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Shailesh Yadav 1 year, 6 months ago

Hii

Ankit Singh 1 year, 7 months ago

हल वर्ग ABCD को 0.10 सेमी भुजा वाले घन के पार्श्व फलक के रूप में लिया जा सकता है, इस घन के केंद्र में 5 सेमी*g=10 uc =10×10-6c=-5c की दूरी पर दिए गए आवेश को देखा जा सकता है।फिर गॉस के नियम के अनुसार घन के सभी चेहरों के माध्यम से शुद्ध प्रवाह O\=q÷E0 वर्ग ABCD के माध्यम से प्रवाहित होता है, फिर q^1 =1/6×q/E0 या 1/6 ×10^- 5 c÷8 854×10^12 c^2N^-1m^-2[E0=8.864×10^-12c^2N^-1m^-2 या 107÷53.124 NC2 या l^1=100×105÷53.124 एनसी^1m^2. Orq^1=188×105nc-1m^2
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Math Angles 11 months, 2 weeks ago

पदार्थ का वह भौतिक गुण है जो पदार्थ को विद्युच्चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर एक बल का अनुभव करने का कारण बनता है।

Akash Gond 1 year, 8 months ago

Motor shetu
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Math Angles 11 months, 2 weeks ago

Unit of charge

Abhishek Bisht 2 years, 3 months ago

Hahshsh

Roshni Chaubey 2 years, 6 months ago

☠️
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Uttam Pandey 2 years, 5 months ago

J
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Riya Riya 2 years, 11 months ago

Bhutik vigyan chapter 1

Gourav Yadav 3 years, 1 month ago

Ch1 notes

Kushal Kushwaha 3 years, 1 month ago

Bhautik vigyan chapter 1 ka video dikhao
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Sanjay Parihar 2 years, 10 months ago

N/C. Newton/coulomb
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Guddu Chaudhary Siwal Khas 3 years, 3 months ago

Tesla

Sadashiv Vaidya 3 years, 6 months ago

Weber /meter ka Square and Tesla bhi Bolte hai
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Math Angles 11 months, 2 weeks ago

इलेक्ट्रॉन के नाभिक के चारो ओर वृत्ताकार मार्ग में घूमने के लिए आवश्यक अभिकेंद्रिय बल, तथा नाभिक के मध्य लगने वाले स्थिर विद्युत आकर्षण बल से प्राप्त होता है।

Mohd Saami 4 years ago

Kyunki nabhik par dhanavesh hota hai or e- par riravesh hota hai isliye Arthat, Isme vidhut chumbkiye bal kariye karta hai
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Toward Education Kumar 4 years, 1 month ago

Thanks

Gaurav Seth 4 years, 1 month ago

व्हीटस्टोन सेतु (wheatstone’s bridge) : किसी अज्ञात <a href="https://sbistudy.com/electrical-resistance-in-hindi/" style="user-select:initial !important; margin:0px; padding:0px; border:0px; font-size:14px; vertical-align:baseline; outline:none; color:#444444; font-family:Ubuntu, Helvetica, Arial, sans-serif; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-align:left; text-transform:none; white-space:normal; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; background-color:#ffffff">प्रतिरोध</a> का मान ज्ञात करने के लिए इंग्लैंड के वैज्ञानिक सी. एफ. व्हीटस्टोन ने चार प्रतिरोध , एक <a href="https://sbistudy.com/cell-emf-terminal-voltage/" style="user-select:initial !important; margin:0px; padding:0px; border:0px; font-size:14px; vertical-align:baseline; outline:none; color:#444444; font-family:Ubuntu, Helvetica, Arial, sans-serif; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-align:left; text-transform:none; white-space:normal; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; background-color:#ffffff">सेल</a> तथा एक धारामापी का उपयोग कर एक युक्ति (परिपथ) बनाई इसे व्हीटस्टोन सेतु कहते है।

 

<div class="code-block code-block-3" style="border:0px; margin:8px 0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px"> </div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">इस विशेष परिपथ (युक्ति) का उपयोग करके किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान आसानी से ज्ञात किया जा सकता है।</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">व्हीटस्टोन सेतु की रचना (structure of Wheatstone bridge)  : इसकी संरचना चित्र में दिखाई गयी है।</div> <div class="separator" style="border:0px; margin:0px; padding:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; text-align:center"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-MfANTFrE_0w/Wm82I8QPYfI/AAAAAAAABsc/T_gpwztDVyAIYhnQG1UqBr3XV-KIXXgBgCLcBGAs/s1600/wheatstone-bridge.jpg" style="user-select:initial !important; margin:0px 1em; padding:0px; border:0px; font-size:14px; vertical-align:baseline; outline:none; color:#444444"></a></div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">चित्रानुसार इसमें चार प्रतिरोध होते है P , Q , R , S</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">यहाँ प्रतिरोध P तथा Q श्रेणीक्रम में है और इसी प्रकार R व S आपस में श्रेणी क्रम में है।  फिर दोनों श्रेणीक्रम संयोजनों को आपस में समान्तर में जोड़ा गया है।</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">पॉइंट b तथा d के मध्य एक धारामापी जुड़ा हुआ है।</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">बिंदु a तथा c के मध्य E विद्युत वाहक बल की बैटरी जुडी हुई है।</div>

 व्हीट स्टोन सेतु का सिद्धान्त (principle of wheatstone bridge)

<div style="border:0px; margin:0px; padding:0px; text-align:left; -webkit-text-stroke-width:0px">परिपथ में E विधुत वाहक बल की बैटरी लगी हुई है माना परिपथ में मुख्य धारा I निकलती है जब यह धारा बिंदु a पर पहुँचती है तो इसे दो मार्ग मिलते है इसलिए यह I1 & I2 में विभक्त हो जाती है फिर I1 को b बिंदु पर  तथा Iको d बिंदु पर दोबारा दो मार्ग प्राप्त होते है यहाँ I1 & Iके विभाजन के लिए तीन स्थितियाँ बनती है
1. जब b बिंदु पर विभव (Vb) का मान d बिंदु पर उत्पन्न विभव (Vd) से ज़्यादा है अर्थात Vb > Vइस स्थिति में चूँकि b बिंदु पर विभव का मान ज़्यादा है और d बिंदु पर <a href="https://sbistudy.com/electrostatic-potential-and-potential-difference/" style="user-select:initial !important; margin:0px; padding:0px; border:0px; font-size:14px; vertical-align:baseline; outline:none; color:#444444">विभव</a> कम है अतः b से d की तरफ धारा का प्रवाह होगा लेकिन धारा निम्न विभव से उच्च विभव की तरफ नहीं होता अतः d से b की तरफ धारा प्रवाहित नहीं हो सकती।
अतः जब Vb > Vहै इस स्थिति में Iधारा दो तरफ बंट जाती है इसका एक हिस्सा धारा मापी में चला जाता है और दूसरा हिस्सा Q प्रतिरोध में दूसरी तरफ d बिंदु पर विभव कम है अतः यह I2 धारा धारामापी की तरफ नहीं जाती है और सम्पूर्ण धारा S प्रतिरोध में चली जाती है।
2. दूसरी स्थिति पहली स्थिति की विपरीत होगी अर्थात d बिंदु पर विभव ज़्यादा हो सकता है और b बिंदु पर कम अर्थात Vb < Vइस स्थिति में चूँकि d बिंदु पर विभव अधिक है अतः धारा d से b की तरफ बह सकती है लेकिन b से d की तरफ नहीं बह सकती।
अतः इस स्थिति में  Iधारा दो तरफ बंट जाती है इसका एक हिस्सा धारा मापी में चला जाता है और दूसरा हिस्सा S प्रतिरोध में चला जाता है तथा दूसरी तरफ b बिंदु पर विभव कम है अतः यह I1 धारा धारामापी की तरफ नहीं जाती है और सम्पूर्ण धारा Q प्रतिरोध में चली जाती है।
3. तीसरी स्थिति में बिंदु b तथा d पर विभव का मान समान है अर्थात Vb =  Vइस स्थिति में चूँकि दोनों सिरों पर विभव समान है अतः धारा मापी की तरफ कोई धारा नहीं जाती है अर्थात b-d में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती है क्योंकि धारा प्रवाहित होने के लिए विभान्तर की आवश्यकता होती है और चूँकि यहाँ दोनों बिंदु पर समान आवेश है।
अतः इस स्थिति में I1 धारा पूर्ण Q प्रतिरोध पर तथा Iधारा पूर्ण S प्रतिरोध पर पूर्ण रूप से पहुंच जाती है तथा धारामापी में शून्य धारा होने से कोई विक्षेप नहीं होता है इसे सेतु की संतुलन की स्थिति कहते है।
सेतु की संतुलन की अवस्था में  इस
Vb =  Vd

 

<div class="code-block code-block-5" style="border:0px; margin:8px 0px; padding:0px"> </div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px">Va – Vb = Va – Vd</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px">I1P = I2R</div>

I1/I2 = R/P
दूसरी तरफ
Vb =  Vd

<div class="code-block code-block-4" style="border:0px; margin:8px 0px; padding:0px"> </div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px">Vb – Vc = Vd – Vc</div> <div style="border:0px; margin:0px; padding:0px">I1Q = I2S</div>

I1/I2 = S/Q
I1/I2 की समीकरणों की तुलना करने हम पाते है 
R/P  S/Q
इस समीकरण का उपयोग किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए की जाती है जैसे मान लीजिये व्हीट सेतु ब्रिज में S प्रतिरोध अज्ञात है तो
S = QR/P
इसमें P , Q , R का मान रखते ही अज्ञात S प्राप्त हो जाता है। 
इस प्रकार व्हीटसेतु ब्रिज की सहायता से अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात किया जाता है। 

</div>
  • 1 answers

Yogita Ingle 4 years, 1 month ago

Kirchhoff has given two rules based on conservation of electric charge and of energy, these are known as Kirchhoff’s laws

Kirchhoff’s First Law or Junction Rule The algebraic sum of electric currents at any junction of electric circuit is equal to zero i.e. the sum of current entering into a junction is equal to the sum of current leaving the junction i.e.

Junction law supports law of conservation of charge because this is a point in a circuit which cannot act as a source or sink of charge(s).
Kirchhoff’s Second Law or Voltage Rule In any closed mesh of electrical circuit, the algebraic sum of emf’s of cell and the product of currents and resistance is always equal to zero i.e.

Kirchhoff’s second law supports the law of conservation of energy. Because the net change in the energy of a charge, after the charge complete a closed path must be zero

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Himanshu Chaudhary 3 years, 10 months ago

Firstly you learn concepts and after numericals solved, firstly you solve easy numericals and after jump on hard
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Shailesh Yadav 4 years, 1 month ago

Kisee padarth ke gati and sthiti ko bare addhyayan karna hi vigyan kahlata hai
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Laxmi Kashyap 3 years, 6 months ago

Definition kya h

Jugal Sharma 4 years ago

Physics ko
  • 1 answers

Yogita Ingle 4 years, 2 months ago

(i) Hegemony as Hard Power:

(a) This hegemony signifies military status of America to be both absolute and relative. In absolute terms, it has military capabilities to reach any point on the Planet accurately and no other power today can remotely match them.

(b) The US military dominance is based on both the higher military expenditure and on a qualitative gap i.e. technological know-how.

(ii) Hegemony as Structural Power:

(a) It signifies ‘Economic Prospects’ of hegemon power to possess both the ability and the desire to establish certain norms for order and sustain global structure even including goods to be consumed by one person without reducing the amount of goods available for someone else.

(b) A classical example is academic degree MBA (Masters in Business Administration) to presume business as a profession to be dependent upon skills that can be taught in a University which is uniquely American.

(iii) Hegemony as Soft Power:

(a) US Hegemony has its cultural dimensions also which implies class ascendancy in social, political and particularly ideological spheres to shape the behaviour of competing and lesser powers.Here, the consent goes hand in and more effective than coercion.

(b) For example, most of the dreams of individuals and societies across the globe, are dreams churned out by practices prevailing in twentieth—century America. All these are about the capacity to manufacture consent

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Ansh Shrivastava 4 years, 2 months ago

[MLT-2]
M=
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Gajendrakumar Kumar 3 years, 2 months ago

Hello

Gajendrakumar Kumar 3 years, 2 months ago

Gajendra Kumar

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