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Ask QuestionPosted by Rohtash Verma 1 year, 3 months ago
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Posted by K G 1 year, 4 months ago
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Posted by Poonam Bhatti 1 year, 5 months ago
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Posted by Poonam Bhatti 1 year, 5 months ago
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Posted by Sumit Dahiya 1 year, 5 months ago
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Posted by Neha Neha 1 year, 5 months ago
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Posted by Ajay Ajay768 1 year, 5 months ago
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Posted by Jabid Khan 1 year, 6 months ago
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Posted by Priyanka Khowal 1 year, 6 months ago
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Posted by Preeti Saini 1 year, 6 months ago
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Posted by Anshkai Saini 1 year, 6 months ago
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Posted by Jai Bhagwan 1 year, 6 months ago
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Posted by Jony Dixit 1 year, 7 months ago
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Posted by Sadiya Ahmed 1 year, 8 months ago
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Posted by Anshaj Rathore 1 year, 9 months ago
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Posted by Rambir Singh 8 months, 2 weeks ago
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Posted by Asnit Shahi 1 year, 10 months ago
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Preeti Dabral 1 year, 10 months ago
The primary sector includes all those activities the end purpose of which consists in exploiting natural resources: agriculture, fishing, forestry, mining, deposits.
Posted by Hari Om 1 year, 10 months ago
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Posted by Shivam Kumar 1 year, 10 months ago
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Posted by Shivam Kumar 1 year, 10 months ago
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Posted by Yash Sachdeva 1 year, 10 months ago
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Preeti Dabral 1 year, 10 months ago
- विधायी कार्य –
- संसद का मुख्य कार्य जनता के सामाजिक तथा भौतिक कल्याण हेतु कानूनों का निर्माण करना है।
- यह संघ सूची तथा समवर्ती सूची के किसी भी विषय पर कानून बना सकती है।
- कुछ परिस्थितियों में यह राज्य सूची में आने वाले विषयों पर भी कानून बना सकती है ।
- साधारण विधेयक संसद के दोनों सदनों में से किसी में भी प्रस्तावित किया जा सकता है परन्तु दोनों सदनों से पारित होना अनिवार्य है।
- यदि दोनों सदनों में विधेयक पारित करने पर मतभेद हो तो दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन बुलाया जा सकता है।
- विधेयक दोनों सदनों के उपस्थित तथा मतदान करने वाले सांसदों के बहुमत से पारित होना चाहिए।
- इस परिस्थिति में वही होता है जैसा लोकसभा चाहती है।
- यह धारणा भ्रामक है कि राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए अध्यादेशों को संसद स्वीकृति देती है।
- संसद उन्हें बहुमत से अस्वीकार नहीं करती तो वे सत्र शुरू होने के 1 सप्ताह बाद समाप्त हो जाते हैं।
- इस प्रकार संसद या तो अध्यादेश को अस्वीकार करती है या उस पर कोई कार्यवाही नहीं करती।
- संसद अध्यादेश को स्वीकृति नहीं देती बल्कि उसके स्थान पर एक नया विधेयक प्रस्तावित एवं पारित किया जाता है।
- पारित होने पर यह विधेयक कानून बन जाता है।
- वित्तीय कार्य –
- भारत के संविधान के अनुसार वित्त विधेयक केवल लोकसभा से प्रस्तावित किया जा सकता है राज्यसभा से नहीं।
- लोकसभा से पारित होने के पश्चात इसे राज्यसभा की स्वीकृति के लिए भेजा जाता है।
- राज्यसभा को यह विधेयक 14 दिन के अन्दर-अन्दर वापिस भेजना अनिवार्य है, चाहे वो उस पर सुझाव दें या न दे ।
- लोकसभा इन सुझावों को न माने तो भी विधेयक अपने मूल रूप में दोनों सदनों द्वारा पारित माना जाता है।
- राज्यसभा किसी भी वित्त विधेयक को केवल 14 दिन तक रोक सकती है।
- कार्यपालिका पर नियंत्रण –
- प्रशासन चलाने वाली कार्यपालिका को व्यवस्थापिका का विश्वास प्राप्त होना अनिवार्य है |
- कार्यपालिका के निचले सदन के प्रति उत्तरदायी होने के कारण लोकसभा प्रशासन पर अपना नियंत्रण बनाए रखती है।
- यदि कार्यपालिका लोकसभा का विश्वास प्राप्त करने में असमर्थ हो तो उसे त्याग पत्र देना पड़ता है।
- संविधान ने लोकसभा को यह शक्ति दी है कि वह सरकार के क्रिया-कलापों पर दिन-प्रतिदिन निगरानी रखे।
- मंत्री भी इस तथ्य से भलीभांति अवगत हैं कि उनको उनके कार्यों के लिए संसद में उत्तरदायी ठहराया जा सकता है।
- अविश्वास मत के अतिरिक्त लोकसभा कई अन्य विधियों से भी कार्यपालिका पर नियंत्रण बनाए रख सकती है।
4.संशोधन संबंधी कार्य –
- लोकसभा राज्यसभा के साथ मिलकर संविधान में संशोधन कर सकती है।
- संविधान में संशोधन संबंधी विधेयक संसद के किसी भी सदन में प्रस्तावित किया जा सकता है |
- यदि दोनों सदनों में गतिरोध की स्थिति हो तो संयुक्त अधिवेशन का कोई प्रावधान नहीं है।
5. निर्वाचन संबंधी कार्य –
संविधान ने संसद को कुछ चुनाव संबंधी शक्तियां दी हैं।
लोकसभा, राज्यसभा तथा राज्यों की विधान सभाओं से मिलकर राष्ट्रपति का निर्वाचन करती है।
लोकसभा और राज्यसभा उपराष्ट्रपति का निर्वाचन भी करते हैं।
- विविध कार्य –
- लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के किसी न्यायाधीश को उसके असंविधानिक या अनैतिक व्यवहार के आधार पर हटाने का प्रस्ताव रख सकती हैं।
- ऐसा प्रस्ताव दोनों सदनों के दो तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है।
- दोनों सदनों द्वारा राष्ट्रपति पर भी महाभियोग चलाया जा सकता है।
- उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए राज्यसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का अनुमोदन भी लोकसभा करती है।
- दोनों सदन मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा महा लेखा परीक्षक के हटाए जाने की सिफारिश कर सकते हैं।
- राष्ट्रपति द्वारा घोषित आपातकालीन स्थिति के बारे में स्वीकृति या उस की अवधि बढ़ाने के लिए स्वीकृति संसद के दोनों सदन प्रदान करते हैं।
- विभिन्न विभागों द्वारा बनाए गए नियम तथा कानूनों को स्वीकृति प्रदान की जाती है।
- समय-समय पर किसी महत्वपूर्ण विषय के लिए सरकार द्वारा गठित आयोग की रिपोर्ट पर भी लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों विचार करते हैं।
Pradeep Bhargarh 1 year, 8 months ago
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Posted by Shiva Shiva 1 year, 11 months ago
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Posted by Ashutosh Sharma 1 year, 11 months ago
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Preeti Dabral 1 year, 11 months ago
जैव संरक्षण, प्रजातियां, उनके प्राकृतिक वास और पारिस्थितिक तंत्र को विलोपन से बचाने के उद्देश्य से प्रकृति और पृथ्वी की जैव विविधता के स्तरों का वैज्ञानिक अध्ययन है। यह विज्ञान, अर्थशास्त्र और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के व्यवहार से आहरित अंतरनियंत्रित विषय है।
Posted by Kushal Verma 1 year, 11 months ago
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Posted by Aasif Khan 1 year, 11 months ago
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Posted by Jatin Sharma 1 year, 11 months ago
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Preeti Dabral 1 year, 11 months ago
पारिस्थितिक पिरामिड एक बहुत सरल खाद्य शृंखला है जो खाद्य जाल को समायोजित नहीं करता है। जिससे, यह इस तथ्य को ध्यान में नहीं रखता है कि प्रजातियां एक समय में दो या अधिक पोषी स्तरों से संबंधित हो सकती हैं। साथ ही, पारिस्थितिक तंत्र में मृतपोषी की महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद उन्हें पारिस्थितिक पिरामिड में कोई जगह नहीं दी जाती है।
Posted by Manoj Kumar 1 year, 11 months ago
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Posted by Avni Garg 2 years ago
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