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Gd
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Nirmal Singh 2 years, 10 months ago

बादशाहत कयो होती है लिखिए

Rao Bilal 3 years, 5 months ago

Hi

Ishant Vaghasiya 3 years, 7 months ago

Y you
  • 1 answers

Mayank Dagar 3 years, 6 months ago

See under your bed
  • 2 answers

Balwant Kumar 2 years, 10 months ago

सुनीता को सबलोग गौर से इसलिए देख रहे थे क्योंकि वह पहिया-कुर्सी पर बैठकर अकेले सड़क पर जा रही थी।

Binod Kumar 3 years, 3 months ago

Good
  • 2 answers

Pankaj Sir Neeraj Sir 3 years, 2 months ago

Dan ka hisab

Ritu Saini 3 years, 2 months ago

Counting in tens
  • 4 answers

Rao Bilal 3 years, 5 months ago

Hi

Mayank Dagar 3 years, 6 months ago

Sword

Àja Styel 3 years, 8 months ago

Dal

Pranay Yadav 3 years, 8 months ago

Sword
  • 1 answers

Afsa Khatoon 3 years, 8 months ago

Help
  • 1 answers

Prachi Attri 3 years, 5 months ago

काव्य की सुंदरता बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहा जाता है।
Uu2
  • 1 answers

Bahadur Singh 3 years, 9 months ago

G
  • 3 answers

Garima Chauhan 3 years, 11 months ago

मानसरोवर सुभग जल हंसा केलि कराहि मुकताफल मुकता चुगै अब उड़ी अनत न जाही। जिस तरह से मानसरोवर में हंस खेलते हैं और मोती चुगते हैं और वहाँ के सुख को छोड़कर कहीं नहीं जाते हैं, उसी तरह मनुष्य जीवन के मोह जाल में फंस जाता है और हमेशा इसी दुनिया में रहना चाहता है। प्रेमी ढ़ूँढ़त मैं फिरौ प्रेमी मिले न कोई प्रेमी कौं प्रेमी मिले सब विष अमृत होई। प्रेमी को ढ़ूँढ़ने से भी पाना मुश्किल होता है। यहाँ पर प्रेमी का मतलब ईश्वर से है जिसे प्रेमी रूपी भक्त सच्चे मन से ढ़ूँढ़ने की कोशिश करता है। एक बार जब एक प्रेमी दूसरे प्रेमी से मिल जाता है तो संसार की सारी कड़वाहट अमृत में बदल जाती है। हस्ती चढ़िये ज्ञान कौं सहज दुलीचा डारी स्वान रूप संसार है भूंकन दे झख मारि। ज्ञान या ज्ञानी अगर हाथी चढ़कर भी आपके पास आता है तो उसके लिए गलीचा बिछाना चाहिए। हाथी चढ़कर आने का मतलब है आपकी पहुँच से दूर होना। हालाँकि ऐसे समय दुनिया के ज्यादातर लोग ऐसे ही बर्ताव करते हैं जैसे हाथी के बाजार में चलने से कुत्ते भूंकने लगते हैं। कुत्ते उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकते हैं और सिर्फ अपना समय बरबाद करते हैं। आप अपना समय बरबाद मत कीजिए बल्कि उससे जितना हो सके ज्ञान लेने की कोशिश कीजिए। पखापखी के कारने सब जग रहा भुलान निरपख होई के हरी भजै, सोई संत सुजान। एक विचार या दूसरे विचार या धर्म का पक्ष लेने के चक्कर में दुनिया भूल भुलैया में पड़ी रहती है। जो निष्पक्ष होकर ईश्वर की पूजा करता है वही सही ज्ञान पाता है।

Ankit Kumar 3 years, 11 months ago

nhvmhbvmjhvkjlhjb,vbjk;l

Gaurav Seth 4 years ago

मानसरोवर सुभग जल हंसा केलि कराहि
मुकताफल मुकता चुगै अब उड़ी अनत न जाही।

जिस तरह से मानसरोवर में हंस खेलते हैं और मोती चुगते हैं और वहाँ के सुख को छोड़कर कहीं नहीं जाते हैं, उसी तरह मनुष्य जीवन के मोह जाल में फंस जाता है और हमेशा इसी दुनिया में रहना चाहता है।

प्रेमी ढ़ूँढ़त मैं फिरौ प्रेमी मिले न कोई
प्रेमी कौं प्रेमी मिले सब विष अमृत होई।

प्रेमी को ढ़ूँढ़ने से भी पाना मुश्किल होता है। यहाँ पर प्रेमी का मतलब ईश्वर से है जिसे प्रेमी रूपी भक्त सच्चे मन से ढ़ूँढ़ने की कोशिश करता है। एक बार जब एक प्रेमी दूसरे प्रेमी से मिल जाता है तो संसार की सारी कड़वाहट अमृत में बदल जाती है।

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हस्ती चढ़िये ज्ञान कौं सहज दुलीचा डारी
स्वान रूप संसार है भूंकन दे झख मारि।

ज्ञान या ज्ञानी अगर हाथी चढ़कर भी आपके पास आता है तो उसके लिए गलीचा बिछाना चाहिए। हाथी चढ़कर आने का मतलब है आपकी पहुँच से दूर होना। हालाँकि ऐसे समय दुनिया के ज्यादातर लोग ऐसे ही बर्ताव करते हैं जैसे हाथी के बाजार में चलने से कुत्ते भूंकने लगते हैं। कुत्ते उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकते हैं और सिर्फ अपना समय बरबाद करते हैं। आप अपना समय बरबाद मत कीजिए बल्कि उससे जितना हो सके ज्ञान लेने की कोशिश कीजिए।

पखापखी के कारने सब जग रहा भुलान
निरपख होई के हरी भजै, सोई संत सुजान।

एक विचार या दूसरे विचार या धर्म का पक्ष लेने के चक्कर में दुनिया भूल भुलैया में पड़ी रहती है। जो निष्पक्ष होकर ईश्वर की पूजा करता है वही सही ज्ञान पाता है।

  • 1 answers

Bharat Choudhary 4 years, 1 month ago

Asesvi choudhary
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Khushi K Khushi 3 years, 7 months ago

Khushi

Mayank Sharma 4 years, 2 months ago

Bgh
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राजपाल मंजु 4 years, 2 months ago

लम्हों
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... Yang ... 4 years, 2 months ago

?अनार?

Nivedya?? Manoj 4 years, 2 months ago

It is a fruit

Jaya Singh 4 years, 3 months ago

Jnv purnia

Dheeraj Kumar 4 years, 3 months ago

अनार
  • 0 answers
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Gaurav Seth 4 years, 3 months ago

 रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण हो आया क्योंकि उसे वह आवाज़ जानी-पहचानी लगी। उसे स्मरण हो आया कि खिलौनेवाला भी इसी प्रकार मधुर कंठ से गाकर खिलौने बेचा करता था और इस मुरलीवाले का स्वर भी उसी तरह का था। ये भी ठीक वैसे ही मधुर आवाज़ में गा-गाकर मुरलियाँ बेच रहा था।

  • 1 answers

Sajjad Akhtar 4 years, 4 months ago

Nufuh
  • 1 answers

Dheeraj Kumar 4 years, 2 months ago

Grandfather
  • 2 answers

Sajjad Akhtar 4 years, 4 months ago

6d6r

Qutubuddin Khan 4 years, 4 months ago

Please try today
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Prem Raj 4 years, 4 months ago

Pronoun Kise Kahate Hain h
  • 2 answers

Dheeraj Kumar 4 years, 3 months ago

Puri

Abhinav Thakur 4 years, 4 months ago

Dahi orr prothii
  • 2 answers

Nivedya?? Manoj 4 years, 2 months ago

Hindi is a language

Jiya ??? 4 years, 4 months ago

It's a language
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Sia ? 3 years, 6 months ago

A computer is a machine that can be programmed to carry out sequences of arithmetic or logical operations automatically. Modern computers can perform generic sets of operations known as programs. These programs enable computers to perform a wide range of tasks.

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