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Gulashan Nishad 9 months, 2 weeks ago

Methen
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Manish Rajput 2 years, 10 months ago

Akash me fggg

Aditya Kumar 3 years ago

Jab Surya ki kirne earth ki taraf aati hai to uske prakash ka vikrna ho jata hai isliye
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Gayatri Vishwakarma 3 years, 9 months ago

Abe hindi me bta nn

Sunil Kumar 3 years, 11 months ago

Hii
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Anmol Pathak 3 years, 10 months ago

Hmare youtube Chennal success iq par aao
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Vaibhavi Srivastava 3 years, 10 months ago

हेबर विधि द्वारा अमोनिया के औद्योगिक निर्माण का नामांकित चित्र सहित वर्णन कीजिए। इसके दो प्रमुख गुण एवं दो उपयोग लिखिए। इस विधि में ला-शातेलिए नियम का क्या महत्त्व है हेबर विधि का सिद्धान्त–यदि शुद्ध नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के 1 : 3 अनुपात के मिश्रण को गर्म किया जाए तो अमोनिया बनती है। यह एक ऊष्माक्षेपी उत्क्रमणीय अभिक्रिया है और क्रिया के पश्चात् आयतन में कमी होती है, इसलिए ला-शातेलिए के नियमानुसार कम ताप और अधिक दाब पर अमोनिया अधिक उत्पन्न होगी। कम ताप पर अभिक्रिया का वेग बढ़ाने के लिए एक उत्प्रेरक प्रयोग किया जाता है। इस अभिक्रिया का उत्प्रेरक की उपस्थिति में अनुकूलतम ताप 450°-500°C तथा उच्च दाब 200 वायुमण्डल है; क्योंकि अभिक्रिया उत्क्रमणीय है, इसलिए अमोनिया को बराबर क्रिया क्षेत्र से हटाने के बाद, अमोनिया गैस अधिक बनेगी। इस अभिक्रिया में लोहे का बारीक चूर्ण (उत्प्रेरक) तथा मॉलिब्डेनम (उत्प्रेरक वर्धक) की सूक्ष्म मात्रा प्रयुक्त होती है। इसमें गैसीय मिश्रण शुद्ध होना चाहिए जिससे उत्प्रेरक विषाक्त न हो। विधि- शुद्ध N2 तथा H2 को 1 : 3 अनुपात में मिलाकर 200 वायुमण्डल दाब पर तप्त लोहे के बारीक चूर्ण (उत्प्रेरक) को, जिसमें मॉलिब्डेनम (उत्प्रेरक वर्धक) मिला होता है, 500°C ताप पर गर्म करते हैं। इस विधि में 10 – 15% अमोनिया बनती है, जिसे संघनित्र में प्रवाहित करके द्रवित कर लेते हैं। शेष गैसों को फिर से उत्प्रेरक कक्ष में प्रवाहित करते हैं जिससे N2 व H2 के संयोजन द्वारा NH3 का लगातार उत्पादन होता रहता है। रासायनिक गुण  1. क्षारीय गुण – यह क्षारीय गैस है तथा लाल लिटमस को नीला कर देती है। यह अम्लों से क्रिया करके लवण बनाती है। 2. धातु ऑक्साइडों का अपचयन – यह धातु ऑक्साइडों को अपचयित कर देती है। उपयोग  1. प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में।  2. बर्फ बनाने तथा कोल्ड स्टोरेज में प्रशीतक के रूप में; क्योंकि इसके वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 327 कैलोरी/ग्राम (उच्च) होती है
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Himanshu Chaudhary 3 years, 10 months ago

Using this f=9celsius/5+32
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Aakash Kumar 3 years, 10 months ago

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Yogesh Prasad 4 years ago

paper
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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago

ओम का नियम -

 

V = IR

 

ओम के नियम का मूल अर्थ यही है इसी से आप नियम की परिभाषा बना सकते हैं

 

यहां 

V = विभान्तर (Voltage), Volts में
I = धारा, करंट एम्पियर में
R = प्रतिरोध ओह्म में (Resistance)

 

परिभाषा - "समान ताप व स्थिति में किसी बन्द डीसी परिपथ में प्रतिरोध के सिरों पर लगने वाला वोल्टेज उस प्रतिरोध में प्रवाहित होने वाली धारा के मान के समानुपाती होता है ।"

 

अर्थात् 

V∝ I

 

सरल भाषा -
किसी बंद डीसी परिपथ में वोल्टेज का मान उस परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा और प्रतिरोध के मान के गुणनफल के बराबर होता है ।

यहां बंद डीसी परिपथ (Close DC Circuit) यानी की ऐसा डीसी सर्किट जिसमें स्विच ऑन हो और परिपथ चालू हो ।


इसमें 
वोल्टेज (V) = धारा (I) × प्रतिरोध (R)

 

इसी फार्मूले का उपयोग करके आप वोल्टेज, धारा और प्रतिरोध के मान निकाल सकते हैं ।

 

जैसे 
V = IR
R = V/I
I = V/R

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Gaurav Seth 4 years, 1 month ago

गैस + विलायक ↔ विलयन + ऊष्मा 

गैस का द्रव में घुलना एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है। ताप बढ़ाने पर साम्य बायीं ओर विस्थापित होता है और विलयन से गैस मुक्त होती है।

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Vimal Vimal Kumar Verma 2 years, 8 months ago

ठीक है ????

Abhishek Singh 4 years ago

Benzamide को जल की उपस्थिति में गर्म करने पर बेंजोइक अम्ल प्राप्त होता है तथा अमोनिया गैस मुक्त होती है
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Yogita Ingle 4 years, 5 months ago

Raoult's Law states that "For a solution containing non volatile solute, at a given temperature, the relative lowering of vapour pressure is equal to mole fraction of the solute.
i. e. p'/p=x.
Limitations :
1. Raoult's law is applicable only to very dilute solutions. Raoult's law is applicable to solutions containing non-volatile solute only.
2. Raoult's law is not applicable to solutes which dissociate or associate in the particular solution.

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