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Ask QuestionPosted by Neha Tomar 1 year, 8 months ago
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Posted by Abhay Raj Patel 1 year, 8 months ago
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Posted by Ramdayal Baiga 2 years ago
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Posted by Ramdayal Baiga 2 years ago
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Posted by Sandhiy Sawasiya Lejek 2 years, 4 months ago
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Posted by Sandhiy Sawasiya Lejek 2 years, 4 months ago
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Posted by Jay Vilayatkar 2 years, 9 months ago
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Posted by Shubham Dhurve 2 years, 10 months ago
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Posted by Divyanshu Singh 2 years, 11 months ago
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Preeti Dabral 1 year, 8 months ago
ठोस कठोर इसलिये होते हैं क्योंकि इनके अवयवी कणों के बीच के अंतरआण्विक बल काफी प्रबल होते हैं। इन अंतरआण्विक बल के कारण ये गति नही कर पाते। कोई भी पदार्थ अनेक सूक्ष्मतम अवयवी कणों से मिलकर बना होता है, जिनमे अणु, परणाणु और आयन होते हैं। पदार्थ की कठोरता इन अवयवी कणों के बीच के अंतरआण्विक बलों पर निर्भर करती है। प्रबल अंतरआण्विक बलों वाले पदार्थ के अवयवी कणों के बीच स्थानान्तरीय गति नही हो पाती और ये सूक्ष्मतम अवयवी कण केवल अपनी माध्य स्थिति के चारों ओर कंपन ही कर सकते हैं। पदार्थ के अवयवी कणों की यही अवस्था ठोस के कठोर होने का कारण होती है।
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