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Lalit Kill Chor 2 years, 9 months ago

सन 1930 में सरकार ने नमक के कानून में बदलाव लाए हो तथा नमक की कीमतों को बढ़ा दिया गया जिससे गरीब लोगों को नमक खरीदने में परेशानी होने लगी इस बात को देखकर महात्मा गांधी ने एक आंदोलन चलाया जिसको दांडी मार्च के रूप में कहते हैं यह आंदोलन साबरमती आश्रम से दांडी तक था इसमें कई और नेताओं तथा आम जनता ने भागीदार बने और दांडी पर पहुंचकर उन्होंने खुद नमक बनाना शुरु कर दिया

Mayank Nut 2 years, 9 months ago

give me answer
.
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Manisha Choudhary 2 years, 10 months ago

अलक्जेण्डर कनिंघम

Arun Arunkumar 2 years, 11 months ago

भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के पहले डायरेक्टर जनरल थे:

Abhishek Shrivas 2 years, 11 months ago

Wart is mohnjodado
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Tausif Alam 3 years ago

04 Oct 1542

Deepak Kumar 3 years, 1 month ago

1400

Narendra Singh Rawat 3 years, 1 month ago

15aug1947

Narendra Singh Rawat 3 years, 1 month ago

भारत कब आजाद हुआ था

Narendra Singh Rawat 3 years, 1 month ago

18june1576
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Dinesh Daukiya 2 years, 9 months ago

जॉन मार्शल

Arun Arunkumar 2 years, 11 months ago

भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के पहले डायरेक्टर जनरल थे:

Sugana Kumari 3 years, 1 month ago

हझनकल
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Deepak Sharma 3 years ago

Alezender kaningham

Dineshkumawat Skt 3 years, 1 month ago

Alekzender kaningham

Gautam Sharma 3 years, 1 month ago

Kaningham

Rahul Verma 3 years, 1 month ago

alekzendar kaniganm

Yamraj P 3 years, 1 month ago

alexander cunningham
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Tanu Pandey 2 years, 9 months ago

Kyu ki ye sindhu nadi ke kinare basi thi

Satyender Saini 3 years, 1 month ago

Kyu kahate h

Deepak Kashyap 3 years, 1 month ago

Sindhu ghanti sabhyta Ko haddapa sabhyta kahate hai

Rahul Verma 3 years, 1 month ago

sindhu ghati sbhyta ka first khoja gya sthal h

Yamraj P 3 years, 1 month ago

Sindhu ghati sabhayata ko hadappa sabhyata Kahte hai
  • 1 answers

Abrar Khan Abrar Khan 3 years, 1 month ago

Gotra se kya aap samajhte hain
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Twinkle Shah 3 years, 2 months ago

Mohenjodaro me mile snanagaar kafi Vishal the mana jata h ki ye samuhik utsav ke liye prayog kiye jate the in snanagaar ke chaaro taraf galiyare hote the thata inke ander jane ke liye sidiyo ka nirman kiya gya tha

Rosnhi Prajapati 3 years, 2 months ago

Hadappa nivasiyon ko arthik gatividhiyan per prakash dalen
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Yamraj P 3 years, 1 month ago

ग़ुलाम वंश कुतुबुद्दीन ऐबक

Md Fahim 3 years, 2 months ago

पंजाब का मुगलकालीन व्यापारी कबीला कौन था
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Lalit Kill Chor 2 years, 9 months ago

अभिलेख उसे कहते हैं जो पत्थरों पर खरीद के लिखे जाते थे तथा उन्हें कभी भी पढ़ा जा सकता था

Dinesh Daukiya 2 years, 9 months ago

कठोर वस्तु पर लिखे गए शब्दों को अभिलेख कहा जाता है।ये अभिलेख पुराने जमाने में पत्थर, तांबा, पीतल, कांसा,लोहा आदि पर लिखे जाते थे इन्हें अभिलेख कहा गया ।।।

Jahnvi Agarwal 3 years, 2 months ago

जो पत्थर , धातु , या मिट्टी के बर्तन जैसी कठोर सतह पर खुदे होते है |

Manjeet Kumar 3 years, 2 months ago

अभिलेख से अभिप्राय यह है कि पुराने समय में चट्टानों पर पहाड़ो पर या अन्य जगह पर कुछ लेखे लिखे हो जिससे जानकारी प्राप्त हो अभिलेख कहलाता है।
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Himanshu Singh 3 years, 2 months ago

1921 m

Atik Ali 3 years, 2 months ago

1921 mai daya ram sahani ne ki thi

Jahnvi Agarwal 3 years, 2 months ago

2600-1900 ई.पू के बीच

Chaturanand Chaudhary 3 years, 2 months ago

2600-1900 DC main

Manjeet Kumar 3 years, 2 months ago

Hadapa ki khuj 1921 me deya Ram shani ne ki
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Deepak Sharma 3 years ago

Yes

Atik Ali 3 years, 2 months ago

Nhi (maurya vansh jo ki chatriya nhi the jab bhi unhone shaasan kiya) isse hummein yeah pta chalta h ki aarambhik rajyo mai shaasan sirf chatriya hi nhi kar sakte the

Krushna Dande 3 years, 2 months ago

जचता ढंग तज छत रजत मत रज
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Veena Dubgaa 3 years, 3 months ago

जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है। वर्ष 1800 को पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग एक अरब थी, जो 2017 तक बढ़ कर 7.6 अरब हो गई है।
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Dinesh Daukiya 2 years, 9 months ago

लगभग कुछ विद्वानों का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता का अंत * 1. वनों की कटाई से हुई 2. सिंधु नदी के द्वारा रास्ता बदल देना

Twinkle Shah 3 years, 2 months ago

बाड़ सूखा भूस्खलन भूकंप आपसी लड़ाईया आप इसमें कोई भी अपदा लिख सकते हैं क्योंकि हड़प्पा सभ्यता के अंत के कोई exact साक्ष्य नहीं मिले है
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Veena Dubgaa 3 years, 3 months ago

पुरातत्विद शिल्प उत्पादन केंद्रों की पहचान करने के लिए कई तकनीकों का प्रयोग करते थे। जिन स्थानों पर शिल्प उत्पादन कार्य होता था वहा कच्चा माल और त्यागी हुई वस्तुओ का कचरा मिल जाता था। इससे हिस्टोरियंस शिल्प उत्पादन केंद्रों की पहचान करते थे। एग्जांपल के लिए यदि किसी स्थान पर किसी वस्तु को बनाने के लिए पत्थर और उससे संबंधित वस्तुओ का इस्तेमाल किया जाता था तो पत्थर के छोटे छोटे टुकड़ों को उत्पादन केंद्र पर ही छोड़ दिया जाता था और यही पत्थर इतिहासकार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो जाते थे। छोटे छोटे टुकड़ों वाले पथरो का प्रयोग कई प्रकार की वस्तुओ के निर्माण में किया जाता था लेकिन अतिसुष्म पत्थर को उत्पादन केंद्र पर छोड़ दिया जाता था।

Deepak Kumar Meena 3 years, 3 months ago

पुरातत्विद शिल्प उत्पादन केंद्रों की पहचान करने के लिए कई तकनीकों का प्रयोग करते थे। जिन स्थानों पर शिल्प उत्पादन कार्य होता था वहा कच्चा माल और त्यागी हुई वस्तुओ का कचरा मिल जाता था। इससे हिस्टोरियंस शिल्प उत्पादन केंद्रों की पहचान करते थे। एग्जांपल के लिए यदि किसी स्थान पर किसी वस्तु को बनाने के लिए पत्थर और उससे संबंधित वस्तुओ का इस्तेमाल किया जाता था तो पत्थर के छोटे छोटे टुकड़ों को उत्पादन केंद्र पर ही छोड़ दिया जाता था और यही पत्थर इतिहासकार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो जाते थे। छोटे छोटे टुकड़ों वाले पथरो का प्रयोग कई प्रकार की वस्तुओ के निर्माण में किया जाता था लेकिन अतिसुष्म पत्थर को उत्पादन केंद्र पर छोड़ दिया जाता था।

Alma Rangrezz 3 years, 3 months ago

History
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Sanju Sawna 3 years, 3 months ago

India afganistan

Deepak Kumar Meena 3 years, 3 months ago

हड़प्पा सभ्यता का विस्तार छेत्र तीन देशों में फैला हुआ था। इस सभ्यता का विस्तार छेत्र त्रिकोणीय आकार का था। इस सभ्यता का उत्तर बिंदु मांडा, चेनाब नदी से लेकर दक्षिण में दैमाबाद, प्रवरा नदी तक फैला हुआ था। इसका पश्मी बिंदु वर्तमान के ईरान , पाकिस्तान की सीमा रेखा के नजदीक सुत्कागेंडो, दश्क नदी से लेकर वर्तमान के उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के आलमगीरपुर, हिंडन नदी तक फैला हुआ था।

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