumar 4 years, 1 month ago
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Posted by Raj Thakur 3 years, 8 months ago
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Posted by Vainktesh Kanel 4 years, 1 month ago
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Posted by Raj Thakur 4 years, 1 month ago
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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago
व्हीटस्टोन सेतु (wheatstone’s bridge) : किसी अज्ञात <a href="https://sbistudy.com/electrical-resistance-in-hindi/" style="user-select:initial !important; margin:0px; padding:0px; border:0px; font-size:14px; vertical-align:baseline; outline:none; color:#444444; font-family:Ubuntu, Helvetica, Arial, sans-serif; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-align:left; text-transform:none; white-space:normal; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; background-color:#ffffff">प्रतिरोध</a> का मान ज्ञात करने के लिए इंग्लैंड के वैज्ञानिक सी. एफ. व्हीटस्टोन ने चार प्रतिरोध , एक <a href="https://sbistudy.com/cell-emf-terminal-voltage/" style="user-select:initial !important; margin:0px; padding:0px; border:0px; font-size:14px; vertical-align:baseline; outline:none; color:#444444; font-family:Ubuntu, Helvetica, Arial, sans-serif; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-align:left; text-transform:none; white-space:normal; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; background-color:#ffffff">सेल</a> तथा एक धारामापी का उपयोग कर एक युक्ति (परिपथ) बनाई इसे व्हीटस्टोन सेतु कहते है।
<div class="code-block code-block-3" style="border:0px; margin:8px 0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px"> </div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">इस विशेष परिपथ (युक्ति) का उपयोग करके किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान आसानी से ज्ञात किया जा सकता है।</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">व्हीटस्टोन सेतु की रचना (structure of Wheatstone bridge) : इसकी संरचना चित्र में दिखाई गयी है।</div> <div class="separator" style="border:0px; margin:0px; padding:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; text-align:center"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-MfANTFrE_0w/Wm82I8QPYfI/AAAAAAAABsc/T_gpwztDVyAIYhnQG1UqBr3XV-KIXXgBgCLcBGAs/s1600/wheatstone-bridge.jpg" style="user-select:initial !important; margin:0px 1em; padding:0px; border:0px; font-size:14px; vertical-align:baseline; outline:none; color:#444444"></a></div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">चित्रानुसार इसमें चार प्रतिरोध होते है P , Q , R , S</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">यहाँ प्रतिरोध P तथा Q श्रेणीक्रम में है और इसी प्रकार R व S आपस में श्रेणी क्रम में है। फिर दोनों श्रेणीक्रम संयोजनों को आपस में समान्तर में जोड़ा गया है।</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">पॉइंट b तथा d के मध्य एक धारामापी जुड़ा हुआ है।</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">बिंदु a तथा c के मध्य E विद्युत वाहक बल की बैटरी जुडी हुई है।</div>
व्हीट स्टोन सेतु का सिद्धान्त (principle of wheatstone bridge)
<div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">परिपथ में E विधुत वाहक बल की बैटरी लगी हुई है माना परिपथ में मुख्य धारा I निकलती है जब यह धारा बिंदु a पर पहुँचती है तो इसे दो मार्ग मिलते है इसलिए यह I1 & I2 में विभक्त हो जाती है फिर I1 को b बिंदु पर तथा I2 को d बिंदु पर दोबारा दो मार्ग प्राप्त होते है यहाँ I1 & I2 के विभाजन के लिए तीन स्थितियाँ बनती है1. जब b बिंदु पर विभव (Vb) का मान d बिंदु पर उत्पन्न विभव (Vd) से ज़्यादा है अर्थात Vb > Vd इस स्थिति में चूँकि b बिंदु पर विभव का मान ज़्यादा है और d बिंदु पर <a href="https://sbistudy.com/electrostatic-potential-and-potential-difference/" style="user-select:initial !important; margin:0px; padding:0px; border:0px; font-size:14px; vertical-align:baseline; outline:none; color:#444444">विभव</a> कम है अतः b से d की तरफ धारा का प्रवाह होगा लेकिन धारा निम्न विभव से उच्च विभव की तरफ नहीं होता अतः d से b की तरफ धारा प्रवाहित नहीं हो सकती।
अतः जब Vb > Vd है इस स्थिति में I1 धारा दो तरफ बंट जाती है इसका एक हिस्सा धारा मापी में चला जाता है और दूसरा हिस्सा Q प्रतिरोध में दूसरी तरफ d बिंदु पर विभव कम है अतः यह I2 धारा धारामापी की तरफ नहीं जाती है और सम्पूर्ण धारा S प्रतिरोध में चली जाती है।
2. दूसरी स्थिति पहली स्थिति की विपरीत होगी अर्थात d बिंदु पर विभव ज़्यादा हो सकता है और b बिंदु पर कम अर्थात Vb < Vd इस स्थिति में चूँकि d बिंदु पर विभव अधिक है अतः धारा d से b की तरफ बह सकती है लेकिन b से d की तरफ नहीं बह सकती।
अतः इस स्थिति में I2 धारा दो तरफ बंट जाती है इसका एक हिस्सा धारा मापी में चला जाता है और दूसरा हिस्सा S प्रतिरोध में चला जाता है तथा दूसरी तरफ b बिंदु पर विभव कम है अतः यह I1 धारा धारामापी की तरफ नहीं जाती है और सम्पूर्ण धारा Q प्रतिरोध में चली जाती है।
3. तीसरी स्थिति में बिंदु b तथा d पर विभव का मान समान है अर्थात Vb = Vd इस स्थिति में चूँकि दोनों सिरों पर विभव समान है अतः धारा मापी की तरफ कोई धारा नहीं जाती है अर्थात b-d में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती है क्योंकि धारा प्रवाहित होने के लिए विभान्तर की आवश्यकता होती है और चूँकि यहाँ दोनों बिंदु पर समान आवेश है।
अतः इस स्थिति में I1 धारा पूर्ण Q प्रतिरोध पर तथा I2 धारा पूर्ण S प्रतिरोध पर पूर्ण रूप से पहुंच जाती है तथा धारामापी में शून्य धारा होने से कोई विक्षेप नहीं होता है इसे सेतु की संतुलन की स्थिति कहते है।
सेतु की संतुलन की अवस्था में इस
Vb = Vd
<div class="code-block code-block-5" style="border:0px; margin:8px 0px; padding:0px"> </div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px">Va – Vb = Va – Vd</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px">I1P = I2R</div>
I1/I2 = R/P
दूसरी तरफ
Vb = Vd
I1/I2 = S/Q
I1/I2 की समीकरणों की तुलना करने हम पाते है
R/P = S/Q
इस समीकरण का उपयोग किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए की जाती है जैसे मान लीजिये व्हीट सेतु ब्रिज में S प्रतिरोध अज्ञात है तो
S = QR/P
इसमें P , Q , R का मान रखते ही अज्ञात S प्राप्त हो जाता है।
इस प्रकार व्हीटसेतु ब्रिज की सहायता से अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात किया जाता है।
Posted by Raj Thakur 4 years, 1 month ago
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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago
ओम का नियम -
V = IR
ओम के नियम का मूल अर्थ यही है इसी से आप नियम की परिभाषा बना सकते हैं
यहां
V = विभान्तर (Voltage), Volts में
I = धारा, करंट एम्पियर में
R = प्रतिरोध ओह्म में (Resistance)
परिभाषा - "समान ताप व स्थिति में किसी बन्द डीसी परिपथ में प्रतिरोध के सिरों पर लगने वाला वोल्टेज उस प्रतिरोध में प्रवाहित होने वाली धारा के मान के समानुपाती होता है ।"
अर्थात्
V∝ I
सरल भाषा -
किसी बंद डीसी परिपथ में वोल्टेज का मान उस परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा और प्रतिरोध के मान के गुणनफल के बराबर होता है ।
यहां बंद डीसी परिपथ (Close DC Circuit) यानी की ऐसा डीसी सर्किट जिसमें स्विच ऑन हो और परिपथ चालू हो ।
इसमें
वोल्टेज (V) = धारा (I) × प्रतिरोध (R)
इसी फार्मूले का उपयोग करके आप वोल्टेज, धारा और प्रतिरोध के मान निकाल सकते हैं ।
जैसे
V = IR
R = V/I
I = V/R
Posted by Raj Thakur 4 years, 1 month ago
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Yogita Ingle 4 years, 1 month ago
Kirchhoff has given two rules based on conservation of electric charge and of energy, these are known as Kirchhoff’s laws
Kirchhoff’s First Law or Junction Rule The algebraic sum of electric currents at any junction of electric circuit is equal to zero i.e. the sum of current entering into a junction is equal to the sum of current leaving the junction i.e.
Junction law supports law of conservation of charge because this is a point in a circuit which cannot act as a source or sink of charge(s).
Kirchhoff’s Second Law or Voltage Rule In any closed mesh of electrical circuit, the algebraic sum of emf’s of cell and the product of currents and resistance is always equal to zero i.e.
Kirchhoff’s second law supports the law of conservation of energy. Because the net change in the energy of a charge, after the charge complete a closed path must be zero
Posted by Girdhari Music World 4 years, 1 month ago
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Posted by Bablu Pal 4 years, 1 month ago
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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago
गैस + विलायक ↔ विलयन + ऊष्मा
गैस का द्रव में घुलना एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है। ताप बढ़ाने पर साम्य बायीं ओर विस्थापित होता है और विलयन से गैस मुक्त होती है।
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