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Shamiksha Pal 5 years, 9 months ago

All chapters are coming in board exams

Monu Padla 5 years, 11 months ago

Vitan Bhag 2: Last chapter
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समाचार पत्र में राजनीति आर्थिक, खेल, अपराध, फिल्म, कृषि आदि से संबंधित समाचार होते हैं, जो पत्रकार जिस क्षेत्र से संबंधित समाचार लिखता है, वह उनकी बीट होती है।
  • 1 answers

Ayush Sharma 6 years ago

Jo Patra official hote h
  • 1 answers

Shailesh Kumar 6 years ago

Jo main Nahin ho sake purn kam Mein unka karta hun pranam kuch khatam ho kuchh lakshya West jinke aamantrit veran ki samapti ke pahle hi jo veer rikt hue unko pranam Jo chhoti Si naya lekar utran kam ko udati Paar man Ki man Mein hi rahi swayam ho Gai usi Mein niraakaar unko pranam Jo uchch Shikhar ki aur bade Rara nav nav Utsav bhare per kuchh naya le Li him samadhi kuch aisa fal hi niche utar unko pranam Karte kritya Nahin Jo ho paye per rikt fansi per Gaye Joel kuchh Nahin din beete fir bhi yah Duniya jinko Gai bhul unko pranam nimnalikhit kavyansh ko padhakar puche Gaye prashnon ke Uttar do
  • 12 answers

Shivam Jha 6 years ago

नीचे से ऊपर सारे के सारे

Shivam Jha 6 years ago

अनुवाद रामचरितमानस (विनय-भाग)-1948 (खड़ीबोली हिन्दी में पद्यानुवाद) आनंद मठ (बाङ्ला से गद्यानुवाद) विष वृक्ष कृष्णकांत का वसीयतनामा कपालकुंडला दुर्गेश नन्दिनी राज सिंह राजरानी देवी चौधरानी युगलांगुलीय चन्द्रशेखर रजनी श्रीरामकृष्णवचनामृत (तीन खण्डों में) परिव्राजक भारत में विवेकानंद राजयोग (अंशानुवाद)[11] रचनावली निराला रचनावली नाम से 8 खण्डों में पूर्व प्रकाशित एवं अप्रकाशित सम्पूर्ण रचनाओं का सुनियोजित प्रकाशन (प्रथम संस्करण-1983)

Shivam Jha 6 years ago

बालोपयोगी साहित्य भक्त ध्रुव (1926) भक्त प्रहलाद (1926) भीष्म (1926) महाराणा प्रताप (1927) सीखभरी कहानियाँ (ईसप की नीतिकथाएँ) [1969][10]

Shivam Jha 6 years ago

निबन्ध-आलोचना रवीन्द्र कविता कानन (1929) प्रबंध पद्म (1934) प्रबंध प्रतिमा (1940) चाबुक (1942) चयन (1957) संग्रह (1963)[9] पुराण कथा महाभारत (1939) रामायण की अन्तर्कथाएँ (1956)

Shivam Jha 6 years ago

कहानी संग्रह लिली (1934) सखी (1935) सुकुल की बीवी (1941) चतुरी चमार (1945) ['सखी' संग्रह की कहानियों का ही इस नये नाम से पुनर्प्रकाशन।] देवी (1948) [यह संग्रह वस्तुतः पूर्व प्रकाशित संग्रहों से संचयन है। इसमें एकमात्र नयी कहानी 'जान की !' संकलित है।]

Shivam Jha 6 years ago

उपन्यास अप्सरा (1931) अलका (1933) प्रभावती (1936) निरुपमा (1936) कुल्ली भाट (1938-39) बिल्लेसुर बकरिहा (1942) चोटी की पकड़ (1946) काले कारनामे (1950) {अपूर्ण} चमेली (अपूर्ण) इन्दुलेखा (अपूर्ण)

Shivam Jha 6 years ago

प्रकाशित कृतियाँ काव्यसंग्रह अनामिका (1923) परिमल (1930) गीतिका (1936) अनामिका (द्वितीय) (1939)[8] (इसी संग्रह में सरोज स्मृति और राम की शक्तिपूजा जैसी प्रसिद्ध कविताओं का संकलन है। तुलसीदास (1939)[8] कुकुरमुत्ता (1942) अणिमा (1943) बेला (1946) नये पत्ते (1946) अर्चना(1950) आराधना 91953) गीत कुंज (1954) सांध्य काकली अपरा (संचयन)

Shivam Jha 6 years ago

लेखनकार्य निराला ने 1920 ई० के आसपास से लेखन कार्य आरंभ किया।[4][5] उनकी पहली रचना 'जन्मभूमि' पर लिखा गया एक गीत था।[4] लंबे समय तक निराला की प्रथम रचना के रूप में प्रसिद्ध 'जूही की कली' शीर्षक कविता, जिसका रचनाकाल निराला ने स्वयं 1916 ई० बतलाया था, वस्तुतः 1921 ई० के आसपास लिखी गयी थी तथा 1922 ई० में पहली बार प्रकाशित हुई थी।[6][7] कविता के अतिरिक्त कथासाहित्य तथा गद्य की अन्य विधाओं में भी निराला ने प्रभूत मात्रा में लिखा है।

Shivam Jha 6 years ago

अपने समकालीन अन्य कवियों से अलग उन्होंने कविता में कल्पना का सहारा बहुत कम लिया है और यथार्थ को प्रमुखता से चित्रित किया है। वे हिन्दी में मुक्तछंद के प्रवर्तक भी माने जाते हैं। 1930 में प्रकाशित अपने काव्य संग्रह परिमल की भूमिका में वे लिखते हैं- मनुष्यों की मुक्ति की तरह कविता की भी मुक्ति होती है। मनुष्यों की मुक्ति कर्म के बंधन से छुटकारा पाना है और कविता की मुक्ति छन्दों के शासन से अलग हो जाना है। जिस तरह मुक्त मनुष्य कभी किसी तरह दूसरों के प्रतिकूल आचरण नहीं करता, उसके तमाम कार्य औरों को प्रसन्न करने के लिए होते हैं फिर भी स्वतंत्र। इसी तरह कविता का भी हाल है।[3] लेखनकार्य

Shivam Jha 6 years ago

कार्यक्षेत्र सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की पहली नियुक्ति महिषादल राज्य में ही हुई। उन्होंने १९१८ से १९२२ तक यह नौकरी की। उसके बाद संपादन, स्वतंत्र लेखन और अनुवाद कार्य की ओर प्रवृत्त हुए। १९२२ से १९२३ के दौरान कोलकाता से प्रकाशित 'समन्वय' का संपादन किया, १९२३ के अगस्त से मतवाला के संपादक मंडल में कार्य किया। इसके बाद लखनऊ में गंगा पुस्तक माला कार्यालय में उनकी नियुक्ति हुई जहाँ वे संस्था की मासिक पत्रिका सुधा से १९३५ के मध्य तक संबद्ध रहे। १९३५ से १९४० तक का कुछ समय उन्होंने लखनऊ में भी बिताया। इसके बाद १९४२ से मृत्यु पर्यन्त इलाहाबाद में रह कर स्वतंत्र लेखन और अनुवाद कार्य किया। उनकी पहली कविता जन्मभूमि प्रभा नामक मासिक पत्र में जून १९२० में, पहला कविता संग्रह १९२३ में अनामिका नाम से, तथा पहला निबंध बंग भाषा का उच्चारण अक्टूबर १९२० में मासिक पत्रिका सरस्वती में प्रकाशित हुआ।

Shivam Jha 6 years ago

निराला की शिक्षा हाई स्कूल तक हुई। बाद में हिन्दी संस्कृत और बाङ्ला का स्वतंत्र अध्ययन किया। पिता की छोटी-सी नौकरी की असुविधाओं और मान-अपमान का परिचय निराला को आरम्भ में ही प्राप्त हुआ। उन्होंने दलित-शोषित किसान के साथ हमदर्दी का संस्कार अपने अबोध मन से ही अर्जित किया। तीन वर्ष की अवस्था में माता का और बीस वर्ष का होते-होते पिता का देहांत हो गया। अपने बच्चों के अलावा संयुक्त परिवार का भी बोझ निराला पर पड़ा। पहले महायुद्ध के बाद जो महामारी फैली उसमें न सिर्फ पत्नी मनोहरा देवी का, बल्कि चाचा, भाई और भाभी का भी देहांत हो गया। शेष कुनबे का बोझ उठाने में महिषादल की नौकरी अपर्याप्त थी। इसके बाद का उनका सारा जीवन आर्थिक-संघर्ष में बीता। निराला के जीवन की सबसे विशेष बात यह है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने सिद्धांत त्यागकर समझौते का रास्ता नहीं अपनाया, संघर्ष का साहस नहीं गंवाया। जीवन का उत्तरार्द्ध इलाहाबाद में बीता। वहीं दारागंज मुहल्ले में स्थित रायसाहब की विशाल कोठी के ठीक पीछे बने एक कमरे में १५ अक्टूबर १९६१ को उन्होंने अपनी इहलीला समाप्त की।

Shivam Jha 6 years ago

https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A4_%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%80_%27%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%27 Here u go you will get ur answer
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Yashika Bansal 6 years ago

Suryakant tripathi nirala
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Nikhil ✨ 6 years, 1 month ago

Bhot mehtva h
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Yashika Bansal 6 years ago

Bhaktikal ke kavi avum anya kal ke kavi

Shubhi Patel 6 years, 1 month ago

Increasing population , mother tongue Hindi , environmental pollution
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Vinesh Raj 6 years ago

Ayega kisi 2 pe or 1likhna h

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